कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा और वाक्य प्रयोग भी बताइए

कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ, kaan ka kaccha hona muhavare ka arth aur vakya prayog

अगर किसी के कान का विकाश सही तरह से नही हुआ है तो उसे कान का कच्चा कहा जा सकता है……. मगर आपको बता दे की ऐसा कुछ समझना मुर्खता होती है ‌‌‌दरसल यह एक मुहावरा है और इसका अर्थ कुछ अलग ही होता है तो चलिए इस मुहावरे के अर्थ के बारे में जानते है –

कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा?

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कान का कच्चा होनाआसानी से किसी की बात पर भरोसा करना ।

कान का कच्चा होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

सबसे पहली बात तो यह की कान का उपयोग सुनने के लिए किया जाता है और जो कुछ हमे सुनाई देता है उसे दिमाग तक पहुंचानने का काम कान का होता है । अब दिमाग उस बात को सोचता समझता है और फिर जाकर हम किसी बात पर भरोषा करते है । और ऐसा करना ही सबसे सही तरीका ‌‌‌होता है ।

मगर कुछ लोग ऐसे होते जिन्हे जो कुछ सुनाई देता है उसे सच मान लेते है । मगर कहते है ना की दिमाग का उपयोग करना भी जरूरी है जब तक अपनी आंखो से और कानो से कुछ देखा और सुना नही जाता है तब तक उसे सच नही मानना चाहिए । और भारोषा करने के लिए कई बार सोचना चाहिए ।

‌‌‌मगर मगर जिसका कान कच्चा होता है वह पूरी तरह से बात को आगे नही पहुंचा पाता है ओर व्यक्ति जो कुछ सुनता है उस पर भरोषा कर लेता है । और इस आधार पर कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ आसानी से किसी की बात पर भरोसा करना होता है ।

कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा और वाक्य प्रयोग भी बताइए

‌‌‌कान का कच्चा होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग सजन कान का कच्च था जो की राहुल की बात में आ जाता है और जायदाद उसके नाम कर देता है ।

2. वाक्य में प्रयोग किशोर कान का कच्चा है अगर तुम चाहो तो उसकी जमीन हड़प सकते हो ।

3. वाक्य में प्रयोग रामलाल तो पूरा ही कान का कच्चा निकला लोगो की झुंठी बातो पर भरोषा कर कर अपने भाई से लड़ाई कर बैठा है ।

4. वाक्य में प्रयोग तुम क्या कान के कच्चे थे जो की शर्मा जी ‌‌‌जैसे ठगाखोर आदमी पर भरोषा कर कर कही पर भी साइन कर दिया ।

5. वाक्य में प्रयोग रामू कान का कच्चा है तभी उसकी मां उसे अकेले घर से बहार नही भेजती है ।

6. वाक्य में प्रयोग रमिया तो कान की कच्ची है कल की ही बात है कंचन ने अपने दुखो के बारे में उसे बता कर 10 हजार रूपय ले लिए ।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयोग अरे महेश पूरा का पूरा ठगाखोर है और तुम ठहरे कान के कच्चे जो उसकी बात मान कर उसे पैसे देने के लिए तैयार हो गए हो ।

‌‌‌चूहा निकला कान का कच्चा, एक मजेदार कहानी

एक बार की बात है, एक जंगल में एक बहुत ही बड़ा बिल्ली रहता था। वह बहुत ही ताकतवर था और सभी जानवर उससे डरते थे। जंगल में एक छोटी सी चूहे भी रहती थी जो बिल्ली से बहुत छोटी थी। चूहा बहुत ही बुद्धिमान था और हमेशा अपने चलन-फलन से सभी को हैरान करता था।

एक दिन बिल्ली चूहे को देखकर बोली, “तुम्हारे जैसे छोटे से जानवरों का कुछ नहीं होता। मैं तुम्हें एक चुनौती देता हूँ, अगर तुम मुझे अपने स्तन चूसने की कोशिश करोगे तो मैं तुम्हें नहीं मारूँगा।”

