loha lena, लोहा लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

loha lena muhavare ka arth aur vakya mein prayog, लोहा लेना मुहावरे का अर्थ

अगर आप मार्केट के अंदर जाते हो तो आपको वहां पर लोहे की दुकान मिल जाएगी । वहा से आप जो भी समान खरिदते हो वह लोहा लेना होगा…………. ऐसा कुछ समझना बेकार है । ‌‌‌क्योकी यह एक प्रसिद्ध मुहावरा है जिसका मतलब कुछ अलग ही होता है । और आज हम इस लेख में लोहा लेना मुहावरे के अर्थ और वाक्य में प्रयोग के बारे में जानेगे तो आइए शुरू करते है

लोहा लेना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
लोहा लेनासहासपूर्वक सामना करना ‌‌‌या मुकाबला करना ।

लोहा लेना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

लोहे को हमेशा मजबूती और ताक्त का प्रतिक माना जाता है । और जीवन में जो मुकाबले होते है उनमें जो व्यक्ति ताक्तवर होता है वही विजय हो पाता है । इस कारण से कभी भी ताक्तवर से मुकाबला नही करना चाहिए । ‌‌‌क्योकी जो ताक्तवर से सामना करता है वह लोहे से भिड़ने के समान होता है । और कुछ इसी तरह से लोहा लेना का मतलब मुकाबला करना या सहासपूर्वक सामना करना होता है ।

loha lena, लोहा लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

लोहा लेना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

1. वाक्य में प्रयोग जब इंडियन आर्मी को पता चला की देश पर दुश्मनो का हमला होने वाला है तो वे लोहा लेने के लिए तैयार खड़े हो गए ।

2. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी हमेशा लोहा लेने के लिए तैयार रहती है ।

3. वाक्य में प्रयोग जंगल में शिकार को लेकर बाघ (Tiger) ने शेर (Lion) से लोहा ले लिया ।

‌‌‌4. वाक्य में प्रयोग सुरज कई वर्षों तक विदेश रहकर आया है और आते ही वह पप्पू पहलवान से लोहा ले लेता है ।

5. वाक्य में प्रयोग खेल में खिलाड़ियो ने दुश्मन अपने विपक्ष टिमी से अच्छा लोहा लिया ।

5. वाक्य में प्रयोग इंडियन क्रिकेट खिलाड़ियो से लोहा लेने का मतलब है विपक्ष की हार होना ।

शेर (Lion) और बाघ (Tiger) ने एक दूसरे से लोहा लिया, एक कहानी

एक जंगल में, एक शेर (Lion) और एक बाघ (Tiger) रहते थे। दोनों अपने जंगल में राजा की तरह रहते थे। दोनों के बीच दोस्ती नहीं थी और उन्हें एक दूसरे से नफरत थी।

एक दिन, शेर (Lion) ने अपने जंगल में घूमते हुए एक स्थान पर एक बाघ (Tiger) को देखा। उसे देखकर शेर (Lion) का मन किसी तरह का ‌‌‌लोहा लेने का किया था। उसने बाघ (Tiger) को देखते हुए बोला, “तुम बाघ (Tiger) हो और मैं शेर (Lion)। मुझे लगता है कि मुझे तुमसे मुकाबला करना चाहिए।”

बाघ (Tiger) ने शेर (Lion) की तरफ देखा और जवाब दिया, “अगर तुम मुझसे मुकाबला करना चाहते हो तो ठीक है, लेकिन उसके लिए तुम्हें मुझसे ज्यादा बलवान होना होगा।”

शेर (Lion) ने उसके बातों को ध्यान में रखते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि तुम मुझसे बहुत छोटे हो, लेकिन मेरे पास एक दमदार ताकत है।”

बाघ (Tiger) ने शेर (Lion) के वचनों को समझा और मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “ठीक है, मुझे यकीन है कि तुम मुझसे ज्यादा बलवान हो। लेकिन हमारे बीच मुकाबला नहीं हो सकता।”

शेर (Lion) ने बाघ (Tiger) के वचनों को सुनते हुए उसे चुनौती देने के लिए कहा, “चलो, हम एक मुकाबला करते हैं। हम एक बड़ी चट्टान के ऊपर से कूदेंगे और फिर देखेंगे कि कौन सबसे आगे आता है।”

बाघ (Tiger) ने स्वीकार कर दिया और उन्होंने साथ ही शेर (Lion) को संबोधित करते हुए कहा, “लेकिन ध्यान रहे, मुकाबले में ना तो हमें एक दूसरे को चोट पहुंचानी चाहिए और न ही कोई अन्य जीव इसमें हानि होनी चाहिए।”

