कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

kolhu ka bail hona muhavare ka arth, कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

बैल के बारे में तो आपको पता है । मगर क्या आपको कोल्हू का बैल के बारे में पता है । अगर नही तो आपको बता दे की यह एक ऐसा मुहावरा है जो की प्रसिद्ध मुहावरो की लिस्ट ‌‌‌मे सामिल किया गया है । अब रही बात अर्थ की तो वह इस लेख में जानेगे और वाक्य प्रयोग भी अच्छी तरह से बात करेगे तो आइए शुरू करते है

कोल्हू का बैल होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कोल्हू का बैल होनाकठिन परिश्रम करने वाला ।

‌‌‌कोल्हू का बैल मुहावरे को समझने का प्रयास करे

दोस्तो जो कोल्हू होता है वह एक ऐसा यंत्र होता है जो की तिल का तेल निकालने के काम में आता है । प्राचिन समय में इसका काफी अधिक उपयोग किया जाता था और इसे घुमाना पड़ता था जिसके लिए बैल का उपयोग किया जाता था । ‌‌‌यह जो बैल था वह इसे घुमाता रहता था और इस तरह से तील का तेल निकल जाता था । मगर यह जो बैल होता है वह दिन रात काम में लगा रहता था यानि कठिन परिश्रम करता था और तब जाकर तेल निकलता था । और यही कारण है की इस मुहावरे का अर्थ कठिन परिश्रम करने वाला होता है ।

कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌कोल्हू का बैल मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग स्वयं का व्यापार होता है तो कोल्हू का बैल बन कर काम करना होता है तब जाकर सफलता मिलती है ।

2. वाक्य में प्रयोग जब राहुल IAS बन गया तो उसने बताया की वह दो वर्षों तक कोल्हू का बैल बन कर अध्ययन करता रहा तब जाकर आज वह आज सफल हो सकता है ।

‌‌‌3. वाक्य में प्रयोग महेश जब पहली बार मजदूरी करने के लिए जाता है तो कोल्हू के बैल की तरह काम करता है ।

4. वाक्य में प्रयोग अगर प्राईवेट नोकरी करना चाहते हो तो तुम्हे कोल्हू के बैल की तरह काम करना होगा ।

5. वाक्य में प्रयोग जब से नई सरकार आई है तब से सभी सरकारी अफसर कोल्हू का बैल बन कर काम करते है ।

6. वाक्य में प्रयोग जो लोग सरकारी पद पर काम करते है उनके तो मोज है और ‌‌‌हम ठहरे प्राइवेट नोकरी करने वाले दिन रात कोल्हू का बैल की तरह लगा रहना पड़ता है ।

‌‌‌चूहे (rat)  और शेर (Lion)  बने कोल्हू के बैल, एक अलग तरह की मजेदार कहानी

एक बार एक जंगल में एक शेर (Lion)  रहता था जो बहुत ही शक्तिशाली था और सभी जानवर उससे डरते थे। उस जंगल में एक चूहा (rat)  भी रहता था जो शेर (Lion)  से बहुत छोटा था। एक दिन शेर (Lion)  ने जंगल में घूमते हुए चूहे को देखा और उसे खाने की कोशिश की। चूहा (rat)  बहुत तेजी से भागते हुए शेर (Lion)  से बच निकला।

इसके बाद से शेर (Lion)  ने चूहे को पकड़ने के लिए बार-बार कोशिश की, लेकिन चूहा (rat)  हमेशा उससे बच निकलता था। चूहा (rat)  जानता था कि शेर (Lion)  उसे खाना चाहता है, लेकिन वह अपनी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करता रहता था।

एक दिन चूहा (rat)  को एक बड़ा विचार आया। उसने सोचा कि शेर (Lion)  उसे कभी नहीं पकड़ सकता अगर वह एक ऐसी चाल चलता है जिससे शेर (Lion)  उसे नहीं पकड़ पाएगा। ‌‌‌यह सोच कर चूहा (rat)  ने नई चाल के लिए कोल्हू के बैल की तैयारी करने लगा था । एक महिना बित गया और अब चुहे को लगा की उसकी चाल बन गई है । तो वह शेर (Lion)  के पास गया । चूहा (rat)  अपनी नई चाल के लिए तैयार हुआ और शेर (Lion)  के पास गया। शेर (Lion)  ने उसे देखते हुए तुरंत उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन चूहा (rat)  ने शेर (Lion)  के लिए एक मुश्किल चाल चली थी। उसने एक बड़ी मिट्टी की ढेर की जो शेर (Lion)  के रास्ते में थी और उसे आसानी से पार करने में मदद कर सकती थी।

