gagar mein sagar bharna muhavare ka arth, गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग
सागर पर वैसे तो अनेक मुहावरे हो सकते है मगर यह काफी अच्छा और अलग होता है इसका एक विशेष अर्थ होता है और वाक्य में प्रयोग तो इतने सानदार होत है की पूछो ही मत । मगर आपको बता दे की हम इस लेख में इस मुहावरे के अर्थ के बारे में अच्छी तरह से जानेगे –
गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
गागर में सागर भरना | कम शब्दों में बड़ी बात कहना । |
गागर में सागर भरना मुहावरे को समझने का प्रयास करे
वैसे क्या आपको पता है की गागर का अर्थ होता है ऊँचे गले वाला घड़ा। और इस तरह के घड़े के अंदर सागर को भरना है यानि सागर के अंदर जीतना पानी होता है वह इस घड़े के अंदर भरना है तो आप कहेगे की यह असंभव है ।मगर मान ले की ऐसे घड़े के अंदर सागर का सारा पानी भर लिया जाता है तो इस बात का मतलब क्या हुआ की छोटी वस्तु का बहुत बड़ा उपयोग हो गया है ।
उसी तरह से हम कुछ शब्द ऐसे कहते है जो की एक वाक्य में होता है मगर उसका अर्थ काफी बड़ा और मुल्यवान होता है । तो यह बिल्कुल घड़े में पानी भरने के समान ही होता है । अत गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ कम शब्दों में बड़ी बात कहना होता है ।
गागर में सागर भरना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – अर्जुन ने जब युद्ध के बिच में भगवान श्री कृष्ण जी की बाते सुनी तो अर्जुन ने कहा की आपने तो गागर में सागर भर दिया ।
2. वाक्य में प्रयोग – भगवान नाम के प्रवचो को सुन कर ऐसा लगता है की मानो गागर में सागर भर गया हो ।
3. वाक्य में प्रयोग – अध्यापक को स्टेज पर भाषण देने को बुलाया गया था मगर उन्होने गागर में सागर भर दिया और वहां से चले गए ।
4. वाक्य में प्रयोग – प्रधानाचार्य ने अध्यापक के भाषण को सुन कर कहा की आपको यहां पर लंबा भाषण देना था मगर आपने तो गागर में सागर भर दिया।
5. वाक्य में प्रयोग – जब कंचन स्टेज पर गागर में सागर भरने लगी तो सभी लोग काफी खुश हुए ।
6. वाक्य में प्रयोग – विष्णु भगवान की बाते सुन कर ऐसा लगा जैसे मानो उन्होने गागर में सागर भर दिया हो ।
7. वाक्य में प्रयोग – गीता में एक श्लोक को सुन कर ऐसे लगता है जैसे मानो गागर में सागर भरा गया हो ।
गिरहरी गागर में सागर भरने लगी, एक प्रसिद्ध कहानी
एक बार एक गिलहरी एक छोटे से शहर में रहती थी। वह बहुत समय से उस शहर में रहती थी और उसने उस शहर के सभी लोगों को अपने पास आने का आमंत्रण दिया था। एक दिन उस शहर में एक बड़ी बाढ़ आ गई जिससे लोगों को बड़ी मुश्किलें हुईं। गिलहरी ने देखा कि बाढ़ से जुझ रहे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। तो उसने लोगों को अपने घर में आने का आमंत्रण दिया। बाद में गिलहरी ने अपने आशय को फैलाया और शहर में उन लोगों को जो अपने घर में रह रहे थे उनकी मदद की। उसने अपनी दूसरी सभी गिलहरियों को बताया और फिर उन सभी ने मिलकर शहर के सभी लोगों की मदद की।
इस तरह, गिलहरी के छोटे से कद के बावजूद, उसने एक बड़ी बात कह दी। यह दिखाता है कि छोटी छोटी चीजों से भी बड़ी कामयाबियां हासिल की जा सकती हैं। गिलहरी और उसकी दोस्तों की मदद से, शहर के सभी लोग अपने घर तक सुरक्षित रह सके और बच गए। इसके बाद, लोग उन गिलहरियों को धन्यवाद देने लगे जिन्होंने उनकी मदद की।
