लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ ,lakeer ka fakeer hona muhavare ka arth kya hai

lakeer ka fakeer hona muhavare ka arth kya hai, लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

हिंदी मुहावरो की लिस्ट में यह मुहावरा एक ऐसा मुहावरा है जो की काफी प्रसिद्ध है । क्योकी यह कई बार एग्जामो में पूछा गया ‌‌‌। अत आपको इसे महत्वपूर्ण मानते हुए इसके सही अर्थ के बारे में जानना चाहिए तो शुरू करते है

लकीर का फकीर होना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
लकीर का फकीर होनापुरानी निती वाला या पुरानी बातो पर चलने वाला ।

‌‌‌लकीर का फकीर होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

वैसे आपको बता दे की लकीर वह होती है जो की एक सीधी रेखा के रूप में खिची हुई होती है । वही पर फकीर एक तरह के भिखमागने वाले को कहते है या दूसरे रूप में कह सकते है की फकीर वह है जो की घुम फिर कर भिक्षा मागता है ।

‌‌‌अब लकीर को आप इस तरह से समझे की कोई पुराने समय का व्यक्ति है जो की किसी तरह की परमपरा या मान्यताओ के बारे में आपको बताता है ओर आपको कहता है की यह एक लकीर है और तुमको इसी लकीर पर चलना है । तो यह लकीर होती है । फकरी को इस तरह से समझे की आप उसी मान्यता रूपी लकीर पर फिर रहे हो । तो यह ‌‌‌इस बात का सकेंत देगा की आप पुरानी नीती के व्यक्ति हो या फिर कह सकते है की आप पुरानी बातो पर चलने वाले हो । तो इस तरह से लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ पुरानी निती वाला या पुरानी बातो पर चलने वाला होता है ।

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ ,lakeer ka fakeer hona muhavare ka arth kya hai

‌‌‌लकीर का फकीर होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

1. वाक्य में प्रयोग राकेश झुनझुनवाला ने कहा है की शेयर बाजार में रूपया लगाना है तो लकीर का फकीर बनाना भी जरूरी है ।

2. वाक्य में प्रयोग शेयर बाजार में सफल होने के लिए लकीर का फकीर होना जीतना जरूरी है उतना ही अपने आज के ज्ञान का उपयोग करना भी जरूरी है ।

3. वाक्य में प्रयोग सुरज एक कंपनी में हिसाब किताब का काम करता था मगर वह यह काम लकीर का फकीर बन कर करता ‌‌‌और आज के युग में कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है जो उसे आता नही था तो उसे काम छोड़ना पड़ा ।

‌‌‌4. वाक्य में प्रयोग राहुल विदेश में पढ कर आ गया मगर अपने धर्म की जब बात आती है तो लकीर का फकीर बनना ही अच्छा मानता है ।

5. वाक्य में प्रयोग शर्मा जी आप ठहरे धनवान आदमी जो आज के युग में अच्छा व्यवसाय कर कर सफल हो चुके हो और मैं ठहरा लकीर का फकीर भला हम समान कैसे हो सकते है ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग अरे सज्जन तुमने अपनी बेटी का विवाह एक ऐसे आदमी से किया है जो की लकीर का फकीर है ।

7. वाक्य में प्रयोग मनोज के लकीर का फकीर होने के कारण से ही आज उसे कोई नोकरी नही देना चाहता है।

‌‌‌चूहा बना लकीर का फकीर , एक मजेदार कहानी

एक बार की बात है, जब चूहे का एक झुंड उसके दादा के साथ रहता था। उस समय चूहा बच्चा था और वह अपने दादा के साथ रहकर उनसे कुछ नयी नयी बातें सीखता रहता था। उसने अपने दादा से उनके जमाने की बातों पर बहुत सुना था, जब चूहे बड़े खतरनाक शेर और बाघों से बचकर जंगल में रहते थे।

चूहा ने अपने दादा से सुना था कि उनके समय में चूहों को बहुत सावधान रहना पड़ता था क्योंकि वे हमेशा कुछ खाने के लिए तलाश में रहते थे और शेर और बाघ उन्हें बड़ी आसानी से पकड़ लेते थे। चूहे का दादा उसे बताते थे कि उनके जमाने में चूहे बहुत चालाक और बुद्धिमान थे, वे अपनी बुद्धि और तर्कशक्ति का इस्तेमाल करके शेर और बाघों से बच जाते थे।

