कान भरना मुहावरे का क्या अर्थ होता है जानिए एक सरल भाषा में

कान भरना मुहावरे का अर्थ , kaan bharna muhavare ka arth aur vakya prayog

क्या आप भी यह जानने के लिए आए है की कान भरना क्या है । और इसका मतलब क्या होता है तो आपको बता दे की बिल्कुल सही स्थान पर आए है । क्योकी यह एक ऐसा मुहावरा है जो काफी लोगो को परेशान कर चुका है । तो हम आपको इसके बारे में बिल्कुल सही ‌‌‌जानकरी देगे ।

कान भरना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कान भरना‌‌‌किसी के मन में दूसरे के लिए गलत बात भरना ‌‌‌या चुगली करना ।

‌‌‌कान भरना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

एक महिला हमेशा ही अपने पास रहने वाली महिला के लिए हमेशा दूसरो को बुरा भला कहती रहती है । जैसे की एक सास होती है तो वह अपनी बहूं की चुगली करती है और ठिक वैसे ही एक बहूं अपनी सांस की चुगली करती है ।

इसे समझने के लिए मान ले की एक बहूं अपनी सांस की चुगली ‌‌‌कर रही है तो बहू अपनी सांस के बारे में किसी दूसरी महिला के मन में गलत बात बैठाती है । तो जब ऐसा होता है तो इसे कान भरना कहा जाता है । क्योकी यह एक तरह से कान भरने के समान ही होता है । तो इस आधार पर कान भरना मुहावरे का अर्थ ‌‌‌किसी के मन में दूसरे के लिए गलत बात भरना ‌‌‌या चुगली करना होता है ।

कान भरना मुहावरे का क्या अर्थ

‌‌‌कान भरना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

वाक्य में प्रयोग सुसिला का अभी अभी विवाह हुआ था और अभी वह कान भरने भरने लगी है ।

वाक्य में प्रयोग लगता है की आज कोई तुम्हारे कान भर कर गई जिसके कारण से ही तुम मुझसे ऐसी बाते कर रही हो ।

वाक्य में प्रयोग सरोज की पड़ोसन ने सरोज के उसकी सास के बारे में कान भर दिए जिसके कारण से सरोज अपनी सांस से ‌‌‌झगड़ा किया ।

वाक्य में प्रयोग राजा साहब के कान भर कर मंत्री ने रामू को बेवजह सजा दिला दी ।

खरगोश ने आखिर क्यो भरा बंदर का कान, एक प्रसिद्ध कहानी

एक बार की बात है किसी शहर में एक खरगोश रहता था जो अपना जीवन सुख से व्यतीत कर रहा था। उन्हें अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना अच्छा लगता था, और उन्हें अपनी दैनिक गतिविधियों में जाने में मज़ा आता था। हालाँकि, एक दिन खरगोश के लिए कुछ बदल गया; वह शिकार बन गया। शहर तेजी से खतरनाक होता जा रहा था, और उसके सुरक्षित रूप से इसे पार करने की संभावना कम होती जा रही थी। इसके बावजूद, खरगोश हमेशा की तरह अपना जीवन व्यतीत करता रहा; वह सिर्फ यह जानकर खुश था कि वह अभी भी जीवित है। दुर्भाग्य से, एक शाम शहर आग की लपटों में घिर गया और खरगोश ‌‌‌भाग कर जंगल में चला गया और एक वर्ष से वहां पर अपना जीवन बिताता था । खरगोश को साथी मिले और उसका वहां पर एक परिवार बन गया था ।

खरगोश का जीवन बहुत अच्छा चल रहा था कि तभी एक बंदर आया और परेशान करने लगा। बंदर हमेशा खरगोश का भोजन प्राप्त करने की कोशिश कर रहा था, और वह खरगोश को बहुत परेशान कर रहा था। आखिरकार बंदर इतना बोल्ड हो गया कि उसने खरगोश की पूँछ तक छीनने की कोशिश की! खरगोश इतना गुस्से में था ‌‌‌कि उसने फैसला कर लिया की वह बंदर से बदला लेकर रहेगा ।

