गाल बजाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है और वाक्य प्रयोग भी बता दिजिए

gaal bajana muhavare ka arth aur vakya prayog, गाल बजाना मुहावरे का अर्थ

अगर आपके गाल कोई ढोल की तरह बजाने लग जाए तो आप इसे गाल बजाना नही कह सकते है । बल्की इस मुहावरे का कुछ अलग ही मतलब होता है और हम इस लेख में आपको बता देगे ‌‌‌की गाल बजाना मुहावरे का सही अर्थ क्या है तो आइए शुरू करते है

गाल बजाना मुहावरे का सही अर्थ क्या है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
गाल बजाना1.बढ़चढ़कर बातें करना। 2. डींग हांकना ।

गाल बजाना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

दोस्तो बहुत से लोग ऐसा समझ सकते है की गाल पर चांटा मारना ही गाल बजाना है । मगर ऐसा नही है । बल्की जब गाल को हिलाया जाता है तो कुछ वाणी निकतली है जैसे की हम बोलते है तो गाल हिलते है और वाणी बहार आती है । और जब इसी तरह से लगातार गाल हिलते रहे तो वाणी ‌‌‌बहार आती रहती है और इस तरह से बार बार गाल बजते रहते है । क्योकी जब कोई व्यक्ति बढ चढ कर बाते करता है तभी बार बार बोलता रहता है । तो इसका मतलब यह होता है की गाल बजाना मुहावरे का अर्थ बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग हांकना होता है ।

गाल बजाना

गाल बजाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग भी बताइए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग किसनलाल का बेटा आइएएस क्या बन गया वह तो अपने बेटे की गाल बजाने लगा ।

2. वाक्य में प्रयोग जॉब के लिए दो पेपर पास करना होता है मगर लिलावती पहला पेपर पास कर लेती है और उसके पिता इतने मे ही गाव में गाल बजाते फिर रहे है ।

3. वाक्य में प्रयोग महेश स्वयं घर में बेरोजगार बैठा है और व्यापार शुरू करने के बारे में गाल बजा रहा है ।

‌‌‌जब किशोर अध्यापक बना तो अपने सफल होने के बारे में गाल बजाने लगा ।

4. वाक्य में प्रयोग शर्मा जी से जरा सी राय क्या माग ली यह तो गाल बजाने लग गए ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग प्रणवीर ने एक बार राहुल से पूछा की जॉब लगने के लिए क्या करना होगा तो राहुल गाल बजाने लग गया ।

6. वाक्य में प्रयोग कैरी मिनाटी से यूट्यूब में सफल होने की राय क्या माग ली वे तो गाल बाजने लग गए ।

बंदरू बजाने लगा गाल, ‌‌‌एक मजेदार कहानी

एक जंगल में एक लंगूर रहता था, जो अन्य जानवरों के साथ बातें करने में बहुत रुचि रखता था। लंगूर का नाम था बंदरू। बंदरू को अपनी खुद की आवाज को सुनने में बहुत मज़ा आता था और वह बड़ी उच्चाई से चिल्लाता रहता था।

एक दिन, बंदरू ने एक होली वाले दिन पर बड़े उत्साह से अपनी आवाज उठाने लगा। वह बड़ी ऊंचाई पर चढ़ गया और सभी जानवर उसे देखने लगे। उसने बड़ी ताकत से चिल्लाहट की, “होली है, होली है।”

बंदरू ने देखा कि सभी जानवर उसे देख रहे हैं और उसे लज्जित महसूस हुआ। उसने सोचा कि उसकी आवाज की गम्भीरता लोगों को पता नहीं हो रही है। उसने फिर से अपनी आवाज उठाई लेकिन इस बार बहुत सावधानी से और धीरे से।

बंदरू ने अब बड़ी मीठी आवाज में कहा, “होली है, होली है। आप सभी को होली की शुभकामनाएं।” इस बार लोग बंदरू को सुन पाए और वह बहुत खुश हुआ।

बंदरू ने इस सीख से सीखा कि धीरे से बोलने से उसकी आवाज सभी तरह से सुनी जा सकती है और लोग उसे समझ सकते हैं। इसके बाद से, बंदरू ने अपनी बढ़चढ़ाती आवाज को कम कर दिया और धीरे से बोलना शुरू कर दिया। उसने इस नई सीख को जीवन में लागू करना शुरू कर दिया। वह अपने साथी जानवरों के साथ बातें करने में और जंगल में रहने वाले लोगों के साथ अधिक संवाद स्थापित करने में सफल हुआ।

