नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य लिखकर बताइए और मुहावरे को समझे

namak mirch lagana muhavare ka arth aur vakya, नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

जब हम मुली, खाते है तो उस पर अच्छी तरह से नमक मिर्च लगाया जाता है  । इसके अलावा भी ऐसे बहुत से भोजन होते है जिनको खाने से पहले उन पर ‌‌‌अच्छी तरह से नमक मिर्च लगाया जाता है । मगर यहां पर यह एक मुहावरा है जिसका मतलब ऐसा कुछ होता ही नही है । और इस मुहावरे को जो सही अर्थ है उसके बारे में हम इस लेख में जानेगे। तो आइए शुरू करते है

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
नमक मिर्च लगानाबात को बढा चढा कर कहना ।

‌‌‌नमक मिर्च लगाना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

जैसा की हमने बताया की जब हम मुली या अन्य कुछ खाते है तो उस पर नमक मिर्च लगाया जाता है ताकी उसका एक अलग ही स्वाद आने लग जाए । यानि हम मुली का स्वाद को बढाने के लिए ऐसा करते है ।

वैसे ही यहां पर मुली जो होती है वह बातों ‌‌‌को इंगित करती है । तो इस तरह से नमक मिर्च लगाने का मतलब बातों को बढा चढकार कहना हो जाता है । क्योकी बातो को बढा चढा कर कहने से नमक मिर्च के सामन ही एक अलग तरह का स्वाद रूपी अर्थ बन जाता है । तब कहा जा सकता ळै की इस मुहावरे का सही अर्थ बात को बढा चढा कर कहना हाता है ।

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य लिखकर बताइए और मुहावरे को समझे

‌‌‌नमक मिर्च लगाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग – सेठ ओर सेठानी के बिच में झगड़ा हो गया और उनका नोकर नमक मिर्च लगा कर यह सब लोगो को बता रहा है ।

2. वाक्य में प्रयोग पंत्रकारो का तो काम ही नमक मिर्च लगाने का है ।

3. वाक्य में प्रयोग – पता नही क्यो धीरेंद्र शास्त्री जैसे महान भक्त के बारे में न्यूज चैनल नमक मिर्च लगा कर बता रहे है ।

4. वाक्य में प्रयोग – अर्नब गोस्वामी का तो कहना ही क्या वह तो हमेशा ‌‌‌नमक मिर्च लागते हुए देखे जाते है ।

5. वाक्य में प्रयोग – कोरोना के समय सुधीर चौधरी हमेशा नमक मिर्च लगा कर लोगो को न्यूज देते रहते थे ।

6. वाक्य में प्रयोग – भारत में राजनेतिक पार्टी के बिच में छोटी सी बात हुई थी मगर अंजना ओम कश्यप ने इसे नमक मिर्च लगा कर न्यूज दी ।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयोग – आज कल की न्यूज देख कर तो ऐसा ही लगता है की मानो सभी नमक मिर्च लगा रहे है ।

‌‌‌भेढिया नमक मिर्च लगाने लगा, एक कहानी

एक बार जंगल में एक भेढिया (wolf) रहता था। वह बहुत बुद्धिमान था और दूसरे जानवरों के साथ बहुत समझदारी से व्यवहार करता था। वह हमेशा अपनी बुद्धिमता का दम दिखाता रहता था।

एक दिन, भेढिया (wolf) जंगल में घूम रहा था और उसने एक सुअर (pig) को देखा। भेढिया (wolf) ने सोचा कि यह एक अच्छा मौका हो सकता है कि उससे कुछ सीखा जाए। इसलिए उसने सुअर (pig) के पास जाकर उससे पूछा, “क्या तुम मुझे कुछ सीखा सकते हो?”

