चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ, chain ki bansi bajana muhavare ka arth aur vakya mein prayog
बंशी जो होती है वह बांसुरी को कहा जाता है जाता है और बांसुरी को आप अच्छी तरह से जानते है । मगर यह चैन की बंशी बजाना क्या है इसका अर्थ क्या होता है और वाक्य में प्रयोग किस तरह से होता है ऐसे प्रशनो का उत्तर इस लेख में आपको मिल जाएगा ।
चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
चैन की बंशी बजाना | आराम से रहना या मोज करना । |
चैन की बंशी बजाना मुहावरे को समझने का प्रयास करे
अगर बंशी की बात करते है तो सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण जी की याद आती है क्योकी उनकी बंशी की इतनी सुरिली आवाज थी की जो भी सुनता था वह मोहित हो जाता था । सभी को कृष्ण जी की बंशी काफी अच्छी लगती है।
और जब बंशी की ध्वनी सुनी जाती है तो सभी आराम से रहते है और अपने जीवन में मोज करने लग जाते है । और यही कारण होता है की चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ मोज करना या आराम से रहना होता है ।
अगर आप भी विद्वान है तो ज्ञान आपके लिए हमेशा कम रहेगा । इस कारण से वाक्य प्रयोग भी देखे –
![चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग और एक प्रसिद्ध कहानी](https://hindimuhavare.com/wp-content/uploads/2023/03/चैन-की-बंशी-बजाना-मुहावरे-का-अर्थ-और-वाक्य-में-प्रयोग-और-एक-प्रसिद्ध-कहानी-1024x680.jpg)
चैन की बंशी बजाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – किसन का सरकारी दफ्तर में काम करने के लिए नम्बर आ गया अब तो वह चैन की बंशी बजाएगा ।
2. वाक्य में प्रयोग – सरकारी अध्यापक स्कुल में बच्चो को पढाते कम है और चैन की बंशी बजाते ज्यादा है ।
3. वाक्य में प्रयोग – विद्यालय में जब अध्यापक नही आए तो बच्चे चेन की बंशी बजाने लगे ।
4. वाक्य में प्रयोग – कल राहुल के सारे एग्जाम परू हो जाएगे उसके बाद तो वह चैन की बंशी बजाएगा ।
5. वाक्य में प्रयोग – महेश का नम्बर अब अध्यापक में आ गया है वह तो चैन की बंशी बजाने वाला है ।
6. वाक्य में प्रयोग – जब राहुल का काम जोरो सोरो से चलने लगा तो राहुल चैन की बंशी बाजाने लगा ।
7. वाक्य में प्रयोग – किशोर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करती है और पूरे दिन चैन की बंशी बजाती है ।
आखिर किस तरह से हिरण चैन की बंशी जाबने लगा, एक प्रसिद्ध कहानी
एक जंगल में एक हिरण रहता था। वह हमेशा खुश रहता था और अपनी स्वतंत्रता का लुफ्त उठाता था। एक दिन उसे एक शिकारी के जाल में फंस जाने से बचना पड़ा। उसके जाल से बाहर निकलने के बाद से हिरण के मन में एक अलग सा महसूस होने लगा। उसे अपनी स्वतंत्रता और आराम की अहमियत का बहुत अधिक अनुभव होने लगा था। वह अब खुश नहीं रहता था।
उसके बाद उसने अपनी स्वतंत्रता का मजा लेने के लिए जंगल में दौड़ने पर चैन की बंशी बजाना शुरू कर दिया। वह हर दिन जंगल में भटकता था, ग्रास खाता था, नदी में नहाता था और जंगल की सुंदरता का आनंद लेता था। उसे अपनी स्वतंत्रता और आराम का मजा लेने में बहुत खुशी मिलती थी।
जंगल के अन्य जानवरों ने भी हिरण को दौड़ते हुए देखा और उसके मोज का आनंद लिया। वे भी अब अपनी स्वतंत्रता का आनंद उठाते थे। इसी तरह सारे जंगल में चैन की बंशी बजाने का महौल बन गया था।
जंगल के बच्चों को भी हिरण के मोज से बहुत प्रभावित हुआ। वे भी दौड़ना, खेलना और अपने आप में खुश होना शुरू कर दिया। वे भी जंगल के अन्य जानवरों के साथ खुशी से खेलने लगे थे। शिकारी ने बार-बार हिरण को शिकार करने के लिए उसे देखने लगा, लेकिन वह अब बिल्कुल भी संभव नहीं था। जंगल में सभी जानवर जो हमेशा डरे-डरे से रहते थे, वे भी अब चैन की बंशी बजाने लगे थे।
