रंग जमाना मुहावरे का अर्थ और vakya prayog

rang jamana muhavare ka arth vakya prayog, रंग जमाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

वैसे आपको बता दे की रंग जमाना जो है वह एक ऐसा मुहावरा है जो की आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है । क्योकी यह महत्वपूर्ण मुहावरो में से ऐक है । हम इस लेख में रंग जमाना मुहावरे के ‌‌‌अर्थ और वाक्य में प्रयोग के बारे में बात करेगे । तो लेख को देखे –

रंग जमाना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
रंग जमानाधाक जमना या प्रभाव होना ।

रंग जमाना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

रंग का मतलब मानव जीवन में प्रभाव से माना जाता है । जैसे की कोई महफिल चल रही है और वहां पर आपकी हर कोई बात मानता है आप जो कहते हो वह लोग करते है और इतना ही नही सभी आपको समान देते है और आप दुसरो को मनमोहीत कर लेते है तो इस बात से पता चलता है की महफिल ‌‌‌में आपने अच्छा प्रभाव जमा रखा था । प्रभाव होने को धाक जमाना भी कहा जाता है तो इस तरह से रंग जमाना जो मुहावरा है उसका मतलब प्रभाव होना या धाक जमाना होता है ।

रंग जमाना

रंग जमाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग संगिता का विवाह था और उसका मित्र राहुल वहां पर अपना रंग जमाने के लिए अच्छी तरह से सज धज कर आया था ।

2. वाक्य में प्रयोग आज के विवाह में तो संगिता ने ही रंग जमा रखा है ।

3. वाक्य में प्रयोग गुलजार ने महफिल में अच्छी शायरी कह कर सभी के दिल में अपना रंग जमा लेता है ।

4. वाक्य में प्रयोग राहत इंदौरी ने इतनी अच्छी और मजेदार शायरी कही जिसके कारण ‌‌‌से सभी के दिल में उनका रंग जम गया ।

5. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी ने लोगो की जान बचा कर सभी के दिल में अपना रंग जमा रखा है ।

6. वाक्य में प्रयोग राहुल भले ही गरीब घर से होगा मगर अपनी बातो के दम में कई लोगो के दिलो में रंग जमा रखा है ।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयोग स्कूल में आए नए अध्यापक ने मजाक करते हुए पढाई कराकर सभी बच्चो के मन में अपना रंग जमा लिया ।

‌‌‌आखिर हाथी (Elephant) ने किस तरह से अपना रंग जमाया , एक मजेदार कहानी

एक बार की बात है, जंगल में एक हाथी (Elephant) रहता था जो कि बहुत बड़ा और शक्तिशाली था। उसके आने से जंगल के सभी जानवर डर जाते थे। जंगल का हर प्राणी उस हाथी (Elephant) से बचने की कोशिश करता था।

एक दिन, एक बाघ (Tiger) जंगल में घूम रहा था जो कि बहुत ही दुखी था। जब उसके पास हाथी (Elephant) आया तो उसने उससे अपनी समस्या साझा की। बाघ (Tiger) बताता था कि उसके बच्चे किसी चोर ने चुरा लिए हैं और अब उसे उन्हें वापस लाना था। लेकिन बाघ (Tiger) को ये काम खुद ही करना था क्योंकि वह अपने बच्चों के अलावा किसी और की मदद नहीं ले सकता था।

हाथी (Elephant) ने बाघ (Tiger) की समस्या को सुनते ही उसे अपनी मदद का आश्वासन दिया। उसने बाघ (Tiger) को कहा कि उसे अपने बच्चों के साथ साथ हाथी (Elephant) के भी सहयोग की जरूरत होती है। वह बाघ (Tiger) को अपनी शक्तिशाली ताकत से मदद कर सकता था।

बाघ (Tiger) ने हाथी (Elephant) की बात मान ली और उसे अपने बच्चों की तलाश में मदद करने के लिए साथ ले चला। बाघ (Tiger) ने हाथी (Elephant) की मदद से अपने बच्चों की खोज करने में सफलता हासिल की। हाथी (Elephant) ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके बाघ (Tiger) की मदद की जिससे बाघ (Tiger) अपने बच्चों को वापस पाने में सफल हुआ।

‌‌‌और इस तरह से हाथी (Elephant) ने बांध के मन में अपना रंग जमा लिया ।

इस साथ ही, बाघ (Tiger) ने हाथी (Elephant) की मदद से एक बहुत अच्छा दोस्त बना लिया। बाघ (Tiger) और हाथी (Elephant) ने एक दूसरे को समझने और सहयोग करने का अद्भुत तरीके से सीखा। जंगल में अब बाघ (Tiger) और हाथी (Elephant) का साथ देख कर अन्य जानवर भी उन्हें देखते रहते थे और उनकी एकजुटता की ताकत को महसूस करते थे।

