अंधों में काना राजा मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग, प्रसिद्ध उल्लू की कहानी

अंधों में काना राजा मुहावरे का अर्थ, andho me kana raja muhavare ka arth aur vakya mein prayog kijiye

आज के समय में आंख का होना सबसे अधिक जरूरी है । आंख होती है तो हम जो कुछ कर सकते है वह कर सकते है । मगर आंख न होने ‌‌‌पर जीवन लगभग बर्बाद है । और ऐसा ही एक मुहावरा है अंधो में काना राजा तो आइए इस लेख में जानेगे की इसका अर्थ क्या होता है और वाक्य में प्रयोग क्या है । अगर आप कहानी पढना पसंद करते है तो एक प्रसिद्ध कहानी भी देखने को मिलेगी

अंधों में काना राजा मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
अंधों में काना राजामुर्खो के बिच में बहुत कम विदवान भी श्रेठ माना जाता है ।

अंधों में काना राजा मुहावरे को समझने का प्रयास करे

जिसके पास आंख नही वह अंधा होता है और जिसके पास एक आंख है मगर एक आंख नही है वह फुट चुकी है तो वह काना होता है । तो ऐसे में शहर के सभी लोग अंधे बन जाए और केवल एक काना व्यक्ति होता है तो वही राजा होगा क्योकी उसे भले ही थोड़ा दिखाई देता हो मगर देख ‌‌‌जरूर सकता है ।

और ऐसे काने व्यक्ति को बाकी लोगो मे से श्रेष्ठ माना जाता है । इसी कारण से कहा जाता है अंधो में काना राजा यानि मुर्खो के बिच में बहुत कम विदवान भी श्रेठ माना जाता है ।

विद्वानो दिमाग मे कुछ घुस्सा की नही यानि समझ में आया की नही । अगर आ गया है तो निचे वाक्य में प्रयोग ‌‌‌देख ले

अंधों में काना राजा मुहावरे का अर्थ
अंधों में काना राजा मुहावरे का अर्थ – 1

अंधो में काना राजा मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग  ‌‌‌इस वर्ष शर्मा जी के विद्यालय में सभी बच्चे फैल हो गए मगर राहुल ही मुश्किल से पास हो सका और अंधो में काना राजा बन गया ।

वाक्य में प्रयोग  बहुत सारे ज्ञानहिन लोगो के बिच में राहुल ने जरा सी ज्ञान की बाते कर दी और अंधो में काना राजा बन गया ।

वाक्य में प्रयोग  अमेरिका के पीएम जब भारत आए तो सभी हिंदी बोल रहे थे मगर संतोष ने दो ‌‌‌चार लाइन अंग्रेजी की बोल दी इसे कहते है अंधो में काना राजा ।

वाक्य में प्रयोग  गाव में आए साधु बाबा ने सभी को ज्ञान की बात बताई मगर मुर्खों के कुछ समझ में नही आया तभी सुरेश ने साधू बाबा को कहा की गीता में ठिक ठाक ज्ञान है यह तो वही बात हुई अंधो में काना राजा ।

‌‌‌क्यो उल्लू बना अंधो में काना राजा, ‌‌‌ऐसी प्रसिद्ध कहानी कभी नही सुनी

जंगल में अनेक तरह के पक्षी रहा करते थे । ‌‌‌एक बार की बात है एक जंगल हुआ करता था वहां पर अनेक तरह के पक्षी रहा करते थे । पक्षी अच्छी तरह से बोल लेते थे और दिन उगते ही अपना भोजन करने के लिए चले जाते थे  ।इस तरह से पक्षियो का जीवन काफी अच्छा चल रहा था । और उन्हे किसी तरह की कोई फिकर नही थी ।

एक दिन क्या होता है की जंगल के सभी पक्षी ‌‌‌सभा का आयोजन करते है जिसमें किसी महत्वपूर्ण टॉपीक पर बात होनी थी । तो सभी पक्षी के पास इस बारे में सुचना पहुंचाई जाती है । मगर उल्लू कहा रहता है किसी को पता नही था । तो उल्लू के पास सूचना पहुंचाना जरा मुश्किल था । तो सभी पक्षियो ने यह काम कोवे को दिया था ।

