naak ka baal hona muhavare ka arth kya hai, नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
नाक का बाल हमारे लिए काफी उपयोगी है क्योकी यह हमारे श्वास के लिए फायदेमंद होता है । वैसे यह बात अलग होती है । हम बात कर रहे है नाक का बाल होना मुहावरे के बारे में और इसके अर्थ और वाक्य में प्रयोग के बारे में हम इस लेख में जान लेगे तो टेंसन न ले आइए शुरू करते है
नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
नाक का बाल होना | बहुत प्रिय होना । |
नाक का बाल होना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे आपको पता होगा की नाक के अंदर कई सारे बाल होते है । और हम जो श्वास लेते है उस मार्ग के अंदर धुल के कण और कई तरह के अनुपयुक्त पदार्थ होते है उन्हे रोकने का काम नाक के बाल का होता है । तो इस कारण से मनुष्य के जो नाक के बाल होते है वह उसके बहुत प्रिय होते है । तो इस आधार पर कहा जा सकता है की नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ बहुत प्रिय होना होता है ।
मेरे प्यारे ज्ञानी मित्र आपके लिए यह ज्ञान काफी नही है क्योकी एक ज्ञानी व्यक्ति को हमेशा जितना ज्ञान मिलता है वह कम ही होता है । तो आपको वाक्य में प्रयोग जानना चाहिए ।
नाक का बाल होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – जिस दिन से मोदी के कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण होना शुरू हुआ है मोदी जी सभी के नाक का बाल बन गए है ।
2. वाक्य में प्रयोग – माता सीता का पता लगा कर हनुमान भगवान राम के नाक के बाल बन गए ।
3. वाक्य में प्रयोग – इंडियन आर्मी तो हमेशा से भारत में रहने वाले लोगो की नाक की बाल बनी हुई है ।
4. वाक्य में प्रयोग – राजू प्रत्येक वर्ष गरीब बच्चो को पढने में मदद करता है और यही कारण है की राजू जी सभी के नाक का बाल बने हुए है ।
5. वाक्य में प्रयोग – सुदामा जी को वापस बुलाने के लिए जब श्री कृष्ण जी नंगे पैर दोड़ते हुए उनके पीछे पीछे जाने लगे तो सभी को पता चल गया की सुदामा जी श्री कृष्ण जी के नाक का बाल है ।
6. वाक्य में प्रयोग – जिस दिन महेश नोकरी लगा था उस दिन से वह सभी की नाक का बाल बना हुआ है ।
जानिए कैसे चीता (Leopard) और जिराफ (Giraffe) का बेटा नाक के बाल थे, एक अनोखी कहानी
एक जंगल में जिराफ (Giraffe) और चीता (Leopard) रहते थे। वे एक दूसरे के बचपन से ही दोस्त थे और हमेशा साथ खेलते रहते थे। चीता (Leopard) का बेटा भी जिराफ (Giraffe) के बेटे का प्रिय दोस्त था। जिराफ (Giraffe) और चीता (Leopard) के बचपन के दिन बहुत खुशियों से भरे थे। वे हमेशा एक साथ खेलते रहते थे। जिराफ (Giraffe) बहुत ऊंचा था इसलिए वह चीता (Leopard) को उछलता था और चीता (Leopard) जिराफ (Giraffe) की ऊँचाई पर खेलने का मजा लेता था।
चीता (Leopard) का बेटा भी जिराफ (Giraffe) के बेटे का प्रिय दोस्त था। दोनों बच्चे हमेशा एक साथ खेलते रहते थे। वे खेलते-खेलते दोस्त बन गए थे। जब दोनों बच्चों को बड़े होने का समय आया तो वे अपने अपने माता-पिता के साथ अलग रहने लगे। लेकिन वे कभी अपने दोस्तों को भूल नहीं सकते थे। वे हमेशा अपने दोस्तों से मिलने जाते थे और उनके साथ खेलते रहते थे।
