टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ

टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ, tas se mas na hona muhavare ka arth aur vakya mein prayog kijiye

‌‌‌कुछ मुहावरे ऐसे होते है जिन्हे समझना आसान नही होता है मगर उनका जो अर्थ होता है वह काफी महत्वपूर्ण होता है । इसके साथ ही मुहावरे भी इसी तरह के परिक्षा में आते है । और ऐसा ही मुहावरा टस से मस न होना है तो आइए इस मुहावरे के बारे में जानते है –

टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ क्या होगा?

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
टस से मस न होनाहठ करना या ‌‌‌बिल्कुल न हिलना ।

टस से मस न होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

‌‌‌वैसे आपको पता होगा की टस का मतलब होता है की एक ऐसी अवस्था है जिसमें किसी वस्तु को हिलाने के लिए काफी अधिक जोर लगाया जाता है मगर वह हिल नही पाती है । और इस तरह से मुहावरे में टस शब्द का प्रयोग हो रहा है तो इसका मतलब हुआ की कोई वस्तु को हिलाने पर भी न हिले । और ऐसा ही हठ होता है ‌‌‌क्योकी जब कोई बालक हठ कर लेता है तो वह हिलता नही है और जिद करने लग जाता है की उसे तो वही वस्तु चाहिए ।  तो यही कारण है की टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ हठ करना या ‌‌‌बिल्कुल न हिलना होता है ।

टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ

टस से मस न करना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जब रास्ते में जार रहे वृद्ध आदमी के फल जमीन पर गिर गए तो उसकी मदद करने के लिए 2. वाक्य में प्रयोग पास बैठे लड़को में से कोई भी टस से मस न हुआ ।

‌‌‌3. वाक्य में प्रयोग राहुल को जब बाजार में दिखा की एक सुंदर और सजी हुई कार का खिलोना है तो उसे लेने के लिए महेश टस से मस न हुआ ।

4. वाक्य में प्रयोग जब महेश जी को पता चला की सामने आग लग गई है तब भी वह अपने मुबाईल में लगे रहे आग भुजाने के लिए टस से मस न हुए ।

5. वाक्य में प्रयोग ऐसे तो सभी कहते है की आप जब बीमार होगे तो हम आपकी मदद करेगे । मगर जब ‌‌‌बीमार हुई तो कोई भी टस से मस न हुआ ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग एक वृद्ध आदमी गैंस सलेडर लेजाने की कोशिश कर रहा था मरग राहुल यह सब देख रहा था मगर वह मदद करने के लिए टस से मस न हुआ ।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयोग महेश बिड़ी पी रहा था और तभी उसके पिता उसकी तरफ आने लगे थे और यह महेश ने देख भी लिया मगर वहां से टस से मस न हुआ ।

आखिर ‌‌‌ ‌‌‌बंदर के बार बार कोशिश करने पर भी चूहे टस से मस न ‌‌‌हुए, प्रसिद्ध कहानी

एक बार एक जंगल में एक बंदर रहता था। वह बंदर बहुत ही होशियार था और जंगल की सारी जानवरों से बहुत अधिक चालाक था। वह अक्सर अपने ही मजे में रहता था और अपनी मनमानी करता रहता था। एक दिन, बंदर को एक फल मिला जो बेहद स्वादिष्ट था। बंदर को उस फल का ज्यादा मजा आया और वह उसे खाने के लिए उस फल की खेती करने लगा। लेकिन जैसे ही उसकी फसल पकने लगी, उसकी समस्या शुरू हो गई।

बंदर को पता चला कि उसकी फसल में चूहे आ गए हैं। बंदर ने उन्हें फसल से दूर करने के लिए कुछ करना चाहा, लेकिन उन्हें दूर करना बहुत मुश्किल था। बंदर ने चूहों को फसल से दूर करने के लिए अलग-अलग तरीकों का प्रयोग करना शुरू कर दिया। लेकिन चूहे उससे होशियार थे और हर बार उन्हें धोखा देते थे।

एक दिन, बंदर का सबर टूट गया और वह फिर से एक नई योजना बनाने लगा। इस बार, बंदर ने एक छल का प्रयोग किया। उसने एक बड़ी गेंद ले ली और उसे अपने हाथों में ले कर चूहों के पास जाकर उनसे बोला, “दोस्तों, मैं जानता हूँ कि तुम लोग मेरी फसल खाते हो, लेकिन मैं अब तुम्हें दिखाना चाहता हूँ कि मैं तुम सभी से ताक़तवर हूँ। अब देखो, मैं इस गेंद को इतनी ताक़त से फेंकूंगा कि यह तुम सभी को मार डालेगी।”

चूहों ने बंदर की बात सुनकर डर गए और उन्होंने बंदर के कहने पर उसे फसल से दूर करने के लिए सहायता की। बंदर ने गेंद फेंक दी और चूहे भाग गए। ‌‌‌और यह देख कर बंदर खुश हुआ और अपनी फसल फिर से तैयार करने लगा ।

‌‌‌मगर चुहे काफी अधिक समझदार थे जिसके कारण वे बंदर से डरते नही है और बंदर की फसल को खराब करने के लिए वापस आ जाते है और यह देख कर बंदर काफी गुस्से में आ जाता है और चूहो से कहता है की मैं तुम्हे कब का यहां से भगाने की कोशिश कर रहा हूं मगर तुम टस से मस न हो रहे हो ।

‌‌‌इस तरह से कहने पर चूहो ने अपना मुंह उदास सा बना लिया और दूसरे ही पल जोर जोर से हंसने लगे और यह सब देखने के बाद में चूहो ने बंदर का मजाक उड़ाया और यह देख कर बंदर ने फिर से चूहो की तरफ गैंद फेक दिया । मगर इस बार बंदर टस से मस न हुए  । क्योकी उन्हे पता चल गया था की इस गैंद से डरने की कोई जरूरत ‌‌‌नही है । असल में यह गैंद हमे किसी तरह का नुकसान नही पहुंचाएगी ।

आखिर ‌‌‌ ‌‌‌बंदर के बार बार कोशिश करने पर भी चूहे टस से मस न ‌‌‌हुए, प्रसिद्ध कहानी

तभी बंदर ने देखा की चूहे फसल को नष्ट करने के लिए जा रहे है । चूहे ने रोकने की कोशिश की मगर चूहे नही रूके । अंत में बंदर थक हार कर अपने साथी बंदारो को बुलाता है और एक एक चूहे को पकड़ कर डिब्बे में बंद कर देता है । ओर इस काम ‌‌‌बंदर की मदद उसके साथी बंदर करते है ।

बंदर यह देखकर खुश हो जाता है और अब चूहे बंदर के सामने हाथ जोड़ते है और कहते है की हमे जाने दो । मगर बंदर को पता था की यह चूहे फिर से ऐसा ही करेगे । जिसके कारण से बंदर ने डिब्बे को पूरी तरह से ढक दिया और अपने साथियो के साथ उन्हे जंगल में भेज दिया । वहां ‌‌‌जाकर बंदरो ने चूहो को आजाद कर दिया । अब चूहे नए स्थान पर होने के कारण से वापस नही जा सके और वही पर रह कर जीवन बिताने लगे । और उधर बंदर अपने फल तैयार कर लेता है और जीवन में मोज करता है ।

इस तरह से दोस्तो बंदर के बार बार कोशिश करने पर भी चूहे टस से मस न हुए ।

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