जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ क्या होता है एक प्रसिद्ध कहानी भी पढे

जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ , jaan hatheli par rakhna muhavare ka arth aur vakya me prayog

‌‌‌अगर दुनिया में कोई जान हथेली पर रख सकता है तो वह हमारे फोजी भाई है । ऐसा क्यो इस बारे में हम बात करेगे । मगर उससे पहले जान ले की इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है और वाक्य में प्रयोग किस तरह से होता है ।

जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
जान हथेली पर रखनाजान की परवाह न करना

जान हथेली पर रखना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

इस धरती पर रहने वाले सभी मानव के पास केवल एक ही जान होती है और अगर वह जान चली जाती है तो उस मानव का अंत हो जाता है । मगर हमारे फोजी भाई ठहरे बाहदुर और अपने देश की फिकर करने वाले जो की अपनी जान को हथेली पर रखते है और कहते है की किसी की हिम्मत है ‌‌‌तो हमेन नुकसान पहुंचाए । मतलब फोजी भाई देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की परवहा नही करते है । इस आधार पर कहा जा सकता है की जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ जान की परवाह न करना होता है ।

जान हथेली पर रखना

‌‌‌अगर आप स्वयं को विद्वान मानते हो तो आपके लिए यह ज्ञान काफी नही है । क्योकी एक विद्वान के लिए जीतना ज्ञान दिया जा रहा है वह हमेशा कम ही रहता है । और आपको इस मुहावरे के वाक्य में प्रयोग के बारे में जानना चाहिए।

जान हथेली पर रखना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

1. वाक्य में प्रयोग राहुल ने जान हथेली पर रख कर अनजान लोगो को मरने से बचा लिया ।

2. वाक्य में प्रयोग वेलकम मुवी में अक्षयकुमार ने जान हथेली पर रख कर RDX  के बेटे की जान बचाई ।

3. वाक्य में प्रयोग तुफान के देवता थोर ने अपनी जान हथेली पर रख कर एस गार्ड निवासियो की जान बचाई ।

4. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी ने अपनी जान पर ‌‌‌रख कर अपने देश के लोगो की हिफाजत की और कर रहे है ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग जब एक फोजी भाई को पता चला की देश के भितर आतकवादी देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे है तो फोजी भाई ने अपनी जान हथेली पर रख कर उनको बचा लिया ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग महेश उस अवसर पर, उन्होंने अपनी जान हथेली पर रखते हुए बहुत मेहनत की और अपना लक्ष्य हासिल किया।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयोग जब शेर सामने था तो फोजी भाई ने अपनी जान हथेली पर रख ली और लोगो की जान बचा ली ।

‌‌‌आखिर क्यो रखी रखगोश ने जान हथेली पर , एक प्रसिद्ध कहानी

एक बार की बात है, एक जंगल में एक खरगोश रहता था। वह बहुत ही तेज था और उसे अपनी तेज दौड़ के कारण जंगल के अन्य सभी जानवरों का आदम्य सम्मान था। वह हमेशा उस समय अपनी दौड़ में लगा रहता जब अन्य जानवर सो रहे होते थे।

एक दिन, खरगोश को अचानक एक चींटी से मिला। चींटी बहुत थकी हुई थी और उसने खरगोश से अनुरोध किया कि वह उसे अपने पीठ पर बैठाकर जंगल के दूसरे किनारे ले जाए। खरगोश ने चींटी की मदद करने का फैसला किया। वह चींटी को अपनी पीठ पर बैठाकर दौड़ने लगा। यह दौड़ थोड़ा देर चला, और फिर खरगोश ने चींटी से पूछा कि क्या वह ठीक है।

चींटी ने उत्तर दिया कि वह ठीक है, लेकिन वह थोड़ी देर बाद अब नहीं बैठ सकती है। वह अपनी थकान के कारण अब चलने में असमर्थ हो गई है।खरगोश ने चींटी के लिए दुसरे तरीके की तलाश करना फैसला किया।

खरगोश ने बाघ से बात की और उसे चींटी को अपनी पीठ पर बैठाने के लिए मदद करने के लिए कहा। बाघ ने सहमति दी और उसने चींटी को अपनी पीठ पर बैठा लिया। खरगोश और बाघ ने मिलकर चींटी को जंगल के दूसरे किनारे तक ले जाया। चींटी ने खरगोश और बाघ के साथ यात्रा के दौरान धन्यवाद दिया और उनकी मदद के लिए आभार व्यक्त किया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की मदद करना चाहिए जब भी वे हमारी मदद चाहते हैं। यह एक संयमित और उदार मानसिकता का प्रतीक है जो हमें स्वयं के लिए और दूसरों के लिए उत्तम बनाता है। इसके अलावा, इस कहानी से हमें यह भी समझ मिलता है कि जीवन में सफलता और सम्मान के लिए हमें आलस्य और घमंड से दूर रहना चाहिए।

