अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ, angutha dikhana muhavare ka arth aur vakya mein prayog
अंगूठा हमारे हाथ का सबसे महत्वपूर्णं अंग होता है । क्योकी आज अंगूठे का उपयोग कर कर हम काफी कुछ कर सकते है । तो आइए जानते है की अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है । और इसका वाक्या किस तरह से हो सकता है ।
अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
अंगूठा दिखाना | इनकार करना । |
अंगूठा दिखाना मुहावरे को समझने का प्रयास करे
आप अपने हाथ को बंद कर ले और अंगूठे को उपर की और खोल ले । इससे क्या होगा की आपका अंगूठा यूट्यूब वीडियो के लाइक बटन की तरह लगने लग जाता है । और जब कोई व्यक्ति किसी को अंगूठा दिखाता है तो इसी तरह से दिखाता है । और अंगूठा देखते ही समाने वाले को समझ में आता है वह इनकार करना होता है । अत अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ इनकार करना होता है ।
विद्वानो अंगूठा दिखना मुहावरे के बारे में इतनी जानकारी काफी नही है । आपको वाक्य में प्रयोग भी जानने चाहिए ।
अंगूठा दिखाना मुहावरे के प्रसिद्ध वाक्य में प्रयोग
1. राम ने अपने विचारों के खिलाफ तथा अस्वीकृति का संकेत देने के लिए अपना अंगूठा दिखाया।
2. जब साहुकार ने राहुल को उसकी जमीन बेचने को कहा तो राहुल ने अंगूठा दिखाया ।
3. राजीव ने किसन को अपने योजना के बारे में बताया तो वे अपना अंगूठा दिखाने लगे।
4. नेताजी ने जयपाल से गाव के सारे वोट दिलाने को कहा तो जयपाल ने अंगूठा दिखा दिया ।
5. जयपाल ने नेताजी को गाव के सारे वोट दिलवाकर विजय बनाया मगर जब जयपाल नेताजी से गाव का विकाश करने की बात करने गया तो नेताजी ने अंगूठा दिखा दिया ।
6. जब नेताजी ने राहुल को अंगूठा दिखाया तो राहुल निराश हो गया ।
7. जब प्रजा ने राजा से राज्य में कुआ खुदाने को कहा तो राजा ने अंगुठा दिखा दिया ।
8. महेशराव ने जब लोगो से मदद अपने घर को बनवाने के लिए मदद मागी तो सभी ने अंगुठा दिखा दिया ।
9. राहुल का बेटा बीमार था और उसे होस्पीटल लेकर जाना था तो राहुल ने बहुत से लोगो से मदद मागी मगर सभी ने अंगुठा दिखा दिया ।
10. हमने आपको विजेता बनाया है और आप हमे ही अंगूठा दिखा रहे हो ।
बिल्ली ने दिखाया शेर को अंगूठा, एक प्रसिद्ध कहानी
एक बार एक शेर जंगल में घूम रहा था। उसे अपने अंदर का जंगली जीवन जीने का मजा आ रहा था। शेर जंगल में अपने अंदर का जीवन जीता है जो उसे खुशी देता है। यह उसका आकर्षक स्वाभाव, ताकतवर शारीरिक ढंग से अभिव्यक्ति करने का समर्थन करता है और उसे अपने साथियों का सम्मान भी दिलाता है। शेर अपनी आवाज, दहाड़ और ताकत के कारण जंगल में एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है और अपनी विशिष्ट विशेषताओं के कारण उसे एक स्वतंत्र राजा के रूप में माना जाता था।
एक दिन शेर एक बिल्ली से मिला । शेर ने बिल्ली से पूछा कि उसे क्या चाहिए। बिल्ली ने उत्तर दिया कि वह कुछ नहीं चाहती है। शेर ने फिर उससे पूछा कि उसे खुश देखकर कुछ देना चाहता है। बिल्ली ने उत्तर दिया कि उसे शेर का दिल चाहिए। शेर ने बिल्ली के मजाक में कहा कि उसका दिल तो बहुत कठोर है और नहीं दे सकता। बिल्ली ने फिर कहा कि उसे तभी खुशी मिलेगी जब शेर उसे अपने जैसा बनायेंगे। शेर को बिल्ली के बयान में सच महसूस हुआ और उसने बिल्ली के उपदेशों पर अमल करते हुए अपने अंदर का कठोरता कम कर दिया।
बिल्ली शेर से बोली, “हे शेर, आप तो जंगल का राजा हैं, लेकिन मैं आपको इतना बड़ा नहीं मानती।” शेर हैरान रह गया कि कैसे किसी छोटी सी बिल्ली ने उसे ऐसा दिया। उसने बिल्ली से पूछा, “तुम मुझे छोटा क्यों समझती हो?”