शेर (Lion) ने इस बात से सहमति जताई और वे चट्टान के पास पहुंच गए। शेर (Lion) ने जल्दी से धक्के लगाकर कूदना शुरू कर दिया। बाघ (Tiger) भी इसके पीछे ना रहा और उसने शेर (Lion) के पीछे कूदना शुरू कर दिया।

शेर (Lion) काफी तेज़ था, लेकिन उसकी उम्र भी उतनी ही ज्यादा थी, इसलिए वह जल्दी थक गया। बाघ (Tiger) ने इससे फायदा उठाकर उसको पीछे छोड़ दिया और वह चट्टान के ऊपर उतर आया।

शेर (Lion) ने ऊपर जाने की कोशिश की, लेकिन वह ऊपर नहीं जा पाया। बाघ (Tiger) उसको जाते हुए देख रहा था। बाघ (Tiger) ने शेर (Lion) की मदद करने के लिए उसकी परेशानी को समझ लिया। उसने एक लंबी तार उतारी जो उसके पास थी, और शेर (Lion) को अपने पैरों पर लटकाकर ऊपर खींच लिया। शेर (Lion) उसके लिए बहुत आभारी था और उसे बताया कि वह कितना गर्व करता है कि उसे एक दूसरे जीव की मदद करने का अवसर मिला।

इस घटना से शेर (Lion) और बाघ (Tiger) एक-दूसरे की समझ बढ़ाने के साथ-साथ एक दूसरे की समझौता और सहयोग की भावना को भी जानते हुए बहुत खुश थे। वे दोस्त बन गए थे और एक-दूसरे के रूप में समझने लगे थे। उन्होंने दूसरों को भी इस बात का संदेश दिया कि सहयोग और समझौता हमेशा सफलता की कुंजी होते हैं।

इस तरह, शेर (Lion) और बाघ (Tiger) का ‌‌‌लोहा लेना एक दोस्ती के रूप में समाप्त हुआ जिसने सफलता की और दूसरों के बीच एक सही बुनियाद रखी।

शेर (Lion) और बाघ (Tiger) ने एक दूसरे से लोहा लिया, एक कहानी

शेर (Lion) और बाघ (Tiger) के बीच की दोस्ती बढ़ती रही और वे सभी जंगली जीवों के बीच मशहूर हो गए। लेकिन एक दिन, जंगल में एक अजगर आ गया जो शेर (Lion) और बाघ (Tiger) दोनों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया। अजगर बहुत ही बड़ा था और उसे देखकर शेर (Lion) और बाघ (Tiger) दोनों डर गए। अजगर ने उन्हें देखा और उनसे लड़ने की कोशिश की। शेर (Lion) और बाघ (Tiger) ने मिलकर उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन अजगर बहुत ताकतवर था।

फिर बाघ (Tiger) ने शेर (Lion) को सलाह दी कि उन्हें उस नदी के पास ले जाना चाहिए जहां एक भालू (Bear) रहता था। वह भालू (Bear) बड़ा ताकतवर था और शेर (Lion) और बाघ (Tiger) को सहायता कर सकता था। शेर (Lion) और बाघ (Tiger) ने भालू (Bear) के पास जाकर उसे मुसीबत के बारे में बताया और उससे सहायता मांगी।

लू ने शेर (Lion) और बाघ (Tiger) को आश्वस्त किया और उन्हें अपने साथ ले गया। अजगर ने उन्हें देखते हुए वापस दायरे से बाहर निकल लिया और शेर (Lion), बाघ (Tiger) और भालू (Bear) एक साथ वापस अपने जंगल में आ गए। शेर (Lion) और बाघ (Tiger) अब भालू (Bear) को अपना दोस्त मानते थे। उन्होंने एक दूसरे से बड़ी मुसीबतों में सहायता की थी और उन्हें अब एक दूसरे के साथ रहने का बड़ा मज़ा आता था।

‌‌‌इस तरह से फिर शेर (Lion) और बाघ (Tiger) एक दोस्त के रूप में अपना जीवन बिताते है । और उनके साथ ही भालू (Bear) रहता है । अब तीनो एक दूसरे के अच्छे मित्र बन गए थे और एक दूसरे की मदद करते हुए जीवन बिताते है।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो बाघ (Tiger) और शेर (Lion) के एक दूसरे से लोहा लेने का नतिजा यह होता है की दोनो दोस्त बन जाते है ।

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