लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए

lohe ke chane chabana muhavare ka vakya mein prayog, लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ

अगर अभी आप किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हो तो आपको बता दे की इस मुहावरे को महत्वपूर्ण माने और इसे अच्छी तरह से याद रखे । क्योकी यह कई बार ‌‌‌एग्जाम में पूछा जाएगा और यह महत्वपूर्ण भी होगा । तो आइए शुरू करते है

लोहे के चने चबाना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
लोहे के चने चबानासंघर्ष करना या बहुत कठिन काम करना ।

लोहे के चने चबाना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

वैसे आपने चने तो खाए होगे । यह दो तरह से खाए जात है एक तो सादे रूप में कच्चे चने और दूसरा मिर्च मसाला लगर कर अच्छी तरह से अग्नि पर भूना जाता है ओर फिर खाया जाता है । मगर दोनो ही रूप में चना खाना काफी कठिन होता है ।

‌‌‌क्योकी चना काफी ठोस होता है जो की टूटता कठिन रूप से है ।

वही पर अगर चने साधारण न होकर लोहे के बने होते है तो हम इन्हे जीवन में कभी खा ही नही सकते है । हां कोशिश करते है तो इससे समझ में आता है की यह एक संघर्ष करने के समान है या फिर कह सकते है की यह काफी कठिन काम होता है । ‌‌‌इस आधार पर कहा जा सकता है की लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ संघर्ष करना या किठन काम करना होता है ।

लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए

लोहे के चने चबाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग राहुल ने कहा की भाई मेरे लिए तो ssc selection post के एग्जाम में पास होना लोहे के चने चबाना है ।

2. वाक्य में प्रयोग किसन ने Union Public Service Commission का एग्जाम पास करने के लिए पूरे 3 वर्षों तक लोहे के चने चबाए ।

3. वाक्य में प्रयोग अंबानी को भारत का बड़ा बिजनेसमैन बनने के लिए लोहे के चने चबाने पड़े थे ।

4. वाक्य में प्रयोग पिताजी ने महेश ‌‌‌को समझाते हुए कहा की जीवन में सफलता ऐसे ही नही मिलती है बड़े बड़े लोगो को सफल होने के लिए लोहे के चने चबाने पड़े थे ।

5. वाक्य में प्रयोग A. P. J. Abdul Kalam जैसे महान व्यक्ति को महान बनने के लिए काफी लोहे के चने चबाने पड़े ।

6. वाक्य में प्रयोग आज के समय में इंडियन आर्मी का हिस्सा बनने के लिए लोहे के चने चबाने पड़ते है ।

7. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी के लिए लोहे के चने चबाना काफी आसान काम होता है।

8. वाक्य में प्रयोग शेयर बजार में सफल होना आज के समय में लोहे के चने चबाने जैसा ‌‌‌हो चुका है ।

‌‌‌‌‌पांडा (Panda)लोहे के चने चबाने लगा, एक मजेदार कहानी

एक बार एक ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) जंगल में रहता था। वह अपने घर के लिए बंबू के पौधे खोजता था। वह दिनभर काम करता था लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिलता था। वह उसी तरह रोज संघर्ष करता रहता था।

एक दिन, उसे एक बच्चा ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) मिला। उस बच्चे के साथ खेलने से ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) बहुत खुश हो गया था। उसने बच्चे के साथ बहुत समय बिताया लेकिन बाद में वह उसे छोड़ देना चाहता था। उस दिन से ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) को अधिक समय और ‌‌‌लोहे के चने चबाने की जरूरत पड़ने लगी। उसे लगता था कि वह अधिक काम करने के बजाय बच्चों के साथ खेलने का समय बिताना चाहिए था। उसने सोचा कि अब उसे कम से कम एक बंबू पौधा पा लेना चाहिए जो उसके लिए उसे पूरे दिन की मेहनत करने के बाद ही मिल सकता है।

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) अपने लक्ष्य के लिए कठिन परिश्रम करने लगा। वह बंबू के पौधों की खोज में जंगल में दौड़ता रहता था। उसे उतना ही कामयाबी नहीं मिलती थी जितनी कि उसने सोचा था। वह अपनी मेहनत और पर ‌‌‌लोहे के चने चबाने जारी रहता था। ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) एक दिन जंगल में घूमते हुए एक वृक्ष के नीचे बैठ गया था। वह थक गया था और उसे लगता था कि उसका संघर्ष अनगिनत हो गया है।

उसने अपने आस-पास देखा और देखा कि वह जंगल में एक बुद्धिमान मुर्गा (Cock) उड़ता हुआ था। वह उससे पूछता है, “अभी तक तुमने यहां से कोई बंबू पौधा नहीं पाया है?”

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने उत्तर दिया, “नहीं, मुझे अभी तक यहां से कोई बंबू पौधा नहीं मिला है। मैंने इतनी मेहनत की है, लेकिन मुझे अभी तक कुछ नहीं मिला है।”

मुर्गा (Cock) बोला, “बंबू के पौधे नीचे देखा है?”