गिलहरी ने लोगों की मदद करते करते बहुत सारे ज्ञान एवं अनुभव भी प्राप्त किए थे। लोग उनसे अपनी समस्याओं के बारे में सुनाते और वह उन्हें सही सलाह देती थी। उनके बीच की मेलजोल बढ़ती गई थी और वह अपने समुदाय की एक अहम हस्ती बन गई थी।
अब अगर गिलहरी लोगो की मदद करती थी तो उनसे ऐसा कुछ कहती थी जो की एक वाक्य होता था मगर उसका अर्थ काफी बड़ा था । और ऐसा कुछ सुन कर लोग एक ही बात कहते थे की गिलहरी की बातो में तो गागर में सागर भरने वाली बात है । गिलहरी की समझ और सलाह लोगों के जीवन में काफी मददगार साबित हुई थी। लोग उन्हें अपने समस्याओं के समाधान के लिए नहीं बल्कि अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सलाह लेने के लिए भी मिलते थे।
गिलहरी बहुत खुश थी क्योंकि वह अब अपने समुदाय की एक जरूरी हस्ती बन चुकी थी जिससे वह अपनी समझ और अनुभव का उपयोग करके लोगों की मदद कर सकती थी। गिलहरी को अपने समुदाय में एक उपयोगी सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाने से बहुत अधिक आनंद मिलता था।
एक दिन, एक बच्चा गिलहरी के पास आया और उसने उससे पूछा कि “आप क्या करती हैं?” गिलहरी ने उससे कहा कि वह लोगों की मदद करती हैं। बच्चा ने उससे पूछा कि वह उसकी मदद कर सकती है। गिलहरी ने हाँ कह दिया और उसे अपनी विशेषता के बारे में बताया और उससे कहा कि वह भी अपनी विशेषता का पता लगाएं।
बच्चा ने थोड़ी देर सोचा और फिर उसने कहा कि उसे गाना गाने का बहुत शौक है। गिलहरी ने बच्चे को उसके शौक को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया और उसे संगीत की दुनिया में जाने की सलाह दी।
बच्चा ने गिलहरी की सलाह ली और संगीत के क्षेत्र में जाकर अपनी उपलब्धियों से सबको हैरान कर दिया। उसने गाने का इतना अच्छा अंदाज बजाया कि लोग उसके फैन हो गए। उसे कई गानों की पेशकश मिली और उसकी शोहरत तेजी से फैलती गई।
एक दिन बच्चा संगित का कार्यक्रम करने के लिए दिल्ली जाता है और वहां पर वह विजेता बन जाता है और उसका संगित सभी को पसंद आता है । तब अंत में उससे पूछा जाता है की इतना अच्छा संगित कहा पर सिखा था । तब बच्चे ने गिलहरी को बुलाया और और कहा की इस गिलहरी ने मुझे यह संगित सिखाया था ।
यह सुन कर लोग हैरान हो गए । क्योकी लोगो को लगने लगा की एक गिलहरी कैसे संगित सुना सकती है । तभी लोगो को पता चला की यह गिलहरी बोल भी सकती है और यह जान कर लोग हैरान हो गए ।
तब गिलहरी ने स्टेज पर ऐसी बाते कही जिसे सुन कर सभी ने जोरो सोरो से ताली बजानी शुरू कर दी और अंत में कहा की गिलहरी तुमने तो गागार में सागर भर दिया ।
यह सुन कर गिलहरी ने कहा की हमे ऐसे ही शब्दो का उपयोग करना चाहिए जो की महत्वपूर्ण हो । क्योकी मैंने भगवान राम से यह सिखा था की किस तरह से छोटे से शब्दो का उपयोग बड़े अर्थ के लिए किया जा सकता है ।
यह जान कर लोग हैरान हो गए की यह गिलहरी भगवान राम के समय से इस धरती पर है । तब गिलहरी ने कुछ ऐसा कहा जो की केवल राम ही कहते थे और यह सुन कर सभी ने कहा की यह तो गागर में सागर भरती जा रही है और इस तरह से अंत में बच्चे को इनाम दिया गया और उसे अपने घर भेजा गया ।
इस तरह से गिलहरी के कारण से बच्चा संगित सिखता है और विजेता बन जाता है ।
इस तरह से गिलहरी गागर में सागर भरती है ।