patthar ki lakeer muhavare ka arth aur vakya, पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग
कहते है की पत्थर की लकीर ऐसी होती है जिसे मिटाना मुमकिन नही है । वैसे यह एक मुहावरा है और इसका अर्थ क्या होता है इस बारे में आपको अच्छी तरह से समझा देगे । तो आइए शुरू करते है
पत्थर की लकीर मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
पत्थर की लकीर | अमिट बात या स्थिाई बात । |
पत्थर की लकीर मुहावरे को समझने का प्रयास करे
पत्थर के बारे में आप आसानी से जानते है यह पहाड़ो से तोड़ कर बनाया जाता है । और पत्थर छोटे आकार से लेकर बड़े आकार तक हो सकते है । कभी समय हो तो ऐसी कल्पना करे की आपके पास एक बड़ा पत्थर है और आप उस पर लकीर खिचते हो । हालाकी इसके लिए आपको मेहनत करनी होगी । मगर एक बात आपको देखने को मिलेगी की जो यह लकीर होती है उसे आप चाह कर भी कभी मिटा नही सकते हो । वैसे बहुत से लोग पत्थरो पर अपना नाम लिखते है तो आप इसे इस तरह से भी समझते है की आपने अपना पत्थर पर नाम लिखा जो की एक लकीर है और आप इसे मिटा नही सकते हो यानि यह स्थाई हो चुका है ।
इस आधार पर पत्थर की लकीर होना मुहावरे का अर्थ स्थान होना या अमिट बात होना होता है।
पत्थर की लकीर होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग लिखकर बताइए
1. वाक्य में प्रयोग – अरे मुर्ख भगवान श्री कृष्ण जी की हर बात पत्थर की लकीर है ।
2. वाक्य में प्रयोग – राजा सम्राट अशोक जो कह देते थे वही करते थे मानो उनकी बाते पत्थर की लकीर हो ।
3. वाक्य में प्रयोग – महाराणा प्रताप जितने ताक्तवर और बहादुर थे उतनी ही उनकी बाते मायने रखती थी क्योकी महाराणा प्रताब की बाते पत्थर की लकीर थी ।
4. वाक्य में प्रयोग – अंग्रेजो का क्या भरोषा वे एक पल बोलते कुछ है और करते कुछ और है और इधर हमारे भारत के महान लोग जिनकी बाते ही पत्थर की लकीर होती है ।
5. वाक्य में प्रयोग – रावण तप कर रहा था और भगवान को मालूम था की यह क्या मगाने वाला है मगर फिर भी भगवान ने वरदान दिया और अपने वरदान का पालन करते हुए साबित किया की उनके वरदान पत्थर की लकीर होते है ।
6. वाक्य में प्रयोग – शिव भगवान जो कह देते है वह हमेशा पत्थर की लकीर के समान जाना जाता है ।
आखिर कैसे भालू (Bear) की बाते पत्थर की लकीर थी, एक मजेदार कहानी
एक बार एक जंगल में एक बड़ा सा भालू (Bear) रहता था। वह बहुत ही बुद्धिमान था और दूसरे जंगली जानवरों के बीच में सबसे अधिक बुद्धिमान था। वह जंगल में सबसे अधिक समझदार जानवर बताया जाता था। भालू (Bear) अपनी स्थाई बुद्धि और संयम के कारण बहुत ही जाना जाता था।
एक दिन, जब भालू (Bear) जंगल में घूम रहा था, तभी उसे एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा। वह अपने घर के लिए एक नया स्थान ढूंढ रहा था, लेकिन उसे अभी तक उचित स्थान नहीं मिला था। उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करें। फिर उसने जंगल के अन्य जानवरों से सलाह ली।
फिर एक दिन, उसने एक चींटी को देखा, जो एक पत्थर को धकेलती हुई थी। भालू (Bear) ने चींटी से पूछा, “अगर तुम ऐसा कर सकती हो तो मैं यकीन करता हूँ कि तुम मेरी मदद कर सकती हो।”
चींटी ने भालू (Bear) से कहा, “यदि मैं पत्थर को धकेल सकती हूँ तो तुम बिना किसी समस्या के अपने घर के लिए एक स्थान ढूंढ सकते हो ।
भालू (Bear) ने चींटी को धन्यवाद दिया और उसे पूछा, “लेकिन तुम इस पत्थर को क्यों ढक रही हो?”
