आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ , aag mein ghee dalna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

वैसे आपको बता दे  की यह एक ऐसा मुहावरा है जो की आप कई बार प्रयोग में ले चुके है । और इसका कारण यही है की यह दैनिक जीवन में काम में आता है। मगर इसके ‌‌‌अर्थ के बारे मे पता नही है तो कोई टेंसन न ले । क्योकी हम इस लेख में आपको इस बारे में अच्छी तरह से समझाने वाले है। तो शुरू करते है

आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
आग में घी डालनाक्रोध को और अधिक भड़काना ।

‌‌‌आग में घी डालना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

वैसे आपने घर के अंदर होम या हवन तो करवाया ही होगा । और हवन जब होता है तो आग में घी को डाला जाता है और जिसके कारण से जो आग जल रही होती है वह और अधिक जलने लग जाती है ।

उसी तरह से मानव के जीवन में जो आग होती है उसे क्रोध के रूप में भी जाना जाता है ओर ‌‌‌इस तरह से जब आग मे घी डाला जाता है तो आग अधिक नही जलती है बल्की क्रोध अधिक हो जाता है । जिसे साधारण भाषा में क्रोध का भड़कना कहा जाता है । क्योकी आग के अंदर घी को डाला जा रहा है तो इस आधार पर इस मुहावरे का सही अर्थ क्रोध को और अधिक भड़काना होता है ।

आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌आग में घी डालना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग भी बताइए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग पुलिसकर्मी से चोर पकड़ा नही जा रहा था और इतने में नेताजी आगर उन्हे काफी कुछ सुनाने लगे और पुलिसकर्मी के लिए यह आग में घी डालने के बराबर था मरग वे कुछ नही कर सके ।

‌‌‌2. वाक्य में प्रयोग जब पुलिसकर्मी से चोर छुटा कर भाग गया तो लोगो ने पुलिसकर्मी को निकमा कहना शुरू कर दिया और पुलिसकर्मी के लिए आग में घी डालना साबित हुआ ।

3. वाक्य में प्रयोग महेश और सुरेश काफी समय के बाद में दुश्मनी भुला कर दोस्त बने थे मगर किसन ने दोनो को पुरानी बात याद दिला कर आग में घी डाल दिया ।

‌‌‌4. वाक्य में प्रयोग लाला ने गाव के लोगो के साथ काफी बुरा किया था और आज वह लोगो का नेता बनने लगा है मगर तभी किशोर ने लाला की बिती बाते लोगो को याद दिला कर आग में घी डाल दिया ।

5. वाक्य में प्रयोग चुनाव के समय में राहुल से सभी नाराज थे और तभी विपक्ष ने राहुल के बारे में लोगो को गलत बता कर आग में घी डाल दिया ।

6. वाक्य में प्रयोग महावीर ने ‌‌‌किसी तरह से दो गाव के झगड़े को शांत किया था मरग तभी राजेश ने आकर ऐसा कुछ कहर दिया जिसने आग में घी डालने का काम किया ।

आखिर कैसे चूहे के लिए आग मे घी डाला गया, एक मजेदार कहानी

एक बार एक जंगल में एक चूहा रहता था। उसे अपने जीवन में सबसे ज्यादा क्रोध था। वह किसी भी बात पर आसानी से भड़क जाता था और अपने आसपास के सभी जीवों को उसका दोष देना पसंद करता था।

एक दिन, उसने एक बंदर को अपने खाने से पहले ही पकड़ लिया था। बंदर के विरुद्ध उसने इतना बड़ा क्रोध किया कि बंदर को बड़ी मुश्किल से बचाया गया। बंदर ने चूहे को धोखा देने का तरीका सीख लिया था और वह चूहे को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार था।

अगले दिन, चूहा फिर से अपनी आदतों पर वापस आ गया। उसने एक बिल्ली को एक छोटे गधे की तरह बांध लिया था। बिल्ली बचने के लिए तरह-तरह की तकनीकें आजमाती रही, लेकिन चूहे के क्रोध का कोई असर नहीं पड़ा।

बंदर ने इसे देखा और उसके मन में एक नया प्लान बना। उसने एक सफेद चादर ले जाकर उसे बिल्ली के साथ बांध दिया और उसे दूर भगाने के लिए उसे नदी में छोड़ दिया। चूहे ने जब देखा कि बिल्ली नहीं है, तो उसने अपने आप को बहुत ही समझदार समझा। उसने बिल्ली को बांधे हुए चादर का टुकड़ा उठाया और उसे नदी में बहाने वाली लहरों से बचाने के लिए उसे अपनी खोखली गुफा में ले जाया।

