काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग, kala akshar bhains barabar muhavare ka arth aur vakya prayog

वैसे तो यह एक ऐसा मुहावरा है जो की लगभग सभी ने कभी न कभी उपयोग किया है और सुना होगा । और रही बात इसके अर्थ की तो वह तो हम इस लेख ‌‌‌में जान ही लेगे । तो आइए शुरू करते है –

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
काला अक्षर भैंस बराबरबिल्कुल नही ‌‌‌पढा हुआ या अनपढ होना ।

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे को समझने का प्रयास करे

वैसे आपको पता होगा की भैंस जो होती है वह काले रंग की होती है और उसी तरह से हम जो कुछ भी लिखते है जो किताबे पढते है उसमें जो कुछ अक्षर लिखे होते है उनका अधिकतर काला रंग ही होता है । क्योकी जो पढा लिखा होता है उसके लिए यह अक्षर मुल्यवान होते ‌‌‌है और वह इसे पढ भी सकता है । मगर जो अनपढ होता है या बिल्कुल नही पढा हुआ होता है उसके लिए यह केवल काला रंग होता है जो की देखने में भैंस के समान काले रंग का लगता है । इस कारण से दोस्तो अनपढ को वह अक्षर भैंस के जैसा ही लगता है । अत काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ बिल्कुल नही ‌‌‌पढा हुआ या अनपढ होना होता है ।

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

‌‌‌काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग रामलाल का एक ऐसी कन्या से विवाह हुआ है जिसके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है ।

2. वाक्य में प्रयोग महेश्वरी अध्यापीका है और उसका पति जो है उसे लिए तो हर काला अक्षर भैंस बराबर ही होता है ।

3. वाक्य में प्रयोग जब कुमारी का विवाह रामलाल से होने लगा तो रामलाल ने कुमारी से कहा की मैं तुम्हारे साथ विवाह नही कर सकता हूं क्योकी तुम ‌‌‌बीए पास हो और मेरे लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।

4. वाक्य में प्रयोग हजारी के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है और इसी बात का फायदा उठा कर सेठ ने उसका घर बार अपने नाम करवा लिया ।

5. वाक्य में प्रयोग जब किसन का 10 हजार रूपय का बैंग चोरी हो गया तो वह पुलिस के पास जाकर FIR  लिखवाने लगा और अंत में थानाधिकारी ने कहा की जरा इस FIR  ‌‌‌को एक बार पढ कर निचे साईन कर दे तब किसन ने कहा की जनाब मे लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग रिया के लिए एक खत आया जिसे उसका भाई लेकर आता है और रिया को देता है तब रिया कहती है की भाई पढ कर बता क्योकी मेरे लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है ।

भेड़िया के लिए काला अक्षर भैंस बराबर था, एक अनोखी कहानी

एक बार एक गांव में एक भेड़िया रहता था। वह बहुत बुद्धिमान था और लोगों के बीच बहुत डर फैलाता था। लोग उससे बचने के लिए उसे चिढ़ाते थे और वह उनको परेशान करता रहता था।

एक दिन, एक तलाब के पास से भेड़िया गुजर रहा था। वह तलाब में अपनी आवाज से अधिक खुश था और अचानक उसे एक पत्थर की आवाज सुनाई दी। वह पत्थर ढूंढने लगा और उसे ढूंढते हुए एक खुले मैदान में पहुंच गया।

वहां पर उसने एक गुरु जी को देखा जो बच्चों को शिक्षा दे रहे थे। भेड़िया को देखते ही गुरूजी ने उसे किताब दी और पढने को कहा । यह देख कर भेड़िया ने कहा की गुरूजी मेरे लिए तो यह सब काला अक्षर भैंस बरबार है । भेड़िया ने गुरु जी से पूछा, “क्या आप मुझे पढ़ाई दे सकते हैं?” गुरु जी ने उसे देखा और कहा, “हां, मैं तुम्हें पढ़ाई दूंगा, लेकिन क्या तुम वादा करोगे कि तुम अपना शेर पन्ना खत्म करोगे?”

भेड़िया ने वादा किया और उसने पढ़ाई शुरू की। वह बहुत मेहनती था और गुरु जी के द्वारा दिए गए अध्ययन सामग्री को बहुत ध्यान से पढ़ता था।

धीरे-धीरे उसकी पढ़ाई बढ़ती गई और उसकी समझ में बहुत सुधार हुआ। वह एक दिन गुरु जी के पास गया और उनसे पूछा, “मुझे शेर पन्ना का अर्थ समझ में आ गया है। क्या आप मुझे इसका और भी अधिक सीखा सकते हैं?”

गुरु जी ने उससे एक सवाल पूछा, “तुम्हारी बुद्धिमानी की वजह से तुम्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है। लेकिन क्या तुम जानते हो कि बुद्धि सब कुछ नहीं होती। बुद्धि के साथ-साथ एक समझदार और अच्छा इंसान बनना भी जरूरी है।” भेड़िया ने गुरु जी की बात समझी और उनसे अधिक सीखने की इच्छा बढ़ी। वह हर दिन गुरु जी के पास जाता और अधिक सीखने की कोशिश करता था।

धीरे-धीरे उसका अभ्यास इतना बेहतर हुआ कि वह लोगों के लिए अधिक खतरनाक नहीं रहा। वह अब अपनी बुद्धि का उपयोग करके लोगों को मदद करता था और अच्छा इंसान बन गया।

भेड़िया के लिए काला अक्षर भैंस बराबर था, एक अनोखी कहानी

इसी तरह भेड़िया ने अपनी अनपढ़ता से निपटने के लिए बुद्धि और समझ बढ़ने के साथ-साथ उसने अच्छे लोगों से दोस्ती की और उनसे बातचीत करने लगा। उसने देखा कि लोग उसे अपने साथ रखना पसंद करते हैं और उसे अच्छी तरह से समझते हैं। वह अब अपनी जिंदगी के नए रास्तों की खोज में निकल पड़ा था।

एक दिन उसने एक समझदार शेर को देखा जो उसे अच्छी तरह से समझता था। उसने उस शेर से बातचीत की और उससे सीखा कि अच्छे लोगों से दोस्ती करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

भेड़िया ने उस समझदार शेर की सीख अपने जीवन में लागू की और उसने एक अच्छा ग्रामीण विकासक बनने का सपना देखा। उसने अपनी बुद्धि का उपयोग करके अच्छे लोगों से दोस्ती की, सीखा और अब वह लोगों के लिए अपना सर्वस्व लगा रहा था।

‌‌‌अब कोई भी भेढिए के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है यह नही कह सकता था । क्योकी भेढिया अब पढ चुका था वह समझ सकता था की कौनसी भैंस है और कोनसा अक्षर है । और यह भेढिए के लिए काफी उपयोगी रहा था । इसके बाद में भेढिया अपना जीवन मोज मस्ती से जीने लगा ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो भेढिए ने काला अक्षर भैंस बराबर होने की समस्या का समाधान किया ।

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