आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ, aasteen ka saanp hona muhavare ka arth aur vakya mein prayog
सांप पर वैसे तो कई मुहावरे है मगर यह एक ऐसा मुहावरा है जो की लगभग सभी लोगो ने कभी न कभी सुना जरूर है । हां यह बात अलग हो सकती है की इसके अर्थ के बारे में पता नही है । मगर हमारे होते हुए आप बिल्कुल टेंसन न ले क्योकी हम आपको मुहावरे के सही अर्थ के बारे में तो बताएगे ही साथ ही मुहावरे से जुड़ी काफी सारी जानकारी देगे ।
आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
आस्तीन का सांप होना | कपटी मित्र । |
आस्तीन का सांप होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे
दोस्तो आपको बता दे की आस्तीन का मतलब होता है वह कपड़े का भाग जो की बांह को ढकने के काम में आता है । और वही पर सांप के बारे में तो आपको पता ही होगा की यह एक ऐसा जानवर होता है जिसे अगर पास रखा जाता है तो कभी न कभी डस ही लेता है ।
उसी तरह से दोस्त जो होता है वह आस्तीन की तरह होता है जो की हमारा हमेशा साथ देता है । मगर वही पर अगर ऐसा दोस्त हो जो की कभी भी धोका दे सकता है यानि कपटी दोस्त या मित्र हो तो वह बिल्कुल आस्तीन के सांप की तरह होता है। अत आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ कपटी मित्र होता है ।
आस्तीन का सांप मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – पप्पू यादव राजनीति दल में सामिल तो हो गया मगर सामिल होने पर उसे पता चला की यहां पर सभी आस्तीन के सांप है तब से वह सभी से बचने की कोशिश करता है ।
2. वाक्य में प्रयोग – किसन महेश के साथ काफी समय से रह रहा था मगर आखिर में महेश को पता चल ही गया की किसन आस्तीन का सांप है ।
3. वाक्य में प्रयोग – हरीदेव राजवीर का काफी अच्छा दोस्त था । मगर एक दिन हरिदेव को काफी सारे पैसे मिले ओर मोका पा कर राजवीर ने उन्हे चुरा लिया तब जाकर हरिदेव को पता चला की राजवीर आस्तीन का सांप है ।
4. वाक्य में प्रयोग – चंद्रादेवी ने अपने बेटो को काफी समय पहले ही समझा दिया था की दुनिया में जल्दी से किसी पर भरोषा मत करना क्योकी बहुत से लोग यहां पर आस्तीन का सांप है ।
5. वाक्य में प्रयोग – जब राजा विक्रम को उसके ही मंत्री ने हानि पहुंचाने की कोशिश की तो राजा विक्रम को पता चला की मंत्री तो आस्तीन का सांप था ।
6. वाक्य में प्रयोग – एक राजनेता को हमेशा आस्तीन के सांप से बच कर रहना पड़ता है ।
हिरण को समझ में आया की आस्तीन का सांप भी होता है, एक मजेदार कहानी
एक जंगल में एक हिरण रहता था जिसका दोस्त एक चूहा था। दोनों कभी-कभी साथ में खेलते थे और एक दूसरे की मदद करते थे।
चूहा हमेशा हिरण के साथ रहना चाहता था लेकिन उसका आस्तीन का सांप था। वह हमेशा हिरण की तारीफ करता और उसे आसान बनाने की कोशिश करता था। लेकिन असल में, उसका मकसद हिरण के साथ रहना नहीं था, बल्कि उसे धोखा देकर उसके साथ खाने का मौका पाना था।
