unchi dukan fika pakwan, ऊँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ

ऊँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ, unchi dukan fika pakwan muhavare ka arth aur vakya mein prayog

अगर किसी दुकान से आप पकवान लेकर आते है तो सबसे पहले यही देखते है की क्या वह पकवान सही में अच्छे और मिठे है अगर नही होते है तो आप उन्हे नही लेते है । तो इसी ‌‌‌से जुड़ा कुछ हमारा मुहावरा है तो चलिए इसके बारे में जान लेते है –

ऊँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
ऊँची दुकान फीका पकवानकेवल दिखावटी वस्तु का होना या दिखावे ज्यादा होना पर गुणवान वस्तु न होना ।

ऊँची दुकान फीका पकवान मुहावरे को समझने का प्रयास करे

उंची दुकान का मतलब यह नही है की वह बनावट मे उंची है बल्की उंची दुकान का मतलब प्रसिद्ध से होता है जैसे की कोई दुकान है जिसका शहर में खुब नाम है और हर किसी की जुबान पर केवल उसी दुकान का नाम रहता है । तो इस तरह की दुकान जो होती है वह उंची दुकान ‌‌‌होती है । और जब यह दुकान मिठाई की होती है तो सभी इन मिठाईयो के गुण को देखते है। अगर मिठाई गुणवान है तो उसे लेते है अगर गुणवान नही है तो उसे अच्छा नही है कहते है ।

क्योकी आपको पता है की मिठाई के अच्छा होने में मिठास का बहुत बड़ा हाथ होता है । ‌‌‌तो इस तरह से जो मिठाई गुणवान नही है वह फिका पकवान होता है । अत इस आधार पर यह कहा जा सकता है की उंची दुकान फिका पकवान मुहावरे का अर्थ केवल दिखावटी वस्तु का होना या दिखावे ज्यादा होना पर गुणवान वस्तु न होना होता है ।

unchi dukan fika pakwan, ऊँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ

‌‌‌उंची दुकान फिका पकवान मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग शहर में भारतीय मसाला नामक दुकान को सभी जानते है मगर है पूरी उंची दुकान फिका पकवान की तरह ।

2. वाक्य में प्रयोग शहर मे किसनलाल की दुकान बादाम के लिए प्रसिद्ध है मगर जब शर्मा जी विदेश से बादाम लेकर आते है तो उन्हे पता चलता हैकी किसनलाल की दुकान तो उंची दूकान फिका पकवान है।

‌‌‌3. वाक्य में प्रयोग मंत्री साहब अपनी बेटी की शादी में शहर की सबसे बड़ी दुकान में मिठाईयो का ऑडर देने के लिए जाते है मगर जब मिठाई चख कर देखते है तो कहते है उंची दुकान फिका पकवान ।

4. वाक्य में प्रयोग मोदी साहब चाय पीने के लिए हॉटल में जाते है तो उन्हे चाय को जरा सा पीते है और कहते है उंची दुकान फिका पकवान ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग रवी ने कहा की बेटी के विवाह में रामलालहलवाई को लेकर ही आएगे, मगर तभी उसके भाई ने कहा उंची दुकान फिका पकवान  ।

‌‌‌बंदर (Monkey ने कैसे समझा उंचा दुकान फिका पकवान सही नही है, एक मजेदार कहानी

एक बार एक बंदर (Monkey एक छोटी सी दुकान खोल लिया। वह दुकानदार बन गया और लोगों के लिए अपनी दुकान में गुणवत्ता की वस्तुओं की विस्तारपूर्वक विविधता लाने की कोशिश करता था। लेकिन उसकी दुकान से कुछ खास बिक्री नहीं होती थी, इसलिए वह हमेशा तंग था।

बंदर (Monkey को दुकान में गुणवत्ता की वस्तुओं की कमी अहसास हुआ। वह बिक्री के लिए अधिक और बेहतर वस्तुओं की तलाश में घूमने लगा। लेकिन अपने जंगल में उसे उसी प्रकार के वस्तुएं मिली जो उसने अपनी दुकान में लाई थी।

एक दिन, उसने एक बड़ा स्टॉक इकट्ठा किया जिसमें गुणवत्ता की वस्तुएं शामिल थीं जो उसे अलग बनाती थीं। लोग दुकान में आने लगे और वह अपनी वस्तुओं को दिखाने लगा। लोगों को वह वस्तुओं की गुणवत्ता पर ध्यान देने को कहता था और उन्हें स्पष्ट करता था कि वह उनकी मांगों के अनुसार अधिक गुणवत्ता की वस्तुओं की खोज में है।

वस्तुओं की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए, बंदर (Monkey की दुकान जल्द ही लोगों के बीच लोकप्रिय हो गई। उसने अपनी दुकान को और भी सुंदर बनाने के लिए कुछ खास प्रयास किए।

