aate daal ka bhav maloom hona muhavare ka arth, आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
आटा वह होता है जिसका उपयोग कर कर हम रोटियां बनाते है और अपना पेट भरते है । मगर एक बात आ जाती है की इस आटे की किमत कितनी है । मगर मित्र हमे इस बारे में जानने की जरूरत नही है । हम केवल आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे के बारे में ही बात करेगे । की इसका अर्थ क्या है और वाक्य किस तरह से हो सकता है तो आइए शुरू करते है –
आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा?
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
आटे दाल का भाव मालूम होना | कठिनाईयो का ज्ञान होना । |
आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे आपको बता दे की आटा वह है जो अन्न को पीसने पर बनता है और फिर उसकी रोटियां बनाई जाती है । और वही पर दाल भी एक तरह का अन्न होता है जिसका उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है । तो इस तरह से यह एक सकेंत देना चाहता है और वह यह है की मानव को अपना पेट भरना है । मगर आपको पता होगा की पेट भरने के लिए जो आटा और दाल होता है उसे खरीदना होता है । मगर जब हम आटा और दाल को खरीदकर लेकर आते है तो यह आसान नही है ।
क्योकी इसके बदले में रूपय लगते है या फिर स्वयं के खेत से आटा और दाल पैदा किया जाता है तब भी काफी अधिक कठिनाईयो का सामना करना होता है ।
कुल मिलाकर बात यहां आ जाती है की आटा और दाल लोने में काफी कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है । मगर जब आटे और दाल का भाव पता चल जाता है तो उसे लेना तो आसान होता ही है मगर जो कुछ मुसीबत आती है उनके बारे में ज्ञान मिल जाता है। अत आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ कठिनाईयो का ज्ञान होना होता है ।
आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
1. वाक्य में प्रयोग – कोविड 19 के चलते लोगो को खाने के लिए भोजन की कमी देखने को मिली थी जिसके कारण से काफी सारे लोगो को आटे दाल का भाव मालूम चल गया ।
2. वाक्य में प्रयोग – पप्पू आजकल पैसो को बेवजह खर्च करता रहता है लगता है इसका विवाह करना होगा तभी इसे आटे दाल का भाव मालूम चलेगा ।
3. वाक्य में प्रयोग – जब महेश जीवन में अकेला था तो जैसे चाहे वैसे अपना जीवन जी सकता था मगर आज उसका विवाह हो गया है तो बिचारे को आटे दाल का भाव मालूम हो गया ।
4. वाक्य में प्रयोग – सरिता अपने पिता के पैसो को लेकर काफी अधिक खर्च कर देती थी मगर आज वह स्वयं महेनत कर कर धन कामने लगी है तो ऐसे रूपय खर्च नही करती है लगता है जैसे उसे आटे दाल का भाव मालूम चल गया हो ।
5. वाक्य में प्रयोग – संतोष का जब से विवाह हुआ है बिचारे को आटे दाल का भाव मालूम चल गया है ।
6. वाक्य में प्रयोग – रिया जब छोटी थी तो रोज 50 रूपयो की चीज खा जाया करती थी मगर आज वह स्वयं खुन पसीना एक कर कर कमाने लगी है तो 1 रूपया भी खर्च करने से पहले कई बार सोचती है लगता है बिचारी को आटे दाल का भाव मालूम चल गया ।
शेर (Lion) के बेटे को आटे दाल का भाव मालूम हुआ, एक मजेदार कहानी
एक बार बहुत पहले जंगल में एक शेर (Lion) का एक बेटा था। शेर का बेटा (lion’s son)शुरू से ही अपने पिता की तरह बड़ा शेर (Lion) बनना चाहता था। उसने समय-समय पर खेलते हुए भी अपनी शारीरिक शक्ति विकसित की और अपनी दृढ़ता बढ़ाने के लिए कुछ कठिनाईयों का सामना किया।