शिकारी ने तब तक दुनिया के सभी जंगलों में भटककर हिरण के जोश और मोज के बारे में सब से सुना था। उसने सोचा कि ये जंगल में कुछ अलग हो रहा है। वह शिकारी बनने से बच गया लेकिन इसे सभी जानवरों की जिंदगी में नया नाम दिया गया – “हिरण का मोज।”
जंगल में अब हर जानवर खुश था। हिरण के मोज के बाद जंगल में जीवन नया सा हो गया था। जंगल के अन्य जानवर भी हिरणों की तरह खुश होने लगे थे। वे भी अपनी स्वतंत्रता और खुशी का लुफ्त उठा रहे थे।
एक बार फिर से शिकारी ने हिरण को घायल कर दिया। शिकारी ने अपने शोले को उठाकर वहां जा कर वह हिरण को मारने की तैयारी करने लगा। तभी वह शिकारी देखा कि दूसरे जानवर भी वहां उपस्थित हैं। हिरण के साथ कुछ सारंग, भेड़िया और कई और जानवर थे। वे सभी खुश दिख रहे थे और एक-दूसरे के साथ खेल रहे थे।
शिकारी ने इस संदर्भ में जानवरों का व्यवहार देखा और उसे समझ में नहीं आया। उसे लगा कि वे लोग बहुत खुश और उनका शिकार नहीं हुआ है। शिकारी को अपने शोले को उठाकर वहां से भाग जाने का मन हुआ।
शिकारी ने अंत में इस सीख को समझा कि जंगल में हमें सभी जानवरों को समझना चाहिए और उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। शिकारी ने इस घटना से अपने काम को छोड़ दिया और वह जंगल के साथी बन गया। हर जानवर के लिए अब जंगल में खेलना, भोजन करना और जीवन का आनंद उठाना अनिवार्य हो गया था। वे सभी एक दूसरे के साथ मेल-जोल करते थे और जंगल में एक सुखद वातावरण बना हुआ था।
शिकारी ने जंगल में रहने का फैसला किया और उसने एक झोपड़ी बनाई। उसने दूसरे जानवरों के साथ जमीन साझा करने का निर्णय लिया। शिकारी ने उन्हें फीड करने लगा और अब उन्हें नहीं मारता था। कुछ समय बाद, शिकारी ने जंगल में एक तीव्र तूफान आने की भविष्यवाणी की थी। तो उसने झोपड़ी के पास एक छोटी गुफा बनाई ताकि उसे भी तूफान से बचा जा सके।
![आखिर किस तरह से हिरण चैन की बंशी जाबने लगा, एक प्रसिद्ध कहानी](https://hindimuhavare.com/wp-content/uploads/2023/03/आखिर-किस-तरह-से-हिरण-चैन-की-बंशी-जाबने-लगा-एक-प्रसिद्ध-कहानी.jpg)
एक दिन, तूफान आ गया। शिकारी ने जल्दी से झोपड़ी के पास अपनी गुफा में जाकर अपनी जान बचाई। जब तूफान समाप्त हुआ तो शिकारी ने देखा कि झोपड़ी को बहुत नुकसान पहुंचा है। शिकारी ने उसे फिर से बनाने का निर्णय लिया।
इस घटना के बाद से, शिकारी ने जंगल में शिकार करना बंद कर दिया और वह उन सभी जानवरों के साथ अच्छी तरह संबंध बनाए रखता था। उसे अपनी जानवर मित्रों से बहुत प्यार हो गया था और वह जंगल में सुरक्षित महसूस करता था।
अंत में जानवर भी शिकारी के दोस्त बन गए और जानवर शिकारी को पेट भरने के लिए भोजन लाकर देने लगे थे । आब हिरण भी शिकारी का दोस्त था और वह आराम से जीवन जी रहा था । साथ ही जावरो का साथ मिलने के कारण से शिकारी भी हिरण और बाकी जानवरो के साथ साथ चैन की बंशी बजाने लगा था ।
अब शिकारी जा जीवन काफी अलग ओर खुद बन गया था । वह अपने जीवन की सारी टेंसन भूल गया था । और जंगल में जानवरो के साथ आनन्द ले रहा था।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी स्वतंत्रता और खुशी का लुफ्त उठाना चाहिए। हमें जीवन में हमेशा सकारात्मक विचारों को प्राथमिकता देनी चाहिए। हमें अपने आप को खुश और संतुष्ट रखना चाहिए जो हमें जीवन के हर मोड़ पर सहजता से आगे बढने में मदद करता है ।
इस तरह से दोस्तो जंगल में हिरण चैन की बंशी बजाने लगा था ।