कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे का अर्थ, kaleje par patthar rakhna muhavare ka arth

kaleje par patthar rakhna muhavare ka arth, कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

पत्थर के बारे में भी आप जानते है और कलेजे के बारे में भी आपको पता है । तो आपको इस मुहावरे के बारे में भी अच्छी तरह ‌‌‌से पता होना जरूरी है । और इस लेख में आपको इस मुहावरे के बारे मे अधिक से अधिक जानने को मिलने वाला है ।

कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कलेजे पर पत्थर रखनादुख दबाना या धैर्य धारण करना ।

कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

कलेजे को अक्षर यकृत के नाम से जाना जाता है । मगर वही पर मानव की जो छाती होती है उसे भी कलेजे के रूप में जाना जाता है । मगर यह तो सामन्य तरह से बात होती है । मगर वही पर बात करे की इस मुहावरे में जो कलेजे शब्द का उपयोग हुआ है उसका मतलब क्या ‌‌‌है तो आपको बता दे की यह हृदय को दर्शाता है । जो की काफी कोमल होता है और हमेशा भावनाओ से भरा हुआ रहता है । जब मानव दुखी हो जाता है तो हृदय भी दूखी होता है । मगर वही पर पत्थर की बात करे तो वह कठोर होता है और यही कारण है की यह कठोरता को दर्शाता है ।

आपको पता होगा की जब मानव का हृदय दुखी होता है तो ‌‌‌असल में मानव को काफी बड़ा दुख होता है । मगर वही पर इस हृदय पर पत्थर रख लिया जाता है तो जो यह दुख होता है जो की हृदय के अंदर होता है वह दब जाता है और दुख बहार प्रकट नही होता है ।

तो इस तरह से यह दुख दबाने को दर्शाता है । क्योकी दुख दबाने को धैर्य धारण करना के रूप में भी जाते है । तो इस आधार पर ‌‌‌कहा जा सकता है की कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे का सही अर्थ दुख दबाना या धैर्य धारण करना होता है ।

कलेजे पर पत्थर रखना

‌‌‌कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

1. वाक्य में प्रयोग संगिता का विवाह हो जाने के कारण से उसकी विदाई हो रही थी मगर उसकी मां जरा सा दुखी नही हो रही थी, लगता है की उन्होने कलेजे पर पत्थर रख रखा था ।

2. वाक्य में प्रयोग कार एक्सीडेंट में राहुल की मोत हो गई मगर जब उसकी पत्नी को इस बारे में पता चला तो वह जरा से ‌‌‌आंसू तक नही लाती है लगता है की उसने कलेजे पर पत्थर रख रखा है ।

3. वाक्य में प्रयोग शर्मा जी का बेटा 10 वी कक्षा में फैल आ गया मगर उन्हे इससे जरा भी फर्क नही पड़ा क्या उन्होने कलेजे पर पत्थर रख रखा है  ।

4. वाक्य में प्रयोग बेटी विवाह के योग्य हो गई थी मगर उसके किसी लड़के के साथ भाग जाने पर घर के लोगो ने कलेजे पर पत्थर रख कर ‌‌‌जीवन जीना शुरू किया ।

5. वाक्य में प्रयोग अध्यापक के जीवन में काफी कष्ट थे मगर फिर भी उन्होने कलेजे पर पत्थर रख कर बच्चो को अध्ययन कराना चाहा ।

6. वाक्य में प्रयोग महेश जी के साथ कल रात काफी बुरा हुआ मगर फिर भी वे आज कलेजे पर पत्थर रख कर स्कूल में आए है ।

