छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ

छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ, chota muh badi baat muhavare ka arth aur vakya prayog

‌‌‌कुछ लोग इस मुहावरे से ऐसा समझने लग जाते है की अगर मुंह का आकार छोटा होता है मगर आप बडी बात कहते है तो यह छोटा मुंह बड़ी बात होती है । मगर आपको बता दे की ऐसा नही होता है बल्की इसका एक अलग ही मतलब होता है और आपको उसके बारे में पता होना जरूरी है

छोटा मुंह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
छोटा मुंह बड़ी बातछोटे होकर बडी बात करना या हैसियत से बढकर बोलना ।

छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे को समझने का प्रयास करे

दोस्तो छोटा मुंह का मतलब यहा पर कद का छोटा होने के कारण से मुंह का आकार छोटा होता है उससे नही होता है । बल्की छोटे मुंह का मतलब हैसियत के अनुसार छोटा होना । और बड़ी बात का मतलब होता है बढ कर कहना या बोलना । इस तरह से इस मुहावरे का पुरा अर्थ छोटे होकर बडी बात करना या हैसियत से बढकर बोलना ‌‌‌होता है ।

छोटा मुंह बडी बात मुहावरे के अर्थ के बारे में जानना ही काफी नही है । आपके लिए वाक्य में प्रयोग भी उपयोगी है तो वाक्य में प्रयोग जाने –

छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ

छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग आतकवादियो ने भारत को हमला करने की धम्मकी दे रहा है तब इंडियन आर्मी ने कहा छोटा मुंह बड़ी बात ।

2. वाक्य में प्रयोग चीन ने भारत को नुकसान पहुंचाने की बात कह दी और यह सुन कर भारत की सुरक्षा कर्मी कहने लगे की छोटा मुंह बड़ी बात ।

3. वाक्य में प्रयोग किसन एक हवलदार है ओर कमिश्नर को काम करने के तरीके समझाने लगा तो कमिश्नर ने कहा छोटा ‌‌‌मुंह बड़ी बात ।

4. वाक्य में प्रयोग जब पुलिसकर्मी से चोर को नही पड़ा गया तो लोग पुलिसकर्मी को काम करने के नए नए तरीके बताने लगे तभी वहां पर कमिश्नर आ गया और उसने कहा छोटा मुंह बड़ी बात ।

5. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी को काम करने के तरीके समझाना छोटा मुंह बड़ी बात होगी ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग सेठजी गाव के काफी धनवान आदमी है और राहुल जैसा गरीब आदमी उन्हे पैसो की बचत करना सिखा रहा है सच है छोटा मुंह बड़ी बात ।

7. वाक्य में प्रयोग चंदनराम इस शहर के सबसे बड़े ज्ञानी में से एक है और आप उसी को ज्ञान दे रहे हो यह तो वही बात हुई छोटा मुंह बड़ी बात ।

‌‌‌चूहे के साथ हुआ छोटा मुंह बडी बात, प्रसिद्ध कहानी

एक जंगल में एक छोटा सा चूहा रहता था। वह बहुत ही चतुर था और दूसरे जानवरों के साथ बहुत ही समझदारी से पेश आता था। एक दिन उसने एक बड़े से भालू को एक मछली पकड़ते हुए देखा। चूहा ने उसे देखते ही सोचा कि भालू को उसके काम से ज़्यादा मज़ा मछली खाने में होता होगा।

चूहा ने तुरंत भालू के पास जाकर उसे समझाने का प्रयास किया। चूहा बोला, “भालू जी, आप इस मछली को खा लेंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे आपका पेट बड़ा हो जाएगा और आप दौड़ने में दिक्कत होगी। इससे बेहतर है कि आप कुछ और खाएं जो आपके शरीर के लिए अधिक फायदेमंद हो।”