जंगल के बाकी जानवर भी अपने आप में एक साथ काम करना शुरू कर दिया था जिससे जंगल में एक अनुशासित वातावरण बना जिससे सभी जानवर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में समर्थ हो गए। ‌‌‌इस तरह से हाथी (Elephant) ने बाकी सभी जानवरो में अपा रंग जमाना शुरू कर दिया।

इसी तरह हाथी (Elephant) ने जंगल में सहयोग का अद्भुत उदाहरण प्रदर्शित किया और जंगल के सभी जानवर उसे अपना नेतृत्व मानने लगे।  समाधान निकालने के लिए, हाथी (Elephant) ने जंगल के सभी जानवरों के साथ एक मीटिंग की बुलाई जिसमें उन्होंने अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं को व्यक्त किया। सभी जानवरों ने अपनी समस्याओं को बताया और एक दूसरे की मदद करने के तरीके तलाशने के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया।

जंगल के सभी जानवरों ने उस मीटिंग में उनके आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समझौते किए। उन्होंने एक दूसरे की मदद की और एक दूसरे को समर्थ करने के लिए आगे बढ़ा।

एक दिन, एक बुरे वक़्त में, जंगल में एक विशाल बंदर (Monkey) आ गया जो अन्य जानवरों के साथ लड़ना चाहता था। बंदर (Monkey) ने जंगल के सभी जानवरों को धमकाया और उन्हें अपनी मजबूती का इस्तेमाल करके डराने की कोशिश की।

हाथी (Elephant) ने इस स्थिति को सुलझाने के लिए उनकी मीटिंग के तरीके का इस्तेमाल किया। वह बंदर (Monkey) से मीटिंग करने की अपील की और बंदर (Monkey) से उनकी समस्या को सुलझाने के लिए मदद मांगी।

बंदर (Monkey) ने इस मीटिंग में शामिल होने के लिए राजी हो गया और उसने बताया कि उसकी समस्या यह है कि उसके बच्चे उसे बिना अपनी निगरानी के छोड़ देते हैं। यह उसके लिए बहुत दुखद था।

हाथी (Elephant) ने बंदर (Monkey) के बच्चों को समझाया कि अपने माँ और पापा की देखभाल के बिना उन्हें खतरे में डालने से बेहतर है। सभी जानवर उस बंदर (Monkey) को समझाने में मदद की और उसे उसकी समस्या का समाधान ढूंढने में सहयोग किया।

जंगल के सभी जानवरों ने मिलकर एक छोटे से घर का निर्माण किया जहां उस बंदर (Monkey) के बच्चे सुरक्षित रह सकते थे। उन्होंने उस बंदर (Monkey) को अपने साथ जमीन साझा करने और उसके बच्चों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना प्रदान किया।

बंदर (Monkey) को उसकी समस्या का समाधान मिल गया था और उसने उन सभी जानवरों का आभार व्यक्त किया जो उसकी मदद की थी। जंगल में सभी जानवर अपने अपने काम में लगे रहते थे, लेकिन उन्हें पता था कि उनके सभी मसलों का हल सभी जानवरों के साथ दोस्ती और सहयोग में है।

हाथी (Elephant) ने उस बंदर (Monkey) को दिया था जो उसकी समस्या का समाधान ढूंढ रहा था, लेकिन उसकी मदद के लिए अधिक सहयोग की आवश्यकता थी। इसलिए, जंगल के सभी जानवरों ने मिलकर उस बंदर (Monkey) की मदद की और उसे उसकी समस्या का समाधान ढूंढने में सहयोग किया।

एक दिन, शेर (Lion) जंगल में घूमता फिर रहा था और उसे बंदरों के घर के पास से गुजरते हुए जानकारी मिली कि उस बंदर (Monkey) के घर के बाहर एक छोटा सा बच्चा अकेला खेल रहा था। शेर (Lion) ने इसके बारे में सोचा कि इससे अच्छा मौका उस बच्चे को पकड़ने का कहीं नहीं मिलेगा।

शेर (Lion) ने बच्चे को पकड़ने के लिए दौड़ लगाई और उसे पकड़ लिया, लेकिन उस बंदर (Monkey) के बच्चों ने उस शोर को सुन लिया और उन्होंने तुरंत अपने बाप को बताया।

बंदर (Monkey) ने अपने समूह को बुलाया और उन सभी जानवरों ने शेर (Lion) के पीछे दौड़ा और बच्चे को बचाया। शेर (Lion) ने इस समूह को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हुआ क्योंकि बंदरों के समूह में इतनी शक्ति थी कि शेर (Lion) डर गया था।

