kaleja muh ko aana muhavare ka arth, कलेजा मुँह को आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
अगर कलेजा आपके पेट से निकल कर मुंह के अंदर आ गया तो हो यगा कलेजा मुंह को आना……………… मजाक कर रहे है ऐसा कभी नही होगा ।
वैसे आपको बता दे की यह एक मुहावरा जिसका अर्थ जो होता है वह कलेजे से अलग होता है तो आइए जानते है की आखिर इसका मतलब क्या है –
कलेजा मुंह को आना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
कलेजा मुंह को आना | बहुत अधिक घबरा जाना । |
कलेजा मुंह को आना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
कलेजा वैसे लिवर को कहा जाता है । मगर मुहावरो की दुनिया में कलेजा जो होता है वह मन को दर्शाता है । क्योकी आपको पता होगा की मन हमेशा विचलित होता है जो की तरह तरह की सोच रखता है और कभी एक स्थान पर नही डटता है ।
तो उसी तरह से जीवन में ऐसा पल भी आता है जब मन काफी अधिक डर जाता है और उस पल में घबराने की स्थिति उत्पन्न होता है । और जब मानव घबरा जाता है तो ऐसा लगता है जैसे की मन जो है वह मुंह से निकल कर बाहर आने वाला है । क्योकी हमने आपको बताया की कलेजा मन को दर्शाता है । तो इस आधार पर यह कहना गलत नही होगा की कलेजा मुंह को आना मुहावरे का सही अर्थ बहुत अधिक घबरा जाना होता है ।
कलेजा मुंह को आना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
1. वाक्य में प्रयोग – महेश एक कंपाउडर का काम करता है और उसकी अस्पताल में मुर्दाघर में नोकरी लगी थी और पहले ही दिन जब वह मुर्दाघर में गया तो उसक कलेजा मुंह को आ गया था ।
2. वाक्य में प्रयोग – जब सरिता पहली बार मुर्दाघर गई तो वहां पर रखे शवो को देख कर सरिता का कलेजा मुंह को आ गया ।
3. वाक्य में प्रयोग – इंडियन आर्मी हमारी हिफाजत के लिए देश के बॉडर पर हरा दे रहे है और एक मैं हूं जो की वहां की कलपना भी कर लेता हूं तो कलेजा मुंह को आ जाता है ।
4. वाक्य में प्रयोग – बॉडर पर फॉजी भाई कैसे रहते है अगर कोई जान लेता है तो उसका कलेजा मुंह को आ जाता है ।
5. वाक्य में प्रयोग – जब इंडियन आर्मी को पता चला की देश में आतंवादी आतंक मचा रहे है तो उन्हे यह सब रोकने के लिए आना पड़ा और जब इस बारे में आतंकवादियो को पता चला तो उनका कलेजा मुंह को आते देर नही लगी ।
6. वाक्य में प्रयोग – एक बार मैं operation theatre में चला गया था और अपने सामने operation होते देख कर मेरा तो कलेजा मुंह को आ गया ।
7. वाक्य में प्रयोग – भगवान हनुमान जी राक्षसो को इस तरह से मार रहे थे जैसे की कोई चींटी हो और यह सब देख कर राक्षसो का कलेजा मुंह को आ गया ।
कैसे शेर (lion) का कलेजा मुंह को आ गया, एक अच्छी कहानी
एक समय की बात है, जब एक जंगल में शेर (lion) और हाथी (Elephant) रहते थे। शेर (lion) बहुत ताकतवर था और जंगल का राजा माना जाता था । शेर (lion) के ऐसा था की हाथी (Elephant) हो या फिर जिराफ उसके सामने कोई भी नही रह पाता था, जबकि हाथी (Elephant) भी बड़ा और मजबूत था लेकिन शेर (lion) की तुलना में कमजोर था।
हाथी (Elephant) (Elephant) जो था वह हमेशा शेर (lion) से डरता था मगर एक दिन, हाथी (Elephant) जंगल में अकेला था और धीरे-धीरे एक सुरक्षित स्थान की तलाश में था। अचानक, उसे शेर (lion) का सामना हुआ। हाथी (Elephant) का मन उस वक्त डर से भर गया और उसका कलेजा मुंह को आ गया ।
शेर (lion) ने देखा कि हाथी (Elephant) घबराहट में है और उसकी कमजोरी का फायदा उठाते हुए, उसे नुकसान पहुंचाने का सोचने लगा। शेर (lion) ने अपनी आंखों से हाथी (Elephant) को ताकतवर लगाने के लिए उसकी ऊँचाई, वजन और आकृति की तुलना में अपनी ताकत दिखाई। और हाथी (Elephant) को बताने लगा की वह काफी ताक्तवर है ।
हाथी (Elephant) ने देखा कि शेर (lion) बहुत ताकतवर है और उसे डर लगा। मगर अब हाथी (Elephant) को पता था की अगर इसी तरह से डरते रहे तो वह जल्द ही शेर (lion) के हाथो मारा जाएगा । इस कारण से हाथी (Elephant) ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और शेर (lion) से टकराने के लिए तैयार हो गया। शेर (lion) और हाथी (Elephant) एक दूसरे से टकराते हुए लड़ने लगे। शेर (lion) अपनी ताकत का फायदा उठा रहा था लेकिन हाथी (Elephant) भी बहुत ही बड़ा था जिसके कारण से आसानी से हारने का नाम नही ले रहा था ।
और जब हाथी (Elephant) नही हा हार था तो शेर (lion) को धीरे-धीरे उसकी ताकत से डर लगने लगा और वह लड़ाई से थक गया। हाथी (Elephant) ने शेर (lion) को परास्त कर दिया और उसे ध्वस्त कर दिया। शेर (lion) ने उस लड़ाई में हार मान ली और मगर अब हाथी (Elephant) को क्रोध आ गया था जिसके कारण से वह शेर (lion) की जान लेने को तैयार हो गया था और इसी तरह से चलते जब शेर (lion) को यह अहसास हुआ की हाथी (Elephant) उसे मारने वाला है तो डर के मारे शेर (lion) का कलेजा मुंह को आ गया था और उसने हाथी (Elephant) से माफी मागी और कहा की उसकी जान न ले ।
यह सुन कर हाथी (Elephant) कुछ शांत हुआ । मगर फिर से हाथी (Elephant) ने अपना पैर शेर (lion) पर मेलना चाहा । क्योकी हाथी (Elephant) को लगा की एक बार शेर (lion) को छोड़ने के कारण से वह फिर से उसे मार सकता है । और जब शेर (lion) को इस बारे में हाथी (Elephant) ने बताया तो शेर (lion) ने कहा की नही ऐसा नही होगा । बल्की शेर (lion) ने कहा की अगर तुम मुझे नही मारते हो तो मैं तुम्हारा जीवन भर गुलाम बनने के लिए तैयार हूं ।
यह सुन कर हाथी (Elephant) को लगा की शेर (lion) सही कह रहा है और उसने शेर (lion) को छोड़ दिया था । इसके बाद में शेर (lion) ने जैसा कहा था वह वैसा ही करता था अगर किसी जानवर को मारना होता था तो वह हाथी (Elephant) से इस बारे में इजाजत लेता था और अगर हाथी (Elephant) शेर (lion) को मना कर देता था तो फिर शेर (lion) उसे नही मारता था ।
तो इस तरह से शेर (lion) का कलेजा मुंह को आ जाने के कारण से फिर वह हाथी (Elephant) का गुलाम बन जाता है ।