कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य, kaan katna muhavare ka arth

अगर आपका कोई कान काट लेता है तो हो गया कान काटना………. आपको बात दे की ऐसा नही समझना चाहिए क्योकी ऐसा कुछ नही होता है । बल्की इस मुहावरे का कुछ अलग ही मतलब होता है जो की आपको लेख में निचे देखने ‌‌‌को मिलने वाला है । वैसे तो वाक्य में प्रयोग भी जरूरी होते है तो आपको वह भी देखने को मिल जाएगे ।

कान काटना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कान काटनाधूर्तता या चालाकी में आगे होना

‌‌‌कान काटना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

कान वह शरीर का अंग होता है जो की आस पास क्या हो रहा है बिना कुछ देखे ही अनुमान लगा सकता है । एक अंधे व्यक्ति के लिए कान सबसे अधिक उपयोगी अंग है वह इसी अंग से सब कुछ महसुस करता है। और ‌‌‌अनुमान लगता है की आस पास क्या है । ‌‌‌और ऐसे अंग को काटने का मतलब हुआ की वह उससे आगे है ।

दूसरा की मानव के कान जो होता ‌‌‌वह सबसे नजदिक रहता है । तो इसे काटना आसान नही होता है । मगर फिर भी इसे कोई काट लेता है तो इसका मतलब होगा की वह व्यक्ति उससे आगे है । ‌‌‌अत इस तरह से कान काटने का सही मतलब चालाकी से आगे होना या धूर्तता से आगे होना होता है ।

कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

‌‌‌कान काटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग महेश ने एक कंपनी में अभी अभी काम शुरू किया था और कुछ ही महिनो में सबसे आगे बढ गया जिसके कारण से सभी कहने लगे की महेश तो कान काटना जानता है ।

2. वाक्य में प्रयोग राजनेतिक में राहुल नया ही था मगर उसने सभी के कान काट कर अपना पद सभी से उंचा बना लिया ।

3. वाक्य में प्रयोग मोदी साहब पहले एक छोटे मोटे चाय वाले थे मगर ‌‌‌आज वे देश के प्रधानमंत्री है इससे साफ समझ में आता है की उन्हे कान काटना आता है ।

4. वाक्य में प्रयोग इस आज के युग में जो कान काट लेता है वही सफल हो पाता है ।

5. वाक्य में प्रयोग विद्यालय में गायन प्रतियोगिता चल रही थी मगर वहां पर संगिता ने सबके कान काट लिए और विजेता बन गई ।

6. वाक्य में प्रयोग आज के तीन साल पहले संजना एक गरीब परिवार से हुआ करती ‌‌‌मगर पता नही उसने किस तरह से कान काटे की आज वह धनवान बन गई है ।

7. वाक्य में प्रयोग – अंबानी साहब आज बिजनेश में अनेक लोगो के कान काटते है ।

लोमड़ी कान काटना जानती थी, एक अलग तरह की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, जब जंगल में एक लोमड़ी रहती थी। वह चालाक थी और सभी जानवर उससे बहुत डरते थे। वह जंगल में सबसे आगे थी और उसे इसका बहुत गर्व था।

एक दिन, लोमड़ी के पास एक सुनहरी रोटी मिली। वह रोटी बहुत ही स्वादिष्ट थी और लोमड़ी ने उसे खाना शुरू कर दिया। उस दौरान, एक भेड़िया उसके पास आई और उसे रोटी खाने के लिए प्रश्न किया। लोमड़ी ने उसे बताया कि यह रोटी उसकी है और उसे नहीं दे सकती। भेड़िया ने लोमड़ी को धमकाया कि यदि वह उसे रोटी नहीं देती है, तो वह उसे खा जाएगा।

