कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ क्या होगा बताइए

कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ, kaan par ju na rengna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

मुहावरे तो कई हुए होगे मगर यह ऐसा मुहावरा है जो की कई बार परिक्षाओ में पूछा जा चुका है । वैसे इसका अर्थ क्या होता है यह एक प्रशन हमेशा सभी के मन में ‌‌‌होता है तो आज हम इस लेख में जानेगे की कान पर जूं न रेगना मुहावरे का मतलब क्या है और इसका वाक्य मे प्रयोग हम किस तरह से कर सकते है-

कान पर जूं न रेगना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कान पर जूं न रेगनाबिल्कुल भी ध्यान न देना।

कान पर जूं न रेगना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

दोस्तो कान हमारे शरीर का एक अंग होता है और आप इसके बारे में जानते है । मगर जूं जो होता है वह एक तरह का परजीवी होता है जो की मनुष्य के बालो में पैदा होता है । और यह अधिकतर सिर के अंदर ही देखने को मिलता है । क्योकी कान सिर के बगल में ही हाता ‌‌‌है तो जूं कान पर कभी कभार रेग सकता है और जब जूं कान पर से रेगता हुआ आगे बढता है तो हमे इसका अहसास हो जाता है की कान पर कुछ चल रहा है । ‌‌‌जिसे कारण से हम कान पर ध्यान देते है और अगर जूं होता है उसे मार देते है । ऐसे ही करते है हम सभी सही कहा ना ।

अब बात आती है कान पर जूं का नही रेगने की तो इसका मतलब हुआ की हमे बिलकुल भी पता नही चला की हमारे सिर पर जूं है तो हम बिल्कुल भी ध्यान नही देते है और यही कारण है की कान पर जूं न रेगना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ बिल्कुल भी ध्यान न देना होता है ।

कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ क्या होगा बताइए

कान पर जूं न रेगना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग अध्यापक कक्षा में अध्ययन करवा रहे थे मगर महेश के कान पर जूं तक न रेगी ।

2. वाक्य में प्रयोग अध्यापक ने राहुल को अकेले में समझाया की सभी के साथ रहने के क्या फायदे है मगर राहुल के कान पर जू न रेगी ।

3. वाक्य में प्रयोग हरीदेव बीए पास कर चुका है और अब कह रहा है की वह नोकरी के लिए तैयारी नही करेगा इस पर घर के लोगो ने उसे बहुत समझाया ‌‌‌मगर उसके कान पर जूं न रेगी ।

4. वाक्य में प्रयोग लालूयादव अपनी पसंद की लड़की से विवाह करना चाहता था मगर घर के लोगो ने उसे समझाया की वह लड़की सही नही है मगर फिर भी उसके कान पर जूं न रेगी ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग जब रिया गलत लड़के से प्रेम करने लगी तो उसकी सहेली ने उसे बहुत समझाया की वह तुम्हारे लिए सही नही है मगर रिया के कान पर जूं न रेगी ।

6. वाक्य में प्रयोग पप्पूयादव का जीडी में सलेक्सन हो गया मगर वह जॉब करने के लिए मना करने लगा इस पर लोगो ने उसे बहुत समझाया मगर उसके कान पर जू न रेंगी ।

7. वाक्य में प्रयोग ‌‌‌पिताजी राहुल को काफी समय तक समझाते रहे मगर उसके कान पर जूं रेगी ।

आखिर क्यो चिंटी ने हाथी को बताया की कान पर जूं न रेगने का कारण, एक प्रसिद्ध कहानी

एक बार जंगल में एक हाथी था जो बहुत ही गर्व से भरा हुआ था। वह सभी जंगली जानवरों को अपने सामने दबा कर रखता था और उनसे डराता था। वह अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से सभी जानवरों को नीचे देखता था और उन्हें अपने वश में कर लेता था।

एक दिन जब हाथी जंगल में घूम रहा था, तभी उसे एक बिल्ली ने रास्ता रोक दिया। हाथी ने बिल्ली को उठा कर उसे नीचे देखा, लेकिन उसने उसे कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया। बिल्ली थोड़ी देर बाद जाने दी गई और हाथी अपनी राह पर चला गया।

