भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ, bhigi billi banana muhavare ka arth

भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ, bhigi billi banana muhavare ka arth aur vakya prayog

बिल्ली एक ऐसा जानवर है जो की शेर की प्रजाति में से ही एक के रूप में जानी जाती है । मगर एक मुहावरा होता है भीगी बिल्ली बनना और आपको बता दे ‌‌‌की यह काफी प्रसिद्ध मुहावरा है और कई बार परिक्षाओ में पूछा गया है । तो आइए जानते है की इसका अर्थ क्या है

भिगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
भिगी बिल्ली बननाडर जाना

भिगी बिल्ली बनना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

अगर बिल्ली की बात करे तो आप इसके बारे में जानते है । बिल्ली जो होती है वह आसानी से डरती नही है मगर जब कुत्ते जैसे जानवर बिल्ली के सामने आ जाते है तो वह डर जाता है । और भिगी बिल्ली जो होती है वह एक डरी हुई बिल्ली को कहा जाता है । और इस ‌‌‌आधार कहे की भिगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ डर जाना होता है ।

वैसे विद्वान साथी आपको वाक्य में प्रयोग भी जानना चाहिए क्योकी यह भी काफी जरूरी होता है  ।

भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ, bhigi billi banana muhavare ka arth

भिगी बिल्ली बनना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जब शर्मा जी के घर में इनकम टैक्स की रेड पड़ी तो शर्मा जी भिगी बिल्ली बन कर बैठ गए ।

‌‌‌2. वाक्य में प्रयोग बच्चे कक्षा के अंदर शौर मचा रहे थे मगर तभी अध्यापक आ जाते है और बच्चे भिगी बिल्ली बन जाते है ।

3. वाक्य में प्रयोग विद्यालय में विद्यार्थी एक दूसरे के साथ झगड़ा कर रहे थे और जब उन्हे अध्यापक आते दिखा तो सभी भिगी बिल्ली बन गए ।

‌‌‌4. वाक्य में प्रयोग अध्यापक ने जब विद्यार्थी को प्रशन पूछा तो किसी को उत्तर नही आया और यह देख कर अध्यापक गुस्से में आ जाते है और सभी विद्यार्थी भिगी बिल्ली बन जाते है ।

5. वाक्य में प्रयोग जैसे ही अध्यापिका ने बच्चो को डराया सभी भिगी बिल्ली बन गए ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग जब महेश ने देखा की एक खूनी उसका खून करने के लिए आ रहा है तो महेश भिगी बिल्ली बन गया ।

7. वाक्य में प्रयोग अपने साने भूत को सच में देख कर शंकर भिगी बिल्ली बन गया ।

‌‌‌आखिर क्यो बना शेर भिगी बिल्ली, एक कहानी

एक बार जंगल में एक शेर रहता था, जो बहुत बड़ा और शक्तिशाली था। शेर को सभी जंगल के जानवर डरते थे। लेकिन शेर का खाने का एक शिकारी था, जो उसे हमेशा तरह-तरह के चालों से उलझा देता था।शेर को सोचते हुए कि उसके चारों ओर सभी जंगली जानवर उससे डरते हैं, तो शेर अपने आपको बहुत ही बड़ा और खतरनाक समझने लगा। वह अपने दोस्तों से भी दूर हो गया और एकांतवास में रहने लगा।

एक दिन, शेर ने एक छोटे से बच्चे को देखा, जो शेर के सामने खड़ा था। शेर ने उसे ध्यान से देखा और उसमें कुछ अलग लगा। शेर ने उस बच्चे को पास आने के लिए बुलाया और उससे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है?

बच्चा बोला, “मेरा नाम भेड़िया है।”

शेर ने बच्चे से पूछा, “तुम मुझसे नहीं डरते?”

बच्चा हँसते हुए बोला, “नहीं, मैं आपसे नहीं डरता।”

शेर अचंभित हो गया और सोचा कि यह बच्चा शायद कुछ अलग हो सकता है। शेर ने बच्चे को पूछा, “तुम्हें मुझसे क्यों नहीं डर लगता?”