बंदर (Monkey ने दुकान की सुविधाओं को बढ़ाया और उसमें ग्राहकों के लिए सुविधाएं जोड़ीं। वह अपने ग्राहकों के लिए सही सलाह देने लगा और उनके समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करता था। उसने अपनी दुकान को एक साथ रखा और ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव देने की कोशिश की।

इस तरह से, बंदर (Monkey ने अपनी दुकान को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। वह अपनी दुकान में अब बहुत सारी गुणवत्ता की वस्तुएं बेचता था और उसे ग्राहकों का समर्थन भी मिलता था। बंदर (Monkey की दुकान की गतिविधियों के कारण उसकी दुकान बहुत जल्दी सफल हो गई। बंदर (Monkey ने गुणवत्ता और मूल्य के साथ उत्पादन करने के लिए अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। इससे उसके ग्राहकों के मध्य संतुष्टि और उसके व्यापार में विस्तार हुआ।

बंदर (Monkey अपनी दुकान की सफलता से बहुत खुश था, लेकिन दो-तीन सालों के बाद उसे लगा कि दुकान प्रसिद्ध हो गई है और उसे लगा कि वह अब गुणवत्ता को नजरअंदाज कर सकता है। उसने फिर से गुणवत्ता से कम मूल्य वाली वस्तुओं का उत्पादन शुरू कर दिया।

उन वस्तुओं के गुणवत्ता बहुत कम थी, और बंदर (Monkey को उन्हें उच्च मूल्य पर बेचने में कठिनाई होती थी। उसे अपनी दुकान को बहुत नुकसान हुआ था। ‌‌‌और जंगल के लोगो ने बंदर (Monkey से कहा की भाई बंदर (Monkey तुम्हारी दुकान में तो वही बात हो हरी है उंची दुकान फिके पकवान । और इस तरह से जानवर कहते जा रहे थे और उसकी दुकान पर आना बंदर (Monkey कर देते है ।

बंदर (Monkey को यह बात समझ में आ गई कि अगर वह अपनी दुकान को दोबारा सफल बनाना चाहता है, तो उसे गुणवत्ता और मूल्य दोनों को संतुलित रखना होगा। इसलिए, वह फिर से अपने उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करने लगा।

उसने अपनी दुकान में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कुछ नए उत्पाद विकसित किए, जिनमें एक उत्पाद था जो उसने एक नए प्रकार के फाइबर से बनाया था। इस नए उत्पाद का उपयोग बहुत से विभिन्न वस्तुओं में किया जा सकता था, जैसे कि कपड़ों में नया डिज़ाइन, साधारण फर्शों के लिए नया मटेरियल, और अन्य उपयोगों में।

बंदर (Monkey ने उस नए उत्पाद को अपनी दुकान में लांच कर दिया और उसे बेचने में बहुत सफलता मिली। इससे उसके ग्राहक ने उसे अपनी दुकान से जुड़े रखा और अधिक उत्पादों की मांग बढ़ी। बंदर (Monkey ने फिर से दुकान को सफल बनाया था लेकिन इस बार वह अपने उत्पादों की गुणवत्ता को ‌‌‌नजरअंदाज नही किया।

बंदर (Monkey ने अपनी दुकान के लिए एक नया विज्ञापन चलाया और अपने उत्पादों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इंटरनेट पर ऑनलाइन बिक्री शुरू की। इससे बंदर (Monkey की दुकान की लोकप्रियता और मुनाफे दोनों बढ़े। उसने अपनी दुकान की गुणवत्ता के साथ-साथ मूल्य भी कम किया, जिससे उसके उत्पादों का सफल बिक्री बढ़ा।

बंदर (Monkey के उत्पादों की गुणवत्ता और मूल्य दोनों अब बेहतर थे जो उसके ग्राहकों को खुश करते थे। बंदर (Monkey को अब यह नहीं लगता था कि वह अपनी दुकान में अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तु बनाने के बिना सफल हो सकता है। वह अपनी दुकान से जुड़े हुए अपने ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध बनाने लगा जो उसे और अधिक सफलता प्राप्त करने में मदद करते थे।

इस तरह से बंदर (Monkey ने फिर से अपनी दुकान को सफल बनाया और अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। उसने गुणवत्ता और मूल्य दोनों को संतुलित रखकर अपनी दुकान को ‌‌‌चलाता रहा ।