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने कहा, “हां, मैंने वहां भी देखा है, लेकिन मुझे अभी तक उन्हें छूने का मौका नहीं मिला है।”

मुर्गा (Cock) बोला, “बस वहां से बंबू के पौधे उठाओ और उन्हें अपने घर ले जाओ।”

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने मुर्गे (Cock) के उपाय को माना और बंबू के पौधों को उठाया। वह उन्हें अपने घर ले जाकर बहुत खुश था। उसने मुर्गे (Cock) से धन्यवाद कहा और मुर्गे (Cock) से पूछा कि उससे यह कैसे संभव हुआ कि वह बंबू के पौधे उठा सके।

मुर्गा (Cock) ने कहा, “बंबू के पौधों को उठाने के लिए तुम्हें बस उन्हें देखना था। जब तुम नीचे बैठे थे, तो तुम्हारी निगाहें सीधे बंबू के पौधों पर गई थीं। लेकिन तुमने उन्हें छूने के लिए कभी भी पैर नहीं बढ़ाया।”

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने मुर्गे (Cock) से कहा, “मैंने कई दिनों तक कोशिश की, लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला।”

मुर्गा (Cock) ने कहा, “तुम अपनी कोशिशें बदलो। अगर तुम कुछ भी खोजने के लिए सक्रिय रहते हो, तो जल्द ही तुम्हें सफलता मिलेगी।”

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने इस बात को अपने दिमाग में समझ लिया और उसके बाद से वह बहुत सक्रिय हो गया। उसने अपने ‌‌‌लोहे के चने चबाने को एक नई दृष्टिकोण दिया और उसे अधिक सकारात्मक बनाने के लिए अपनी कोशिशों को बदल दिया।

उसके बाद से, उसे बंबू के पौधों को उठाने में सफलता मिली और ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने बंबू के पौधों को लेकर अपने घर वापस जाते समय, वह अपने दोस्त मुर्गे (Cock) को धन्यवाद देने के लिए उसके पास गया।

मुर्गा (Cock) ने उसे बताया कि उसे उसकी मदद करने के लिए खुशी हुई थी और उसने ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) को सक्सेस के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया। ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने मुर्गे (Cock) को धन्यवाद दिया और उसे उसके नेतृत्व में अपनी कोशिशों को अधिक सकारात्मक बनाने में मदद करने के लिए आमंत्रित किया।

इस घटना से, ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने यह सीखा कि अगर वह किसी भी चीज को हासिल करना चाहता है, तो उसको नई दृष्टिकोण से देखने की जरूरत होती है। उसने अपने ‌‌‌लोहे के चने चबाने को सक्रिय बनाने के लिए अपनी कोशिशों को बदल दिया और इससे उसे सफलता मिली। इससे वह यह भी सीखा कि एक अन्य व्यक्ति की मदद से भी हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।

अगले दिन, ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने अपने साथ कुछ दोस्तों को लेकर एक अनुभव करने के लिए शहर के पास एक जंगल में चला गया। वह चलते हुए एक बड़े वृक्ष के पास पहुंच गया और उसने देखा कि वह वृक्ष एक बहुत ऊँची टावर से भी ऊँचा है।

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने इस वृक्ष की ऊँचाई को देखते हुए सोचा कि उसे इसे चढ़ना चाहिए। उसने अपने दोस्तों को भी इस मुश्किल काम में शामिल करने का निर्णय लिया।शुरू में, सभी लोग बहुत जोश में थे और वे सोचते थे कि यह काम बहुत आसान होगा। लेकिन जैसे ही वे ऊपर बढ़ने लगे, उन्हें पता चला कि यह काम बहुत ज्यादा मुश्किल हो रहा है।

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) भी थक गया था और वह नीचे ले गिरा, लेकिन वह इसे हार मानने के लिए तैयार नहीं था। वह अपने साथियों से आगे बढ़ने के लिए अनुरोध करते हुए कहा, “हम इसे चढ़ेंगे, चाहे कितना भी समय लग जाए।”

अंततः, उन्होंने अपने समझदारी और सहयोग के साथ टावर के शीर्ष तक पहुं पहुंचा था, उन्होंने देखा कि उन्हें जंगल की सुंदर दृश्यमाला देखने का बहुत अच्छा मौका मिल रहा था। उन्होंने देखा कि सभी दुनिया के तंग तानाव से दूर इस शांत और प्रकृति से भरपूर स्थान पर खड़े होने से उनकी मनोदशा बहुत ही उत्तेजित हो रही थी।

‌‌‌‌‌पांडा (Panda)लोहे के चने चबाने लगा, एक मजेदार कहानी

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने अपने दोस्तों को एक महत्वपूर्ण बात समझाई – आप जीवन में कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं, यदि आप अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हों। यदि आप हार मान लेते हैं, तो आप अपने लक्ष्य से दूर हो जाते हैं।

‌‌‌‌‌पांडा (Panda) ने अपने साथियों से कहा, “हमने टावर की ऊँचाई जीत ली है। अब अगला लक्ष्य है कि हम अपने लक्ष्यों के लिए अधिक प्रतिबद्ध हों।”

उस दिन से ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) अपने लक्ष्यों को पाने के लिए अधिक प्रतिबद्ध हुआ और उसने अपने जीवन के कई ‌‌‌लोहे के चने चबाए । वह अपने जीवन की हर मुश्किल से लड़ता रहा, और इससे उसे सफलता मिली।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में सफल होने के लिए हमें प्रतिबद्ध होना चाहिए। हमें अपने लक्ष्यों के लिए जीवनभर प्रतिबद्ध रहना चाहिए, चाहे वह लक्ष्य कितना बड़ा या छोटा हो। हमें हार नहीं मानना चाहिए और हमेशा अपने लक्ष्यों के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहना चाहिए।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो कहानी में ‌‌‌‌‌पांडा (Panda) लोहे के चने चबाता रहा और एक सरल रूप से सफलता हासिल की ।

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