कागज काला करना मुहावरे का अर्थ क्या होगा बताइए

kagaj kala karna muhavare ka arth aur vakya mein prayog, कागज काला करना मुहावरे का अर्थ

वैसे आपको बात दे की यह एक मुहावरा है जो कागज काला करना के नाम से जाना जाता है । इस मुहावरे को काफी प्रसिद्ध ‌‌‌माना जाता है और प्रसिद्ध मानने का कारण यह है की यह मुहावरा पीछले कुछ वर्षो से बार बार परिक्षाओ में आ चुका है । तो आइए इस मुहावरे के बारे में बात करते है –

कागज काला करना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कागज काला करनाव्यर्थ लिखना या बिना मतलब के लिखना।

कागज काला करना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

वैसे आपको पता है की जब हम कुछ लिखते है तो उसके लिए अधिकतर नीली स्याही का उपयोग करते है । और इसके बाद में काले रंग की स्याही का उपयोग अधिक होता है । जब काली स्याही से कुछ लिखा जाता है तो कागज जो होता है वह पूरा का पूरा काला नजर आने लग जाता है ।

‌‌‌मगर जो कुछ हम लिखते है उससे हमरा कुछ न कुछ मतलब ही होता है । मगर जब हम बिना मतलब के कुछ लिखने लग जाते है तो फिर जो कुछ लिखा जाता है उसे काला कागज ही कहते है । और इस तरह से कागज काला करना मुहावरे का अर्थ बिना मतलब के लिखना या व्यर्थ लिखना होता है ।

कागज काला करना मुहावरे का अर्थ क्या होगा बताइए

कागज काला करना मुहावरे का वाक्य में प्रयो‌‌‌ग बताइए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयो‌‌‌ग स्कूल में लेखन प्रतियोगिता का कार्यक्रम शुरू हुआ तो सभी बच्चे लिखने लग गए मगर अध्यापक ने जब देखा की बच्चो ने क्या लिखा है तो उन्हे पता चला है इन्होने तो केवल कागज काले किए है।

‌‌‌2. वाक्य में प्रयो‌‌‌ग महेश को लगता था की लेखन प्रतियोगिता में कागज काला करने से वह विजय हो जाएगा मगर उसका नाम सबसे अंत में आने पर उसे पता चला की वह गलत था ।

3. वाक्य में प्रयो‌‌‌ग आइएएस का पेपर देने के लिए गए थे और वहां जाकर कागज काला कर कर आ गए ।

4. वाक्य में प्रयो‌‌‌ग कॉलेज में अगर तुम कागज काला कर कर आ जाते हो तो तुम पास हो सकते हो ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयो‌‌‌ग खिलाड़ीराम के पास जब कोई काम नही था तो वह कागज काला करने लग गया ।

6. वाक्य में प्रयो‌‌‌ग जो लोग प्रसिद्ध लेखक होते है वे कभी कागज काला नही करते है बल्की जो कुछ लिखते है वह काफी अनमोल और महत्वपूर्ण होता है ।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयो‌‌‌ग किशोर पूरे दो वर्षों तक एग्जाम में कागज काला करता रहा मगर इस बार वह स्कूल में फैल हो गया ।

‌‌‌जानिए कैसे एक भालू कागज काला करते हुए लेखक बना, एक बढिया कहानी

एक बार एक भालू जंगल में रहता था। वह बहुत ही अकेला था और अक्सर उसे अकेलापन का अहसास होता था। उसे कुछ करने की जरूरत महसूस होती थी, लेकिन उसे समझ नहीं आता था कि वह क्या करें।

एक दिन भालू ने एक बड़ी-सी किताब देखी। उसे यह समझ में नहीं आया कि इसे कैसे पढ़ा जाता है, लेकिन उसने उसे अपने पास ले लिया। भालू ने किताब खोला और उसमें से अपनी पैरों को देखा। फिर उसने कलम लिया और अपनी पैरों की तरह कुछ लिखने लगा। वह कुछ नहीं समझ रहा था और सिर्फ लिख रहा था।

उसने अपनी किताब में ‌‌‌कागज काला किया । वह लिखता रहा, लिखता रहा, और बहुत देर तक लिखता रहा। उसे लगता था कि वह अच्छी तरह से लिख रहा है, लेकिन वह यह नहीं समझता था कि उसे क्यों लिखना चाहिए।