मगर उसने कहा की यह काम करने के ‌‌‌लि रात के समय में उल्लू को तलाशना होगा । क्योकी वह केवल रात में ही अपने घर से बहार आता है ओर वह हमे रात में ही मिल सकता है । तो कोवे ने उसी रात को उल्लू की तलाश शुरू की मगर एक रात पूरी बित गई उल्लू उसे कही पर नजर नही आया ।

दूसरे दिन कोवे ने यह बात पूरी सभा में बताई और कहा की उल्लू के पास ‌‌‌सुचना पहुंचाने के लिए में योग्य नही हूं । क्योकी मुझे रात को कुछ दिखाई नही देता है और दूसरा की मैं स्वयं भी काला होने के कारण से उल्लू को रात को नजर नही आता हूं । तो यह जो सुचना है यह कोई और ही उसे पहुंचाए ।

कोवे की यह बात सुन कर उल्लू के पास सुचना पहुंचाने के लिए चिड़िया को चुना गया । ‌‌‌चिड़िया ने सभी को कहा की उल्लू के पास सभा की सुचना पहुंचाना आम बात होगी । और अगली रात को चिड़िया सुचना पहुंचाने के लिए उल्लू की तलाश शुरू कर देती है । मगर उसे भी रात भर खोजने पर उल्लू नही मिला । तो दूसरे दिन फिर से चिड़िया ने कहा की मैं भी उल्लू के पास सुचना नही पहुंचा पाउगी कोई और ही ‌‌‌इस काम को चुने ।

 तो उल्लू के पास सुचना पहुंचाने के लिए चिल को चुना गया । क्योकी चिल की नजर तेज होती है वह दूर से ही सब कुछ देख लेती है । तो जाहिर होगा की चिल यह काम कर देगी । मगर ऐसा नही हुआ । क्योकी चिल भी रात के समय में उल्लू को नही खोज पाई थी । इसी तरह से एक एक कर कर सभी ने कोशिश की ‌‌‌मगर उल्लू की तलाश किसी को नही हुई थी । थक हार कर सभी ने रात एक सुचना तैयार की और उसे सभी जगह दिन मे लगा दिया और कहा की अगर इसे उल्लू देखता है तो वह कल सुबह हमे सभा स्थल पर मिले । अगले दि सभा आयोजन होनी ही थी ।

मगर रात को उल्लू ने यह देख लिया तो वह सभा स्थन पर पहुंच गया । जैसे जैसे बाकी ‌‌‌वहां पर आते तो वे देखते की उल्लू वही पर है । यह देख कर सभी हैरान थे क्योकी उल्लू उनमे से सबसे पहले आया था ।

अंधों में काना राजा मुहावरे का अर्थ
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अंत में जब सभी आ गए तो सभी ने उल्लू से कहा की तुम्हे तलाशना मुश्किल रहा था । तब उल्लू ने कहा की मैं केवल रात को ही मिल सकता हूं । और यह सुन कर सभी ने कहा की तुम तो हमसे काफी ‌‌‌अगल हो तुम रात को देख सकते हो और हममे से किसी को भी रात को दिखाई नही देता है। और यह बात सभी ने कही । तो सभा मे कहा गया की ऐसा गुण केवल उल्लू में है तो इस सभा का अध्यक्ष और हमरा राजा केवल उल्लू ही होगा । तो उल्लू ने कैसे मना कर सकता था ।

मगर तभी वहां पर बिल्ली आ गई और यह बस बाते सुन लेती है ‌‌‌और अपने घर जाकर अपनी सहेलियो और अपने परिवार को बताती है और अंत में कहती है की अंधो में काना राजा । तब बिल्ली की सहेलियो ने कहा की अंधो में काना राजा कैसे । तब बिल्ली ने समझाया की उल्लू दिन में नही देख सकता है और बाकी पक्षी रात को नही देख सकते है । मतलब सभी एक जैसे होते है । मगर सभी से अलग ‌‌‌उल्लू है जो रात को देख सकता है और सभी मुर्खो के बिच में बहुत कम विदवान भी श्रेठ माना जाता है और जो की उल्लू है ।

तो इस तरह से दोस्तो उल्लू जो होता है वह सभी का राजा बन जाता है ।

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