चूहे को यह नहीं पता था कि बिल्ली नदी से बचने के बाद कहां गई है। बंदर ने बिल्ली को अपनी लैलाजवाब खुशबूदार गुफा में ले जाकर उसे ढक दिया। जब बिल्ली अपनी आँखें खोली, तो उसने देखा कि वह एक अजीब से जगह में है, जहां उसे भोजन और आराम की विशाल सुविधाएं मिल रही हैं।

बंदर बिल्ली को बहुत प्यार से देख रहा था और उसे अपने साथ खेलता भी था। बिल्ली को उसकी नई दोस्ती से बहुत खुशी हुई और वह उसे अपने अंदर का असली प्यार और सौभाग्य समझने लगी। चूहे को बिल्ली को ढूंढने की आवश्यकता हो गई, लेकिन उसे पता नहीं था कि वह कहां जाएगा। वह लम्बी खोज के बाद नदी के किनारे बिल्ली को ढूंढते हुए, चूहे ने एक बड़े जंगल में एक लोगों की बस्ती देखी। उसने सोचा कि बिल्ली वहां हो सकती है, इसलिए वह वहां गया और अपनी खोज शुरू की।

चूहे ने बस्ती में कुछ लोगों से पूछा और उसे बताया कि वहां बिल्ली नहीं है। उसने अगली बस्ती देखी और फिर अगली बस्ती, लेकिन कहीं भी उसे बिल्ली नहीं मिली। चूहे ने अपनी हार नहीं मानी और अब वह बिल्ली को ढूंढने के लिए और जोश से तैयार था। वह एक छोटे से बच्चे से मिला, जो उसे एक जंगल में ले गया। जंगल में चूहे ने एक जोखिमपूर्ण मुश्किल का सामना किया, जब उसे एक भयंकर साँप से लड़ना पड़ा।

चूहे ने उस साँप को बचाने के लिए अपनी बहादुरी दिखाई और उसे जीत भी गया। छोटे बच्चे ने चूहे को बहुत धन्यवाद दिया और उसे बताया कि उसकी बिल्ली भी वहीं है। चूहे ने अभी फिर से उम्मीद की किरण देखी और बिल्ली को ढूंढने की खोज ‌‌‌जारी रखी ।

चूहे ने छोटे बच्चे के साथ बातचीत करते हुए जाना कि उसकी बिल्ली एक जंगल में है, जो कि कुछ दूरी पर था। चूहे ने बच्चे का धन्यवाद करते हुए उसे अलविदा कह दिया और बिल्ली को ढूंढने के लिए उस जंगल की तरफ रवाना हुआ।

चूहे ने जंगल में कुछ देर ढूंढते हुए एक पेड़ के पास जाकर थका हारा बैठ गया। वह अब आगे नहीं बढ़ सकता था, और उसे लगा कि उसकी खोज असफल रही है। उसने तब एक वृक्ष की छांव में बैठकर थोड़ी देर आराम किया। ‌‌‌जब चूहे ने आंखे खोली तो उसे बिल्ली नजर आ गई । जब चुहा बिल्ली के पास जाता है तो बिल्ली चूहे के साथ ऐसा कुछ करती है जिसने चूहे के लिए आग में घी डालने का काम किया ।

आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

इसता नतीजा यह हुआ की चूहा इतना अधिक घुस्से में आ चुका था की उसने बिल्ली को पीटना शुरू कर दिया । तभी वहां पर बंदर आ जाता ‌‌‌और उसने चूहे से बदला लेने की सोच कर चूहे को परेशान करना शुरू कर दिया । बंदर की हरकत ने चूहे के लिए आग में घी डालने का काम किया और इसका नतीजा यह हुआ की बिल्ली चूहे से बंच जाती है और चूहा बंदर को पकड़े की कोशिश करने लगा ।

मगर बंदर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर होते हुए वहां से भाग गया और चूहे के ‌‌‌हाथ न आया । और इतने में जब चूहे ने पीछे देखा तो बिल्ली भी वहां पर नही थी बिल्ली भी भाग गई थी । और इसका नतीजा यह हुआ की चूहे को अहसास हुआ की उसे क्रोध नही करना चाहिए था । और आज उसके क्रोध के कारण से बिल्ली फिर से भाग गई थी ।

मगर अब क्या हो सकता था चूहा फिर से बिल्ली को ढूंढने में लग ‌‌‌गया । मगर बिल्ली चूहे को नही मिल पाई थी । इस तरह से चूह के जीवन में आगे चलता रहा ।

इस तरह से दोस्तो चूहे के साथ आग में घी डालने का काम हुआ था ।

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