अगले दिन, खरगोश अपनी सुबह की दौड़ के लिए निकला। जब वह अपनी दौड़ पूरी करके वापस आया, तो उसने एक छोटे से लड़के को एक बड़े वृक्ष के ऊपर फंसे हुए देखा। लड़का रो रहा था और खरगोश ने उसे पूछा कि क्या हुआ है।

लड़का बताया कि वह खेलते समय वृक्ष के ऊपर चढ़ा था, लेकिन फिर उसे नीचे नहीं उतरने का रास्ता मिल रहा था। खरगोश ने लड़के को समझाया कि वह अपनी आंखें बंद करें और फिर से नीचे उतरने का प्रयास करें। लड़के ने उसकी बात सुनी और फिर से कोशिश की और नीचे उतर गया।लड़का ने खरगोश को धन्यवाद दिया और उसे अपने घर ले गया। वह उसे अपने माता-पिता को दिखाने के लिए खुश था। उस दिन से खरगोश को लड़के के माता-पिता का नया दोस्त मिल गया।

इस कहानी से हमें एक और सीख मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए समय निकालना चाहिए। जब हम किसी दूसरे की मदद करते हैं, तो हम उस व्यक्ति को न केवल उसकी समस्या का समाधान देते हैं, बल्कि उसकी मदद करने से हमें भी अपने आप को बेहतर महसूस होता है।

‌‌‌इसके बाद, खरगोश ने उसे लड़के को समझाया कि वह जंगल में कितनी खुशी से खेल सकता है और वह बहुत उत्साहित था। दोनों दोस्त ने एक झील के किनारे जंगल में जा कर रुके। वहाँ, उन्होंने बहुत सारे तरह के जानवरों को देखा जैसे कि मुर्गे, भेड़िये, शेर आदि। वे एक छोटी सी नदी के किनारे गए और वहाँ खेलने लगे।

‌‌‌आखिर क्यो रखी रखगोश ने जान हथेली पर , एक प्रसिद्ध कहानी

खरगोश ने लड़के को बताया कि वह जंगल में खेलते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए क्योंकि वहाँ जानवर भी रहते हैं। वह उसे भी बताया कि वह जंगल का राजा शेर होता है और उससे बचना बहुत जरूरी होता है।  लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया और खुशी से खेलते रहे। एक दिन, जब वे खेल रहे थे, एक शेर ने उन्हें देख लिया। शेर ने तुरंत हमला कर दिया और दोनों दोस्त भागने लगे।

शेर ने खरगोश और लड़के को दौड़ते हुए पीछे करना शुरू कर दिया। खरगोश ने देखा कि शेर उनसे कुछ दूरी पर है, इसलिए उसने लड़के को बचाने का फैसला किया। खरगोश ने अपनी जान ‌‌‌हथेली पर रख कर शेर के पास दौड़ा और शेर को उलटा कर उसकी नाक में एक चोट लगाई। शेर बहुत दर्द में चीखा और उसका ध्यान खरगोश से हट गया।

इस अवस्था में, खरगोश ने लड़के को अपने पास भेज दिया और उसे सलामत रखा। शेर ने देखा कि उसका शिकार बच गया है और वह वापस लौट गया। लड़के ने खरगोश को बहुत धन्यवाद दिया और उसकी सहायता से घर वापस चला गया। खरगोश को बहुत खुशी हुई क्योंकि उसने अपनी मित्रता का सबूत दिखाया था।

इस घटना के बाद से, खरगोश और लड़के की दोस्ती और गहरी हो गई थी और वे हमेशा एक दूसरे के साथ खेलते रहे। खरगोश ने उस दिन सीखा कि मित्रता और सहायता सभी समयों में महत्वपूर्ण होती हैं।  

इस कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि हमेशा अपने मित्रों की मदद करनी चाहिए। खरगोश ने शेर से लड़के को बचाने के लिए जो जोखिम उठाया था, वह उसके दोस्त के लिए बहुत ही अनमोल था। इसलिए हमें अपने दोस्तों की सहायता करना और उन्हें हर मुश्किल से बचाना चाहिए।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो कहानी में खरगोश जान हथेली पर रख कर अपने मित्र को बचाता है ।

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