बंदर (Monkey को एक दिन अपने एक ग्राहक ने जब पूछा कि आप इतने सारे सामान कैसे बनाते हो जो इतने सस्ते होते हैं तो बंदर (Monkey ने बताया कि वह इन सभी सामान को स्वयं बनाता है और उन्हें सस्ते में बेचता है। ग्राहक ने अचानक सवाल किया कि अगर आप इतने गुणवत्ता वाली चीजें बना सकते हैं, तो फिर आप उन्हें थोड़े महंगे भी बेच सकते हैं।

बंदर (Monkey ने यह सुनते ही खुशी से भर जाया और ग्राहक को धन्यवाद देते हुए बताया कि यह सही है। वह उन सभी गुणवत्ता वाली चीजों को थोड़े ज्यादा मूल्य में बेचना शुरू कर दिया। उनकी दुकान के ग्राहकों ने इस नए बदलाव को बहुत अच्छी तरह से स्वीकार किया और उनकी दुकान एक और बार फिर से बहुत प्रसिद्ध हो गई।

बंदर (Monkey ने अपनी दुकान को बदलने से नहीं घबराया बल्कि अपने ग्राहकों के सुझावों को सुना और उनके अनुसार अपनी दुकान को बेहतर बनाने के लिए काम किया।  दुकान में बंदर (Monkey की नई बनाई गई वस्तुओं की सप्लाई शुरू होने के साथ-साथ, उनकी पहली गुणवत्ता वाली वस्तुओं की डिमांड भी बढ़ने लगी। लोग अब बंदर (Monkey की दुकान में आकर गुणवत्ता वाली वस्तुओं को खरीदने लगे थे।

बंदर (Monkey ने अपने अनुभव से सीखा था कि गुणवत्ता बढ़ाना सबसे बड़ा टिकाऊ उपाय है। वह अब अपने दुकान में गुणवत्ता वाली वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों को गारंटी भी देने लगा था। इससे उनकी दुकान की प्रतिष्ठा और भी बढ़ गई थी।

कुछ समय बाद, बंदर (Monkey की दुकान ने नए आयाम भी प्राप्त किए। अब वह न केवल बिक्री और गुणवत्ता में अग्रणी था, बल्कि उन्होंने अपनी दुकान को आधुनिक तकनीक और डिजिटल मार्केटिंग के साथ जोड़ दिया था। इससे उनकी दुकान ने ऑनलाइन भी उपस्थिति बनाई और लोग अब उनकी दुकान में ऑनलाइन भी खरीदारी कर सकते थे।

आज, बंदर (Monkey की दुकान पूरे शहर में प्रसिद्ध हो ‌‌‌गया ।

unchi dukan fika pakwan, ऊँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ

बंदर (Monkey के सफलता का रहस्य उसकी निष्ठा, कौशल और अदम्य उत्साह में छिपा था। उसने कभी हार नहीं मानी और बार-बार बिना गुणवत्ता वाली वस्तु बनाने का प्रयास किया। उसने कहा था कि वह गुणवत्ता से नहीं, बल्कि मूल्य से बेहतर हो सकती है। वह अपने ग्राहकों को समझाता था कि उन्हें उस चीज की आवश्यकता है, न कि उसकी ब्रांड के नाम पर पैसे बर्बाद करने की।

बंदर (Monkey की दुकान फिर से अधिक सफल हुई। उसकी वस्तुओं की मांग इतनी बढ़ गई कि उसने अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए एक और दुकान खोल दी। उसने अपने काम को और ज्यादा सुधारने के लिए दूसरों की मदद भी ली। उसने अपनी दुकान के लिए अन्य लोगों को भी रोजगार का मौका दिया।

आज बंदर (Monkey की दुकान बहुत सफल है और वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए और भी बड़ी पहल कर रहा है। उसने अपने दुकान के उत्पादों का नामकरण और अपनी वेबसाइट बनाने के लिए अंग्रेजी भी सीखी है। उसके बाद से, बंदर (Monkey की दुकान और भी ज्यादा प्रसिद्ध हो गई। लोग उसकी वस्तुओं के लिए दुकान पर खड़े लाइनों में लगे रहते थे। लेकिन बंदर (Monkey कभी भी उन्हें गुणवान वस्तु नहीं बेचता था। वह सबसे सस्ते मूल्य पर उत्पाद बनाता था, जिससे उन्हें भी मुनाफा होता था।

बंदर (Monkey की यह कहानी लोगों को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है – कि एक सफल व्यवसायी बनने के लिए, आपको अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुसार उत्पादों की कीमत को निर्धारित करना चाहिए। आपके ग्राहक उस उत्पाद के लिए तैयार होंगे, जो वह सस्ते मूल्य पर प्राप्त कर सकते हैं।

‌‌‌इस तरह से बंदर (Monkey की कहानी लोगो को बताती है की हमेशा अपने कार्य को उंची दुकान फिका पकवान की तरह नही करना चाहिए । इससे नुकसान होता है ।

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