चूहा अपने दादा की ये बातें सुनकर बहुत खुश होता था और उसे लगता था कि वह भी अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके शेर और बाघों से बच सकता है। एक दिन, जब उसे अपने झुंड के साथ खाने की तलाश में ‌‌‌जा रहा था ।

जंगल में रहते हुए चूहा ने देखा कि उसके आसपास कई शेर और बाघ घूम रहे हैं। उसे याद आया कि उसके दादा इन सभी खतरनाक जानवरों से कैसे बचते थे और उसने उनकी बातों को ध्यान में रखते हुए उनकी तरह बुद्धिमानी से काम लिया।

चूहा ने अपने झुंड को एक सुरक्षित जगह पर ले जाकर उसे अकेले जंगल में ले जाने का फैसला किया। उसने एक लम्बी सी चाल शुरू की और जंगल के अंदर जाकर छोटे-छोटे गप्पे और रास्ते बदलते रहे। शेर और बाघ उसे ढूंढ रहे थे, लेकिन चूहा उनसे बचकर बुद्धिमानी से अपना रास्ता बनाता रहा।

अंत में, चूहा अपनी तरफ जाने वाले सभी रास्तों को याद रखते हुए अपने घर तक पहुंच गया। उसे लगता था कि वह बहुत बुद्धिमान हो गया है, लेकिन इसके बावजूद, उसे उसके दादा की बात याद आयी कि शेर और बाघ से समझौता करना सबसे बेहतर होता है।

चूहा ने इस समझौते का फायदा उठाते हुए शेर और बाघ के पास जाकर उनसे एक समझौता किया। उसने उन्हें बताया कि वह अपने घर से जुड़ी राहों को अब और नहीं बदलेगा और उन्हें उसी राह पर जाना होगा। शेर और बाघ ने इस समझौते से सहमति जताई और चूहे के साथ अपनी-अपनी राह बनाकर चलने लगे।

चूहे का जुड़ाव उनसे ज्यादा बुद्धिमान बना दिया था और वह अब सुरक्षित रूप से घर तक पहुंच सकता था। उसने अपने दादा को याद करते हुए उनकी तरह समझौते करने की कला सीखी थी, जिसने उसे जंगल में अकेले घूमते हुए भी सुरक्षित रखा था।

‌‌‌इसके बाद में चूहे को यह समझ में आता है की दादा की बाते तो काफी अच्छी है और जीवन में अगर उन बातो को लागू करता हूं तो मुझे काफी फायदा होगा । और इसके बाद में चूहा अपने दादा के जमाने की बातो पर चलने लगा था ।

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ ,lakeer ka fakeer hona muhavare ka arth kya hai

‌‌‌एक दिन चूहा चुहिया से मिला । और दोनो में प्रेम हो गया तब चूहा चूहिया से अपने दादा के जमाने की तरह बाते करने लगा था । तब चूहिया ने उससे पूछा की यह किस जमाने की बाते कर रहे हो । तब चूहा बोला की मेरे दादा ने मुझे ऐसा बताया है । यह सुन कर चूहिया ने कहा की यह तो लकीर का फकीर है । और इतना कह कर ‌‌‌चूहिया वहां से चली गई  ।

इस घटना के बाद में एक बार चूहा को उसके समूह के लोगो ने भी ऐसा कुछ कह दिया था । दरसल समूंह में किसी कार्य को लेकर बहस हो रही थी ।तब चूहा उसका समाधान बताता है और उसे सून कर बाकी पूछते है की यह किस जामाने की बाते बता रहे हो । और जबाब में चूहा कहता है की मेरे दादा ने ऐसा ‌‌‌मुझे बताया था । तब चूहा को सदस्य कहते है की तुम तो पूरे लकीर के फकीर हो । मगर चूहा को इस बात से कोई फर्क नही पड़ता था । क्योकी उसे दादा की बताइ गई कई बातो से फायदा भी काफी अच्छा होता था ।

और चूहा का जीवन इसी तरह से चलता रहा और वह इसी तरह से दादा की बातो को अपने जीवन का मार्ग बना लेता है । और ‌‌‌जीवन को आगे बढता रहता है ।

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