शेर का बेटा (lion’s son)जंगल में चलते हुए एक दिन एक भेड़िया (wolf) से मिला जो एक तंग गली में फँस गया था। शेर का बेटा (lion’s son)भेड़िया (wolf) की मदद करने के लिए तैयार था लेकिन उसे दिखाई नहीं दे रहा था कि उसे क्या करना चाहिए। उसे लग रहा था कि वह भेड़िया (wolf) की मदद करने के लिए काफी मजबूत नहीं था। क्योकी वह अभी जरा छोटा था ।
इस समस्या का समाधान उसके पिता शेर (Lion) ने दिया। शेर (Lion) ने उसे बताया कि उसे इस स्थिति से बचने के लिए जंगल का नक्शा और दिशा-निर्देश आवश्यक होंगे और उसे अपने बुद्धिमान दिमाग का उपयोग करके भेड़िया (wolf) को निकालने में मदद करनी होगी।
शेर का बेटा (lion’s son)अपने पिता के उपदेशों का पालन करते हुए भेड़िया (wolf) को निकालने में सफल हुआ और उसका धन्यवाद देने के बाद भेड़िया (wolf) ने उसे बताया कि उसे इस तंग गली में कैसे फँस गया था। उसने बताया कि वह एक बार तंग गली में गया था और वहां से बाहर निकलने के लिए उसे बहुत समय लग गया था।
शेर का बेटा (lion’s son)ने भेड़िया (wolf) के इस कथन से कुछ सीखा था। उसे यह समझ में आ गया कि कुछ चीजें बहुत आसान होती हैं जबकि कुछ चीजें बहुत कठिन होती हैं। इसलिए, उसने अपने पिता से बात की और उनसे अधिक कठिनाईयों का सामना करने के लिए मदद मांगी।
शेर (Lion) ने उसे बताया कि वह कठिनाईयों का सामना करने के लिए निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए। उसने उसे अपने साथ जंगल में ले जाकर उसका प्रशिक्षण दिया। उसने उसे भेड़ियों, गिद्धों, लोमड़ियों और अन्य जंगली जानवरों से लड़ने का तरीका सिखाया।
शेर का बेटा (lion’s son)अब एक अनुभवी जंगली जानवर बन चुका था। उसे लगने लगा था की अब वह जीवन में किसी भी तरह की मुसीबत का सामना कर सकता है । अगर जीवन में किसी तरह की कठिनाई आती है तो वह उसे आसानी से पार कर सकता है ।
एक दिन की बात है शेर (Lion) जो था वह जंगल में नही था वह पास के जंगल में गया था । और उस समय शेर का बेटा (lion’s son)अकेला रह गया था । जो की जंगल में जीवन यापन कर रहा था ।
अकेला होने के कारण से पहले तो शेर (Lion) के बेटे को पता चला की वह जीवन में आसानी से अकेला आगे बढ सकता है । मगर जैसे जैसे उसके जीवन में मुसीबतो की शुरूआत होती है उसका ज्ञान अधुरा रह जाता है । और यह सब शेर (Lion) के बेटे को दुखी बना देता है । और जब इस बारे में भेढिया को पता चलता है तो वह कहता है की बेटा अभी तुम छोटे हो तुम्हे आटे दाल का भाव मालूम नही हुआ है ।
इस तरह से कहते हुए भेढिया ने शेर (Lion) के बेटे को समझाना शुरू कर दिया था । अब शेर (Lion) के बेटे को समझम में आ गया की वह इतना ताक्तवर नही है की दुसरो की रक्षा कर सके ।
शेर (Lion) जंगल का राजा था और उनके बाद में जंगल का राजा शेर (Lion) के बेटे को ही बनना था । मगर अभी उसमें इतनी शक्ति नही थी वह राजा बन सके ।
एक वर्ष बित जाने के बाद में एक बार शेर (Lion) का लोगो ने शिकार कर दिया जिसके कारण से शेर का बेटा (lion’s son)अकेला रह गया था । अब वह अपना जीवन अकेला ही जीने लगा था । शेर का बेटा (lion’s son)जो था उसे अब आटे दाल का भाव मालूम होने लगा था । क्योकी जीवन अकेला जीने के कारण से उसने काफी मुश्किलो का समाना किया । और इस तरह से जब शेर (Lion) के बेटे को एक वर्ष हो जाता है तो एक दिन भेढिया उसे बताता है की अब उसे आटे दाल का भाव मालूम हो चुका है तो अब वह जंगल का राजा बन सकता है । और इस तरह से शेर (Lion) के बेटे को जंलग का राजा बनाया गया था ।
अब शेर का बेटा (lion’s son)इतना शक्तिशाली बन गया था की जानवरो की रक्षा कर सके और इसी तरह से वह जानवरो की रक्षा के लिए जीने लगा था । और इसी तरह से जंगल में जीवन चलता रहा ।