उसकी स्मृति में, एक दिन जंगल में एक बच्चा खो गया था। उसने अपनी सारी ताकत लगाई और लोगों को एक साथ ले जाने में सफल हुआ। बच्चा अपनी मां से मिल गया और सभी जानवर ने उसे बहुत सम्मान दिया।बंदरू ने इस घटना से यह सीख ली कि जब आप धीरे से बोलते हैं, तो आपकी आवाज पूरे जंगल में भी सुनाई दे सकती है। यह उसके लिए एक महत्वपूर्ण सीख थी, जो उसने अपने जीवन में कभी नहीं भूली।

बंदरू ने अब अपनी आवाज और वक्त की महत्व को समझ लिया था। वह धीरे-धीरे से बात करता था और समय पर उत्तर देता था। लोग उससे समझौते करने के लिए आकर्षित होते थे और उसकी बातों पर ध्यान देते थे।

जंगल में एक दिन, बंदरू ने देखा कि एक समूह में बड़ी संख्या में बंदर एक बरगद के पेड़ पर खेल रहे हैं। वह उनसे मिलने गया और देखा कि वे सभी अधिक आवाज कर रहे हैं और एक दूसरे के साथ घूमते हुए बढ़चढ़ाती आवाज में बातें कर रहे हैं। बंदरू ने उनसे अपनी सलामती पूछी और उनसे कुछ सीखने की इच्छा जताई।

उन बंदरों ने बताया कि वे लंबे समय से एक दूसरे के साथ रहते हैं और उनकी बढ़चढ़ाती आवाज को समझने में कोई भी समस्या नहीं होती। उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी आवाज को बढ़ाने की आवश्यकता होती है क्योंकि वे एक दूसरे से दूर होते हैं। लेकिन जब वे अपने घर के पास होते हैं तो वे अपनी आवाज को धी

बंदरू ने उन बंदरों से सीखा कि समय और स्थान के अनुसार आवाज की मात्रा बदलनी चाहिए। वह उनसे शिक्षा लेकर वापस अपनी जंगली फ़ैमिली के पास आया। उसने अपनी नई सीख को लागू किया और उसके आवाज में एक नया स्वर आ गया।

अब बंदरू उचित समय पर और उचित मात्रा में बात करता था। उसके आवाज में एक नया समझौता था और उसकी बातों को लोग ध्यान से सुनते थे। उसने अपने समूह की स्थिति में सुधार किया और उसके बात को लोगों ने समझा और समझौते करने के लिए उससे सहमति जताई।

बंदरू की नई सीख उसके समूह के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सीख थी। उन्हें यह समझ में आ गया था कि उनकी आवाज को समझने के लिए अपने समय और स्थान के अनुसार उचित मात्रा में बदलना चाहिए। इससे उन्होंने अपने समूह को एक बेहतर जीवन दिया और स्वयं को एक बेहतर बंदर बनाया।

बंदरू की नई सीख उसे बहुत खुश कर रही थी। वह अब और भी उत्साहित था क्योंकि उसने देखा था कि उसकी सीख काम कर रही है। वह ज्यादा से ज्यादा समझौते करने लगा और उसके समूह के अन्य सदस्यों के लिए एक उदाहरण बन गया।

बंदरू का समूह अब बहुत खुश था क्योंकि उन्हें एक नया बंदर मिल गया था जो समूह में समझौते करने के लिए तैयार था। बंदरू ने समूह के सदस्यों को बताया कि अब उन्हें अपने समय और स्थान के अनुसार आवाज में मात्रा को बदलना चाहिए। इससे समूह की संभावनाएं बढ़ने लगीं। बंदरू की नई सीख ने समूह को बहुत फायदा पहुंचाया और उन्होंने एक बेहतर जीवन जीना शुरू किया।

बंदरू ने देखा कि समय और स्थान के अनुसार आवाज की मात्रा बदलने से उन्हें बहुत सारी समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है। वह अपनी सीख सभी जंगल के बंदरों के साथ शेयर करना चाहता था ताकि वे सभी एक बेहतर जीवन जी सकें।

बंदरू ने दुनिया भर में सभी जंगलों में जाकर अपनी सीख ‌‌‌की गाल बजाने लग गया । बंदरों को यह सीख सीखाने में बंदरू को बहुत मदद मिली। बंदरों के समूहों में उन्होंने अपनी नई सीख से एक नई संजीदगी भरी।