उस दिन से, जंगल में सभी जानवर एक दूसरे के साथ और अपने अपने कामों में सहयोग करते रहे। उन्होंने एक दूसरे की मदद करने का महत्व और समझ बढ़ा लिया था।

जंगल के सभी जानवरों के बीच एक नया संबंध बन गया था जो दोस्ती, समझदारी, सहयोग और एक-दूसरे की जरूरतों के समझने और पूरा करने के ऊपर था। इसीलिए जंगल में प्रभाव देने वाला हाथी (Elephant) था, जो सभी जानवरों के बीच समझदारी के बंधन बनाने में सफल रहा। ‌‌‌अब जंगल का हाथी (Elephant) सभी जानवरो के मन में अपना रंग जमा चुका था ।

जंगल में हाथी (Elephant) की महत्ता को देखकर, सभी जानवर उसे अपने नेता के रूप में मानने लगे। हाथी (Elephant) बच्चों के साथ खेलते, दूसरे जानवरों को आगाह करते, सहायता प्रदान करते और उनकी मदद करते थे।

एक दिन, जंगल में बड़ा अफसोस हुआ क्योंकि दो बच्चे गुम हो गए थे। सभी जानवर उन्हें ढूंढने में लगे लेकिन नतीजा नहीं मिला। हाथी (Elephant) ने समझा कि इस समय उसे समस्या का समाधान निकालने की जरूरत है।

उसने जंगल के सभी जानवरों को बुलाया और उनसे बच्चों की तलाश के लिए सहयोग माँगा। सभी ने सहमति दी और बच्चों की तलाश करने के लिए एक समूह बनाया। बच्चों की तलाश में सफलता मिली और वे समूह वापस लौट आए। सभी जानवर हाथी (Elephant) को धन्यवाद दिया और उसे सम्मानित किया।

जंगल में हाथी (Elephant) के सहयोग और नेतृत्व की वजह से, सभी जानवरों के बीच समझदारी और भाईचारे का संबंध मजबूत हो गया था। अब जंगल में शांति और सौहार्द छाया हुआ था और सभी एक दूसरे के साथ अच्छी तरह संभल रहे थे।

फिर एक दिन, जंगल में भारी बारिश हुई और नदियों ने उन्नति की। नदियों की उफान पर, बहुत सारे बेतहाशा पेड़ और पत्ते उखड़ गए थे और इससे जंगल में काफी हानि हुई थी। सभी जानवर चिंतित थे कि इससे उनका आशियाना बर्बाद हो जाएगा।

फिर हाथी (Elephant) ने एक बार फिर सभी जानवरों को बुलाया और बारिश के बाद कुछ उपाय बताने का निर्णय लिया। वह सभी जानवरों को बताने लगा कि वे अपने-अपने जगह से कुछ-कुछ पेड़ और पत्तों को उखाड़े और जंगल में उसे बैलगाड़ी के जैसा उपयोग कर सकते हैं।

सभी ने हाथी (Elephant) के उपाय का समर्थन किया और उन्होंने मिलकर काम करना शुरू किया।

‌‌‌आखिर हाथी (Elephant) ने किस तरह से अपना रंग जमाया , एक मजेदार कहानी

कुछ दिनों बाद, जंगल में फिर से शांति और सौहार्द का माहौल छाया। जानवरों के बीच अब भाईचारे का संबंध और मजबूत हो गया था। हाथी (Elephant) ने सभी को संभाला था, इसलिए सभी जानवर उसे अपने नेता के रूप में स्वीकार कर लिया था।

एक दिन, जंगल में एक बच्चा शेर (Lion) गुम हो गया। सभी जानवर उसकी मदद करने के लिए तत्पर थे, लेकिन उनको बच्चे का पता नहीं था। तभी हाथी (Elephant) ने उन्हें बताया कि शेर (Lion) की माँ नदी के किनारे होगी और शायद वह वहां अपने बच्चे का इंतजार कर रही हो।

बच्चे की माँ को ढूंढने के लिए, हाथी (Elephant) ने सभी जानवरों को नदी के किनारे ले गया। वहां पहुंचकर, वे शेर (Lion) की माँ को ढूंढने के लिए खोजने लगे। आखिरकार, उन्होंने उसे पाया और उसे अपने बच्चे के पास ले जाने में मदद की। शेर (Lion) की माँ बहुत खुश थी और सभी जानवरों को धन्यवाद दिया।

इस घटना के बाद, जंगल के सभी जानवरों के बीच संबंध और मजबूत हो गया था। उस दिन के बाद से, हाथी (Elephant) ने अपने नेतृत्व में जंगल में सबको एक साथ रखने का संकल्प लिया था। सभी जानवर उसकी अध्यक्षता में सम्मिलित हो गए थे और एक बड़े समूह के रूप में जंगल में रहने लगे थे।