बाद में, जब भालू उसे पढ़ा, तो उसे पता चला कि ‌‌‌उसने तो केवल कागज काले किए है । उसे बहुत ही खेद हुआ कि उसने किताब में अनावश्यक रूप से लिखा है और उसे बहुत ही फजीहत हुई कि उसने किताब को बिना मतलब लिखा। उसे अपने काम के लिए लक्ष्य नहीं मिल पा था। वह अपने आप को बेकार महसूस करता था।

इस घटना से भालू ने यह सीखा कि जब हम कुछ करते हैं, तो हमें उसका मतलब समझना बहुत ज़रूरी होता है। हमें अपने कामों के लिए लक्ष्य होना चाहिए। जब हम अपने आप को अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित करते हैं, तो हम अपनी ज़िन्दगी में उन्नति करते हैं और अपने आप को सम्मानित महसूस करते हैं।

भालू ने फिर से अपनी किताब में लिखना शुरू किया, लेकिन इस बार वह अपने लक्ष्य को साफ़ कर दिया था। वह लिखने लगा कि वह अपने जीवन में क्या हासिल करना चाहता है, और अपने लिखने को उसके लक्ष्य के दिशा में दिशानिर्देश करने लगा।

भालू ने अपने लिखने का अंदाज़ बदल गया था, उसने अपनी लिखावट को सुधारा था, और उसके लिखे शब्दों में एक नयी ज़िंदगी थी। उसने किताब में अपनी खुशी, दुख, उम्मीद और भीड़ के साथ अपने संघर्षों को लिखा।

भालू ने अपनी किताब पूरी कर दी थी और उसे अपने दोस्तों के साथ साझा करने का अभिलाषा था। उसने अपनी किताब एक लोकल प्रकाशन कंपनी को पेश किया, जिसने उसे प्रकाशित करने के लिए तैयार माना।

भालू ने अपनी किताब के सफल होने के बाद से एक नयी दिशा दी थी अपनी ज़िन्दगी को। उसने लिखने का अंदाज़ बदला था, उसने अपनी ज़िन्दगी का नया मतलब खोजा था। उसने अपने आप को अपने सपनों के प्रति समर्पित कर दिया था और एक सफल लेखक के रूप में खुद को प्रमोट किया था।

‌‌‌इसके बाद में भालू ने अपने जीवन में कभी भी कागज काला नही किया था क्योकी उसे पता चल गया था की कागज काला करने से कोई मतलब नही होता है । अगर कुछ लिखना ही है तो बहुत ही अच्छा और एक लक्ष्य बना कर लिखना चाहिए ।

‌‌‌जानिए कैसे एक भालू कागज काला करते हुए लेखक बना, एक बढिया कहानी

इस दिन के बाद में भालू ने एक लेखक बनने का निर्णय लिया और वह अपने जीवन में नई नई ‌‌‌किताबे लिखने लग गया था । जिसके कारण से भालू काफी अधिक प्रसिऋ हुआ था । भालू की लेखनी सफलता की ओर बढ़ती गई थी और उन्होंने बहुत सारी लोकप्रिय किताबें लिखीं। उनके लेखन से लोगों को ज्ञान, उत्साह और प्रेरणा मिलती थी।

भालू का यह उद्देश्य था कि वह लोगों को अपनी किताबों के माध्यम से एक सकारात्मक संदेश दे सके और उन्हें उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित कर सके।

भालू की लेखनी से यह साबित हुआ कि अगर कोई अपने कामों में लगन, मेहनत और धैर्य से काम करता है तो वह सफल हो जाता है। उन्होंने दिखाया कि इंसान कितनी बड़ी चीजें हासिल कर सकता है अगर वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करता है और हमेशा प्रयास करता है।

भालू की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमारे कामों के लिए लक्ष्य होना बहुत ज़रूरी होता है। हमें अपने सपनों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए ‌‌‌। ‌‌‌हमें कभी भी कागज काला नही करना चाहिए बल्की इससे अच्छा है की एक लक्ष्य बनाया जाए और उस पर काम किया जाए ।

इस तरह से दोस्तो भालू ने कागज काला करता हुआ एक लेख बन गया ।

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