भालू (Bear) ने कलेजे पर पत्थर रख लिया, एक कहानी

एक बार एक जंगल में एक भालू (Bear) रहता था। वह बहुत ही खुशनुमा जीवन जीता था और जंगल की सुखद वातावरण में अपने आप को खोजता रहता था। ‌‌‌भालू (Bear) जो था वह अपना जीवन मोज मस्ती के साथ जीता था । मगर कहते है ना की जीवन में जहां पर सुख होता है वहां पर दुख भी होता है और ऐसा ही भालू (Bear) के साथ था । दरसल उसके साथ एक दुख भी था, वह अपने दांतों में एक तीखे दर्द की शिकायत रखता था।

उसने बहुत कोशिश की दर्द से छुटकारा पाने की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अंततः, भालू (Bear) ने सोचा कि वह इस दर्द को अपने अंदर ही दबा ले, क्योंकि यह उसे असंभव था कि वह अपनी दांतों को किसी चिकित्सक के पास ले जाए। ‌‌‌तो क्या पता ठीक हो जाए । मगर जंगल में चिकित्सक नही था जिसके कारण से भालू (Bear) दो तीसरे दिनों में, अपने दर्द को अपने अंदर ही दबा लिया था।

लेकिन अचानक एक दिन उसकी समस्या और बढ़ गई थी और उसकी स्थिति बिगड़ने लगी थी। उसे भूख नहीं लग रही थी और वह अधिक थका हुआ महसूस कर रहा था। ‌‌‌भालू (Bear) को यह समझ में नही आ रहा था की आखिर क्या किया जाए । क्योकी भालू (Bear) के साथ पहले ऐसा कभी नही हुआ था । अब भालू (Bear) के पास उसकी मदद करने वाला भी कोई नही था । जिसके कारण से अंत में भालू (Bear) ने अपने साथी जंगली जानवरों से भी सहायता मांगी, लेकिन कोई उसे मदद नहीं कर पाया।

अंततः, भालू (Bear) ने जंगल से बाहर निकलने का निर्णय किया था, लेकिन वह शहर का रास्ता नहीं जानता था। वह निराश हो गया था और सोचता था कि उसे अब क्या करना चाहिए। तभी उसने एक व्यक्ति को देखा, जो उसके पास से गुजर रहा था। भालू (Bear) ने उस व्यक्ति को अपनी समस्या के बारे में बताया और उससे मदद मांगी।

वह व्यक्ति भालू (Bear) की समस्या समझ गया और उसे एक चिकित्सक के पास ले गया। चिकित्सक ने भालू (Bear) की दांतों की जांच की और एक छोटी सी ऑपरेशन करके उसके दर्द से छुटकारा दिया। भालू (Bear) ने उस व्यक्ति को धन्यवाद दिया और फिर उसकी समस्या हल हो गई।

‌‌‌इसके बाद में भालू (Bear) जो था वह अपने जंगल में वापस आ जाता है और देखता है की जंगल में काफी खुशी का माहोल बना हुआ है । किसी तरह की खुशी की बात है भालू (Bear) को समझ में नही आ रहा था की वह क्या करे  । तब भालू (Bear) ने सोचा की किसी को वह अपना दुख नही बताएगा । भालू (Bear) ने कलेजे पर पत्थर रख लिया और उस खुशी में सामिल ‌‌‌हो गया ।

भालू (Bear) ने कलेजे पर पत्थर रख लिया, एक कहानी

अगले दिन की बात है जब सभी जानवर आराम कर रहे थे तब एक एक कर कर सभी को पता चलने लगा की भालू (Bear) के दांत में दर्द था मगर फिर भी उसने कलेजे पर पत्थर रख कर कल के खुशी के माहोल में किसी को दुखी नही किया । और यह सब जान कर सभी दुखी हो गए ।

क्योकी उन्होने बुरे समय में भालू (Bear) की मदद नही की थी । ‌‌‌तब सभी ने भालू (Bear) से माफी मागी और कहा की आगे से जब भी भालू (Bear) को मदद की जरूरत होगी तो जंगल के जानवर उसकी मदद करेगे ।

और इस तरह से भालू (Bear) और बाकी जानवरो का जीवन वापस सही तरह से चलने लगा था ।

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