खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ क्या होता है बताइए और वाक्य में प्रयोग करे

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ , khak me milana muhavare ka arth aur vakya mein prayog

खाक में मिलना एक मुहावरा है जो की आपने कई बार सुना होगा । मगर आपको इसके अर्थ के बारे में अभी तक पता नही है तो आपको बता दे की इस लेख में आपको इस मुहावरे के अर्थ के बारे में पता चलेगा ही साथ ही वाक्य में प्रयोग भी करेगे । तो लेख देखे और अर्थ जाने –

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ ‌‌‌या मतलब (Meaning in Hindi)
खाक में मिलनासब कुछ नष्ट हो जाना

खाक में मिलना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

दोस्तो खाक का अर्थ होता है धुल या मिट्टी और मिलने का मतलब होता है नष्ट होना । तो इस तरह से जो कुछ धुल या मिट्टी में मिल जाता है वह नष्ट हो जाता है । जैसे की आपक कलपना करे की कोई जानवर है जो की मर जाता है तो उसे मिट्टी में दफना दिया जाता है । मगर ‌‌‌कुछ समय के बाद में उसका जो शरीर है वह सब कुछ नष्ट हो जाता है । तो जो शरीर है वह खाक मे मिल जाता है और खाक मे मिलना मुहावरे का अर्थ होता है सब कुछ नष्ट हो जाना ।

खाक में मिलना

‌‌‌खाक में मिलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

वाक्य में प्रयोग हमारे गाव में दो महिने पहले एक गाय की मोत हुई थी जिसे जमीन में दफना दिया गया मगर आज वह खाक में मिल चुका है ।

वाक्य में प्रयोग सुंदरलाल ने काफी पैसे कमाय थे मगर एक दिन चोर ने आकर सभी को खाक में मिला दिया ।

वाक्य में प्रयोग महेश अपने बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए पैसे इकट्ठा ‌‌‌कर रहा था । मगर तभी महेश की पत्नी की मोत हो गई और सारे पैसे खर्च हो गए और महेश के अपने बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना भी खाक में मिल गया ।

‌‌‌ वाक्य में प्रयोग जब किसन नाम का पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया तो पुरे पुलिस विभाग की इज्जत खाक में मिल गई ।

‌‌‌जानिए आखिर किस तरह से शेर खाक में मिल गया, एक प्रसिद्ध कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में शेर का राज हुआ करता था। सभी जानवर जंगल के राजा की बात मानेंगे, क्योंकि वह अन्य शिकारियों से उनकी रक्षा करने में सक्षम था। ‌‌‌मगर इसके बदले में शेर उन जानवरो में से प्रतिदिन किसी न किसी को खाता रहता था । और इस कारण से जानवर काफी परेशान थे ।

जब जंगल के जानवरों को पता चला कि शेर उन्हें खाने आ रहा है तो वे डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। उनमें से कुछ पेड़ों में भी छिप गए, लेकिन उनमें से ज्यादातर लक्ष्यहीन होकर इधर-उधर भागते रहे। जैसे ही दूसरे जानवर डर के मारे भागे, शेर ने धीरे-धीरे अपने शिकार का पीछा किया। वह जितना करीब आता गया, शिकार उतना ही भयभीत होता गया, और अंत में जैसे ही वह उसे पकड़ने वाला था- जानवरों का पूरा झुंड उछल पड़ा। दिल खोलकर हंसते हुए शेर ने पीछा किया और अपने शिकार को एक ही क्रूर काटने में पकड़ लिया! ‌‌‌उसे खाते हुए फिर शेर वहां से चला गया । और बाकी के जानवर सभी बाहर निकले ।

शेर को जो जानवर पसंद था वही उसका पसंदीदा शिकार हुआ करता था। लेकिन फिर, एक दिन, यह पता चला कि जीव को मारने और खाने के बजाय शेरों द्वारा पीछा किए जाने और पकड़े जाने में मजा आता था। जानवर का रहस्योद्घाटन था: दूसरे आपसे क्या चाहते हैं, इसके बारे में चिंता करने के लिए जीवन बहुत छोटा है। ‌‌‌मगर शेर ने जानवरो को मारना नही छोड़ा ।

शेर की उम्र कम होने लगी और अंततः उसकी ताकत इतनी कमजोर हो गई कि वह अब दो पैरों पर नहीं चल सकता था। वह जंगल में अकेले रहने को विवश है।  जब शेर 13 साल का था, उसके शरीर ने अपनी ताकत खो दी और वह अब शिकार नहीं कर सकता था या अपने गौरव की रक्षा नहीं कर सकता था। ‌‌‌अब जब भी शेर को भुख लगती थी तो वह जानवरो का शिकार करने के लिए जाता था । मगर कोई छोटे जानवर ही उसकी पकड़ में आ जाते थे क्योकी बड़े जानवर उससे बच कर निकल जाते थे ।

एक दिन शेर अब जानवरों का शिकार नहीं कर सकता था। शक्ति के अभाव में वह दुर्बल और दुर्बल हो गया था। सौभाग्य से, एक गैंडे ने उसकी कमजोरी देखी और उसका फायदा उठाने का फैसला किया। हर दिन, गैंडा तब तक इंतजार करता था जब तक कि शेर की ऊर्जा कम न हो जाए और फिर उसके मांस को खा जाए। भोजन के अभाव में शेर ‌‌‌काफी दुबला पतला होने लगा था ।

‌‌‌अभी शेर अपने जीवन के 2 वर्ष और जीता है तो उसके शरीर में इतनी भी ताक्त नही थी वह चल कर कही जा सके । और यह देखकर जंगल के जानवर खुश हो गए । अब जानवरो का किसी तरह का डर नही था क्योकी शेर की ताक्त खत्म हो गई और अब उससे कोई नही डरता है। जब यह सब शेर ने देखा तो उसे पता चल गया की अब सब कुछ खाक में ‌‌‌मिल चुका है । शेर की कोई इज्जत नही करता था । जो जानवर शेर से डरते थे अब डरते नही है क्योकी अब शेर का डर खाक में मिल चुका था । तो सभी जानवर अपना जीवन मोज मस्ती के साथ बिताने लगे ।

‌‌‌जानिए आखिर किस तरह से शेर खाक में मिल गया, एक प्रसिद्ध कहानी

अतत शेर करीब दो महिनो के अदंर मर गया था । यह देख कर जानवर कुछ पल के लिए दुखी हुए और उसके शव को जमीन में दफना ‌‌‌दिया ताकी किसी को किसी प्रकार की बदबू न आए । और अगले ही पल सभी अपना अपना काम करने लगे थे । अब जानवरो को खुश नही होने की जरूरत थी क्योकी शेर से उन्हे काफी समय पहले डर खत्म हो चुका था ।

तब सभी जानवरो को पता चला की जब किसी का अंतिम समय आ जाता है तो वह स्वयं भी खाक में मिल जाता है उससे कोई ‌‌‌भी नही डरता है । और यही शेर के साथ हुआ था । यह सब देख कर सभी कहने लगे की जो भी हो हमारे लिए कोई बुरा नही हुआ है । और सभी अपना अपना काम करने लगे थे ।

तो इस तरह से शेर को खाक में मिलना पड़ा था ।

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