लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ, lal pila hona muhavare ka arth aur vakya mein prayog kijiye
होली के दिन तो अपको याद होगे ही और वही एक ऐसे दिन है जब सभी लाल पीले नजर आते है । मगर लाल पीला होना मुहावरा भी तो होता है और इसका अर्थ क्या है और वाक्य में प्रयोग कैसे होते है यह प्रशन आपके मन में है तो आपको उत्तर लेख में मिलेगा ।
लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
लाल पीला होना | क्रोधित होना । |
लाल पीला होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे
दोस्तो होली हम सभी का प्रिय त्यौहार होता है । और होली के दिन हम सभी एक दूसरे को लाल पीले रंग से रंगते है । जिसके कारण से हम पूरी तरह से लाल पीले हो जाते है । मगर इसके अलावा मानव जीवन में कुछ अगल भी होता है जिसके कारण से वह लाल पीला होता है और वह कुछ और नही बल्की क्रोध ही होता है । क्योकी यह कहा जाता है की जब मानव क्रोधित होता है तो वह लाल हो जाता है । और पीला रंग भी कुछ कुछ नजर आता है तो इस आधार पर लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ क्रोधित होना होता है ।
आप एक विद्वान लग रहे हो और आपके लिए इतना ज्ञान काफी नही है । क्योकी विद्वान को जीतना ज्ञान मिले वह उसके लिए कम होता है तो आइए वाक्य में प्रयोग भी जान लेते है ।
लाल पीला होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – जब शिक्षक को पता चला की बच्चो ने एक लड़की को काफी पीटा है तो शिक्षक लाल पीला हो गए ।
2. वाक्य में प्रयोग – शिक्षक ने प्राथना स्थल पर सुरज को प्राथना बोलने के लिए बुलाया मगर वह जब नही आया तो शिक्षक लाल पीला हो गए ।
3. वाक्य में प्रयोग – स्कूल में प्राथना स्थल पर शिक्षको ने बच्चो से कुछ प्रशनो के उत्तर पूछ तो किसी को उत्तर नही पता था यह देख कर अध्यापक लाल पीला हो गए क्योकी कल ही सभी को उन प्रशनो के उत्तर बताए गए थे ।
4. वाक्य में प्रयोग – जब अध्यापक ने देखा की उनका एक विद्यार्थी शरारत कर रहा है तो अध्यापक लाल पीला हो गए और जोर से डाट मारते है ।
5. वाक्य में प्रयोग – स्कूल में अध्यापक की बात जब कंचन ने नही मानी तो अध्यापक लाल पीला हो गए और सजा दी ।
6. वाक्य में प्रयोग – कक्षा अध्यापक पढा रहे थे मगर रजनी का ध्यान पढाई में न देख कर अध्यापक लाल पीला हो जाते है ।
7. वाक्य में प्रयोग – दुश्मन देश भारत देश पर हमला करने की योजना बनाते है तो इंडियन आर्मी लाल पीला हो गई और दुश्मन देश पर हमला बोल दिया ।
आखिर क्यो हुआ शेर लाल पीला, एक प्रसिद्ध कहानी
एक बार एक जंगल में एक शेर रहता था। वह बहुत शक्तिशाली और बलवान था जिसके बारे में सभी जानवर जानते थे। उस शेर के आसपास बड़ी संख्या में चीते, हिरण, बाघ और अन्य जानवर रहते थे। शेर अपने राज्य में खुश और समृद्ध था। वह जंगल के दूसरे जानवरों की सुरक्षा के लिए भी जवाबदेह था। उसने कभी भी दूसरे जानवरों के साथ लड़ाई नहीं की थी और हमेशा सबकी मदद करता था।
एक दिन, जंगल में एक बड़ा शिकार दिखा। शेर ने इसकी जांच की और उसे बचाने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करने का फैसला किया। शेर ने अपनी सभी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकार को पकड़ा और उसे अपने दोस्तों में बांटा।
यह घटना जल्द ही जंगल में फैल गई और सभी जानवर शेर की शक्ति और बलवानता के बारे में जानने लगे। शेर जंगल के राजा के रूप में जाना जाने लगा था और सभी जानवर उसे अपने समर्थक मानने लगे।
शेर जंगल का सबसे बलवान और सरदार था। उसकी ताकत को देखकर सभी जानवर उससे डरते थे, लेकिन उसे समझने वाले जानवर जानते थे कि शेर कभी दुष्ट नहीं था और हमेशा दूसरों की मदद करता था।
एक दिन, एक बच्चा बाघ जंगल में भटक रहा था और वह खुद को अकेला महसूस कर रहा था। शेर ने उसे देखा और उसके पास जाकर पूछा, “तुम क्यों इतने उदास हो रहे हो, बच्चा?”
