अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है जानिए सरल रूप में

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ, apni khichdi alag pakana muhavare ka arth aur vakya mein prayog

जब घर के अंदर खिचड़ी बनती है ओर आपको नही मिलती है तो आपको खिचड़ी अलग बनानी पड़ सकती है । तो सावधान हो जाए और इस मुहावरे के ‌‌‌बारे में सही तरह से जान ले की इसका अर्थ क्या होता है और इसका वाक्य में प्रयोग किस तरह से होता है ।

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
अपनी खिचड़ी अलग पकानाअलग रहना या स्वार्थी होना ।

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

अगर घर के अंदर खिचड़ी बनती है और आपको नही मिलती है तो आप अपनी खिचड़ी बनाने लग जाते है । और अपना भोजन घर के लोगो से अलग बनाने का मतलब होता है की आप उनसे अलग रहते हो । दूसरा यह हो सकता है की आप स्वार्थी हो और स्वार्थ के कारण से अलग भोजन बना रहे हो । ‌‌‌तो इस आधार पर अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ अलग रहना या स्वार्थी होना होता है ।

‌‌‌ज्ञान के दाता के द्वारा इतना ज्ञान देना काफी नही होता है । और विद्वान को जीतना ज्ञान मिलता है वह कम होता है । तो आपको इस मुहावरे के बारे मे और जानने की जरूरत है तो निचे देखे –

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है जानिए सरल रूप में

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग महेश और उसके ही गाव से 6 लोग और विदेश घुमने के लिए गए थे मगर ‌‌‌महेश उन सभी से अपनी खिचड़ी अलग पकाता है ।

वाक्य में प्रयोग जब सुरज का विवाह हुआ तो कुछ ही दिनो के बाद में वह अपनी खिचड़ी अलग बनाने लगा ।

वाक्य में प्रयोग हजारी को देखते ही हम तो समझ गए थे की यह अपनी खिचड़ी अलग बनाता है ।

‌‌‌ वाक्य में प्रयोग रामलाल शराबी दोस्तो के साथ भले ही रहता हो मगर वह अपनी खिचड़ी अलग पकाता है ।

‌‌‌कैसे आखिर लोमड़ी ‌‌‌अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगी, एक कहानी

किसी जंगर में बंदर, खरगोश, बिल्ली और एक लोमड़ी रहा करते थे और चारो एक दूसरे से काफी अच्दे दोस्त रहते थे । खरगोश को बिल्ली काफी पसंद आती थी क्योकी वह देखने में उसके जैसी ही दिखाई देती थी । जिसके कारण से वह बिल्ली के साथ ही ‌‌‌अधिक खेलता रहता था ।

ऐसा लगता है कि खरगोश बंदर के साथ कम लेकिन बिल्ली के साथ ज्यादा खेलता था। अध्ययन से पता चलता है कि खरगोश ने अपने एक साथी के साथ अधिक बातचीत की, जितना उसने दोनों बंदरों के साथ किया।

बंदर हमेशा पेड़ों पर खेला करता था। वह अपने चेहरे पर हवा की अनुभूति का आनंद लेते हुए एक से दूसरे झूले झूलते थे। उनके माता-पिता अक्सर उन्हें बाहर खेलने देते थे, लेकिन उन्हें कभी संदेह नहीं हुआ कि वह वास्तव में कसरत कर रहे हैं। पेड़ों पर खेलकर, बंदर अपनी ताकत और चपलता का निर्माण करने में सक्षम हो गया, जिसने बड़े होने पर उसे जंगल में जीवित रहने में मदद की।

एक समय था जब बंदर और लोमड़ी बहुत अच्छे दोस्त थे। वे एक साथ खेलते थे, एक दूसरे के साथ मजाक करते थे और खाना भी शेयर करते थे। हालांकि, जैसे-जैसे समय बीतता गया उनकी दोस्ती धीरे-धीरे खराब होती गई। बंदर हमेशा आगे बढ़ने के लिए लोमड़ी से नाराज हो गया और लोमड़ी बंदर की लगातार बकबक से थक गई। आखिरकार, उनका रिश्ता खत्म हो गया। लेकिन भले ही वे अब एक-दूसरे की कंपनी का आनंद नहीं लेते थे, फिर भी वे अपनी पिछली दोस्ती को प्यार से याद करते थे।

जैसा कि कोई भी लोमड़ी जानती है, जब लड़ने की बात आती है, तो खरगोश निर्विवाद चैंपियन होते हैं। लेकिन एक दिन, एक लोमड़ी ने फैसला किया कि उसके पास पर्याप्त है। उसने अपनी सारी ताकत इकट्ठी की और बिना सोचे-समझे खरगोश पर हमला कर दिया, उसका इरादा उससे निष्पक्ष और चौकोर लड़ने का था।

लेकिन खरगोश चकमा देने या बचने के बजाय वहीं खड़ा रहा और हमला स्वीकार कर लिया। लोमड़ी हैरान थी – उसे इतनी आसान जीत की उम्मीद नहीं थी! उस दिन से, लोमड़ी ने फैसला किया कि वह फिर कभी खरगोश से लड़ने की कोशिश नहीं करेगी – यह इसके लायक नहीं था।

‌‌‌इस तरह से लोमडी सभी से दूर हो गई थी । अब लोमड़ी को कोई भी अपनी टीम में रखना नही चाहता था । जिसके कारण से लोमड़ी सभी से अलग रहने लगी । वह अकेली ही घुमती फिरती थी और अकेली ही रहती थी ।

एक दिन लोमड़ी खरगोश, बिल्ली और बंदर से अलग खेल रही थी। और हिरन ने यह सब देखा। हिरण ने फिर लोमड़ी से पूछा कि वह क्या कर रहा है, जिस पर लोमड़ी ने जवाब दिया, “मैं अभी खेल रही हूं।” हिरण ने फिर पूछा कि वह अपने दोस्तों के साथ क्यों नहीं खेल रहा है, तो लोमड़ी ने जवाब दिया कि वे बहुत उबाऊ हैं। हिरण ने फिर पूछा कि उसे अकेले खेलना क्यों पसंद है, तो लोमड़ी ने जवाब दिया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वह जो चाहे खेल सकती है।

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है जानिए सरल रूप में

‌‌‌हिरण समझ गया की लोमड़ी अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगी है । जंगल में यह खबर तेजी से फैली कि लोमड़ी और उसके तीन दोस्तों खरगोश, बंदर और बिल्ली की दोस्ती टूट गई है। यह कोई रहस्य नहीं था कि लोमड़ी हमेशा अपने प्रत्येक मित्र के साथ ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही थी, लेकिन इस बार ऐसा लग रहा था कि यह बहुत दूर चला गया है।

 घटना के बाद से समूह एक साथ कम और कम समय बिता रहा था, आखिरकार उन्होंने पूरी तरह से बोलना बंद कर दिया। हर कोई सोचता था कि इस तरह की दरार का क्या कारण हो सकता है, लेकिन कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता था। ‌‌‌हालाकी सभी को केवल यही पता चला था की लोमड़ी अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगी है । और यह जान कर सभी जानवर लोमड़ी से अलग होने का कारण पूछा मगर उसने नही बताया । काफी समय के बाद में सब कुछ आम हो गया ओर कोई भी इस बारे में बात नही करता है । तो इस तरह से लोमड़ी का जीवन था ।

Leave a Comment