आड़े हाथों लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

aade hathon lena muhavare ka arth, आड़े हाथो लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

प्रसिद्ध मुहावरो की लिस्ट में अगर मुहावरो की बात करे तो यह भी उनमे से एक है । आपको बता दे की पिछले वर्ष में जब जीडी का एग्जाम हुआ था तो उसमें सुंदर सुंदर ‌‌‌तरीके से यह मुहावरा लिखा गया था । अत आपको इसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी जरूरी है ।

आड़े हाथों लेना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
आड़े हाथों लेनालज्जित करना या बुरा भला कहना ।

आड़े हाथों लेना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

वैसे आपको पता होगा की हमारा जो हाथ होता है वह सिधा होता है । यानि वह सिधा खड़ा होता है मगर जब वह उल्हा या तिरछा हो जाता है तो उसे आड़े कहा जाता है । आपको पता ही होगा की जब कोई किसी को ‌‌‌चांटा मारता है तो वह अपने हाथ को तिरछा कर कर ही मारता है । ‌‌‌यानि इसे आड़े हाथो कहा जाता है । वैसे आड़े हाथो लेने का मतलब बार बार मारते रहना । और वैसे ही आपको पता है की आज मानव को कोई बुरा भला कहता है या लज्जित करता है तो यह चांटा मारने के समान ही होता है । तो यही कारण है की आड़े हाथो लेना मुहावरे का अर्थ लज्जित करना या बुरा भला कहना होता है ।

आड़े हाथों लेना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

आड़े हाथों लेना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

1. वाक्य में प्रयोग संजय को काफी समय बित गया और वह हमेशा ऑफिस में लेट आता था मगर एक दिन बॉस ने उसे आड़े हाथो ले लिया और कहा की फिर ऐसा होगा तो नोकरी से निकाल दूगा ।

2. वाक्य में प्रयोग किसन और सुरेश कक्षा में झगड़ा कर रहे थे अचानक अध्यापक आ गए और दोनो को आड़े हाथो लिया ।

‌‌‌3. वाक्य में प्रयोग पंकज हमेशा अपना होमवर्क कर कर स्कूल जाता था मगर एक दिन उसने अना होमवर्क नही किया और अध्यापक को जब पता चला तो अध्यापक ने पंकज को आड़े हाथो लिया ।

4. वाक्य में प्रयोग स्कूल में गालिया देने के कारण से सज्जन को सभी अध्यापको ने आड़े हाथो लिया ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग महेश गलत काम करता हुआ पकड़ा गया इस पर सभी गाव के लोगो ने उसे आड़े हाथो लिया ।

6. वाक्य में प्रयोग गाव का सरपंच साहब लोगो का काफी रूपया खा गया और जब लोगो को इस बारे मे पता चला तो सरपंच को आड़े हाथो लेने लगे ।

‌‌‌जिराफ (Giraffe) ने पांड़ा (Panda) को आड़े हाथो लिया और फिर जा हुआ वह काफी मजेदार था

एक बार जंगल में एक पांडा (Panda) रहता था जो अपने आप में बहुत ही सुखी था। उसके पास अपना घर था और वह खुशी से अपनी खानपान करता था। उसे जंगल की दूसरी जानवरों से कोई समस्या नहीं थी और वह सभी के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहता था।

एक दिन, पांडा (Panda) खाने के लिए एक पेड़ के पास खड़ा था, तभी उसके सामने एक जिराफ (Giraffe) आ गया। जिराफ (Giraffe) उससे बात करने लगा और कुछ बातों के बाद, वह उसे ‌‌‌आड़े हाथो लेने लगा।

पांडा (Panda) बहुत दुखी हुआ और उसने जिराफ (Giraffe) से पूछा कि उसने उससे क्या गलत कहा है। जिराफ (Giraffe) ने उसे बताया कि उसे बस यह सोचता है कि पांडा (Panda) उससे छोटा है और उसे कोई महत्व नहीं है।

पांडा (Panda) ने समझा कि यह जिराफ (Giraffe) का मिथ्या धारणा है। वह जानता था कि वह जिराफ (Giraffe) से बहुत छोटा है, लेकिन उसे इसमें कोई शर्मिंदगी नहीं थी। उसने जिराफ (Giraffe) से कहा कि उसे बहुत अच्छा लगता है जब वह जंगल में सभी जानवरों के साथ रहता है और उसे अधिकतम सम्मान मिलता है

