पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ, pahaad toot padna muhavare ka arth

अगर कभी पहाड़ को टूटते हुए देखे हो तो आप इस मुहावरे को समझ सकते हो । वैसे अगर अर्थ की बात करे तो इसका जो अर्थ होता है वह इस लेख में हम जान लेग और वाक्य में प्रयोग भी कर लेगे तो शुरू करते है –

पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
पहाड़ टूट पड़नाअचानक बहुत बडी विपत्ति आना या बहुत बड़ा संकट आना ।

पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे को समने का प्रयास करे

वैसे आपने पहाड़ को तो देखा ही होगा यह जो पहाड़ होता है वह विशाल और बड़े आकार वाला पत्थरो से बना होता है । जो की सामन्य भूमी से उपर उठा हुआ होता है । और जब पहाड़ को तोड़ा जाता है तो सावधानी रखी जाती है क्योकी उसके जो पत्थर होते है वे तेजी से निचे ‌‌‌की और आते है । और जो भी कोई पहाड़ के धरातल पर होता है उसे चोट लग सकती है और नुकसान हो सकता है। तो यही कारण है की पहाड़ को सावधानी से तोड़ा जाता है ।

मगर जब पहाड़ अपने आप टूट पड़ता है तो इससे लोगो के जीवन में अचानक से एक ऐसी विपत्ती आ जाती है जो की बड़ी मानी जाती है क्योकी इस कारण से लोगो की ‌‌‌जान तक जा सकती है । और इस बात से यह सिद्ध किया जा सकता है की पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ अचानक बहुत बडी विपत्ति आना या बहुत बड़ा संकट आना होता है ।

पहाड़ टूट पड़ना

पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

1. वाक्य में प्रयोग भारत मे जब कोरोना का आगम हुआ तो कोई ज्यादा सिरियस नही ले रहा था मगर जब कोरोना का भयानक रूप लोगो के सामने आया तो मानो लोगो पर पहाड़ टूट पड़ा हो ।

2. वाक्य में प्रयोग रामायण में जब भगवान राम और रावण का युद्ध चल रहा था तो भगवान हनुमान इस तरह से लड़ रहे थे जैसे मानो की रावण की सेना पर पहाड़ टूट पड़ा हो ।

‌‌‌3. वाक्य में प्रयोग बबलू यादव ने कल ही तो नया काम शुरू किया था और आज ही उसका काम बंद हो गया लगता है बबूल पर पहाड़ टूट पड़ा है  ।

4. वाक्य में प्रयोग महेश के यहां कल उसकी गाय बीमार हुई थी, और आज सुबह उसकी माता बीमार हो गई और अब उसका पीता बीमार हो गया लगता है की महेश के यहां पहाड़ टूट पड़ा है ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग अभी गेंहू की फसल के कटाई का समय था मगर तभी 10 घंटो तक लगातार वर्षा होती रही ओर किसानो की फसल नष्ट हो गई लगता है की किसनो पर दूखो का पहाड़ टूट पड़ा हो ।

‌‌‌खरगोश पर पहाड़ टूट पड़ा, एक अनोखी कहानी

एक बार एक खरगोश जंगल में रहता था। वह बहुत खुश था और खुशियों से भरपूर था। उसे खाने का भी कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि उसे जंगल में अनेक उत्तम खाद्य पदार्थ मिलते थे।

एक दिन, खरगोश को एक बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा। वह अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था जब एक शेर उसे देख लिया। शेर खरगोश के पीछे दौड़ने लगा। खरगोश बहुत तेज दौड़ने वाला नहीं था लेकिन वह दुखी था क्योंकि वह शेर से भागता हुआ अपने दोस्तों को पीछे छोड़ देगा।