भालू ने सुना और समझा कि चूहा सही कह रहा है। वह उस मछली को छोड़ दिया और चूहे के वचनों पर अमल करने लगा। उसने दूसरे फल और सब्जियों का सेवन शुरू कर दिया। धीरे-धीरे भालू का शरीर भी स्वस्थ होने लगा।

चूहा ने भालू को उसके सही दिशा में ले जाने के लिए ‌‌‌बडी जानकारी दी ।

चूहा ने भालू को फल, सब्जियां और अन्य सेहतमंद खाद्य पदार्थों के बारे में बताते रहा। भालू ने इससे न केवल शरीर के लिए बल्कि मन और आत्मा के लिए भी फायदेमंद आहार खाने का महत्व समझ लिया। उसने चूहे की सलाह को अपने जीवन का हिस्सा बनाया और अब उसे स्वस्थ रहने के लिए समझदार खाद्य पदार्थों का सेवन करने की आदत हो गई थी।

चूहा भी खुश था कि वह अपने ज्ञान से भालू को फायदा पहुंचा सका। वह सोचता था कि ज्ञान और विवेक से हर किसी को अपने जीवन में सही राह दिखाई जा सकती है। चूहे ने भी जीवन में इस सीख को अपनाया और सबका मदद करने की आदत बना ली।

इस तरह, चूहा ने भालू को न केवल सही खाद्य पदार्थों के बारे में समझाया, बल्कि उसे जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सही राह दिखाई और उसे एक बेहतर जीवन जीने में मदद की। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने आसपास के लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने चाहिए ‌‌‌।

‌‌‌एक बार की बात है भालू ने चूहे को अपने पिता के पास लेकर गया था । भालू ने चूहे से अपने पिता को मिलवाया । भालू का पिता मच्छली खा रहा था और यह देख कर चूहे ने जैसा भालू को बताया था वही भालू को पिता को बताने लगा । मगर जब भालू के पिता ने चूहे के मुंह से ऐसी बाते सुनी तो उसने कहा की छोटा मुंह बड़ी ‌‌‌बात । यह सुन कर चूहे को अच्छा नही लगा और वह कुछ नाराज हो गया । मगर भालू को पिता को भी पता था की चूहा जो कह रहा है वह सच है मगर भालू के पिता ने स्वयं को बड़ा माना और चूहे को छोटा माना जिसके कारण से ही उसने चूहे को ऐसा कहा था ।

‌‌‌कुछ समय के बाद में फिर से जब भालू के पिता ने चूहे से कहा की छोटा मुंह बड़ी बात । तब चूहा पूरी तरह से नाराज हो गया और उसे मानाने के लिए भालू उसके पीछे जाता है । ओर उससे कहता है की पिताजी तो सभी को ऐसा कहते है भला उनकी बात को बुरा माना जाता है क्या ।

‌‌‌चूहे ने भालू से कहा की तुम्हारे पिता मुझे काफी निचा मानते है और हमेशा अपने से छोटा मानते है और यही कारण है की उन्होने मुझे ऐसा कहा था । और इतना कह कर चूहा वहां से चला गया ।

छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ

अब चूहे ने मेहनत करना शुरू कर दिया और वह काफी धनवान बनना चाहता था । वह दिन रात मेहनत करता और अपने पास तरह तरह का भोजन ‌‌‌इकट्ठा करता गया और एक महिने के बाद वह जंगल में सबसे अधिक भोजन अपने पास रखने लगा था । और यही कारण था की भालू सभी जानवरो में से उपर उठ गया था ।

और अब जब भालू ने अपने पिता को चूहे से मिलवाया तो वे चूहे को कुछ नही कह सके और अब चूहे ने उन्हे वही ज्ञान दिया और भालू को पिता ने उसे माना और अपने ‌‌‌जीवन में लागू किया । तो इस तरह से भालू और चूहे का साथ चलता था ।

इस तरह से दोस्तो चूहे को भालू के पिता ने छोटा मुंह बड़ी बात कहने वाला बताया ।

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