एक दिन, चीता (Leopard) का बेटा एक जाल में फंस गया था जो शिकार करने वाले लोगों ने लगाया था। जिराफ (Giraffe) के बेटे ने अपने पिता को बताया और वे तुरंत चीता (Leopard) के बेटे को बचाने का प्रयास किया। वे जाल को फाड़ने की कोशिश करने लगे लेकिन वह बहुत मजबूत था। इसलिए उन्होंने अपने साथ आए अन्य जानवरों को भी बुलाया।
जिराफ (Giraffe) बहुत ऊँचा था और उसने जाल के ऊपर से देखा तो उसे पता चला कि जाल के अंदर चीता (Leopard) का बेटा फंसा हुआ है। उसने चीता (Leopard) के बच्चे के पिता को बताया और उन्होंने एक बड़ी शक्तिशाली झुंड का गठन किया।
झुंड ने एक साथ मिलकर जाल को तोड़ दिया और चीता (Leopard) के बेटे को बचा लिया। चीता (Leopard) के बच्चे को बचाने के लिए उन सभी जानवरों की मेहनत ने फल दिया और उन दोनों दोस्तों की दोस्ती फिर से अधिक मजबूत हो गई।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम साथ मिलकर कोई मुश्किल का सामना करें तो हम कुछ भी कर सकते हैं। दोस्ती हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है और हमें इसे हमेशा रखना चाहिए। उस दिन से जिराफ (Giraffe) का बेटा चीता (Leopard) की नाक का बाल बन गया था ।
एक दिन, जिराफ (Giraffe) के बेटे ने चीता (Leopard) के बेटे से कहा, “तुम बहुत तेज़ हो, मैं तुमसे दौड़ नहीं सकता।”
चीता (Leopard) के बेटे ने जवाब दिया, “तुम बहुत ऊँचे हो, मैं तुमसे ऊँचाई पर पहुँच नहीं सकता।”
इस पर जिराफ (Giraffe) के बेटे ने कहा, “हम एक खेल खेलते हैं, मैं तुमसे दौड़ता हूं और तुम मुझे ऊँचाई पर पहुँचने का प्रयास करो।”
चीता (Leopard) के बेटे ने सहमति दी और वे खेलने लगे। जिराफ (Giraffe) के बेटे ने तुरंत शुरू कर दिया और दौड़ने लगा। चीता (Leopard) के बेटे ने भी दौड़ना शुरू कर दिया और ऊँचाई पर पहुँचने का प्रयास करने लगा।
दौड़ते दौड़ते जिराफ (Giraffe) के बेटे थक गया और उसने दौड़ना बंद कर दिया। चीता (Leopard) के बेटे तब ऊँचाई पर पहुँच गया और खुशी से चिल्लाया।
जिराफ (Giraffe) के बेटे अपनी हार को स्वीकार करते हुए बोला, “तुम बहुत तेज हो और मैं तुमसे दौड़ नहीं सकता, लेकिन मैं अपनी ऊँचाई पर तुम्हारे साथ नहीं खड़ा हो सकता। मैं उससे कम ऊँचा हूँ।”
चीता (Leopard) के बेटे ने मुस्कुराते हुए कहा, “हम तुम्हें उपहार देंगे, हम तुम्हें हमारी पसंद का खाना खिलाएंगे।”
जिराफ (Giraffe) के बेटे को यह सुझाव बहुत पसंद आया और वे तुरंत उनके साथ खुशी से चल दिए। चीता (Leopard) के बेटे ने एक स्थान पर खड़े होकर उन्हें अपने पसंद का खाना खिलाया। जिराफ (Giraffe) के बेटे ने खुशी से सब कुछ खा लिया और उसे बहुत पसंद आया।
इसके बाद से, जिराफ (Giraffe) के बेटे और चीता (Leopard) के बेटे के बीच अधिक मजबूत दोस्ती हुई। वे दोनो एक दूसरे की नाक का बाल बन गए थे । वे हर दिन साथ खेलते थे और एक दूसरे के साथ अधिक समय बिताने का आनंद लेते थे। उनकी दोस्ती एक अद्भुत उदाहरण थी जो दिखाती थी कि दो अलग-अलग प्रकार के जीव भी एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन सकते हैं।
इस तरह से फिर चीता (Leopard) का बेटा और जिराफ (Giraffe) का बेटा अपनी दोस्ती के साथ जीवन बिताते है ।