chhati ka doodh yaad aana muhavare ka arth aur vakya prayog, छठी का दूध याद आना मुहावरे का अर्थ
जीस समय हम छठी कक्षा में पढते थे उसम जो हमने दूध पीया था वह याद आ जाता है तो यह छठी का दूध याद आना होगा…………… ऐसा कुछ समझना बेकार होता है क्योकी यह मुहावरे का सही अर्थ नही है । बल्की इस मुहावरे के सही अर्थ के बारे मे तो हम लेख में जानेगे तो आइए शुरू करते है –
छठी का दूध याद आना मुहावरे का अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
छठी का दूध याद आना | बहुत कष्ट आना । |
छठी का दूध याद आना मुहावरे को समझने का प्रयास करे
वैसे छठी का अर्थ होता है शिशु के जन्म के छठे दिन होने वाला उत्सव । यानि जब किसी भी शिशु का जन्म होता है जो की हिंदू धर्म से संबंध रखता है । तो ऐसे शिशु के जन्म को जब छ दिन हो जाते है तो एक पूजा का आयोजन होता है जो की विशेष तरह की पूजा होती है यह पूजा सायंकाल या रात्रि के समय ही होती है और इस पूजा को छठी पूजा ही कहते है। ऐसा कहा जाता है की जब तक यह पूजा पूरी नही होती है तब तक बच्चे को दूध नही पीलया जाता है । और इसके कारण से बच्चे को बहुत कष्ट सहना पड़ता है । तो इस तरह से छठी का दूध बच्चे को हमेशा याद रहता है । और इस आधार पर कहा जा सकता है की छठी का दूध याद आना मुहावरे का अर्थ बहुत कष्ट आना होता है ।
छठी का दूध याद आना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग बताइए
1. वाक्य में प्रयोग – जब दुश्मनी सेना ने भारत पर हमला किया तो इंडियन आर्मी ने उन्हे छठी का दूध याद दिला दिया ।
2. वाक्य में प्रयोग – इंडियन आर्मी से झगड़ा मोल लेकर दुश्मनो को छठी का दूध याद आ जाता है ।
3. वाक्य में प्रयोग – राहुल अध्यापक के सामने बदतमिजी करने लगा जिसके कारण से अध्यापक ने उसे इतना मारा की उसे छठी का दूध याद आ गया ।
4. वाक्य में प्रयोग – कल पता नही क्या हुआ रामलाल को उसके पिता ने इतनी बुरी तरह से पीट दिया की रामलाल को छठी का दूध याद आ गया ।
5. वाक्य में प्रयोग – जब चोर को पुलिसकर्मी ने पकड़ कर थाने में जड़ दिया तो उसे छठी का दूध याद आ गया ।
6. वाक्य में प्रयोग – खूनी को पुलिस ने पकड़ कर इतनी बुरी तरह से पीटा की उसे छठी का दूध याद आ गया ।
जिराफ़ (Giraffe) करता था छठी का दूध याद आने पर मदद, एक कहानी
एक बार की बात है, एक जंगल में एक जिराफ़ (Giraffe) रहता था। वह जंगल का सबसे लम्बा और ऊँचा जानवर था। जिराफ़ (Giraffe) को खाने की बहुत पसंद थी, और उसने जंगल में कई प्रकार के पौधे, पत्ते और फल खाये।
एक दिन, जिराफ़ (Giraffe) के घर के बगीचे में एक खतरनाक सांप (Snake) आ गया। सांप (Snake) को देखकर जिराफ़ (Giraffe) बहुत डर गया और वह जल्दी से अपने बगीचे से दूर चला गया। फिर अगले दिन, जिराफ़ (Giraffe) को भूख लगी और उसने खाने के लिए फिर से अपने बगीचे में जाने का फैसला किया। लेकिन फिर से उसे सांप (Snake) मिल गया और उसने फिर से अपने बगीचे से दूर भागने का फैसला किया।
इस तरह, जिराफ़ (Giraffe) दिनों तक भूखा रहा और उसे अपने बगीचे में जाने से डर लगने लगा। उसने बहुत सोचा और एक दिन उसे ये समझ में आया कि सांप (Snake) उसे दिन में हमेशा डराता है, क्योंकि उसे रात में दिखता नहीं है। इसलिए, जिराफ़ (Giraffe) ने ये निर्णय लिया कि वह रात को ही अपने बगीचे में जाकर खाना खाएगा।