अगले दिन हाथी फिर जंगल में घूम रहा था, जब उसे एक गिलहरी ने रास्ता रोक दिया। हाथी ने गिलहरी को उठा कर उसे नीचे देखा लेकिन उसने उसे भी कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया। गिलहरी भी थोड़ी देर बाद जाने दी गई और हाथी अपनी राह पर चला गया।

इसी तरह से हाथी को कई बार जंगल में रुकना पड़ा, लेकिन वह हमेशा सभी जानवरों को अपने सामने ‌‌‌दबाए रखने वाला था और दूसरे जानवरों के बारे में उसे कुछ ध्यान नहीं था।

एक दिन जब हाथी जंगल में घूम रहा था, उसे एक छोटी सी चींटी ने रास्ता रोक दिया। हाथी ने उसे नीचे देखा ‌‌‌मगर चिंटी ने कुछ नही कहा ।

तब हाथी ने कहा की मैं सभी जानवरो के साथ ऐसा ही करता हूं मगर कोई कुछ नही कहता है क्या किसी भी जानवर के कान पर जूं न रगती है । ‌‌‌यह सुन कर चिंटी ने कहा की इस धरती पर एक से बढ कर एक जानवर है और सभी से उलझना सही नही है । अगर उन्हे पता है पता है की समाने वाला उन्हे पल भर में हरा सकता है तो वह जो कुछ करता है उस पर बिल्कुल भी ध्यान नही देना चाहिए  ।

और यही कारण है की जब तुम जानवरो के साथ ऐसा करते हो तो किसी के कान पर जू ‌‌‌नही रेंगती हैं ।

यह सब सुन कर हाथी ने समझा की सभी जानवर उसे महान मानते है और उसका सम्मान करते है । वह जो कुछ करता है उस पर ध्यान नही देते है ‌‌‌साथ ही चिंटी ने कहा की हम इस जंगल के एक हिस्से के रूप में है तो हम सभी को मिल जुल कर रहना चाहिए और यह भी एक कारण है की कोई जानवर तुम्हारी ऐसा करने पर कान पर जू न रेगता है ।  ‌‌‌यह सुन कर हाथी ने  छोटी सी चींटी को अपनी आंखों से देखा और उसे बिना कुछ कहे उसकी राह खोल दी।

हाथी ने उस छोटी सी चींटी से कुछ नहीं मांगा, लेकिन उसने उसे उतना ही महत्व दिया जितना कि बड़े जानवरों को देता था। इस घटना से हाथी को यह सीख मिली कि हमेशा लोगों के आकार या शक्ल से उनकी महत्ता या उपयोगिता नहीं जानी चाहिए। आधे दिल से जोड़े हुए भी बहुत कुछ कर सकते हैं और कभी-कभी वो बड़े जानवरों से भी बेहतर हो सकते हैं।

कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ क्या होगा बताइए

हाथी ने उस दिन से समझ लिया कि छोटी सी चींटी भी जंगल का हिस्सा है और वो भी जीवन के एक अहम अंग है। उसने सभी जानवरों को समझाया कि हमेशा छोटे-छोटे जीवों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है और हमें उनसे भी ज्यादा समझदारी से उनकी सुरक्षा करनी चाहिए।

यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें हमेशा सबको समानता और सम्मान से देखना चाहिए। हमें छोटे और बड़े जीवों के साथ सही ढंग से जीवन जीना चाहिए और उनकी सुरक्षा और रक्षा करनी चाहिए।

यह कहानी हमें बताती है कि सभी जीव जंतु के अपने-अपने महत्व होते हैं और हमें उनकी समझदारी से संबंध बनाना चाहिए। हमें समझना चाहिए कि हम सभी इस धरती के नामवंशी हैं और हमें सभी को समानता और सम्मान से देखना चाहिए।

‌‌‌इस तरह से चिंटी ने हाथी को बताया की कान पर जूं न रेगने का कारण।

Leave a Comment