कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व एक अनोखी कहानी

कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ, kaan khade hona muhavare ka arth aur vakya mein prayog kijiye

हमारे कान हिलते तक है नही तो फिर खड़े कैसे होगे । मगर आपको बता दे की कान तो वैसे ही खड़े ही रहते है । हालाकी यह बाते सब मजाक तक ही सिमित है । अगर ‌‌‌हम मुहावरे के बारे में बात करे तो इसका एक अलग मतलब होता है जो की आपको पता होना जरूरी है । क्योकी मुहावरा काफी महत्वपूर्ण है ।

कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कान खड़े होनासचेत होना या चौकन्ना होना ।

कान खड़े होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

वैसे आपके आस पास गाय या किसी अन्य तरह का पालतु पशु होगा ही । तो आप उसे ध्यान से देखे जब भी उसे किसी तरह की ध्वनी सुनाई देती है तो उसके कान खड़े हो जाते है । अगर किसी तरह की मुसीबत आती है तो उनका कान खड़ा होता है और वे सावधान हो जाते है ।

कहते है की ‌‌‌पहले मानव के पास भी ऐसे कान थे जो की खड़े हो जाते थे और मानव सावधान हो जाता था । मगर इस बात में कितनी सचाई है यह एक बात अलग होती है ।

क्योकी कान खड़े होने के कारण से जानवर सावधान हो जाते है , तो आपको तो पता ही हेागा की सावधान होना को सचेत होना या चौकन्ना होना  भी कहते है । तो इस आधार पर कान ‌‌‌खड़े होना मुहावरे का अर्थ सचेत होना या चौकन्ना होना होता है ।

कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व एक अनोखी कहानी

कान खड़े होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जब यूट्यूब पर लोगो ने देखा की देश मे किस तरह से कोरोना का कहर मडराने लगा है तो सभी के कान खड़े हो गए ।

2. वाक्य में प्रयोग महेश के पास में ही एक व्यक्ति की कोरोना के कारण से मोत हो गई थी और यह देख कर महेश के कान खड़े हो गए और उसेने घर के बहार से कुछ भी लेना बंद कर दिया ।

‌‌‌3. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी को पता चला की दुश्मन हमला कर सकते है तो इस खबर ने उनके कान खड़े कर दिए ।

4. वाक्य में प्रयोग एसबीआई बैंक के एटीएम की सुरक्षा के लिए बैठे व्यक्ति ने कुछ अजनबी लोगो को देखा तो उसके कान खड़े हो गए ।

5. वाक्य में प्रयोग उस एटीएम में आप कभी चोरी कर ही नही सकते हो क्योकी वहां पर सजन कुमार हिफाजत करने के लिए बैठे है ‌‌‌जिसके हमेशा कान खड़े रहते है ।

6. वाक्य में प्रयोग जब पुलिसकर्मी को पता चला की आजकल शहर में चोरी बहुत हो रही है तो पुलिसकर्मी के कान खड़े हो गए ओर शहर की रक्षा के लिए पहरा देने लगे ।

‌‌‌खरगोश के कान खड़े हुए, एक अनोखी कहानी

एक जंगल में एक शेर रहता था, जो बड़ा और खतरनाक था। शेर के आस-पास खरगोश भी रहते थे। खरगोश सामान्यतया शेर से दूर रहते थे, क्योंकि वे जानते थे कि शेर उनका शिकार करना चाहता है।

एक दिन, शेर खरगोशों को नजर लगा रहा था। शेर उन्हें चारों ओर से घेर रहा था और खरगोश अपने आप को बचाने के लिए भागने लगे। इस दौरान, एक खरगोश शेर के सामने आया। वह शेर को देखते ही रुक गया और उसने खुद को चुपचाप एक झाड़ी के पीछे छिपा लिया और खरगोश के कान खड़े हो गए ।

शेर अपने शिकार को ध्यान में लेते हुए उस झाड़ी के पास पहुंच गया, जहां खरगोश छिपा था। वह झाड़ी के चारों ओर घूमता रहा, लेकिन उसे कुछ नहीं मिला। फिर शेर भाग गया और खरगोश बिना कुछ कहे अपनी यात्रा जारी रख दी।

खरगोश अपनी सुरक्षा के लिए शेर को ढूंढने से पहले खुद को छिपा लेने की सीख लिया। यह सबक उसने शेर के दर्शन से ही सीखा था।

एक दिन, खरगोश भागते हुए एक नदी के पास आया। वह बहुत उत्साहित था और नदी में खेलने का सोच रहा था। वह बिना सोचे-समझे नदी में डुबकी लगा दी। उसका अनुभव नहीं था कि नदी इतनी गहरी होगी और उसकी ताकत इतनी कम होगी। ‌‌‌तभी खरगोश के कान खड़े हो जाते है ओर उसे पता चलता है की वह डूबने वाला है ।

उस समय उसे एक समुद्री कछुआ दिखाई दिया। कछुआ नदी में से गुजर रहा था और खरगोश के पास आते हुए उसने उसे देख लिया। खरगोश ने कछुए से कहा, “कृपया मुझे बचाओ। मैं नदी में डूब जाऊँगा।”

कछुआ ने खरगोश को दो बार बोला, “मुझे फिर से अपने से ऊपर आने के लिए शब्द बताओ।”

खरगोश अपनी ताकत से कोशिश कर रहा था, लेकिन वह ऊपर नहीं उठ सका। फिर कछुआ ने खरगोश के समझाया, “देखो खरगोश, मैं तुम्हें बचाना चाहता हूँ लेकिन मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। तुम्हें अपने दोनों पैरों को नदी में ढलाना होगा तब हम साथ में उठ जाएँगे।”

खरगोश ने उसकी बात मान ली और दोनों पैरों को ढला दिया। फिर कछुआ ने उसे धीरे-धीरे अपने से ऊपर उठाया। खरगोश ने कछुए को धन्यवाद दिया और समझा कि कभी भी किसी की मदद के लिए शर्म नहीं करनी चाहिए।

इस घटना से खरगोश ने यह सीखी कि शेर जैसी खतरनाक जानवरों से सावधान रहना जरूरी होता है, लेकिन अक्सर हमें साथियों की मदद की आवश्यकता होती है। इसलिए, हमेशा दूसरों से मदद मांगने से शर्म नहीं करनी चाहिए और अपने साथियों की मदद करने का भी एक अवसर हो सकता है।

खरगोश उस दिन से सावधान रहना शुरू कर दिया और उसने अपने दोस्त कछुए के बारे में एक नयी दृष्टि बनाई। उसने अपने अंदर नयी ताकत पाई जो उसे अब खतरनाक जानवरों से बचने में मदद करती थी।

खरगोश ने अपने दोस्त कछुए को धन्यवाद दिया और उसे उसकी मदद के लिए हमेशा आभारी रहा। वह जानता था कि एक अकेले खरगोश को शेर जैसे खतरनाक जानवर से नहीं बचा सकते थे, लेकिन उसने अपने दोस्त कछुए की मदद से उसे बचाया और उसे जीवन भर के लिए सीख दी कि साथियों की मदद बहुत महत्वपूर्ण होती है।

यह कहानी हमें सीखाती है कि जब हम अकेले होते हैं तो हमें अपने दोस्तों से और अपनी परिवार से मदद चाहिए। हमेशा अकेलापन को नहीं महसूस करना चाहिए।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो खरगोश के कान खड़े होते थे ।

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