अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ क्या होता है वाक्य में प्रयोग के ‌‌‌सहित उत्तर दे

अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ, angaron par pair rakhna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

‌‌‌जब आपके सामने आग जल रही होती है और आपका गलती उस आग पर अपना पैर रख लेते हो तो हो गया अंगारो पर पैर रखना……. अब आप कहोगे की ऐसा कभी होता है क्या । तो साथी थोड़ा मजाक तो बनता है । इसकी अर्थ अलग होता है जिसके बारे में आपको निचे जानने को मिलेगा तो मजाक से हट कर लेख देखे और सही उत्तर जाने –

‌‌‌अंगारो पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
‌‌‌अंगारो पर पैर रखनास्वयं को परेशानी में डालना या जोखिम भरा काम करना ।

‌‌‌अंगारो पर पैर रखना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

 अंगारों पर कदम रखना एक खतरनाक गतिविधि हो सकती है। कोयले से निकलने वाली गर्मी जलने का कारण बन सकती है, और अगर साँस ली जाए तो कोयले की धूल खतरनाक हो सकती है। इस कारण से कहा जाता है की अंगारो पर पैर रखना स्वयं को परेशानी में डालना होता है या फिर ‌‌‌कह सकते है की ऐसा करना जोखिम भरा कार्य होता है । इस आधार पर कहा जा सकता है की अंगारो पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ स्वयं को परेशानी में डालना या जोखिम भरा काम करना होता है ।

मगर विद्वानो बात इतनी नही है अब आपको वाक्य में प्रयोग के बारे में जानना चाहिए यह भी तो जीवन के लिए जरूरी है –

अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ क्या होता है वाक्य में प्रयोग के ‌‌‌सहित उत्तर दे

‌‌‌अंगारो पर पैर रखना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

वाक्य में प्रयोग  अपनी मांत को अगा से बचाने के लिए राहुल ने अंगारो पर पैर रख दिया ।

वाक्य में प्रयोग  अगर भला अपने लोगो को बचाने के लिए अंगारो पर पैर रखना पड़ा तो यह कोई गलत तो है नही ।

वाक्य में प्रयोग  मंत्री जी को गुंडो से बचाने के लिए किशोर ने अंगारो पर पैर रख दिया जिसके कारण सभी ने ‌‌‌उसकी बहादूरी की तारिफ की ।

वाक्य में प्रयोग  बलवंत एक रिटायर फौजी है वह कभी अंगारो पर पैर रखने से नही डरता है ।

‌‌‌जानिए कैसे एक खरगोश ने अंगारो पर पैर रखा, एक प्रसिद्ध कहानी

वैसे तो भारत में कई जंगल हुआ करते है । मगर पहले के समय में केवल एक ही जंगल ऐसा था जहां पर कुछ ऐसे जानवर देखने को मिलते थे जो की शक्तिशाली और निडर होते थे । और ऐसे ही किसी जंगल में एक खरगोश रहा करता था । जो की कद में छोटा भले ही ‌‌‌छोटा क्यो न हो । मगर वह इतना ही बहादूर और बलशाली था । दरसल खरगोश था उसने कई बार जंगली जानवरो की रक्षा की थी और अपनी जान की परवाह तक नही की थी । और ऐसा ही एक बार हुआ था ।

दरसल एक बार खरगोश ‌‌‌अपने घर के अंदर काफी मोज मस्ती से खेल रहा था । वह काफी आनन्द ले रहा था । तभी वहां पर खरगोश का सबसे अच्छा दोस्त हिरण आता है और वह कहता है की खरगोश भाई मुझे शहर की तरफ जाना है वहां पर तरह तरह की घास है और उसे खा कर मेरा पेट अच्छा भर सकता है।

 साथ ही मेरे में ताक्त की कमी है और हरा घास खाने के ‌‌‌कारण से मेरे शरीर में ताक्त आ जाएगी । ऐसा कहने पर खरगोश ने कहा तो मैं क्या कर सकता हूं तुम अगर जाना चाहते हो तो चले जाओ । यह बात सुन कर हिरण ने कहा की भाई खरगोश तुम भी मेरे साथ चलो । क्योकी आज मेरे साथ किसी दूसरी दिशा में चले गए है और मैं अकेला रह गया हू।

तब खरगोश ने कहा की ठिक है मैं ‌‌‌तुम्हारे साथ तो चलूगा । मगर तुम्हे मुझे अपनी पीठ पर बिठाना होगा । और यह सुन कर हिरण हंसने लगा और कहा की बस इतनी सी बात । और हिरण ने उसी पर खरागोश को अपनी पीठ पर बैठा लिया और वहां से चले गए ।

‌‌‌जब खरगोश और हिरण घास खाने के लिए जा रहे थे तो बिच बिच में दोनो ने काफी मजाक भी किया था । और इसी तरह से आनन्द उठाते हुए दोनो आगे बढते गए । ‌‌‌अंत में जब जंगल का किनार आ गया तो दोनो रूक गए और पहले देखते है की आस पास कोई है कीनही । मगर आस पास कोई नही था । जिसके कारण से हिरण घास खाने के लिए चला गया ।

‌‌‌हिरण घास खाने लगा और घास खते समय काफी मजा ले रहा था और खरगोश यह देख रहा था की कोई आ रहा है की नही । मगर खरगोश को कोई नजर नही आ रहा था । हिरण घास खाते हुए थोड़ी दूरी पर चला गया था । तभी खरगोश ने हिरण की तरफ देखा तो हिरण नजर नही आया । तो खरगोश ने हिरण को आवाज लगाई । मगर हिरण ने ध्यान नही ‌‌‌दिया । मगर तभी खरगोश की नजर हिरण पर पड़ती है उसे एक मानव पड़ने के लिए जान फैंकने वाला था इतने में खरगोश ने हिरण को अवाज लगाई । मगर इतने में तो हिरण मानव के जान में फस चुका था । अब खरगोश भी देख रहा था और हिरण उदाश था । मगर खरगोश कुछ न कर सका । ‌‌‌तब खरगोश ने अंगारो पर पैर रखने की सोची और धिरे धिरे खरगोश हिरण और मानव का पीछा करता हुआ ‌‌‌आगे बढता रहा ।

जब मानव का घर आ गया तो उसने हिरण को अपने घर के कमरे में बंद कर दिया और वहां से चला गया । मगर तभी खरगोश ने उस कमरे का दरवाजा खोलने की कोशिश की । मगर खरगोश छोटा था जिसके कारण से दरवाजा खोलने में काफी समय बित गया । मगर आखिरकार दोनो बाहर निकल गए ।

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मगर तभी मानव ने उन्हे देख ‌‌‌लिया और अपने आस पास के लोगो को आवाज लगा दी । और आस पास के लोग भी आ गए । हिरण ओर खरगोश ने देखा की बहुत सारे लोग है मगर यह देख कर दोनो ने भागना शुरू कर दिया । काफी समय तक लोगो से बचने के बाद में जंगल आ गया और दोनो जंगल में छीप गए और इस तरह से वे लोगो से बच गए ।

तब हिरण ने खरगोश से कहा की तुमने ‌‌‌मरे लिए अंगारो पर पैर रख दिया है । यह सुन कर खरगोश हंसने लगा और कहा की इसी का नाम तो दोस्ती है । और इतना कहने के बाद में दोनो खेलते हुए अपने निवास स्थान पर चले गए । और फिर दोनो अपना जीवन साथ साथ बिताते है ।

इस तरह से खरगोश ने अंगारो पर पैर रख दिया था । इस कहानी से क्या समझ में आया कमेंट ‌‌‌में बताना ।

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