हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

hawa se baten karna muhavare ka arth kya hai, हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

हवा भी मनुष्य की तरह हो जाए और वह भी बाते करने लग जाए तो हम हवा से बाते कर सकते है । मगर जब हवा से बाते करना मुहावरे के बारे में बात करे तो ‌‌‌आपको इसके अर्थ के बारे में जानकारी होनी जरूरी है  । तो आइए जानते है इस मुहावरे के बारे में

हवा से बाते करना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
हवा से बाते करनाबहुत तेज दौड़ना ।

‌‌‌हवा से बाते करना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

हवा जो होती है उसे वायु के नाम से भी जाना जाता है । और यह इतनी तेज होती है की कुछ ही समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच जाती है । और जब आप हवा से बाते करना चाहते हो तो आपके हवा की तरह होना जरूरी है । यानि अगर आप बहुत तेज दोड़ते हो तभी हवा ‌‌‌के बराबर आप पहुंच सकते हो । और कहा जाता है की जो लोग तेज दोड़ते है वे असल में हवा से बाते करते है । तो इस आधार पर हवा से बाते करना मुहावरे का अर्थ बहुत तेज दोड़ना होता है ।

‌‌‌इस मुहावरे के बारे में आपको और अधिक जानना चाहिए तो वाक्य में प्रयोग देखे

हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌हवा से बाते करना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जैसे ही चीता को हिरण दिखता है उस पर हमला कर देता है मगर हिरण के भागने पर चीता भी हवा से बाते करने लगा ।

2. वाक्य में प्रयोग पुलिस अपराधियो को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे मगर वे हवा से बाते करते हुए फरार हो गए ।

3. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी के सेनिक ने हवा से बाते करने लगे और आतकवादियो को पकड़ लिया ।

4. वाक्य में प्रयोग जब भारत पर हमला हुआ ‌‌‌तो इंडियन आर्मी हवा से बाते करते हुए दुश्मनो को पल भर में मार दिया ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग सामने मोत है मगर हमारा फोजी भाई दुश्मन को मारने के लिए उसी और हवा से बाते करता हुआ गया और दुश्मन को मार गिराया ।

6. वाक्य में प्रयोग दोड़ की प्रतियोगिता में सुनिल ने प्रथम नम्बर पर आकर यह सिद्ध कर दिया की वह हवा से बाते करता है ।

7. वाक्य में प्रयोग जब चोर भागने लगा तो हमारे देश की पुलिस हवा से बाते करते करने लगी और चोर को ‌‌‌पकड़ लिया ।

‌‌‌हिरण का हवा से बाते करना पड़ा महगा, एक अनोखी मजेदार कहानी

एक बार की बात है, जब जंगल में एक हिरण आकाश की ओर दौड़ने लगा। वह बहुत तेज़ दौड़ रहा था और आसमान को छू रहा था। उसे दौड़ते हुए बहुत मज़ा आ रहा था और वह उछलता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था। वह दौड़ता हुआ अपने तेज दौड़ के कारण जंगल के अन्य जानवरों से आगे निकल गया था। इसके बाद उसने अपनी दौड़ में और भी तेज़ी लाने का निर्णय लिया।

वह अपने सभी पैरों को अधिकतम तेजी से फैलाने लगा और धीरे-धीरे उसने इसी तरह अपनी रफ्तार बढ़ाना शुरू किया। उसने बार-बार दौड़ने से अपनी ताकत को बढ़ाया था और अपने आप को तैयार कर लिया था।

वह दौड़ता हुआ आगे निकल गया था और उसकी रफ्तार इतनी तेज थी कि जंगल के अन्य जानवर उसे देखने भी नहीं पा रहे थे। वह तेज़ दौड़ने का मज़ा ले रहा था और उसे यह लग रहा था कि वह दुनिया के सबसे तेज़ हिरणों में से एक हो गया है

लेकिन जब वह अपनी रफ्तार में इतनी तेज़ी से बढ़ता हुआ था, उसे अपने आप को संभालने की भी आवश्यकता थी। वह उतनी तेज़ ताकत से दौड़ रहा था कि उसे उसके आसपास की सारी चीज़ों का पता नहीं चल रहा था।

इसी बीच, एक बार जब वह एक ढलती रोशनी के साथ एक चौड़ी सड़क के पार पहुंचा, उसने एक ट्रक को नहीं देखा जो उसके दाहिने तरफ से आ रहा था। ट्रक ने अपनी हाइड्रोलिक ब्रेक को लगाया लेकिन ‌‌‌उसके हवा से बाते करने के कारण वह ट्रक से टकरा गया और गंभीर रूप से घायल हो गया।

अब उसकी रफ्तार कम हो गई थी और उसे ठंड भी बहुत ज्यादा महसूस हो रही थी। वह जंगल में चलता रहा लेकिन अब उसके पैरों में असहजता हो रही थी।  हिरण के साथ ऐसा घटना हुआ कि उसकी रफ्तार बिल्कुल ग़ायब हो गई थी। उसकी पूरी जिंदगी दौड़ते हुए बीत गई थी और अब वह अपने आप को ताकत नहीं दे पा रहा था।