सुअर (pig) ने भेढिया (wolf) को एक दर्द भरा कहानी सुनाई जिसमें उसने अपने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। वह बताने लगा कि अगर आपको अपनी बुद्धि से काम नहीं बन रहा है, तो आपको थोड़ा इंतजार करना चाहिए और फिर दोबारा सोचना चाहिए। भेढिया (wolf) ने उसे समझने की कोशिश की, लेकिन उसने समझ नहीं पाया कि सुअर (pig) क्या कहना चाह रहा था। उसने सुअर (pig) के पास से चला गया और एक और जानवर के पास गया।

वह जानवर एक बकरी थी जो भेड़िये के पास खड़ी थी। भेढिया (wolf) ने बकरी से पूछा, “क्या तुम मुझे कुछ सीखा सकती हो?” बकरी ने भेढिया (wolf) से कहा, “हाँ, मुझे लगता है कि आप बहुत बुद्धिमान हैं, लेकिन आप अक्सर अपनी बुद्धि का उपयोग अपनी सीमाओं के बाहर करते हैं। अगर आप इसे सीमित रखते हैं, तो आप अपने जीवन में बहुत सफल हो सकते हैं।”

भेढिया (wolf) ने बकरी की बातों को समझा और अब उसने समझ लिया कि सुअर (pig) ने उसे क्या समझाने की कोशिश की थी। उसने उस रास्ते पर वापस जाकर सुअर (pig) से मुलाकात की और उससे माफी मांगी क्योंकि उसने उसकी बातों को समझा नहीं था। भेढिया (wolf) ने उस दिन से अपनी बुद्धि का सही उपयोग करना शुरू कर दिया और वह बातों को अपनी ज़ुबान पर रखकर बढ़ा चढ़ा कर नहीं कहता था। उसने सीमित सोचने का फायदा उठाया और अपने जीवन में सफलता पाई।

‌‌‌इसके बाद में एक दिन भेढिया (wolf) एक अन्य सुअर (pig) से मिलता है जो की काफी दुखी था । सुअर (pig) को दूखी देख कर भेढिये को लगा की इसका दुख दूर करना चाहिए । जिसके कारण से भेढिये ने सुअर (pig) अपने जीवन की समस्याओ के बारे में नमक मिर्च लगा कर बता दिया । ‌‌‌जिसे सुन कर सुअर (pig) को लगा की सभी के जीवन में दुख है और यही कारण था की सुअर (pig) अपना दुख दूर कर लेती है और जीवन में मोज मस्ती करने के लिए चली जाती है ।

यह सब देख कर भेढिया (wolf) को लगता है की अगर वह किसी को बढ चढ कर बाते कहेगा तो उससे दूसरो की मदद हो सकती है । और इसी तरह की सोच रखते हुए भेढिया (wolf) एक दिन ‌‌‌जंगल में घुम रहा था । तभी भेढिऐ ने ऐखा की एक चींटी है जो की कही जा रही है । तब भेढिये ने चिंटी से कहा की तुम कहा जा रही हो ।

‌‌‌भेढिया नमक मिर्च लगाने लगा, एक कहानी

तब भेढिये को चिंटी ने कहा की तुम मुझे समझदार लगते हो और जो समझदार होता है वह कभी भी दूसरो से ऐसी बाते नही पूछता है । और यह सुन कर भेढिये ने कहा की बात तो तुम्हारी सच ‌‌‌है । और इतना कह कर भेढिया (wolf) वहां से चला गया । एक दिन की बात है भेढिया (wolf) के पास लोमड़ी आती है और वह उससे कुछ सलाह मागती है । तो भेढिया (wolf) ने नमक मिर्च लगा कर सलहा देनी शुरू कर दी और यह सब देख कर लोमड़ी को कुछ समझ में नही आ रहा था । तो वह वहां से जाने लगी ।

‌‌‌लोमड़ी (fox) को जाते देख कर भेढिया (wolf) ने कहा की क्या हुआ । तब लोमड़ी ने बताया की मैंने तुमसे केवल सलाह मागी थी मगर तुम तो नमक मिर्च लगा कर सलाह देने लग गए । और कहा की तुम्हारी इस तरह की सलाह अच्छी है । और इतना कह कर लोमड़ी वहा से चली जाती है ।

तब भेढिया (wolf) को पता चलात है की किसी भी बात को ज्यादा बढा ‌‌‌चढा कर कहना भी सही नही है।

जिसके बाद में भेढिया (wolf) ने कभी भी बातो को बढा चढा कर नही कहा और साधारण रूप से किसी से बात करता था । ओर इस तरह से फिर भेढिया (wolf) का जीवन गुजरने लग गया ।

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