चूहा ने बिल्ली की बात सुनकर सोचा, “मैं इस बिल्ली की बात पर भरोसा करता हूँ। शायद मैं उसे इस चुनौती से हरा सकूं।” चूहा ने बिल्ली के स्तन चूसने की कोशिश की लेकिन उसे सफल नहीं हो पाया।

बिल्ली ने चूहे को खोज कर मारने की कोशिश की, लेकिन चूहा ने अपनी चाल से बिल्ली को उलझा दिया और उसे भटका दिया। बिल्ली भटकते भटकते जंगल में भूल गयी थी। उसे रास्ता नहीं मालूम था कि वह किस तरफ जाये। अंततः उसे भूख और थकान से लड़ना पड़ा और उसे एक छोटी सी गुफा मिल गयी जहाँ वह ठहर गयी।

गुफा में बिल्ली को अपनी गलतियों का एहसास होने लगा। वह उस दिन के घटनाक्रम को याद करती रहती थी और जब उसे चूहे के सामने देखा था तब उसने उसे एक आशा का साथ चुनौती दी थी।

बिल्ली ने अपनी गलती स्वीकार की और यह मान लिया कि छोटे से जानवरों का कुछ नहीं होता। वह अपनी भूल के लिए चूहे से माफी मांगने के लिए गुफा से बाहर निकला।

वह जंगल में फिर से भटकना शुरू कर दिया था। उसे उस दिन का सबक समझ में आ गया था और वह अब सभी जानवरों के साथ अच्छे से बर्ताव करता था। ‌‌‌तभी बिल्ली को चूहा दिखाई देता है और बिल्ली उससे मदद मागती है और कहती है की अगर मुझे अपने घर पर छोड़ दोगी तो मैं तुम्हे जीवन में कभी नही मारूगी ।

‌‌‌कहानी इस तरह से बताइए, चुहे ने बिल्ली बी बात पर भरोषा कर लिया और उसे जंगल के बाहर लेकर गया और बिल्ली के निवास स्थान पर छोड़ दिया और अब चुहा काफी खुश था की उसे बिल्ली कभी परेशान नही करेगी । मगर ऐसा नही हुआ चूहे कुछ ही समय के बाद में चूहे पर बिल्ली हमला करती है ओर चूहे को मार देती है ।

‌‌‌चूहा निकला कान का कच्चा, एक मजेदार कहानी

‌‌‌मगर जब यह सब बाते बाकी चूहो को पता चली तो उन्होने समझा की बिल्ली की बात पर आसानी से भरोषा नही करना चाहिए । क्योकी अगर वह बिल्ली की बात पर भरोषा करते है तो वे कान के कच्चे होगे । क्योकी जब चूहे ने बिल्ली की बात पर भरोषा किया था तो वह कान का कच्चा बन गया था । क्योकी बिल्ली हमेशा ‌‌‌हमारी दुश्मन है जो की हमे हमेशा नुकसान पहुंचाती है ।

तभी एक दूसरे चूहे ने बाकी सभी चूहो से कहा की आखिर उस चूहे ने बिल्ली की बात पर भरोषा क्यो किया था । तब बाकी चूहे उसे समझाने लगे की बेटा वह तो कान का कच्चा था । और यही कारण था की वह आज इस दुनिया में नही रहा है ।

तब चूहो ने सभी को समझाया ‌‌‌की हमे आसानी से किसी की भी बात पर भरोषा नही करना है । क्योकी इससे हमारा काफी बड़ा नुकसान हो सकता है । अगर हम किसी पर भरोषा करते है । और इसके बाद में चूहो ने किसी की भी बात पर आसानी से भरोषा करना बंद कर दिया और अपना जीवन जीते रहे ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो चूहा कान का कच्चा था और वह बिल्ली की बात पर भरोषा करता है और मारा जाता है ।

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