एक दिन, बंदरू ने एक अन्य जंगल में एक गाँव देखा। उस गाँव में बंदरों के बजाय लोग रहते थे और उनका काम था। लेकिन उन्हें बंदरों की देखभाल की जरूरत थी। बंदरू ने देखा कि वहां के लोग बहुत कमजोर हैं। वे सुनसान लग रहे थे। बंदरू ने सोचा कि वह उन लोगों को अपनी सीख बताकर मदद कर सकता है।

उसने गाँव के सभी लोगों को अपनी सीख ‌‌‌की गाल बजाई और उन्हें समझाया कि अपने समय और स्थान के अनुसार आवाज की मात्रा बदलने से उन्हें कैसे फायदा होगा। गाँव के लोगों ने उसकी सीख से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे सुधार किए और अपनी समस्याओं से निपटने में मदद मिली।

बंदरू ने एक गाँव को सही दिशा में ले जाने में मदद की। वह उन लोगों के साथ रहने लगा और उन्हें अपनी सीख से आगे बढ़ने की मदद करता रहा। वह उन्हें बताता था कि जीवन में सफल होने के लिए सीखने की उत्सुकता और अभ्यास की आवश्यकता होती है। उसने उन्हें बताया कि सीखने के लिए आपको निरंतर प्रयास करना होगा।

उसने बताया कि सफलता एक दूसरे के बदले कुछ नहीं देती है, लेकिन यह आपकी मेहनत, संघर्ष और अभ्यास के बदले जाती है। उसने उन्हें यह भी सिखाया कि अपने मकसद के लिए वे अपनी मेहनत, आवाज की मात्रा, अपनी सोच और अपनी सामर्थ्य का उपयोग कर सकते हैं।

बंदरू के द्वारा दिए गए उपयोगी टिप्स ने उन लोगों को नई ऊर्जा, नयी उमंग और नयी उत्साह के साथ जीवन के साथ निपटने के तरीके सिखाए। बंदरू ने इस गाँव को नयी दिशा दी और उनकी ज़िन्दगी में सकारात्मक बदलाव लाए।

बंदरू ने इस गाँव के लोगों के दोस्त और मार्गदर्शक बने रहे। उन्होंने उन्हें बताया कि कैसे वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि सफलता के लिए एक उद्देश्य होना ज़रूरी है। उन्होंने उन्हें बताया कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए वे निरंतर काम करने वाले होना चाहिए।

बंदरू ने उन्हें बताया कि कैसे वे अपने सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने उन्हें बताया कि कैसे वे अपने समुदाय में सक्रिय हो सकते हैं और अपने समुदाय को उन्नत बनाने के लिए एकजुट हो सकते हैं। ‌‌‌इस तरह से बदरू गाल बजाने लग जाता है ।

उन्होंने उन्हें बताया कि कैसे वे अपनी सीमाओं से परे निकल सकते हैं और अपनी ज़िन्दगी को एक नई दिशा में ले जा सकते हैं। उन्होंने उन्हें बताया कि सीमाओं से परे निकलने के लिए अपनी सोच और व्यवहार में बदलाव करना ज़रूरी है।

बंदरू बजाने लगा गाल, ‌‌‌एक मजेदार कहानी

बंदरू ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस गाँव में कई परिवर्तन किए। उन्होंने स्कूल और अस्पताल की नींव रखी, सड़कें और आवास योजनाएं बनाई और गाँव के बच्चों को शिक्षा देने के लिए एक नया स्कूल खोला।

उन्होंने लोगों को स्वच्छता की महत्ता समझाई और गाँव में सफाई अभियान चलाया। वे लोगों को जागरूक करने के लिए मीटिंग और जन सम्पर्क भी करते रहे। बंदरू ने एक नया उत्साह और नए आशावादी भावना का संचार किया और इस गाँव को सकारात्मक विचारों से भर दिया।

इन सभी परिवर्तनों के बाद, इस गाँव की स्थिति में बड़ी सुधार हुआ। लोगों का जीवन सुखद और स्वस्थ बना और इस गाँव ने एक नया मोड़ लिया। बंदरू ने अपने जीवन में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाया और इस गाँव को उन्नत बनाने में अहम भूमिका निभाई।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम चाहें तो हम किसी भी चीज़ में सकारात्मक बदलाव ला सकते है ‌‌‌। और बदरू के द्वारा जो किया गया था जिसे देख कर लोग काफी खुश हो जाते है । और बदरू से ज्ञान की बाते मागते है और बदरू गाव का विकाश कर कर दूसरे गाव की और बढ जाता है । और इसी तरह से चलता रहता है।

इस तरह से दोस्तो बदरू अपनी आवाज की गाल बजा कर लोगो का फायदा करने लग जाता है ।

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