चींटी ने जवाब दिया, “मैं इस पत्थर को अपने आवास के लिए एक स्थान ढूंढ रही हूं।”
फिर भालू (Bear) ने चींटी की मदद करने के लिए उस पत्थर को धकेला और चींटी ने उसे उचित स्थान पर रख दिया। भालू (Bear) ने चींटी को फिर से धन्यवाद दिया और उसे बताया कि उसने उसकी समस्या का समाधान कर दिया है।
इस पर चींटी ने भालू (Bear) को पेट भर कर भोजन करने को कहा और इस तरह से फिर चिंटी (ant) ने भालू (Bear) को पेट भर कर भोजन करवाया और इस पर भालू (Bear) खुश हो गया और उसने चिंटी (ant) से कहा की कभी भी तुम्हे मेरी जरूरत पड़े तो मदद माग लेना । इतना कह कर भालू (Bear) वहां से चला गया ।
चिंटी (ant) की ज़िन्दगी में कुछ दिनों बाद, उसे अपनी एक और समस्या का सामना करना पड़ता है। उसे अपने घर के लिए अधिक से अधिक खाने का संचय करना था क्योंकि वह आने वाले मौसम के लिए तैयार नहीं थी। लेकिन उसके पास कोई उपाय नहीं था।
फिर चिंटी (ant) ने फिर सोचा कि क्या भालू (Bear) उसे इस समस्या में मदद कर सकता है। चिंटी (ant) फिर से भालू (Bear) के पास गई और उससे अपनी समस्या से बताया। चिंटी (ant) को यकिन नही था की भालू (Bear) उसकी मदद करेगा मगर फिर भी उसने भालू (Bear) से मदद मागी ।
भालू (Bear) ने देखा कि चिंटी (ant) के पास बहुत कम खाने का संचय है। उसने चिंटी (ant) को अपने घर में आने के लिए आमंत्रित किया और अपने संचय में से उसे कुछ खाने के लिए दिया।
यह सब होने के कारण से चिंटी (ant) को समझ में आया की भालू (Bear) की बाते पत्थर की लकीर है । क्योकी जो भालू (Bear) ने कहा था वह कर रहा है ।
भालू (Bear) के द्वारा चिंटी (ant) की मदद करने के बाद, भालू (Bear) ने उसे बड़ी खुशी से अपने घर ले जाया। वह उसे अपनी बड़ी गोद में ले गया और उसे अपने बच्चों के साथ खिलाया और खेला। चिंटी (ant) को भालू (Bear) की देखभाल में बहुत अच्छा लगा।
वह भालू (Bear) की गोद में बैठ कर सो गई। दिन बितते गए और चिंटी (ant) अब भालू (Bear) के साथ अपना समय बिताने लगी। उसने भालू (Bear) के साथ खेलना और उसके साथ समय बिताना शुरू किया। वह भालू (Bear) को अपना अच्छा दोस्त मानती थी और उससे हमेशा मदद मांगने के लिए तैयार रहती थी। उसने अब जीवन में दोस्तों के महत्व का एक नया अनुभव प्राप्त किया था।
इस तरह से भालू (Bear) ने फिर से चिंटी (ant) से वादा किया की वह उसकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार है । और यह सुन कर अब चिंटी (ant) को यकित हो चुका था की अगर उसके जीवन में किसी तरह की समस्या होती है तो उसकी मदद केवल भालू (Bear) ही कर सकता है क्योकी उसकी बाते पत्थर की लकीर है । जिसके कारण से जो कहता है वह करता जरूर है ।
इसी तरह, चिंटी (ant) ने भालू (Bear) के साथ बहुत सारे समय बिताया और उसकी मदद की ज़रूरत के दौरान हमेशा उसके साथ रही। चिंटी (ant) ने अपने दोस्त के साथ ज़िन्दगी के नए मज़े और रंग प्राप्त किए थे और उसने सीखा कि दोस्तों का महत्व ज़िन्दगी के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है।
इस तरह से चिंटी (ant) और भालू (Bear) का जीवन चलता रहा और आपको एक अच्छी कहानी मिल गई ।
इस तरह से दोस्तो भालू (Bear) की बाते पत्थर की लकीर होती थी ।