शेर खरगोश के पास पहुंच गया और उसे पकड़ने वाला था। खरगोश के पास बचने का कोई रास्ता नहीं था। उसने सोचा कि अगर शेर को धोखा दिया जाए तो शायद उसे बचाया जा सके। वह उसी समय एक झूठी दौड़ लगाकर शेर के एक साइड में चला गया और फिर उसने एक तेज ताकत से एक टहनी मारी। शेर उस झटके से उलट गया और खरगोश निकलकर भाग गया।

खरगोश शेर से बच गया लेकिन उसका एक पैर चोट लग गया था। वह अब ठीक से दौड़ नहीं पा रहा था। उसने अपने दोस्तों को बताया कि उसे ठंड लग रही है और वह अपनी जान बचाने के लिए थोड़ी देर के लिए शांत बैठना चाहता है।

उसी वक्त एक व्यापारी वहां से गुजर रहा था। वह उस खरगोश को देख लिया और सोचा कि उसे अपने बच्चों के लिए एक अच्छा उपहार मिल जाएगा। वह खरगोश को पकड़ लिया और अपने बच्चों को दिया। बच्चे बहुत खुश थे और उन्होंने उसे खाने के लिए तैयार कर दिया।

व्यापारी ने देखा की खरगोश बीमार है । खरगोश की स्थिति बहुत खराब थी ।  व्यापारी को खरगोश की स्थिति से दुःख हुआ और उसने अपनी सेवाओं की पेशकश की। वह खरगोश को अपने साथ ले गया और उसे अपने घर में ले आया। उसने खरगोश को एक सुविधाजनक स्थान पर रखा जहां वह चिकित्सा और देखभाल प्राप्त कर सकता था।

व्यापारी ने खरगोश के लिए एक अनुभवी चिकित्सक को बुलाया जो उसे ठीक करने में मदद कर सकता था। चिकित्सक ने खरगोश को जांचा और उसकी देखभाल की गई। व्यापारी ने उसे अपनी देखभाल के बाद धीरे-धीरे ठीक होने लगा और उसकी स्वस्थता में बहुत सुधार हुआ। व्यापारी ने उसे अपने घर में रखा और उसकी देखभाल की। खरगोश को ठीक होते देख व्यापारी को बहुत खुशी हुई।

व्यापारी ने खरगोश को सेवा करने के लिए कोई विचार नहीं किया था। वह सिर्फ एक जीव की मदद करने के लिए खुश था। उसने खरगोश को अपने घर में रखा और उसकी सेवा करने के लिए समय निकालता रहा।

पहाड़ टूट पड़ना

खरगोश को ठीक होने के बाद, व्यापारी ने उसे वापस उसी जगह छोड़ दिया जहां उसे मिला था। ‌‌‌तब खरगोश ने बताया की वह किस तरह से बीमार हुआ था  । खरगोश ने व्यापारी से कहा की उस पर पहले शेर ने हमला किया था जिसके कारण से वह बीमार हो गया । यह  सुन कर व्यापारी ने कहा की खरगोश तुम पर तो दूखो का पहाड़ टूट पड़ा था और यही कारण है की तुम्हे काफी मुसीबतो का सामना करना पड़ा था । ‌‌‌इस तरह से कह कर व्यापारी ने खरगोश को अलविदा कहा और वहां से चला गया ।

वह अपने काम पर जारी रखा लेकिन खरगोश के बारे में सोचता रहा। उसे याद आता था कि वह खुशी की वजह सिर्फ एक जीव की मदद करने में थी। वह अपने दिल से यह महसूस करने लगा कि जीव जंतु की सेवा भी बड़े-बड़े व्यवसायों के साथ-साथ हम सभी के लिए महत्वपूर्ण होती है।

व्यापारी ने अपने व्यवसाय में इस महत्वपूर्ण तत्व को शामिल किया और उसने एक नई ‌‌‌पहचान बनाई और कहा की अगर कोई जीवन किसी को मिलता है तो उसका इलाज करना चाहिए ।

इस तरह से खरगोश पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा था ।

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