जब खरगोश रोज बंदर को देखता तो वह निराश हो जाता। बंदर हमेशा चीजों पर चढ़ता या शोर करता। खरगोश बंदर को सबक सिखाना चाहता था, लेकिन उसे नहीं पता था कि कैसे। यदि आपने कभी सोचा है कि एक बंदर एक पेड़ में कैसे फंस जाता है, तो यह शायद इसलिए है क्योंकि वे केले के एक विशाल कटोरे की तलाश कर रहे थे जो उसके ठीक नीचे रखा गया था। खरगोश ने केले तैयार किए ताकि बंदर आकर उन्हें ले जाए और फिर बंदर पेड़ में फंस जाए।

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मगर ऐसा कुछ नही हुआ क्योकी बंदर किसी तरह की परेशानी मे नही फसा बल्की बंदर ने सारे केले खा लिए और वहां से चला गया । और यह देख कर खरगोश काफी परेशान हो गया ।

खरगोश ने दुश्मनी भुलाकर बंदर से दोस्ती करने की कोशिश की और बंदर मान गया। बंदर पहले तो खुश हुआ लेकिन फिर शक करने लगा। उसने सोचा कि खरगोश उसे धोखा देने की कोशिश कर रहा है इसलिए उसने खरगोश पर कड़ी नजर रखी। लेकिन आखिरकार, वे अपनी दुश्मनी पर काबू पाने में सफल रहे और एक मजबूत दोस्ती कायम की।

‌‌‌इस बात को एक वर्ष बित गया । तभी सब कुछ सही चल रहा था मगर खरगोश ने बंदर से बदला लेना था तो उसने बंदर को उसके साथियो के बारे में कहा की वह तुम्हे मानते नही है और तुम्हारी एक भी बात नही सुनते है । इस संगठन में केवल तुम ही ऐसे हो जो की सबसे अधिक ताक्तवर और ज्ञानी हो । खरगोश की बात सुन कर बंदर ‌‌‌काफी खुश हो रहा था । मगर इसका मतलब यह नही है की खरगोश सच में ऐसा था ।

जैसे ही बंदर ने अपने काम के सहयोगियों के माध्यम से ब्राउज किया, उसने देखा कि उसके संगठन में कई बंदर थे जो चाहते थे कि उसे उसके पद से हटा दिया जाए। खरगोश ने बंदर से कुछ कारण साझा किए कि इतने सारे लोग क्यों चाहते हैं कि वह चला जाए और कैसे उसे यकीन था कि उसे जल्द ही बाहर कर दिया जाएगा। बंदर ने अपनी स्थिति के बारे में खुलकर और रचनात्मक होने के लिए खरगोश का आभारी महसूस किया।

खरगोश ने आखिर क्यो भरा बंदर का कान, एक प्रसिद्ध कहानी

‌‌‌और उसने अपने संगठन के लोगो के साथ झगडा शुरू कर दिया और कहा की तुम लोग मुझे अपने संगठन से बहार निकाल रहे हो बल्की यह संगठन मेरे कारण से ही बना हुआ है । यह बात सुन कर बंदरो को पता नही था । मगर खरगोश के समझाने के कारण से बंदर सभी को ऐसा ही कह रहा था ।

और इस बात का नतिजा यह हुआ की सभी बंदरो ने ‌‌‌यह फैसला लिया की इस संगठने में खरगोश का दोस्त बंदर नही रहेगा । और इस तरह से उसे संगठन से अलग कर दिया गया । बंदर को पता चला की खरगोश उसका दूश्मन नही है उसी ने संगठन से उसे बहार निकाला है ।

तब बंदर को पता चल गया की खरगोश ने उसके कान भरे थे और यही कारण है की आज वह संगठन से अलग हो गया है । हालाकी इस बात के कारण से खरगोश और बंदर की दोस्ती टूट गई । मगर बंदर को पता चला की किसी की भी बात पर भरोषा नही करना चाहिए । क्योकी यहां पर बहुत से ऐसे है जो कान भरते रहते है ।

इस तरह से दोस्तो ‌‌‌बंदर के कान भरे गए थे ।

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