thuk kar chatna muhavare ka arth, थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
अगर हम अपने मुंह के अंदर आने वाली लार को थूक देते है और फिर उसे वापस चाट लेते है तो हो गया थूक कर चाटना……….. मजाक कर रहे है ऐसा कभी नही होता है और न ही आपको ऐसा करना है । वैसे इस लेख में हम इस मुहावरे के सही अर्थ के बारे में जान लेगे तो टेंसन न लेने का
थूक कर चाटना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
थूक कर चाटना | त्यागी गई वस्तु को पुन ग्रहण करना या कह कर मुकर जाना। |
थूक कर चाटना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे आपको पता होगा की थूक वह होता है जो की हमारे मुंह की लार है । और इस लार को हम जब अपने मुंह से बहार निकाल फेंकते है तो इसे थूकना कहा जाता है । और फिर इसे वापस खाया जाता है तो इसे चाटना कहा जाता है ।
तो इस तरह से करने से एक बात समझ में आती है की कुछ है जिसे हमने त्याग दिया था मगर समय के अनुसार फिर से उसी त्यागी वस्तु को पुन ग्रहण कर रहे है । तो इस तरह से थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ त्यागी गई वस्तु को पुन ग्रहण करना होता है ।
दूसरा यह भी होता है की अपनी वाणी के अनुसार जो हम कह देते है और फिर उससे मुकर जाते है तो यह भी थूक कर चाटना होता है ।
विद्वानो इतना ज्ञान काफी नही है क्योकी अभी वाक्य में प्रयोग आपको जानने की जरूरत है

थूक कर चाटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
1. वाक्य में प्रयोग – सेठ ने अपनी जमीन हॉस्पीटल बनाने के लिए सरकार को दे दिया और अब वापस माग रहा है यह तो वही बात हुई थूक कर चाटना ।
2. वाक्य में प्रयोग – सेठधनपत ने राहुल की मदद करने के लिए उसे 2000 रूपय ऐसे ही दान दे दिया और दो तीन दिन हुए नही और उससे वह वापस माग रहा है यह तो वही बात हुई थूक कर चाटना ।
3. वाक्य में प्रयोग – मंत्री साहब ने कहा था की आपके गाव में पानी की कोई कमी नही रहेगी मगर आज 5 वर्ष बित गए है और पानी की कमी अभी भी है लगता है की मंत्री थूक कर चाटने वालो में से है ।
4. वाक्य में प्रयोग – धनपत जी ने अपने धन का कुछ हिस्सा गाव के लोगो को दान देने का ऐलान कर दिया और एक वर्ष बित जाने के बाद में वे कहने लगे की उन्होने किसी तरह का ऐलान नही किया था तब सभी को पता चल गया की धनपत थूक कर चाटने वालो मे से है ।
5. वाक्य में प्रयोग – पुलिसकर्मी ने कहा था की चोर को दो दिनो में पकड़ लेगी और आज कह रही है की चोर को पकड़ने में एक महिना लगेगा यह तो थूक कर चाटने वाली बात हुई ।
हाथी (Elephant) ने थूक कर चाट लिया, एक अनोखी कहानी
एक बार एक जंगल में एक हाथी (Elephant) रहता था जो बहुत अकेला था। वह बहुत बड़ा था और उसे अपनी अकेलापन की चिंता होती थी। एक दिन उसे एक शेर (Lion) से मुलाकात हुई जो उसे बोला कि उसे अपने साथ आना चाहिए। हाथी (Elephant) ने इस पर इनकार कर दिया, क्योंकि वह अकेले ही रहना पसंद करता था।
कुछ दिनों बाद, एक बार फिर शेर (Lion) ने हाथी (Elephant) से मुलाकात की और उससे अनुरोध किया कि वह उसके साथ चले। इस बार, हाथी (Elephant) ने इस पर सहमति दे दी। वे दोनों रास्ते में चलते चलते एक नदी पर पहुंच गए, जहां शेर (Lion) को पानी पीने के लिए बहुत तकलीफ हो रही थी।