बच्चा ने शेर को एक प्रश्न से जवाब दिया, “आप क्या डरते हो?”

शेर ने उत्तर दिया, “मैं अपनी स्थिति से डरता हूँ, मैं अकेला हूँ और मेरे पास कोई साथी नहीं है।”

बच्चा ने समझा कि शेर एकाकी होने से डरता है और उसे संबंध बनाने की कोशिश करने लगा। बच्चा ने शेर से पूछा, “क्या हम दोस्त बन सकते हैं?”

शेर ने बच्चे को देखा और उसके सुंदर चेहरे पर हँसी आ गयी। उसने बच्चे के साथ दोस्ती की शुरुआत की और उसका साथ देना शुरू किया। बच्चा और शेर एक साथ घूमने लगे और शेर ने अपनी साथी की कमी महसूस नहीं की। ‌‌‌तब शेर ने कहा की चलो बच्चा मैं तुम्हे घुमाने के लिए लेकर चलता हूं ।

जब बच्चा और शेर घूमते घूमते एक झाड़ी के पास पहुंचे, तो उन्हें वहां एक साँप दिखाई दिया। बच्चा डर गया और शेर के पीछे छिप गया। शेर ने उसे बताया कि साँप भी उनके मित्र हैं और वह उनके लिए कोई खतरा नहीं होगा। शेर ने साँप के पास जाकर उससे बात की और उसे बताया कि वह और बच्चा दोस्त हैं।

साँप ने शेर की बात मानी और उनके साथ खेलने लगा। उन्होंने साथ में खेलते-खेलते घास के मैदान में पहुंच गए और वहां एक हिरण उन्हें दिखाई दिया। शेर, साँप और बच्चा हिरण के पास गए और वह भी उनके साथ खेलने लगा। उन्होंने सभी एक साथ खेलते हुए बहुत मज़े किए। जब सूर्य ढलने लगा तो शेर ने बच्चे को बोला कि अब उसे घर जाना चाहिए। बच्चा ने साथ में शेर, साँप और हिरण को अलविदा कहा और अपने घर की तरफ चल दिया।

‌‌‌तब शेर ने बच्चे से कहा की चलो मैं तुम्हे छोड़ने के लिए चला जाता हूं । बच्चा शेर के  उपर बैठ जाता है और उसे घर छोड़ने के लिए चला जाता है । जब शेर और बच्चा गाव में पहुंचते है तो लोग देखते है की शेर ने बच्चे को पकड़ लिया है । और इस कारण से वह शेर को गोली मारने के लिए तैयार हो जाते है ।

‌‌‌एक आदमी ने शेर पर गोली मारी मगर खुदा का शुक्र था की गोली शेर को नही लगी । यह सब देख कर शेर भिगी बिल्ली बन गया और भागने की सोचने लगा । तभी बच्चे ने सभी को बताया की शेर उसका दोस्त है उसे नही मारे । तब लोग रूक गए और फिर बच्चे ने शेर से कहा की डरो मत यह आपको कुछ नही करेगे ।

भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ, bhigi billi banana muhavare ka arth

‌‌‌मगर शेर को लोगो से काफी डर लगता था जिसके कारण से वह छिपने का प्रयास करने लगा । तब बच्चे ने कहा की ठिक है मैं इनलोगो को अपने साथ लेकर चलता हूं । बच्चा चला जाता है और अपने साथ लोगो को भी वहां सेलेकर चला जाता है । यह देख कर शेर भिगी बिल्ली बनने से रूकता है और स्वयं भी जंगल में चला जाता है ।

‌‌‌इस कहानी से समझ में आता है की एक व्यक्ति को अपने दोस्त की हिफाजत हमेशा करनी चाहिए अगर ऐसा किया जाता है तो यह एक अच्छी दोस्ती की निशानी होती है ।

इस तरह से दोस्तो शेर को भिगी बिल्ली बनना पड़ा था ।

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