मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ, makkhi marna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

मक्खी एक छोटा दिखने वाला कीड़ा होता है जो की आज किसी को पसंद नही है । और यही कारण है की कुछ लोग इन्हे मार देते है । मगर एक मुहावरा होता है मक्खी मारना और इसका मतलब ‌‌‌क्या है इस लेख में हम जानेगे

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
मक्खी मारनानिकम्मा रहना या कोई काम न करना ।

‌‌‌मक्खी मारना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

‌‌‌मक्खी मारना एक ऐसा काम माना जाता है जो की हमेशा ऐसे समय में किया जाता है जब मानव के पास कोई काम नही होता है । या यह कह सकते है की जब मानव निकम्मा बैठा रहता है तो वह घर के अंदर दिखाई देने वाली मक्खी को मारने लग जाता है । हालाकी यह कितना सच है यह हम नही जानते है मगर मक्खी को तभी मारा जाता है ‌‌‌मानव कोई काम नही करता है । इस आधार पर कह सकते है की मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ निकम्मा रहना या कोई काम न करना होता है।

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌मक्खी मारना मुहावरे पर वाक्य में प्रयोग करे

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग – चंद्रराज सरकारी नोकरी के लिए 10 वर्षों तक लगातार कोशिश करता रहा मगर आखिर में उसे नोकरी नही मिली तो घर पर बैठ कर मक्खी मारने लगा ।

2. वाक्य में प्रयोग – विद्यार्थी को पढाने के लिए जब अध्यापक की कमी रहने लगी तो विद्यार्थी स्कूल में मक्खी मार कर अपना समय बिताते थे ।

‌‌‌3. वाक्य में प्रयोग – कोरोना काल के कारण से विद्यालय के बच्चो की छुट्टी कर दी गई मगर अध्यापको को स्कूल में अभी ड्यूटी चालू थी और अध्यापक स्कूल में जाकर मक्खी मारते थे ।

4. वाक्य में प्रयोग – स्कूल में कोई भी बच्चा न आने के कारण से अध्यापक मक्खी मारने लगे ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग – कोरोना काल के कारण से देश के लगभग सभी लोग मक्खी मारने लगे थे ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग – अगर इसी तरह से चलता रहा तो घर में बैठ कर मक्खी मारना पड़ेगा ।

7. वाक्य में प्रयोग – महेश जिस कंपनी में काम करता था वह कंपनी दिवालिया हो गई और अब महेश मक्खी मार रहा है ।

आखिर क्यो हिरण मक्खी मारने लगा प्रसिद्ध कहानी

एक जंगल में एक हिरण रहता था जो किसी भी काम को करने से असमर्थ था। वह सभी अन्य जंगली जानवरों की तुलना में कमजोर था और उसे कुछ भी सीखने में मुश्किल होता था। एक दिन, हिरण ने एक जंगल में एक जंगली कुत्ते को देखा जो अपने मालिक के साथ शिकार कर रहा था। उसने देखा कि कुत्ता अपने मालिक की सुनता है और उसके निर्देशों का पालन करता है।

हिरण ने सोचा कि वह भी कुछ नया सीख सकता है। उसने कुत्ते के पास जाकर उससे बात की और उससे यह सवाल किया कि “तुम अपने मालिक के साथ शिकार क्यों करते हो?”

कुत्ता ने उत्तर दिया, “मैं अपने मालिक का पालन करता हूँ और वह मुझे शिकार के लिए ट्रेन करते हैं।”

हिरण ने सोचा कि यह एक बड़ी बात है और उसे यह सीखा कि वह भी कुछ सीख सकता है। उसने खुद को मजबूत बनाने का निर्णय किया और उसने शिकार के लिए ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया।

कुछ समय बाद, हिरण अब जंगल में सबसे ताकतवर शिकारी बन गया था। उसे अब जंगल में कोई भी जानवर अपनी जान बचाने के लिए नहीं देखना चाहता था। लेकिन वह अपने नए स्वभाव से भी बहुत अकेला महसूस करता था।

उसे अपनी अकेलापन की शिकायत थी और उसे लगता था कि उसे कोई दोस्त नहीं है। एक दिन, जब उसे यह लगा कि उसे अपनी आकांक्षाओं तक पहुंचने में देर नहीं होनी चाहिए, तो उसने दिल्ली के एक बाजार में एक मुर्गा खरीद लिया।हिरण ने उस मुर्गे को अपना सबसे अच्छा दोस्त माना और उसके साथ अक्सर खेलने लगा। उसके लिए, उस मुर्गे का जीवन उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया था।

धीरे-धीरे हिरण ने अपने अकेलापन से निपटना सीखा और उसे लगा कि वह अपने जीवन में अब नहीं अकेला है। उसने एक समूह में शामिल होने का निर्णय लिया और उसने अपनी ताकत को समूह के लिए उपयोगी बनाया।

‌‌‌हिरण जो था अब समूंह का अधिकारी था और वह जो चाहता था वह कर सकता था । मगर इसके लिए उसे किसी की जरूरत होती थी तो वह समूंह के लोगो की होती थी । यानि हिरण अब जो भी काम करना चाहता था वह समूह के लोगो से करवाने लगा था ।हिरण को स्वयं काम करने की कोई जरूरत नही थी ।

‌‌‌हिरण तो अब बैठ कर मक्खी मारता है और उसके जो समूह के लोग थे वे ही सारा काम करते है । और यह सब देख कर हिरण काफी खुश होता है ।

एक बार हिरण को तेज भूख लग जाती है तो उसने अपने समूंह के सबसे तेज जानवर खरगोश को घास लाने के लिए भेज दिया और कहा की जो भी कोई समूह का सदस्य है उसे अंदर भेज देना । ‌‌‌खरगोश घास लाने के लिए चला गया था और बाकी लोग हिरण की सेवा करने लगे थे । हिरण अपने घर के अंदर आराम से रहता था उसे कुछ नही करना था । काफी समय के बाद में खरगोश आता है और हिरण को घास खिलाता है । जिसके कारण से हिरण ठिक हो जाता है ।

‌‌‌इसके बाद में हिरण ने भोजन लाने का काम खरगोश को देता है और बाकी का सारा काम अन्य समूंह के जानवरो को देता है । जिसके बाद में हिरण के लिए कुछ भी काम नही बचता है । अब हिरण केवल अकेला था और वह घर पर मक्खी मारता था ।

आखिर क्यो हिरण मक्खी मारने लगा प्रसिद्ध कहानी

‌‌‌कुछ जानवरो को यह सब कुछ अच्छा नही लगता था क्योकी वह हिरण से जलते थे । मगर हिरण को इससे क्या लेना था वह समूह का अधिकारी होने के कारण से जैसा चाहे वैसे कर सकता था । और इसी तरह से हिरण ने अपना जीवन गुजारा था ।

यह कहानी बताता है की जब व्यक्ति सफल हो जाता है और ताक्तवर हो जाता है तो वह अपना ‌‌‌सभी काम अपने सेवको से करवाता है और स्वयं नजर रखता है । मगर सफल होने के लिए पहले मेहनत अधिक करनी होती है ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो इस कहानी में हिरण मक्खी मारता है ।

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