रात को, जिराफ़ (Giraffe) अपने बगीचे में जाकर खाने लगा। उसे अपने बगीचे में रात में कोई सांप (Snake) नहीं दिखा और वह खुश होकर खाना खाने लगा। वह रात भर खाता रहा और अगले दिन सुबह, उसे बहुत अच्छा लगा क्योंकि उसने इस तरह सभी खाने का मजा लिया जो उसे पहले से डर के कारण नहीं मिल पा रहा था।
जिराफ़ (Giraffe) ने अपने डर को पार कर लिया और उसने अपने जीवन में एक नया सीख हासिल की। अब उसे पता था कि उसे अपने डर का सामना करना होगा और वह उससे निपटने के लिए तैयार था।
जिराफ़ (Giraffe) ने अपने डर से निपटने की नई कला सीखी थी, और उसने इसे लागू करना शुरू कर दिया। उसने अपने बगीचे में एक सांप (Snake) को रहने की इजाजत दी और उसे अपने खेतों में घूमने दिया। उसने उस सांप (Snake) के साथ रहना सीखा और उसे अपने दोस्त बनाया।
जिराफ़ (Giraffe) के बगीचे में एक दिन, एक शेर आ गया। जिराफ़ (Giraffe) को डर लगने लगा, लेकिन उसने फिर अपनी नई कला का उपयोग करके डर को निपटा लिया। उसने शेर के सामने विनम्रता से खड़े होकर उससे बात की और उसे अपने खेतों से दूर भगा दिया।
जिराफ़ (Giraffe) अपने नए दोस्त सांप (Snake) के साथ खुश था, लेकिन उसने देखा कि सांप (Snake) बहुत दुखी है। उसने पूछा कि क्या हुआ है और सांप (Snake) ने बताया कि उसका बच्चा शेर के द्वारा मार डाला गया था।
जिराफ़ (Giraffe) ने सांप (Snake) को समझाया कि डरने के बजाय उसे शेर के सामने अपने बच्चे को बचाने के लिए लड़ना चाहिए था। उसने सांप (Snake) को बताया कि डर से निपटना एक बड़ी सीख होती है और जिराफ़ (Giraffe) ने सांप (Snake) को अपने साथ लेकर अपने खेत में ले जाकर उसे बताया कि वह अपनी शक्तियों का उपयोग करके शेर को रोक सकता है। उसने सांप (Snake) को अपनी दोनों आंखों को खोलने के लिए कहा और उसे बताया कि शेर के सामने सीधे खड़े होना और उसे अपनी आंखों से देखते रहना चाहिए।
फिर, जिराफ़ (Giraffe) ने सांप (Snake) को बताया कि जब शेर उसके पास आता है, तो उसे अपने लम्बे सर को सीधा करना चाहिए ताकि शेर उसे निगल नहीं सके। इसके बाद, उसने सांप (Snake) को बताया कि उसे शेर को डराने के लिए अपनी बोली का इस्तेमाल करना चाहिए।
शेर फिर आया और सांप (Snake) ने जिराफ़ (Giraffe) के बताए तरीके का इस्तेमाल करके उसे दिखाई नहीं दिया। शेर थोड़ी देर तक टिका रहा, लेकिन फिर उसे गुस्सा आ गया और उसने सांप (Snake) को मारने के लिए उसके पास आया। उस समय, सांप (Snake) ने अपनी बोली का इस्तेमाल करके बहुत जोर से डरावनी आवाज निकाली जिससे शेर डर गया और बिना कुछ कहते ही भाग गया।
शेर चले गए और सांप (Snake) जिराफ़ (Giraffe) को धन्यवाद देने के लिए उसके पास गया। जिराफ़ (Giraffe) ने सांप (Snake) का हाथ पकड़ा और उसे उसके सहायता के लिए धन्यवाद दिया। उसने सांप (Snake) को बताया कि उसने बहुत बढ़िया काम किया है और उसे उसकी शक्तियों के बारे में सिखाने के लिए धन्यवाद दिया।
फिर, जिराफ़ (Giraffe) ने सांप (Snake) को अपने खेत से बाहर निकाला और उसे अलविदा कहा। सांप (Snake) ने जिराफ़ (Giraffe) को बार-बार धन्यवाद दिया और उसे एक आशीर्वाद दिया कि वह हमेशा खुश रहे।