शांति और सौहार्द का यह माहौल जंगल में बदलाव ला रहा था। सभी जानवर अपने-अपने जीवन में आगे बढ़ रहे थे, लेकिन उन्हें अपने समूह का हिस्सा बनाए रखना था।

एक दिन, जंगल में एक तीव्र आंधी आई। आंधी ने जंगल में काफी नुकसान किया था। पेड़-पौधे उखड़ गए थे और कुछ जानवरों को बेहोश कर दिया था।

हाथी (Elephant) ने देखा कि सभी जानवर दर्द में हैं और जंगल में हालात बेकाबू हो गए हैं। उसने तुरंत अपनी जानकारी के अनुसार जंगल में आंधी से बचने के उपायों को बताया और सभी जानवरों को संबोधित करते हुए कहा कि वह सब मिलकर आंधी से लड़ेंगे और जंगल को बचाएंगे।

सभी जानवर ने हाथी (Elephant) के नेतृत्व में एक साथ काम किया। कुछ जानवरों ने पेड़-पौधों को फिर से लगाना शुरू किया, कुछ ने बेहोश जानवरों को अस्पताल ले जाने में मदद की, तो कुछ जानवर ने अपनी जानों की परवाह किए बिना अपने अंतरंगों का दोहन किया।

हाथी (Elephant) ने सभी जानवरों को संगठित रूप से काम करने का मार्गदर्शन किया और सभी जानवरों की मदद से जंगल को पुनर्जीवित किया।

इस घटना से जंगल में सभी जानवर एक दूसरे के साथ और हाथी (Elephant) जैसे बड़े स्तंभ के साथ मजबूती से जुड़ गए। संघर्ष और विपरीतताओं के बावजूद, वे अब एक साथ रह रहे थे और एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार थे।

इस घटना ने जंगल के सभी जानवरों में सामाजिक और आत्मिक उन्नति का भाव पैदा किया। जंगल में सभी जानवर एक दूसरे के साथ संगठित रूप से काम करने लगे और उनका एक दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ा। हाथी (Elephant) के नेतृत्व में, जंगल में एक नई संरचना बन गई जो अब उस जंगल को सबसे मजबूत बनाने के लिए तैयार थी। जंगल में अब दोस्ती, सहयोग और आत्मिक एकता की भावना थी।

एक दिन, एक बड़ा शेर (Lion) जंगल में आया। शेर (Lion) जंगल का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली जानवर था और उसका आगमन सभी जानवरों के लिए खतरनाक हो सकता था।

हाथी (Elephant) ने तुरंत अपनी संख्या में वृद्धि करने का फैसला किया और शेर (Lion) से मुकाबले के लिए तैयार हुआ। बाकी जानवर भी इस संघर्ष में शामिल होने के लिए तैयार थे।

‌‌‌आखिर हाथी (Elephant) ने किस तरह से अपना रंग जमाया , एक मजेदार कहानी

शेर (Lion) आता ही था कि हाथी (Elephant) ने अपने बच्चों को संगठित रूप से उनके चारों ओर रखा। शेर (Lion) को लगा कि उसे बहुत बड़ी मुश्किल का सामना करना होगा। इस घटना से शेर (Lion) ने भी जाना कि हाथी (Elephant) और उसकी टीम को खतरे से कैसे निपटना होता है और उसने भी उन्हें सम्मान दिया। ‌‌‌और हाथी (Elephant) की इसी आदत ने शेर (Lion) के मन में उसका रंग जम गया ।

इस घटना के बाद, शेर (Lion) और हाथी (Elephant) दोनों जंगल में एक दूसरे का सम्मान करते थे और जंगल में शेर (Lion) और हाथी (Elephant) के बीच संबंधों में एक बदलाव आया था। पहले वे एक दूसरे के शत्रु थे, लेकिन शेर (Lion) ने अपनी विवेकशीलता का प्रदर्शन करते हुए इसे स्वीकार कर लिया था कि हाथी (Elephant) उससे शक्तिशाली हैं। अब दोनों मित्र बन गए थे जो आपस में मिलकर जंगल के जीवों की समस्याओं का समाधान करते थे।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो हाथी (Elephant) हमेशा जानवरो की मदद करता और उन्हे जीवन में सही रास्ता दिखाने की कोशिश करता था और यही कारण था की उसने जंगल के सभी जानवरो के मन में अपना रंग जमा लिया था । ‌‌‌अब सभी जानवर हाथी (Elephant) की बात मानते और हाथी (Elephant) के कहे अनुसार अपना जीवन जीते थे । अगर हाथी (Elephant) किसी काम को पूरा करने के लिए कहता तो जानवर वह काम पूरा करते थे । क्योकी वहां पर हाथी (Elephant) का रंग जमा हुआ था । ‌‌‌और इसी तरह से जंगल में चलता रहा ।

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