अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ, akal par pathar padna

अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ, akal par pathar padna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

बहुत से लोग समझते है की जब किसी के सिर पर पर पत्थर पड़ जाता है तो इसे अक्ल पर पत्थर पड़ना कहा जाता है । मगर उन लोगो को यह पता नही है की ‌‌‌मुहावरे का अर्थ इतना सरल नही होता है । बल्की इसका अर्थ कुछ और ही होता है और उसके बारे में जानने के लिए आपको लेख देखना होगा । क्योकी बिना पढने के बावजूद आपको कुछ पता नही चलेगा । तो चलिए जानते है की अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ क्या है और इसका वाक्य में प्रयोग किस तरह से होता है

‌‌‌अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
‌‌‌अक्ल पर पत्थर पड़नाबुद्धि का काम न करना या बुद्धि भ्रष्ट हो ‌‌‌जाना ।

‌‌‌अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

अगर आपकी अक्ल पर कोई पत्थर पड़ जाता है तो इसे अक्ल पर पत्थर पड़ना नही कहते है । बल्की अक्ल को बुद्धि का देवता माना जाता है जो की पूरे शरीर को बुद्धि प्रदान करता है और सब कुछ कार्य करवाता है । मगर वही पर पत्थर  पड़ने का मतलब है बुद्धि ‌‌‌के देवता की शक्ति खत्म हो गई ।मतलब बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है । और आप जैसे महान विद्वान लोगो को यह तो पता है की जब बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है तो बुद्धि काम नही करती है । और इसे ही अक्ल पर पत्थर पड़ना कहा जाता है ।

इस तरह से विद्वानो अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ बुद्धि का काम न करना या बुद्धि भ्रष्ट हो ‌‌‌जाना ‌‌‌होता है ।

अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ, akal par pathar padna

‌‌‌शेर की ‌‌‌अक्ल पर पत्थर पड़ना , एक प्रसिद्ध कहानी

पहले के समय में शेर जंगल का राजा होता था। वह जंगल में जानवरों पर शासन करता था और उन्हें सुरक्षित रखता था। शेर बहुत मजबूत और बहादुर था, और उसने हमेशा अपने राज्य की रक्षा किसी से भी की जो उसे नुकसान पहुँचाने की कोशिश करता।

जंगल का शेर बहुत ताकतवर था जिससे सभी डर जाते थे। शेर किसी भी जानवर को मार सकता था जिसे वह चाहता था और लोग उससे हमेशा डरते थे। शेर जंगल में रहता था और सिर्फ बड़े जानवरों को मारता था। लेकिन हाल ही में उन्होंने छोटे जानवरों को भी मारना शुरू कर दिया है  ।

शेर ने आज तक हिरण का शिकार नहीं किया था लेकिन आज करने वाला था। शेर के सलाहकारों ने उसे बताया कि उसे एक हिरण को मारने की जरूरत है क्योंकि यह उसे सर्दियों के लिए ऊर्जा और ताकत देगा। शेर ने उनकी सलाह मानी और हिरण की तलाश में निकल पड़ा। कई दिनों की खोज के बाद, आखिरकार उसे एक मिल ही गया। जैसे ही वह करीब आया, हिरण भाग गया और शेर ने पीछा किया। उसने हिरण को पकड़ लिया और उस पर हमला कर दिया, जिससे वह तुरंत मर गया।

  शेर ने हिरन को मारकर अपना पेट भर लिया। यह एक अच्छी बात थी क्योंकि इसका मतलब था कि वह खा सकेगा और जीवित रह सकेगा। और हिरण को मारने के बाद में शेर काफी खुश था क्योकी उसे काफी उर्जा मिलने वाली थी । और शेर ने अपने सलाहकारो के साथ जश्न भी मनाया ।

जानवरों के शोधकर्ताओं ने देखा है कि शेर ने हाल ही में अपने शिकार के व्यवहार को बदल दिया है और वे अब हिरणों पर अधिक बार हमला कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन हमलों में कुछ हिरण बच भी रहे हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि शेर के हमलों से उनके शरीर पर निशान वाले हिरनों की संख्या में वृद्धि हुई है। शेर के शिकार व्यवहार में इस बदलाव के कारण हिरण, हाथी और भैंस जैसे बड़े खेल जानवरों की आबादी में वृद्धि हुई है।

शेर ने लोमड़ी को मारने की योजना बनाई। शेर ने सोचा कि यह आसान होगा, लेकिन लोमड़ी चालक थी और भाग निकली। यह कहानी बुद्धि की शक्ति को दर्शाती है और यह भी बताती है कि कैसे यह कभी-कभी सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को भी हरा सकता है।  ‌‌‌मगर जब लोमड़ी भाग रही थी तो शेर भी उसका पीछा कर रहा था । और शेर लोमड़ी का पीछा नही छोड रहा था ।

लोमड़ी ने अपनी चतुराई दिखाते हुए शेर को एक गुफा में बंद कर दिया। शेर खुश नहीं था, लेकिन लोमड़ी ने कहा कि अगर शेर उसे पकड़ सकता है तो वह उसे छोड़ देगा। शेर ने लोमड़ी को पकड़ने की कई बार कोशिश की, लेकिन वह हमेशा एक कदम आगे ही रहता था। आखिरकार शेर थक गया और उसने हार मान ली। लोमड़ी ने फिर उसे ‌‌‌उसी गुफा में बंद कर दिया और वहां से चला गया ।

शेर कई दिनों तक गुफा में बंद रहा, जिससे शेर बहुत कमजोर हो गया। शेर के संघर्ष किया मगर वह गुफा से बाहर नही निकल पाया था । इस कारण से शेर गुफा में रहा और मदद के लिए पुकारता रहा । मगर दस दिन बित गए कोई नही आया । तब शेर ने सोचा की लोमड़ी एक चालाक जानवर है और उसने उसे ही मारने की कोशिश की है ‌‌‌।

‌‌‌शेर की ‌‌‌अक्ल पर पत्थर पड़ना , एक प्रसिद्ध कहानी

 अगर मैं लोमड़ी को नही मारने की सोचता तो ऐसा नही होता । तभी शेर ने बोला मेरी तो अक्ल पर पत्थर पड़ गया था जो की मैंने लोमड़ी को मारने की सोची । तभी शेर को याद आया की वह तो यह सब कुछ अपने ही मन में बोल रहा था मगर वह सच में बोल देता है ।

मगर इससे कुछ नही हुआ क्योकी सुनने वाला कोई नही था । कुछ ‌‌‌समय के बाद मे शेर को वहां पर लोमड़ी दिखी तो शेर ने आवाज लगाई और लोमड़ी को दया आ गई और शेर को छोड़ दिया । शेर गुफा से बहार निकला तो काफी कमजोर था और उसने लोमड़ी से माफी मागी और कहा की मैं मुर्ख था जो की तुम्हारे जैसी चालाक लोमड़ी को मारने की कोशिश कर रहा था ।

मेरी तो अक्ल पर पत्थर पड़ गया ‌‌‌जो मैं ऐसा कर रहा था । तब शेर ने लोमड़ी से कहा की आगे से वह कभी भी किसी लोमड़ी को नही मारेगा । और ऐसा ही हुआ क्योकी शेर अपने जीवन में कभी भी लोमड़ी को नही मार सका ।

इस तरह से शेर की अक्ल पर पत्थर पड़ा था ।

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