लोमड़ी ने सोचा कि उसे भेड़िये से छुटकारा पाना होगा और उसने एक योजना बनाई। वह भेड़िये को बताती है कि उसकी नजरों में वह अब कमजोर हो गई है और अब रोटी खाने के लिए काफी कमजोर हो गई है। भेड़िया ने उसे समझाया कि उसे अभी भी पकड़ सकता है और उसे खा जा सकता है।

चालाक लोमड़ी ने फिर सोचा और उसने भेड़िये से कहा कि वह अपने जंगल में एक महान दानव को जानती है, जो उससे बहुत बड़ा है और उससे लड़ने के लिए भेड़िया की मदद कर सकता है। भेड़िया ने लोमड़ी की बात सुनी और अगले दिन उसे ले गया जंगल के उस हिस्से में, जहां उस दानव को ढूंढना था।

जब दोनों वहां पहुंचे, तो लोमड़ी ने भेड़िये को बताया कि उसे बचने के लिए वह दानव को आकर्षित करेगी जबकि भेड़िया उस पर हमला कर सकता है। जब भेड़िया ने दानव पर हमला किया, तब वह सफलता प्राप्त करने में विफल रहा और दानव उसे खा गया।

लोमड़ी ने अपनी चालाकी से भेड़िये को मुफ्त में बचाने की सहायता कर दी और जंगल में सबसे आगे बन गई। इसे देखकर सभी जानवरों को अचंभा हुआ कि लोमड़ी कैसे ‌‌‌कान काट गई।

‌‌‌एक दिन फिर से लोमड़ी के जीवन में कुछ ऐसा होता है दरसल एक दिन लोमड़ी जंगल में घूम रही थी, तभी उसका सामना शेर से हुआ। शेर लोमड़ी के पीछे पड़ गया और उसे पकड़ने की कोशिश करने लगा। लेकिन लोमड़ी ने ‌‌‌शेर को देखा और कान काट लिया और वहां से बंच निकली ।

शेर थक गया और अपने शिकार की तलाश में दौड़ने लगा। लेकिन लोमड़ी फिर भी सतर्क रहती थी और अपनी चालाकी का इस्तेमाल करते हुए शेर को टालती रहती थी। शेर अपने शिकार की तलाश में थक गया और वहाँ से चला गया।

लोमड़ी कान काटना जानती थी, एक अलग तरह की कहानी

लोमड़ी फिर से सुरक्षित महसूस करने लगी लेकिन वह जानती थी कि शेर कभी भी वापस आ सकता है। इसलिए वह जानवरों के बीच संतुलित रहती थी और किसी भी खतरे से बचने के लिए तैयार रहती थी। ‌‌‌जब इस सब बातो के बारे में जंगल के जानवरो को पता चला तो उन्हे पहले तो यकिन नही हुआ की शेर से भला लोमड़ी कैसे बंच सकती है । तभी उन्हे याद आया की एक दिन लोमड़ी भेडिए से भी बच गई थी । और यह सब बातो के बारे में सोच कर जानवरो को समझ में आया की लोमड़ी जो है वह कान काटना जानती है ।

‌‌‌तब जंगल के जानवरो ने यह समझ लिया था की लोमड़ी से किसी का भी जीतना आसान नही होता है क्योकी वह ऐसी जानवर है जो की कान काटना अच्छी तरह से जानती है और यही कारण रहा है की वह आज तक विजय हुई है ।

जानवरो ने सोचा की शेर जैसे ताक्तवर और शक्तिशाली जानवर से बचना कोई आसान काम नही है और अगर कोई उससे ‌‌‌बच जाता है तो यह साफ समझ में आता है की वह कान काटना जानती है । ओर यह सब सोच कर जंगल का कोई भी जानवर लोमड़ी से झगड़ा नही करता था । बल्की सभी उसके साथ रहने लगे थे ।

और यह सब देख कर लोमड़ी भी सभी की दोस्त बन गई और एक साथ सभी अपना जीवन गुजारने लगे ।

इस तरह से लोमडी कान काटना जानती थी।

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