अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है बताइए, वाक्य में प्रयोग भी करे

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ, ang ang dhila hona muhavare ka arth aur vakya mein prayog

‌‌‌जब शरीर का अंग जो होता है वह रबड़ की तरह बन जाता है तो हो गया अंग अंग ढीला होना…………. मगर ऐसा समझना हमारी मुर्खता होगी । इसका कुछ अगल ही मतलब होता है और वह क्या है इस बारे में आपको लेख में सही जानकारी मिलेगी । अगर आप वाक्य में प्रयोग पसंद करते है तो आपको वह भी देखने को मिलेगे –

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
अंग अंग ढीला होनाबहुत ज्यादा थक जाना ।

अंग अंग ढीला होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

शरीर के प्रत्येक भाग को अंग कहा जाता है और यह एक दूसरे से जुड़ा होता है जिसके कारण से सही रूप में कार्य करता है । मगर जब अंग एक दूसरे से सही तरह से जुड़े नही होते है तो कह सकते है की अंग ढीले हो गए । और ऐसी अवस्था में मानव कमजोरी के कारण से गिरने ‌‌‌लग जाता है । या फिर सोने की इंच्छा होती है और यह सब दूसरे कारणो से भी होता और वह कारण यह है की जब मानव किसी कार्य के कारण से बहुत ज्यादा थक जाता है । तो फिर हम यह भी कह सकते है की अंग के ढीला होने का कारण बहुत त्यादा थक जाना भी होता है । अत इस अधार पर हम कह सकते है की अंग अंग ढीला होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ बहुत ज्यादा थक जाना होता है ।

विद्वानो हमने अर्थ तो जान लिया । मगर आपके लिए ज्ञान काफी नही हुआ है क्योकी आपको वाक्य में प्रयोग भी तो जानने होगे , वह भी तो जीवन में उपयोगी होते है तो वाक्य देखे –

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है बताइए, वाक्य में प्रयोग भी करे

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जब महेश को पहली बार जॉब में काम करना पड़ा तो उसका अंग अंग ढीला हो गया ।

2. वाक्य में प्रयोग सरोज ग्राम विकाश अधिकारी की नोकरी लग गई और उसने जॉइनिग की और पहले दिन काफी काम करने को मिला जिसके कारण से जैसे ही सरोज घर आती है तो अपने माता पिता को कहती है की आज तो अंग अंग ढीला हो गया ।

3. वाक्य में प्रयोग पप्पू यादव को सेठ जी ने मक्खी उड़ाने का काम दिया और श्याम हुई तो पप्पू यादव ने कहा की सेठजी आज तो अंग अंग ढीला हो गया ।

4. वाक्य में प्रयोग बेटी का विवाह था और पीता खुब काम कर रहा था और विवाह का कार्यक्रम पुरा हुआ तो उनका अंग अंग ढीला हो गया ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग जब संतोष अमरनाथ की तीर्थ यात्रा कर कर घर पहुंची तो उसने अपनी बहूं से कहा की इस यात्रा के कारण से मेरे तो अंग अंग ढीले हो गए है ।

6. वाक्य में प्रयोग जब रामू खेत में काम कर कर घर आया तो उसने अपनी पत्नी से कहा की आज तो अंग अंग ढीला हो गया है जरा मस्त सी चाय बना दो ।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयोग कल एक भिखारी मिला और उसने कहा की साहब दिन उगते ही भिख मागने के लिए निकल जाते है और शाम होते ही अंग अंग ढीले हो जाते है ।

‌‌‌कैसे बिल्ली का अंग अंग ढीला हो गया प्रसिद्ध कहानी

एक बार एक बिल्ली जंगल में रहती थी। उसे रोज जंगल में भोजन की तलाश करना पड़ता था। एक दिन उसने बहुत सारा काम कर लिया था और उसकी तंग बहुत ज्यादा हो गई थी। इसलिए उसने एक खुशनुमा जगह ढूंढने का निर्णय किया जहाँ वह ठहर सकती है और आराम कर सकती है।