एक दिन, हिरण बहुत खुश था क्योंकि उसे उसकी संगत का मजा आ रहा था। वह उसे अपने साथ जंगल में घूमने ले गया और दोनों खुश थे। लेकिन चूहा इस बात से बेहद नाराज था कि उसका कोई मौका उसके धोखे का प्रयोग करने का नहीं था।
चूहा ने अपनी खुशी छिपाने की कोशिश की, लेकिन उसका कपट हिरण से छुपा नहीं रहा था। हिरण अपनी मित्रता के प्रति उस पर विश्वास करता था और वह उसे अपना सच्चा दोस्त मानता था।
अगले दिन, चूहा ने उस दिन कुछ चीजें खरीदीं और उन्हें हिरण के पास लाकर उसे खाने के लिए बोला। हिरण ने उससे पूछा कि ये सब कहाँ से लाए और चूहा ने बताया कि ये सब उसने अपनी मेहनत से जमा किया है। हिरण ने उसकी तारीफ की और उसे खाने के लिए इन्वाइट किया। चूहा खुश था कि उसकी योजना कामयाब हो गई है और उसे लग रहा था कि वह अपनी मकसद में कामयाब हो गया है।
लेकिन, जब हिरण ने उसे खाने के लिए जबरदस्ती से बुलाया तो चूहा ने जल्दी से अपने लाभ के लिए कपटी योजना अपनाई और हिरण के साथ खाने के बाद उसे धोखा देकर मर गया।
हिरण ने अपने मित्र की मृत्यु से बहुत दुख हुआ और कुछ समय के बाद में हिरण को पता चलता है की उसके मित्र चुहे ने उसे धोका दिया है और वह धोके से मरा है । यह जानने के बाद में हिरण को समझ में नही आ रहा था की आखिर बात क्या हो सकती है । तब हिरण काफी अधिक सोच विचार करता रहा ।उसे समझ नहीं आया कि उसके सच्चे दोस्त ने उसे इतना बड़ा धोखा क्यों दिया। वह इस बात से सीख लिया कि धोखेबाजों से दूर रहना चाहिए और सच्चे और निष्ठावान मित्रों को हमेशा सम्मान देना चाहिए।
हिरण को अपने मित्र के चेतावनी से कुछ नया सीखने को मिला। उसने समझा कि वह अपने दोस्तों की असली पहचान करने के लिए अधिक सतर्क और समझदार होना चाहिए। उसने फिर से जीवन में अपने सच्चे दोस्तों को खोजना शुरू किया। वह उन लोगों से दूर रहने लगा जो धोखेबाजी कर सकते थे और समझदार और निष्ठावान लोगों के साथ अधिक समय बिताने लगा।
हिरण समझ चुका था की इस दुनिया में उसका कोई नही है अगर कोई है तो वह उसका भला चाहेगा । मतलबी नही होगा । जो लोग मतलबी होते है वह हमेशा धोका दे सकते है और यह बात हिरण को पता चली थी । हिरण अब ऐसे लोगो के साथ रहने की कोशिश कर रहा था जो की मतलबी नही थे ओर वे धोका नही देते थे ।
हिरण ने अपने जीवन मे काफी अच्छा अनुभव हासिल किया था जिसके बारे में उसने अपने बेटो को भी बताया था । हिरण ने कहा की जो लोग मतलबी होते है उनसे दूर रहना चाहिए । और ऐसे लोगो से दूर तो हमेशा रहने की कोशिश करनी चाहिए जो की आस्तीन का सांप लगते है ।
क्योकी हिरण समझ चुका था । उसने अपनी जिंदगी में अधिक सतर्कता और समझदारी बरताई और अपने दोस्तों को हमेशा सम्मान दिया। वह अपने दोस्तों के साथ हमेशा निष्ठावान रहा और आस्तीन का सांप से दूर रहा।
यह एक ऐसी कहानी है जो हमें सिखाती है कि आस्तीन का सांप से दूर रहना और सच्चे दोस्तों का सम्मान करना बहुत जरूरी है। हमें अपने जीवन में समझदारी और सतर्कता बरतानी चाहिए ताकि हमें धोखेबाजी की चालें समझ में आ सकें और हम सही लोगों से सही संबंध बना सकें।
इस तरह से आस्तीन का सांप से जुड़ी हिरण की कहानी है ।