बच्चा बाघ ने शेर को अपनी कहानी सुनाई कि वह अपने माँ-बाप के साथ था और अचानक से भटक गया था। उसके बचाव के लिए उसे अपने माँ-बाप की तलाश करनी पड़ी थी।
शेर ने उसे संभाला और उसे दूसरे बाघों के साथ मिलवाया, जो उसे अपने बच्चों के साथ थे। बच्चा बाघ ने अपने माँ-बाप को देखकर खुश हो गया था और शेर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उसकी ओर आग्रह किया कि शेर भी उनके साथ समय बिताएं। शेर ने बच्चा बाघ के साथ खेलना शुरू किया और उसे अपने दोस्तों से मिलवाया।
शेर ने बच्चा बाघ के साथ समय बिताने के बाद, वह अब जंगल में घूमता फिरता था। एक दिन, उसने एक झुंड कुत्तों को देखा जो एक साथ उसकी तरफ बढ़ रहे थे। शेर ने जाना कि इन कुत्तों ने उसे खाने का सोच रखा होगा और उसे बचाने के लिए उसने अपने दोस्तों को बुलाया।
शेर और उसके दोस्तों ने कुत्तों के साथ एक जंगली टकराव करने की कोशिश की, लेकिन कुत्ते बढ़िया तरीके से संगठित थे और उन्हें हराना मुश्किल था। शेर को एक तरकीब का पता चला, वह बोला कि हमें एक साथ काम करना चाहिए और एक-एक करके हमें कुत्तों को घेरना चाहिए।
उसने अपने दोस्तों को अपने योग्यता और ताकत के अनुसार विभाजित कर दिया और उन्होंने सफलतापूर्वक कुत्तों को घेर लिया। इससे कुत्ते डर गए और भाग गए। जंगल के बाकी जानवरों ने शेर के बचाव के लिए धन्यवाद दिया और शेर ने बताया कि संयुक्तता में शक्ति होती है। वह दूसरों को सिखाता रहा कि जब हम साथ मिलकर किसी भी मुसीबत से जीत सकते है ।
एक दिन की बात है , शेर ने जंगल में घूमते हुए देखा कि एक नया जानवर आ गया है जिसका नाम था चीता। शेर ने सोचा कि चीता उससे भी तेज भागता है और उससे भी स्मार्ट है।
शेर ने चीता से मिलने के लिए जाकर उसे अपना दोस्त बनाया। दोनों जानवरों ने साथ में खेला, दौड़ा और खाया। शेर चीता से बहुत कुछ सीखता था, वह उससे संयुक्तता की बातें सीखता था और चीता उससे बताता था कि कैसे अपनी शक्तियों का उपयोग कर सकते हैं।
एक दिन, शेर और चीता एक साथ शिकार करने गए थे। शेर ने सोचा कि उसे चीता की मदद से शिकार करना आसान होगा। चीता ने शेर को बताया कि जब आप एक बार शिकार करने के लिए उठते हो, तो आपको सबसे पहले आगे बढ़ना चाहिए। शेर ने उसकी सलाह मानी और एक बार में शिकार कर लिया। शेर और चीता दोस्ती करके बहुत समय बिताते रहे, और जंगल में उनकी दोस्ती की कहानी फैल गई। जंगल के अन्य जानवरों ने उन्हें देखकर सीखा कि एक दूसरे से किस तरह से सीखा जाता है ।
शेर और चीते बहुत अच्छे दोस्त थे। वे हमेशा साथ घूमते फिरते थे और एक दूसरे के कंपनी का आनंद लेते थे। एक दिन, शेर लाल पीला हो रहा था । उसे लगा कि चीते ने उसे धोखा दिया है। शेर चीते के पास गया और उससे नाराज हो गया। उसने चीते से कहा, “तुम ने मुझे धोखा दिया है! तुम्हारी दोस्ती में कोई मतलब नहीं है।”
चीते बेचैन हो गया और शेर को समझाने के लिए कोशिश की, “यार, मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मुझे बताओ कि मैंने क्या गलत किया है?” शेर गुस्से में था और उसने चीते से कहा, “तुमने मुझसे बात करने से इंकार कर दिया। तुम ने मुझे ठगा है।” चीते ने शेर से माफी मांगी, “मुझे माफ कर दो, मेरी गलती हो गई। मैंने तुम्हें ठगा नहीं है। मैं सिर्फ थोड़ा व्यस्त था लेकिन अब मैं तुमसे फिर से बात करना चाहता हूं।”
शेर धीरे-धीरे शांत होता हुआ चीते के पास गया और उसे एक अधिक गहराई से गले लगाकर उसे कहता है, “मैं तुम्हें आश्वस्त करता हूं कि मैं तुम्हारे दोस्त हूं और तुम मेरा सबसे अच्छा दोस्त हो। मुझे पता है कि तुम मुझे कभी धोखा नहीं दोगे।” हालाकी मुझे ऐसा लगा था की तुम मुझे धोका दे रहे हो इस कारण से ही मैं आग बबूला हो गया था ।
चीते को शेर के वचन बहुत भावुक कर देते हैं और उसे लगता है कि शेर का प्यार और दोस्ती उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शेर और चीते फिर से दोस्त बन जाते हैं और वे अपनी दोस्ती को मजबूत करते हैं।
इस कहानी से हमे यह समझ में आता है की जब भी आग बबुला होते है तो उसके सही कारण के बारे में पहले तीन बार सोच लेना चाहिए । क्योकी कभी कभार बेवजह घुस्सा कर लेते है ।
अत कहानी में आपने देखा की किस तरह से शेर छोटी सी बात पर आग बबूला हो जाता है ।