लेकिन इस दुखद घटना से हिरण कुछ सीख भी लिया था। वह अब ध्यान से दौड़ता था और अपनी रफ्तार को संभालने का प्रयास करता था। उसने देखा कि उसे अपने आसपास की सारी चीज़ों का ख्याल रखना होगा, ताकि वह अपने आप को सुरक्षित रख सके।

वह अब जंगल में अपने आसपास के पेड़ों और झाड़ियों की जानकारी रखता था, ताकि उसे अपनी रफ्तार बढ़ाने या रोकने के लिए इनका इस्तेमाल कर सके। उसने खाने के लिए नये तरीके ढूंढ लिए थे जो उसे दौड़ते हुए ज्यादा समय नहीं लगते थे।

इस घटना से हिरण ने अपनी गलतियों से सीखा कि धीमे और स्थिरता से काम लेने से ज्यादा तेज़ी और लापरवाही से काम लेना खतरनाक हो सकता है। अगले कुछ दिनों में, हिरण ने अपनी नई रफ्तार के साथ जंगल में जाने लगा। वह अपने आसपास की सारी चीज़ों को ध्यान से देखता और समझता था, जैसे कि उसकी पूरी जिंदगी उसी समय तकनीकी रफ्तार के साथ दौड़ते हुए बीत गई हो।

एक दिन, उसने एक बिच्छू को काटते हुए देखा, जो उसकी पैर में घुस गया था। वह बहुत असहनीय था, लेकिन हिरण ने समझा कि वह अपनी रफ्तार को नहीं खोना चाहता था। उसने सोचा कि यदि वह अभी अपनी ‌‌‌हवा से बाते करता हुआ बिच्छू काटने वाले स्थान से निकल जाता है, तो वह बिच्छू उसकी जान बचा सकता है।

इस बात को समझते हुए, हिरण ने अपनी रफ्तार को कम कर दिया और बिच्छू को काटने वाले स्थान से निकलने तक उसे धैर्यपूर्वक अपने पैरों पर खड़ा रहने दिया। जब उसने अपनी रफ्तार कम कर दी, उसने अपने आप को संभालने का मौका दिया और बिना किसी बिच्छू को काटे अपनी जान बचा ली।

उस दिन से हिरण ने एक नयी सीख ली – कभी-कभी तेज़ रफ्तार नहीं सबसे अच्छा उपाय होता है। वह समझ गया कि अपनी जान बचाने के लिए वह कभी-कभी अपनी रफ्तार कम करने की जरूरत होती है ताकि वह संभले रह सके और सबको संभाल सके।

अगले कुछ दिनों में, हिरण को एक और टेस्ट मिला। वह बहुत तेज़ दौड़ता हुआ था जब उसे एक बाघ के सामने आना पड़ा। वह बहुत घबराया था, लेकिन फिर भी उसने अपनी रफ्तार कम कर दी और धीरे-धीरे बाघ के साथ आगे बढ़ा। बाघ ने उसे देख लिया और उसके पास आकर उसे नाक मारने की कोशिश की। लेकिन हिरण ने तुरंत एक तेज़ कूद लगाकर बाघ से बच गया और उसकी जान बचा ली।

हिरण ने फिर से एक नयी सीख हासिल की – कभी-कभी धीरे-धीरे चलने से भी सबकुछ संभव होता है। जब उसे अपनी रफ्तार कम करनी पड़ी तो उसने अपनी समझदारी और धीरज का प्रदर्शन किया और अपनी जान बचा ली।

इस तरह से, हिरण अब समझ चुका था कि अपनी रफ्तार से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है उसका समझदारी और सोच समझकर काम करना। वह अब अपनी रफ्तार के साथ-साथ यह भी जानता था कि किस स्थिति में कितनी रफ्तार ज़रूरी होती है।

एक दिन, हिरण को एक झील के किनारे जाना पड़ा। वह ‌‌‌हवा से बाते करता हुआ झील के पानी में चला गया। जब उसे झील के बीच में पहुंचना था, तभी उसने एक बड़े साँप को देखा। बहुत डर गया हिरण लेकिन फिर भी उसने अपनी समझदारी का प्रदर्शन करते हुए धीरे-धीरे चलकर झील से बाहर निकल गया। बिना एक भी चीख के या दौड़ते हुए वह सफलतापूर्वक बाहर निकल गया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में हमेशा ‌‌‌हवा से बाते करना काम नहीं चलता है। हमें धीरज और समझदारी के साथ काम करना चाहिए जो हमें अच्छे फलस्तंभ तक पहुंचा सकती है। हमें अपनी समझदारी और ज्ञान का उपयोग करना चाहिए और संभले रहना चाहिए।

‌‌‌इस तरह से हिरण के लिए हवा से बाते करना हमेशा महगा होता था ।

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