बिल्ली ने एक नदी के किनारे एक छोटा सा गुफा ढूंढ निकाला। गुफा बहुत सुंदर था और उसमें बहुत सारी खुशबू आ रही थी। बिल्ली ने गुफे के अंदर जाकर अपने चारों ओर देखा। वहाँ एक बहुत ही सुंदर बिस्तर था जिस पर वह सो सकती थी।

बिल्ली ने बिस्तर पर लेट जाने के बाद अपनी आंखें बंद कर ली और चारों ओर की आवाजों को अनदेखा कर दिया। उसे पता नहीं चला कि उसकी नींद कब खत्म हुई और जब उसने अपनी आंखें खोली, तो उसे पता चला कि सूरज पूरी तरह से ढल गया था।

बिल्ली ने अपनी नींद पूरी तरह से खो दी थी और उसकी तंगी दूर नहीं हुई थी। बिल्ली ने बिस्तर से उठकर बहुत सोच-विचार किए। उसे एक बात समझ में नहीं आ रही थी कि ‌‌‌उसका अंग अंग ढीला हो गया, जबकि उसने कुछ विशेष काम तो नहीं किए थे। फिर उसने सोचा कि शायद वह अपने आपको निरंतर काम में लगाती रही है इसलिए ‌‌‌उसका अंग अंग ढीला हो गया ‌‌‌होगा

बिल्ली ने यह सोचते हुए फैसला किया कि उसे आगे से अपने कामों को आराम से करना चाहिए और समय-समय पर आराम करना चाहिए। वह अपने आपको आवश्यक आराम और समय देने का निर्णय ले लिया।

बिल्ली अब समय-समय पर अपने काम करती थी और अपने आपको थकान से बचाने के लिए नियमित आराम भी लेती थी। उसे इससे बहुत फायदा हुआ। उसकी सेहत सुधर गई और वह अपने काम में भी अधिक उत्साहपूर्वक लगने लगी।

‌‌‌एक दिन बिल्ली को भूख लगती है तो वह खाना तलासने लग जाती है । बिल्ली खाने की तलाश में दिन भर घूमती रही लेकिन उसे खाना नहीं मिला। सूरज डूबने के साथ ही ‌‌‌उसका अंग अंग ढीला हो गया और उसे अपने शरीर की देखभाल करने की जरूरत महसूस होने लगी। वह अपने आसपास के सभी झुण्डों और बुशों के पास जाकर ढेर सारी समझौता करने लगी लेकिन वह कुछ भी नहीं मिला।

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है बताइए, वाक्य में प्रयोग भी करे

बिल्ली को थकान महसूस हो रही थी और उसे आराम की जरूरत थी। वह एक पेड़ के नीचे बैठ गई और सोचने लगी कि उसे खाने के लिए क्या करना चाहिए। उसे याद आया कि अपने पिछले अनुभवों से वह जानती थी कि अगले दिन सूरज के साथ-साथ खाना ढूंढना भी आसान हो जाता है। इसलिए, वह अपने शरीर को ढेर सारे आराम देकर नींद की तरह सोने लगी।

अगले दिन, सूरज के साथ-साथ बिल्ली ने खाना ढूंढ लिया और उसे भोजन का भी भरपूर अनुभव मिला। उसे यह अनुभव सीखाता है कि जिंदगी में समय निकालना और शरीर की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है। इससे हमें ‌‌‌अंग अंग ढीला होने वाली परेशानी से बचने में भी मदद मिलती है । और इसके बाद में बिल्ली अपने शरीर को अराम देती और आराम से काम करती थी । इस तरह से बिल्ली का जीवन चल रहा था ।

इस तरह से दोस्तो बिल्ली का अंग अंग ढिला हुआ था  ।

Leave a Comment