अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ, apna haath jagannath muhavare ka arth aur vakya mein prayog kijiye
अपने हाथ को सभी प्रेम करते है । अगर आपके पास हाथ है तो आप अपना जीवन काफी अच्छी तरह से जी सकते है । और आपको बता दे की इस मुहावरे में हाथ को उपयोगी माना गया है और हाथ की अहमियत बताई गई । हालाकी अपना हाथ जगन्नाथ का अर्थ क्या होता है इस लेख में जान लेगे ।
अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ क्या होता है
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
अपना हाथ जगन्नाथ | अपना काम स्वयं ही करना अच्छा होता है । |
अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे को समझने का प्रयास करे
जब आप किसी कार्य को स्वयं पूरा करते हैं, भले ही वह कठिन क्यों न हो, उसे सिद्धि और संतुष्टि की अनुभूति होती है। यह जानने की भावना है कि आप अपने दम पर कुछ पूरा करने में सक्षम हैं, चाहे काम कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न हो।
सशक्तिकरण की यह भावना ही है जो स्वयं का काम करने को इतना पुरस्कृत अनुभव बनाती है। यह हमें स्वतंत्रता, जिम्मेदारी और खुद की देखभाल करना सिखाती है। संक्षेप में, यह हमें कौशल प्रदान करता है जिसे किसी भी स्थिति में लागू किया जा सकता है।
तो इस संसार में कहा जाता है की जो कई अपना काम स्वयं ही करता है उसका हाथ पूरे संसार का स्वामी है । यानि अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ होता है अपना काम स्वयं ही करना अच्छा होता है ।
अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
वाक्य में प्रयोग – शर्मा जी एक दिन अपने बेटो को समझा रहे थे की अपना हाथ जगन्नाथ ।
वाक्य में प्रयोग – शर्मा जी आज इतने बडे आदमी है मगर उन्होने पहले अपना काम स्वयं ही शुरू किया और काफी मेहतन की और आज यह सिद्ध कर चुके है की अपना हाथ जगन्नाथ ।
वाक्य में प्रयोग – जब महेश अपना होमवर्क अपनी बहन से करवाकर ले आया तो अध्यापक ने कहा की मुर्ख तुम्हे अपना काम स्वयं ही करना चाहिए क्योकी अपना हाथ जगन्नाथ ।
वाक्य में प्रयोग – रविकांन आज इतना बड़ा आदमी बना हुआ है । मगर शुरूआत से वह अपना काम स्वयं ही कर रहा है क्योकी उसे पता है की अपना हाथ जगन्नाथ होता है।
जिनिए किस तरह से खरगोश ने बताया सभी को अपना हाथ जगन्नाथ , एक प्रसिद्ध कहानी
खरगोश एक बहुमुखी जानवर है जो सदियों से आसपास रहा है। यह अपनी फुर्ती, चपलता और तंग जगहों के माध्यम से जल्दी और आसानी से स्थानांतरित करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। खरगोश को उर्वरता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में भी इस्तेमाल किया गया है। आज के समय में खरगोश को आज भी एक ताकतवर जानवर माना जाता है। इसे अक्सर जंगल और खेतों के शासक के रूप में देखा जाता है। और ऐसी ही खरगोश की एक कहानी है जिसने पूरें जंगल के जानवरो को शिक्षा दे दी तो कहानी शुरू करते है ।
बहुत समय पहले एक खरगोश हुआ करता था । वह उस जंगल में नया था । एक दिन, एक नया खरगोश जंगल में चला गया और उसने पुराने खरगोश को टैग के खेल के लिए चुनौती दी। बूढ़े खरगोश ने स्वीकार कर लिया, लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वी को चेतावनी दी कि वह बहुत तेज है। नया खरगोश सहमत हो गया और जंगल में चला गया। हालाँकि, जैसे ही बूढ़ा खरगोश उसके पास आया, उसने उसे एक रैगडॉल की तरह निपटाया और खेल पर पूरा नियंत्रण कर लिया। तब से बुडा खरगोश से नए खरगोश ने ज्ञान हासिल करने का फैसला लिया और काफी समय तक ज्ञान हासिल करता रहा ।
जब बुडा खरगोश मर गया तो नया खरगोश जंगल के अंदर चला गया जहां पर उसे तरह तरह के जानवर दिखाई दिए । और वह कुछ समय के बाद मं जंगल में खो गया । वह हार मानने ही वाला था कि तभी उसकी मुलाकात एक पेड़ के नीचे छिपी एक लोमड़ी से हो गई। झाड़ियों में सरसराहट सुनकर खरगोश ने लोमड़ी से रास्ता पूछा।
यह एक भालू था! खरगोश लोमड़ी के पीछे छिप गया, लेकिन भालू ने उसे देखा और भाग गया। खरगोश अपने रास्ते पर तब तक चलता रहा जब तक कि उसे एक उल्लू नहीं मिल गया। उल्लू ने कहा कि उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि रात हो चुकी है और खरगोश को घर जाना चाहिए। खरगोश ने उसे बताया कि वह खो गया है और उल्लू ने उसे अपनी आंखों का पालन करने के लिए कहा। इसके बाद में खरगोश जंगल के अंदर आगे बढा । और उसे अनेक जानवर मिले । खरगोश ने सभी जानवरो से दोस्ती की और वही जंगल में रहने लगा ।
खरगोश हमेशा अकेला रहा था, लेकिन जल्दी ही उसे प्रकृति में रहने से प्यार हो गया और वह हर दिन इधर-उधर दौड़ने और अपने नए दोस्तों के साथ खेलने में बिताने लगा। जानवरों ने खुली बांहों से उसका स्वागत किया और जल्द ही खरगोश जंगल का सबसे खुश प्राणी बन गया।
खरगोश ने देखा की जंगल के सभी जानवर अपना काम एक दूसरे से करवा रहे है । तब खरगोश ने देखा की सभी एक दूसरे का काम सही तरह से नही कर रहे है और इसी बात को लेकर काफी झगड़ा हो रहा है । तब खरगोश ने सभी जानवरो को अपने पास बुलाया और कहा की एक बार अपना काम स्वयं ही कर कर देखे । खरगोश की बात मान कर सभी ने अपना काम स्वयं किया और पाया की काम काफी अच्छी तरह से हुआ है । यह देख कर जंगल के जानवर से खरगोश ने कहा की काम तो काफी अच्छी तरह से हुआ है । मगर इसका मतलब क्या हुआ । तब खरगोश ने कहा की अपना हाथ जगन्नाथ । यह कहने पर जानवरो को कुछ समझ में नही आया तो खरगोश ने कहा की अपना काम स्वयं के द्वारा किया जाता है तो यह काफी अच्छा रहता है ।
खरगोश की बात जानवरो के समझ में आ गई और आगे से सभी जानवर अपना काम करते रहते थे । और इस बात के कारण से किसी भी जानवर में झगड़ा नही होता था । अब खरगोश जब भी सोकर उठता तो उसे शांत वातावरण मिलता था और यह देख कर खरगोश खुश होता था । तभी उसी पर जंगली जानवर खरगोश को पकड़ कर अपने साथ खिलाने लग जाते है । तो इस तरह से खरगोश का जीवन मोज में बितने लगा ।
इस तरह से खरगोश ने जंगली जानवरो को अपना हाथ जगन्नाथ की शिक्षा दी ।