हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ, hath saaf karna muhavare ka arth aur vaky mein prayog

अगर आपके हाथ में गंदगी लग जाती है तो फि आप हाथ साफ करते हो । मगर इस मुहावरे का मतलब यह नही की आकपो अपने हाथ को साबुल से धोकर साफ करना है । बल्की यह एक मुहावरा है जिस ‌‌‌अर्थ को देता है वह कुछ अलग ही होता है । तो आइए जानते है इस मुहावरे के बारे में –

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
हाथ साफ करनाठगना या चोरी करना।

हाथ साफ करना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

जब हमारे हाथ में किसी तरह की गंदगी लग जाती है तो हमे हाथ को साफ करना होता है और इसके लिए हम हाथ को पानी से धोते है । और उसी तरह से जब घर कें अदर कुछ ऐसा होता है जो की मुल्यवान होता है और उसे कोई चुरा लेता है तो इस तरह से घर से कुछ साफ हुआ है । और ‌‌‌जिस तरह से मानव का हाथ महत्वपूर्ण होता है उसी तरह से घर भी महत्वपूर्ण होता है । और यही कारण है की हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ चोरी करना होता है । मगर कभी कभार ठग लेने को भी हाथ साफ करना कहा जाता है

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

हाथ साफ करना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग –

वाक्य में प्रयोग जब सुरज ने देखा की सेठ जी के यहां पर हजार का नोट ऐसे ही पड़ा है तो तुरन्त सुरज ने हाथ साफ कर लिया ।

वाक्य में प्रयोग महेश को जुए की ऐसी लत लगी जिसके कारण से वह आज गाव में हाथ साफ करता रहता है और किसी को इस बारे में पता नही ।

वाक्य में प्रयोग जमीदार के बेटे को कल पुलिसकर्मी ने हाथ साफ ‌‌‌करते हुए पकड़लिया ।

वाक्य में प्रयोग पप्पुयादव ने बिना सोचे समझे बैंक में हाथ साफ कर दिया और किसी को भनक तक नही पड़ी ।

आखिर क्यो खरगोश ने किया हाथ साफ, एक कहानी

‌‌‌एक जंगल हुआ करता था । वैसे तो जंगल का राजा शेर था और जब जंगल की बात आती है तो शेर की ही बात आती है । मगर आपको बता दे की जंगल में एक और जानवर रहता था जो की सभी को परेशान कर देता है और आपको इसके बारे में जान कर मजा आने वाला है तो कहानी पढनी शुरू करे ।

‌‌‌एक बार की बात है जंगल में सभी जानवर अपने पेट को भरने के लिए एक महिने तक का खाना इकट्ठा करने की प्लानिग बनाते है । क्योकी सभी को ऐसी सुचना मिली थी की आने वाले दिनो में एक महिने तक इस धरती पर भोजन की कमी होने वाली थी । और यह सुचना जंगल का महान ज्योतिषी भालू देता है । जैसा कि भालू द्वारा समझाया गया है, जंगल में जानवर खाद्य पदार्थों को इकट्ठा करने लगे।

‌‌‌जब सभी ने भोजन को एक स्थान पर इकट्ठा कर लिया तो सभी खुश थे की आने वाली मुसीबत से बचा जा सकता है । और उनके पास पर्याप्त भोजन भी है । इस तरह से जानवर बात भी करते थे ।

उन सभी जानवरो में से एक खरगोश था जो की काफी चालाक था वह हमेशा मेहनत नही करना चाहता था । वह चाहता था की उसे बिना मेहनत के ही ‌‌‌सब कुछ प्राप्त हो जाए । और ऐसा खरगोश के लिए हो भी चुका था । क्योकी सभी ने भोजन को अपनी जरूरत के अनुसार इकट्ठा कर लिया केवल खरगोश ही रहा था । अब खरगोश को जब भी भोजन की जरूरत होती तो वह अपने आस पास रहने वाले जानवरो के भेाजन पर हाथ साफ कर लेता था ।

‌‌‌इसके बारे में किसी को कुछ पता नही चलता है । जिसके कारण से खरगोश बार बार ऐसा करता रहता है । तभी उसे यह पता चलता है की अगर उसने केवल एक ही व्यक्ति का भोजन चोरी किया तो वह पकड़ा जा सकता है । इस कारण से खरगोश ने दिमाग का उपयोग लगाया और प्रत्येक दिन के लिए एक अलग जानवर के यहां चोरी करने की ‌‌‌योजना बना ली ।

‌‌‌जंगल में लगभग 45 जानवर एकसाथ रहते थे । तो खरगोश का पेट आराम से भर जाता था । और यही कारण था की खरगोश प्रत्येक रात को अपने घर से बाहर जाता और एक एक कर कर सभी के घर में हाथ साफ कर लेता है । एक दिन एक खरगोश को जंगली जानवरों ने चोरी करते हुए पकड़ लिया। खरगोश डर गया और शर्मिंदा हो गया और उसे लगा जैसे उसने कुछ गलत किया है। जंगली जानवरों ने उसे बताया कि यह उसकी गलती नहीं थी और वे केवल वही कर रहे थे जो उन्हें जीवित रहने के लिए करना था। खरगोश समझ गया और अपनी गलती के लिए माफी मांगी। उसने फिर कभी चोरी न करने का वादा किया।

‌‌‌लेकीन खरगोश मानता नही है समय के साथ फिर से भोजन चुराने लग जाता है । और किसी को भी इस बारे में पता नही चलता है । इसी तरह से चल रहा था और जानवर मोज मस्ती के साथ भोजन को खाते रहते थे और रात को खगोश हाथ साफ कर लेता था । इसी तरह से जीवन चल रहा था ।

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

‌‌‌जब काफी समय बित गया और आपदा का समय समाप्त हुआ तो सभी का भोजन समाप्त हो चुका था । केवल खरगोश के पास ही काफी सारा भोजन था । ‌‌‌यह देख कर जानवरो ने कहा की खरगोश ने तो भोजन इकट्ठा तक नही किया था तो फिर इसके पास भोजन कहा से आ गया ।

यह सुन कर सभी ने खरगोश को सक की नजर से देखा । डर के मारे खरगोश ने अपना गुन्हा कबुल कर लिया और कहा की मैंने आप सभी के भोजन पर हाथ साफ किया था । यह सुन कर सभी घुस्से में आ जाते है और खरगोश के ‌‌‌पास जो भोजन होता है उसे ले लेते है । इस तरह से फिर खरगोश के पास कुछ नही रहता है । तभी सभी जानवरो ने यह निश्चय किया की खरगोश को सजा दी जाए और सजा के रूप में सभी के लिए एक समय के खाने की व्यवस्था करनी थी ।

यह सजा खरगोश के लिए कठिन थी और इसे पूरा करने के बाद में खरगोश को समझ में आ गया की ‌‌‌कभी चोरी नही करनी चाहिए । इसके बाद में खरगोश ने हाथ साफ करना छोड़ दिया । और आराम से अपना जीवन जीने लगा ।

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