जिराफ (Giraffe) को पांडा (Panda) की यह बात सुनकर बहुत अच्छा लगा। उसे खुशी हुई कि पांडा (Panda) उससे जलने की बजाय उसे सम्मान दे रहा है। जिराफ (Giraffe) ने पांडा (Panda) से माफ़ी मांगी और उसे दोस्त बनने की पेशकश की। दोनों ने एक दूसरे से बातें करना शुरू कर दी और धीरे-धीरे वे अच्छे दोस्त बन गए। उन्होंने साथ में खेला, मिलकर खाना खाया और एक दूसरे के साथ बहुत मस्ती की।

पांडा (Panda) ने जिराफ (Giraffe) को यह सिखाया कि न केवल उनका साथ देने से बल्कि हर जानवर को समझने से हम एक दूसरे से समझोते रह सकते हैं। वे दोनों ने सबके साथ एक खुशहाल जंगल बनाया और सबको अपनी-अपनी जगह दी।

इस तरह पांडा (Panda) ने जिराफ (Giraffe) के साथ दोस्ती करके उससे बड़े-बड़े समस्याओं का सामना करना सीखा। उसने यह भी समझा कि जीवन में समस्याओं का सामना करना आम बात है और उनसे दूर भागना समस्याओं को हल नहीं करेगा। उसने जिराफ (Giraffe) से सहयोग और समझौते से समस्याओं का सामना करना सीखा जो उसके लिए बहुत ‌‌‌महत्वपूर्ण ‌‌‌हुआ ।

एक दिन जंगल में एक बड़ी समस्या उत्पन्न हुई। एक बड़ी बाढ़ आई थी जो जंगल में बहुत नुकसान पहुंचा रही थी। सभी जानवर अपने-अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते थे और भूखे-प्यासे हो रहे थे। पांडा (Panda) और जिराफ (Giraffe) ने समझौता कर लिया कि उन्हें इस समस्या का समाधान निकालना होगा। वे दोनों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर उन सभी जानवरों को अपने आप घरों में ले जाने का फैसला किया।

पांडा (Panda) ने उन सभी जानवरों को अपने आप में उनकी अपनी-अपनी जगह बनाकर उन्हें अपने घर में सुरक्षित रखा। वह जंगल के हर जानवर को समझता था और उनके अपने-अपने विशेषताओं को समझता था। जिराफ (Giraffe) ने अपनी लम्बाई के कारण सभी जानवरों को उनके घर में नहीं रख पाया। लेकिन उसने इस समस्या का समाधान निकाला जो कि वह उन सभी जानवरों को अपनी ऊंचाई से छत पर रखने में सक्षम था।

इस तरह, पांडा (Panda) और जिराफ (Giraffe) ने एक साथ काम करके समस्याओं का सामना करने का महत्व समझाया ।

‌‌‌जिराफ (Giraffe) ने पांड़ा (Panda) को आड़े हाथो लिया और फिर जा हुआ वह काफी मजेदार था

जंगल में बाढ़ के दौरान, जिराफ (Giraffe) की लम्बाई के कारण उसकी मदद से सभी जानवरों को बचाया गया था। जंगल में दोनों का समान महत्व था और दोनों के प्रकार अलग-अलग थे। इस घटना से समझा जा सकता है कि दोनों के प्रकार और आकार कोई मायने नहीं रखता, बल्कि दोनों की ज़रूरत होती है।

इस घटना से समझते हुए, हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की ज़रूरतों को समझना चाहिए और उन्हें सहायता करना चाहिए। जब हम दूसरों को सहायता करते हैं, तो हम उन्हें न केवल बचाते हैं बल्कि अपनी मदद से अपनी मूलभूत नीतियों और मानवीय मूल्यों का भी पालन करते हैं।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो पांडा (Panda) और जिराफ (Giraffe) एक दूसरे के दोस्त बन जाते है । वैसे दोस्त बनने से पहले एक बार जिराफ (Giraffe) ने पांड़ा को आड़े हाथो लिया था ।

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