इस घटना से जिराफ़ (Giraffe) ने एक महत्वपूर्ण सीख ली कि हमेशा अपनी शक्तियों का उपयोग करके अपनी समस्याओं का सामना करना चाहिए। इसके अलावा, हमें दूसरों की मदद करने में सक्षम होना चाहिए जब हमें यह अवसर मिलता है।
जिराफ़ (Giraffe) को सांप (Snake) की मदद से अपनी समस्या का समाधान मिल गया और वह बहुत खुश था। उसने सांप (Snake) को दूध और फल दिया और उसे अपने साथ खेलने के लिए नीचे उतरने के लिए कहा।
सांप (Snake) ने जिराफ़ (Giraffe) के नीचे उतरते हुए कहा, “आपने बहुत सही किया है कि आपने मुझे मदद की। हमेशा दूसरों की मदद करना अच्छा होता है।”
जिराफ़ (Giraffe) ने जवाब दिया, “हाँ, तुम बिल्कुल सही कह रहे हो। हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो हमारे अंदर का अच्छाई बढ़ता है और हमें अपने आप में खुशी मिलती है।”
सांप (Snake) ने जिराफ़ (Giraffe) से बोला, “आपकी सीधापन और अनुशासन की शक्ति मुझे अच्छी तरह से याद रखी जाएगी।”
जिराफ़ (Giraffe) ने उत्तर दिया, “धन्यवाद। हमेशा अपनी शक्तियों का उपयोग करने की कोशिश करें और दूसरों की मदद करने का मौका न छोड़ें।”
सांप (Snake) और जिराफ़ (Giraffe) के बीच की यह बातचीत अब समाप्त हो गई थी। सांप (Snake) अपने घर की ओर बढ़ा और जिराफ़ (Giraffe) अपनी जगह पर चला गया ।
जिराफ़ (Giraffe) अब बहुत सोचता था कि वह दूसरों की मदद कैसे कर सकता है। वह चाहता था कि वह भी किसी की मदद करे जिससे उसे भी खुशी मिले। एक दिन, जिराफ़ (Giraffe) ने अपने आसपास घूमते हुए देखा कि एक गाय को देखा जिसे छठी का दूध याद आया था । उसके निशान पर लगता था कि वह बुरी तरह से घावी हो गई है।
जिराफ़ (Giraffe) ने उस गाय के पास जाकर पूछा, “आप ठीक तो हैं नहीं?”
गाय ने कहा, “नहीं, मैं बहुत बीमार हूँ। मेरे पास कोई दवाई नहीं है और मैं खाना भी नहीं खा पा रही हूँ।”
जिराफ़ (Giraffe) ने समझाया कि उसे दवाई की जरूरत है और उसके पास भोजन भी लाना चाहिए। जिराफ़ (Giraffe) ने अपनी ऊँचाई के कारण उसकी मदद की और उसे अपने मुंह से नाश्ता खिलाया।
गाय बहुत खुश थी कि जिराफ़ (Giraffe) ने उसकी मदद की और उसके लिए खाना लाया। जिराफ़ (Giraffe) ने उसे दवाई भी दी और कुछ दिनों तक उसकी देखभाल की।
जिराफ़ (Giraffe) को बहुत खुशी मिली कि उसने दूसरों की मदद करके उनकी समस्याओं को हल करने में मदद की। जिराफ़ (Giraffe) को उस दिन से लगा कि उसे दूसरों की मदद करना ही उसका उद्देश्य है। वह अपनी ऊँचाई के कारण कभी-कभी लोगों से अलग हो जाता था, लेकिन उसने यह भी सीखा कि वह दूसरों की मदद कर सकता है जब वह उनकी मदद की जरूरत होती है।
उसने उस दिन से अपना उद्देश्य पाने के लिए काफी प्रयास किया। वह अपनी ऊँचाई का फायदा लेकर लोगों की मदद करता रहा।
एक बार, जिराफ़ (Giraffe) ने एक बच्चे को देखा जिसे छठी का दूध याद आया था क्योकी वह पानी में फंस गया था। वह अपनी ऊँचाई का फायदा उठाते हुए बच्चे को बचाने के लिए नदी में प्रवेश किया और उसे सुरक्षित बाहर निकाला। बच्चा बहुत खुश था कि जिराफ़ (Giraffe) ने उसकी मदद की।
