हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ, hriday bhar aana muhavare ka arth aur vakya mein prayog

हृदय खुन का संचार करता है और आपको यह बात पता है । मगर क्या आपको पता है की इस हृदय पर एक प्रसिद्ध मुहावरा है जो की हृदय भर आना होता है । और अब रही बात यह की इस मुहावरे का ‌‌‌अर्थ क्या होता है और इसका वाक्य में प्रयोग किस तरह से होगा । तो टेंसन लेने की कोई जरूरत नही है आपका भाई, आपका गुरू, आपका साथी आपके लिए तैयार है । लेख देखे और सब कुछ जाने –

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
हृदय भर आना व्याकुल हो जाना या द्रवित हो जाना ।

हृदय भर आना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

विद्वानो आपको यह तो पता है की हृदय जो होता है वह खुन का संचार करता रहता है और खुन को सभी कोशिकाओ से वापस लेता रहता है । तो जब आपके शरीर का हृदय खुन को वापस अपने अंदर भर लेता है तो यह हृदय भरना होता है । मगर विद्वानो इस मुहावरे का मतलब ऐसा नही होता है ।

‌‌‌दरसल विद्वान साथियो जब हम किसी को दुखी देखते है और उसके दुख के कारण से हम भी दुखी हो जाते है या व्याकुल हो जाते है तो इसे हृदय भर आना कहते है । जैसे की आपने सुना होगा की आपके दुखो को जान कर मेरा तो हृदय भर आया । तो इस तरह से हृदय भरने का मतनल व्याकुल हो जाना या द्रवित हो जाना होता है ।

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

हृदय भर आना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग एक फोजी ने जब अपने दुखो के बारे में मुझे बताया तो मेरा हृदय भर आया ।

वाक्य में प्रयोग जैसे की मैंने सुना की महेश का एक्सीडेंट हो गया है तो मेरा तो हृदय भर आया ।

वाक्य में प्रयोग जमुना जी रात को तो पूरी तरह से ठीक थी और आज उनका देहांत हो गया यह बात सुनते ही मेरा हृदय भर आया ।

‌‌‌वाक्य में प्रयोग अगर आपने एक बार मेरे दुखो के बारे में जान लिया तो आपका भी हृदय भर आएगा ।

वाक्य में प्रयोग भारत के गरीब लोगो की जब भी मैं सोचता हूं तो हृदय भर आता है ।

कैसे एक शेर का हृदय भर आया, एक प्रसिद्ध भारतिय कहानी

1960 के दशक की शुरुआत में केन्या ‌‌‌नाम के एक भारतिय जंगल में एक शेर रहा करता था। शेर का नाम सेसिल था और वह इतिहास के सबसे प्रसिद्ध शेरों में से एक था। इतिहास के सबसे चर्चित शेरों में से एक सेसिल शिकार के मामले में दूसरे शेरों से काफी बेहतर था। वह पहले अपने शिकार के बारे में जानता था और फिर उसका शिकार करता था। ऐसा इसलिए है क्योंकि सेसिल को सूंघने की बहुत तीव्र समझ थी और वह अपने शिकार का पीछा करने में बहुत कुशल था।

सेसिल, एक प्रसिद्ध शेर जो अपने शिकार कौशल के लिए जाना जाता था, जानवरों को शिकार करने से पहले भागने का उचित मौका देता था। वास्तव में, यदि वे घायल हो जाते थे तो उन्होंने भागने में भी उनकी मदद की थी। वह हमेशा उन्हें भागने का समय देता और कभी उनका शिकार नहीं करता अगर वे उसके या उसके गौरव के लिए खतरा पैदा नहीं करते। सेसिल क्षेत्र के सबसे सम्मानित शेरों में से एक थे और लोग अक्सर उन्हें “द जेंटल जायंट” के रूप में संदर्भित करते थे।

‌‌‌जब जानवर भागते थे तो सेसिल नामक शेर उनका पीछा करता और उन्हे पकड़ लेता अगर शिकार पड़ा जाता तो सेसिल नाम का शेर उन्हे मार कर खा जाता था । अगर शिकार भाग निलकता था तो फिर कभी भी सेसिल शेर उन्हे नही मरता था ।

सेसिल, एक शेर जो कभी जंगल में रहता था, को अपने बाड़े से भागने का अवसर दिया गया। सेसिल हमेशा हिरणों द्वारा मोहित किया गया था और वह एक हिरण का शिकार करना चाहता था। हालांकि, अगर वह कभी जंगल में फिर से शिकार करने का मौका लेना चाहता है तो उसे कुछ बाधाओं को पार करना होगा। ‌‌‌और उन बाधाओ को पार कर कर ही सेसिल शेर शिकार करता था ।

सेसिल शेर ने अंत में एक हिरण को देखा और उसे मारने के लिए उसका पीछा किया । और धिरे से जाकर हिरण को पकड़ लिया । जिसके बाद में शेर काफी जोरो सोरो से हंसने लगा हां…… हां…… हां…… । यह आवाज सुन कर हिरण डर गया और वह भागने ही वाला था तभी शेर ने उसे पकड़ लिया । हिरण ने अपने आप को छोड़ने ‌‌‌के लिए शेर से विनती की । मगर शेर नही माना । अंत में शेर ने हिरण को भागने को कहा और कहा की जब तक तुम भागते रहोगे और मुझसे बच जाओगे तो मैं तुम्हे जाने दूगा ।

शेर हिरण को पकड़ने की कोशिश करता रहा, लेकिन हिरण आगे भागता रहा। अंत में शेर ने हिरण को पकड़ लिया ।

‌‌‌तब हिरण ने अपने प्राण बचाने के लिए एक योजना बनाई और शेर से कहा की आप इतने महान और ज्ञानी लग रहे हो जो की मरने वाले की अंतिम इच्छा जरूर पूरी कर सकते है । तब शेर ने हिरण से कहा की क्या इंच्छा है तुम्हारी बता दो ।

तब हिरण ने शेर से कहा की मैं तुम्हे अपने जीवन के दुखो के बारे में बताना ‌‌‌चाहता हूं । और इतना कह कर  हिरण ने शेर को अपने जीवन के दुखों के बारे में बताया। ‌‌‌हिरण के दुखो के बारे में जान कर शेर का हृदय भर आया और वह रोने लगा और कहा की यार तुम्हारे जीवन में तो काफी दुख है और मैं एक दुखी जानवर को मार कर स्वयं दूखी नही होना चाहता हूं । और इस तरह से शेर ने उसे छोड़ दिया ।

कुछ समय बिता तो शेर ने स्वयं को संभाला और देखा की हिरण उसके पास नही है । और ‌‌‌यह देख कर शेर को समझ में आ गया की जैसे ही मैंने हिरण के दुखो को जाना मेरा हृदय भर आया और मोका पाते ही हिरण फरार हो गया ।

इस तरह से हिरण अपनी जान बचाने में सफल रहा । मगर बचा वह शेर और उसने यह सब किसी को नही बताया क्योकी उसो पता था की अगर वह अपने परिवार को यह सब बताएगा तो उसका मजाक बन जाएगा ‌‌‌। तब से शेर ने स्वयं से वादा किया की वह कभी भी किसी के दुख को नही जानेगो । क्योकी उसकी एक कमजोरी है की वह दुखो के बारे में जान कर स्वयं व्याकुल हो जाता है और यह भुल जाता है की वह क्या करने के लिए आया है । तो इस घटना के बाद में शेर ने कभी किसी के दूखो के बारे मे नही जाना ।

‌‌‌इस तरह से शेर का हृदय भरा था और हिरण ने इसका फायदा उठाया था ।

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