बिल्ली बोली, “आप तो नीचे झुके हुए होंगे, लेकिन एक समय आएगा जब आपको मेरे आगे सिर झुकाना पड़ेगा।” शेर ने बिल्ली से कहा कि वह कभी भी उसके सामने सीर नहीं झुकाएगा। बिल्ली ने शेर की इस बात का विरोध किया और कहा कि एक दिन ऐसा जरूर होगा।
यह एक उपदेश है कि हमेशा अहंकार में नहीं रहना चाहिए और अपने साथ हमेशा विनम्र रहना चाहिए। शेर ने बिल्ली को अपने स्तर से कमजोर समझा था और उससे ऊंचाई पर रहने की कोशिश की थी, जबकि बिल्ली ने अपनी विनम्रता और बुद्धिमता से शेर के अहंकार का मजाक उड़ाया था।
शेर को कुछ गुस्सा आ गया , शेर ने बिल्ली को डराया और उससे नाराज हो गया। उसने बिल्ली को धमकी दी और मारने की बात कही। बिल्ली बहुत डर गई और उससे दूर भागने लगी।
शेर बिल्ली से अलग हो गया और उस समय संसार बदल गया। बिल्ली के लिए जंगल में रहना अब बहुत मुश्किल हो गया। वह लोगों के पास जाने लगी और उन्हें मांगने लगी। शेर अपने गुस्से से बहुत पश्चाताप करता था। वह जानता था कि उसने बिल्ली के साथ गलत किया था। उसने उसकी खोज शुरू की और उसे ढूंढने लगा। शेर ने अंत में बिल्ली को ढूंढ लिया और उससे माफी मांगी।
शेर ने बिल्ली से कहा कि वह जंगल से दूर न जाएं क्योंकि वह अपने सुरक्षा के लिए जंगल में होना जरूरी है। शेर ने बिल्ली को यह समझाने की कोशिश की कि उसे जंगल में रहना चाहिए क्योंकि वह उसकी रक्षा के लिए सुरक्षित होगी।
लेकिन बिल्ली ने शेर की सलाह नहीं मानी। वह शेर से उखड़ती थी और उसे उसे अंगूठा दिखा देती है । शेर ने उसे समझाने की कोशिश की कि उसे अपने अंगूठे का इशारा नहीं दिखाना चाहिए, लेकिन बिल्ली ने उसे अनदेखा कर दिया।
बिल्ली ने उस दिन जंगल से दूर चली गई। उसने अपने अंगूठे के इशारे को अनदेखा किया और शेर के आगे हार मान ली। जंगल में रहने से अलग होकर, बिल्ली को लगता था कि वह अपने आप पर निर्भर हो गई है।
मगर ऐसा नही था बिल्ली अकेली हुई तो उसे पता चला की शेर जैसे दोस्त को नही खाना चाहिए था । कहानी
बिल्ली को जंगल में अकेले रहते हुए बहुत अकेलापन महसूस हुआ। उसने शेर से लड़ने की वजह से अपने अच्छे दोस्त से दूर हो गई थी जो उसे सुरक्षित रखता था। जब बिल्ली अकेली रहने लगी, तो उसे एक बात समझ में आयी कि शेर जैसे दोस्त को नहीं खोना चाहिए था। उसने अपनी गलती को समझा और शेर को खोजने के लिए जंगल में वापस जाने का फैसला किया।
बिल्ली ने शेर को खोजते हुए बहुत समय लगा लेकिन उसने उसे एक दिन ढूँढ निकाला। शेर ने बिल्ली को देखते ही उसे गले लगा लिया और उससे माफी मांगी क्योंकि उसने उसे खतरे में नहीं डालना चाहा था। बिल्ली ने शेर को माफ कर दिया और फिर से दोनों अच्छे दोस्त बन गए। वे दोनों जंगल में खुश रहने लगे और एक दूसरे के साथ समय बिताना शुरू कर दिया। बिल्ली ने इस घटना से यह सीखा कि दोस्तों के साथ समय बिताना बहुत महत्वपूर्ण होता है और दोस्ती की हर कीमत चुकानी पड़ती है।
एक दिन की बात है शेर जंगल में दौड़ रहा था जब उसे एक दुखी बिल्ली मिली। बिल्ली ने पूछा कि क्या बात है और शेर ने बताया कि उसे बहुत भूख लग रही है और उसे कुछ खाने को नहीं मिल रहा है।
बिल्ली ने उसे बताया कि उसे थोड़ी देर में एक बकरी मिल सकती है और उसने शेर को बताया कि कैसे वह बकरी को पकड़ सकता है। शेर बिल्ली के सुझाव का पालन करते हुए बकरी को पकड़ लेता है और उसे खाकर अपनी भूख बुझा लेता है।
कुछ दिनों बाद, शेर बिमार हो जाता है। वह लम्बे समय तक सोता रहता है और बिल्ली के सामने आता है और उससे मदद की अपील करता है। मगर बिल्ली उसे अंगूठा दिखा देती है शेर अकेला और बेचारा महसूस करता है ।
थोड़ी देर बाद, बिल्ली शेर के लिए भोजन खिलाने के लिए उसके पास लौट आती है। यह देखकर शेर को अपने दोस्त के प्रति प्यार व प्रतिश्रुध्धा बढ़ती है।
जब शेर ठीक हो जाता है, तो वह बिल्ली के लिए भोजन खाने के लिए मांग करता है। बिल्ली पहले अंगूठा दिखाती है, लेकिन बाद में वह उसे खाना खिलाने लगती है। इस तरह से, शेर और बिल्ली के बीच एक मजबूत दोस्ती की शुरुआत होती है जो कि संयम, समझदारी और सेवा पर आधारित होती है।
इसके बाद में बिल्ली और शेर अपना जीवन एक साथ खुशी खुशी बिताने लग जाते है । बिल्ली और शेर दोनों एक साथ जंगल में घूमने लगते हैं और एक दूसरे के साथ खुशी खुशी खेलते हैं। शेर बिल्ली के साथ अधिक संयम बनाता है और बिल्ली शेर को उसकी संतुष्टि के लिए दिलासा देती है। दोनों एक दूसरे की मदद करते हैं, जैसे कि शेर जंगल में भटक जाता है तो बिल्ली उसे ढूंढ़ती है और बिल्ली बच्चों की देखभाल करती है जब वह अकेली होती है। वे दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से मिल जुल कर जीवन बिताते हैं।इस तरह से बिल्ली और शेर की दोस्ती हुआ करती थी ।
कहानी में आपने देखा होगा की बिल्ली कभी कभार शेर को अंगूठा दिखाती थी तो यही मना करना होता है । यानि बिल्ली शेर को मना करती थी ।