हाथी (Elephant) ने उसे देखा और उसे अपनी बाहों में उठा लिया। शेर (Lion) को अपनी समस्या का समाधान मिल गया और हाथी (Elephant) के लिए उसकी मदद करने का मौका मिला। दोनों एक-दूसरे के लिए बड़े मित्र बन गए।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अकेलापन से बचना चाहिए और दूसरों से मिलकर जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
शेर (Lion) और हाथी (Elephant) दोनों अपने आप में बहुत अलग-अलग थे, लेकिन जब उन्होंने एक दूसरे को मिलकर देखा तो उनमें एक दूसरे की जरूरत का एहसास हुआ। शेर (Lion) को उस वक्त पानी के लिए उठाने में मदद की जरूरत थी और हाथी (Elephant) ने उसे उठाकर उसकी मदद की। उन्होंने देखा कि एक दूसरे के साथ काम करने से किसी भी समस्या का समाधान ढूंढना आसान होता है।
शेर (Lion) और हाथी (Elephant) ने उस दिन से मिलकर कई समस्याओं का समाधान किया और एक दूसरे के लिए हमेशा उपलब्ध रहे। उन्होंने देखा कि जब वे एक दूसरे की मदद करते हैं तो वे साथ में काम करने में अधिक सफल होते हैं और उनके जीवन में अधिक सुख होता है।
शेर (Lion) और हाथी (Elephant) के बीच उनके साथ खेलने की दौर शुरू हो गई। वे एक दूसरे को अपनी ताकत और स्थायित्व के साथ प्रदर्शित करते थे। शेर (Lion) बहुत तेज था और हाथी (Elephant) बहुत मजबूत था। शेर (Lion) कभी-कभी हाथी (Elephant) के पीछे छिप जाता था और हाथी (Elephant) उसे ढूंढता रहता था।
एक दिन, शेर (Lion) और हाथी (Elephant) एक जंगल में खेल रहे थे जब एक हिरण उन्हें देखकर डर गया। हिरण बेचैन हो गया और वह जंगल में भगने लगा। शेर (Lion) और हाथी (Elephant) ने उसे देखा और उसे थोड़ा संभाल लिया। वे हिरण के पीछे पड़ गए और उसे दौड़ाते हुए उसे पकड़ लिया। हिरण बहुत डरा हुआ था लेकिन शेर (Lion) और हाथी (Elephant) ने उसे धीरे-धीरे संभाल लिया और उसे समझाया कि वह असुरक्षित नहीं है।
शेर (Lion) और हाथी (Elephant) ने हिरण को उसके सुरक्षित स्थान तक ले जाने में मदद की और उसे उसके माता-पिता के पास छोड़ दिया। यह काम कर कर शेर (Lion) और हाथी (Elephant) अपने निवास स्थान पर आ रहा था की हाथी (Elephant) ने शेर (Lion) से कहा की भाई शेर (Lion) मैं तुम्हारी दोस्ती से काफी प्रसन्न हूं । और आज से मेरे पास जो भी है वह सब कुछ तेरा होगा ।
हाथी (Elephant) के पास खाने के लिए और रहने के लिए एक अच्छा घर था तो शेर (Lion) यह सुन कर खुश हो गया और शेर (Lion) ने कहा की ठिक है आज से तुम मेरे घर चले जाओ वही पर रहना । इस तरह से दोनो एक दूसरे के घर चले गए । एक दिन बिता था की हाथी (Elephant) शेर (Lion) के पास आता है और कहता है की भाई शेर (Lion) तुम्हारा घर तो पूरा का पूरा खंडहर सा लग रहा है मैं वहा पर नही रह सकता हूं । तब शेर (Lion) ने कहा कोई बात नही हम दोनो एक साथ रह लेगे ।

यह सुन कर हाथी (Elephant) ने कहा की नही तुम भी अपने घर जाओ और मैं अपना घर आज से वापस लेता हूं । यह सुन कर शेर (Lion) ने कहा की तुम तो थूक कर चाट रहे हो । और यह सुन कर हाथी (Elephant) ने कहा की क्या मतलब है तुम्हारा यह घर मेरा है तो मैं जब चाहे इसे वापस ले सकता हूं ।
इस तरह से दोनो में काफी बहस हुई और अंत में हाथी (Elephant) अपने घर में रहने लगा और शेर (Lion) अपने घर चला गया । इस घटना से शेर (Lion) और हाथी (Elephant) की जो दोस्ती थी वह टूट गई थी । और शेर (Lion) को पता चला की हाथी (Elephant) थूक कर चाटने वालो में से है । इस तरह से दोनो फिर अलग अलग तरह से जीवन जीने लग जाते है ।
इस तरह से दोस्तो हाथी (Elephant) थूक कर चाट लेता है ।