जिराफ़ (Giraffe) ने अपनी ऊँचाई का फायदा लेकर लोगों की मदद करते हुए अपने उद्देश्य को पूरा कर लिया। वह जीवन में खुश रहा क्योंकि वह दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था जब भी उसकी मदद की जरूरत होती थी।
जिराफ़ (Giraffe) अब अपनी ऊँचाई का फायदा उठाकर नहीं, बल्कि दूसरों की मदद करने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करता था। वह अब दूसरों को बताता था कि कैसे वह नदी में फंसे बच्चे को बचाया था और कैसे अपनी ऊँचाई का फायदा उठाकर लोगों की मदद कर सकते हैं।
जिराफ़ (Giraffe) की दूसरों की मदद करने की भावना को देखते हुए एक दिन एक व्यापारी ने जिराफ़ (Giraffe) से पूछा कि क्या वह उसके व्यापार में मदद कर सकता है। जिराफ़ (Giraffe) ने उस व्यापारी की समस्या सुनी और उसे अपनी सलाह दी कि वह अपनी वस्तुओं को एक बाजार में बेचे जहां उन्हें अधिक दर पर बेचा जा सकता है। उस व्यापारी ने जिराफ़ (Giraffe) की सलाह अपनाई और उसके द्वारा बताए गए बाजार में उनकी वस्तुओं की बिक्री बढ़ गई।
जिराफ़ (Giraffe) के साथ यह सब होते हुए वह अपने उद्देश्य को पूरा करता रहा और दूसरों की मदद करता रहा। उसकी यह भावना उसे न केवल खुश रखती थी, बल्कि उसके आसपास के लोगों को भी प्रभावित करती थी
जिराफ़ (Giraffe) की इस स्वाभाविक भावना ने उसे दूसरों के साथ समन्वय बनाए रखने में मदद की। उसने अपनी समझ और बुद्धि का उपयोग करके लोगों की समस्याओं का समाधान किया और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद की।
जिराफ़ (Giraffe) की इसी स्वाभाविक भावना ने अन्य जानवरों को भी प्रभावित किया। उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि दूसरों की मदद करना एक अच्छा और सत्यापित तरीका है जिससे सभी कुछ सीख सकते हैं।
जिराफ़ (Giraffe) ने अपनी समझ और बुद्धि का उपयोग करके लोगों की मदद की जो आखिरकार उसे अपनी समस्याओं से दूर रखने में मदद करी। उसने अपनी ऊँचाई का फायदा नहीं उठाया लेकिन उसने दूसरों की मदद करके उनसे अधिक से अधिक सीखा और सम्मान भी प्राप्त किया। इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि हम अपनी समझ और बुद्धि का उपयोग करके दूसरों की मदद कर सकते हैं और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
जिराफ़ (Giraffe) की इसी स्वाभाविक भावना ने उसे एक महान नेता बनाया। लोग उसे अपना आदर्श मानने लगे और उसके नेतृत्व में उन्होंने बहुत से कठिनाईयों का सामना किया।
जिराफ़ (Giraffe) ने समझदारी और बुद्धि का उपयोग करके अपनी समस्याओं का समाधान करना सीख लिया था। उसने दूसरों की समस्याओं का समाधान करके उन्हें अपनी समझ और बुद्धि से सम्बोधित करना सीखा। इससे वह एक महान नेता बन गया जो लोगों के बीच में समन्वय बनाने में सक्षम था।
जिराफ़ (Giraffe) का उत्साह, संवेदनशीलता, समझदारी, और बुद्धि ने लोगों को प्रभावित किया और उनमें जानवरों के प्रति आदर और सम्मान की भावना जागृत की। उसने अपनी समझ और बुद्धि का उपयोग करके लोगों की मदद करने के साथ-साथ उन्हें जानवरों के साथ एक संबंध बनाने का भी अवसर दिया।
इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि हमें अपनी समझ और बुद्धि का उपयोग करके दूसरों की मदद करनी चाहिए।
इस तरह से जिराफ़ (Giraffe) दूसरे जानवरो को छठी का दूध याद आने पर उनकी मदद करता था ।