शेर (Lion)  ने चूहे को देखते हुए धावा किया, लेकिन वह मिट्टी की ढेर से टकरा गया और फिसलकर गिर गया। ‌‌‌शेर (Lion)  ने उठने की काफी कोशिश की मगर उससे उठा नही गया। चूहा (rat)  इस समय का फायदा उठाते हुए शेर (Lion)  के सामने से निकल गया और शेर (Lion)  को हार माननी पड़ी।

इस घटना से शेर (Lion)  को एक महत्वपूर्ण सीख मिली कि सबकुछ जीतने के लिए शक्ति या बल ज़रूरी नहीं होता है। अक्सर छोटी-छोटी चीजें ज़्यादा महत्वपूर्ण होती हैं और आपको उन्हें ध्यान में रखना चाहिए।चूहा (rat)  ने अपने छोटे से शरीर का फायदा उठाकर शेर (Lion)  को हरा दिया और उसे यह सिखाया कि अगर आप अपनी होशियारी और समझदारी से काम करते हैं, तो आप किसी भी मुश्किल से निपट सकते हैं।

शेर (Lion)  ने इस घटना से बहुत सोचा और उसने चूहे से बात करने का फैसला किया। उसने चूहे को एक दिन बुलाया और उससे पूछा, “तुमने मुझे हरा दिया था, लेकिन तुम्हारी अधिकतम ताकत तो तुम्हारे शरीर में है न कि तुम्हारी शक्ति में। कैसे तुमने मेरे सामने हार जाने का सामना किया?”

चूहा (rat)  बड़ी सीधी-सीधी बात बोलते हुए बताया, “शेर (Lion)  जी, हमारी ताकत हमारे शरीर में नहीं, बल्कि हमारे दिमाग में होती है। मैंने आपके सामने से निकलकर मिट्टी की ढेर रखी थी। मैं जानता था कि आप जो भी करेंगे, आप वहाँ से गुजरना होगा। और मिट्टी की ढेर आपकी ताकत को कम करती है। मैंने अपने दिमाग से सोचा और आपकी ताकत को कम करने के लिए यह चाल चली थी।”

कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

शेर (Lion)  ने इस बात से बहुत सोचा और उसने समझा कि दिमाग से सोचने से हम अपनी ताकत का सही इस्तेमाल कर सकते हैं। शेर (Lion)  ने उस दिन से सोचने की ताकत को महत्व दिया और अब वह हमेशा से पहले से ज्यादा सोचता रहता था। इस बात से शेर (Lion)  ने यह भी समझा कि एक छोटा सा चूहा (rat)  भी बड़े-बड़े शेरों से बड़ा बन सकता है। शेर (Lion)  ने चूहे से कहा, “तुमने मुझे एक बड़ी सीख दी है, जो मैं कभी नहीं भूलूंगा। धन्यवाद इस बड़े काम के लिए।”

उस दिन के बाद से, ‌‌‌शेर (Lion)  ने कोल्हू के बेल की तरह अपनी ताक्त को पहचानने में समय बिताया और जब शेर (Lion)  यह भली भाती समझ गया की उसके पास किस तरह की ताक्त है तो शेर (Lion)  ने न सिर्फ अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करना शुरू किया, बल्कि उसने अपने आस-पास जो भी छोटे-छोटे प्राणी थे, उनसे सीखना भी शुरू किया। शेर (Lion)  ने यह भी समझा कि बड़े-बड़े शेर (Lion)  होने के बावजूद, उन्हें कुछ नए सीखने की जरूरत होती है। शेर (Lion)  ने अपनी ताकत और दिमाग का सही इस्तेमाल करते हुए, जीवन के हर मुश्किल से निपटना सीख लिया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ‌‌‌हम हमारी ताक्त को पहचानने के लिए कोल्हू का बैल बनना पड़ता है और अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करने के लिए हमें सोचने की ताकत का भी सही इस्तेमाल करना चाहिए। हमें अपने आस-पास के सभी लोगों और जीवों से सीखने की जरूरत होती है और हमें कभी भी अपनी छोटी-छोटी ताकत को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

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