आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ क्या होगा और वाक्य में प्रयोग भी बता दिजिए

आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ, aankhen khulna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

‌‌‌आप गहरी निंद में हो और आपकी आंखे मैंने पकड़ कर खौल दी हो गया आंखे खोलना…….. नही मजाक कर रहे है ऐसा कभी नही होता है । बल्की यह एक प्रसिद्ध मुहावरा है और इसका अर्थ कुछ अलग ही होता है जिसके बारे में आपको इस लेख मे अच्छी तरह से जानने को मिलेगा ।

आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
आँखें खुलनाहोश में आ जाना या सचेत हो जाना

आँखें खुलना मुहावरे को समझने का प्रयास करे –

खुली आंखें एक नए दृष्टिकोण की अनुमति देती हैं, जो अक्सर दुनिया को नए तरीके से देखने के लिए जरूरी होता है। ‌‌‌मगर कहते है की मनुष्य को सोते समय भी अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए । मगर ऐसा नही हो सकता है और आप यह अच्छी तरह से जानते है । मगर ऐसा कहने का मतलब यह है की सोते समय भी मानव को सचेत होना चाहिए ।

‌‌‌मगर आप जैसे विद्वानो को पता ही होगा की जब मानव बेहोश होता है तो उसकी आंखे बंद रहती है और होश में आने पर ही उसकी आंखे खुल जाती है । तो इस आधार पर विद्वानो आंखे खूलना मुहावरे का मतलब होश में आ जाना या सचेत हो जाना होता है  ।

‌‌‌अभी तक हमने केवल मुहावरे के बारे में बात की है । मगर विद्वानो अभी तो वाक्य में प्रयोग बाकी है जरा निचे भी नजर ढाले और पढे –

आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ क्या होगा और वाक्य में प्रयोग भी बता दिजिए

आंखे खुलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌वाक्य में प्रयोग जब कंचन ने राहुल को धोका दिया तब जाकर राहुल की आंखे खुल गई ।

‌‌‌वाक्य में प्रयोग महेश ने राहुल को बहुत समझया की वह लड़की तुम्हारे लायक नही है मगर राहुल ने महेश की बात पर भरोषा नही किया और जब राहुल को धोका मिला तो उसकी आंखे खुल गई ।

वाक्य में प्रयोग किशोर अपने पिता के पैसो को खूब बर्बाद किया करता था मगर जब किशोर ने स्वयं ‌‌‌कमाना शुरू किया तो उसकी आंखे खुल गई ।

‌‌‌वाक्य में प्रयोग अंडानी को जब धम्मकी मिली तो उसकी आंखे खूल आई और अपनी हिफाजत के लिए गार्ड को तैनात कर दिया ।

जब कंचन ने चाय की कंपनी खोली तो अपने स्टाप से कहा की सही तरह से मन लगा कर काम करना वरना नोकरी से निकल जाने पर आंखे खूल जाएगी ।

‌‌‌जानिए किस तरह से चुहे की आंखे खूली

किसी घर में एक चुहा रहा करता था । ‌‌‌जो की घर कें अंदर काफी अधिक आफत मचा रहा था । जो लोग घर में रहते थे उनको चूहा परेशान करने लगा था । ‌‌‌एक दिन की बात है एक चुहा एक-एक करके रसोई में सभी बर्तनों को तोड़ना शुरू कर दिया। लेकिन किसी को यकीन नहीं था कि क्यों; यह ऐसा था जैसे चूहे के पास रसोई की सभी कृतियों के प्रति व्यक्तिगत प्रतिशोध था।

‌‌‌चूहे ने घर में बनने वाले पकवानो को खबा करना शुरू कर दिया था । और यह सब चलते रहने के कारण से घर के लोग काफी अधिक परेशान हो रहे थे । तब घर के लोगो ने चूहे को मारने के लिए जहर भी मेला । मगर चूहा समझदार था जहर को पहचानता था और जहर वाला खाना चूहा नही खाता था ।

‌‌‌चूहे को पड़ने के लिए घर में बिल्ली को लाया गया । जब बिल्ली आई तो एक कोने में केवल एक छोटा सा चूहा छिपा था। बिल्ली ने विनम्रता से चूहे को बाहर आने को कहा, लेकिन चूहे ने मना कर दिया। बिल्ली ने फिर चूहे पर एक चाल चली और पास की एक दीवार के पीछे छिप गई। जब चूहा जाँच करने के लिए आया, तो बिल्ली ने झपट कर उसे पकड़ लिया! ‌‌‌मगर चूहा किसी तरह से निकल कर भाग गया और अपने बिल्ली में जाकर छूप गया ।

यह दो जानवरों की एक उत्कृष्ट कहानी है जो एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। चूहा जानता है कि बिल्ली छेद के बाहर है, इसलिए चूहा बिल्ली में छिप जाता है। बिल्ली चूहे को पकड़ने की कोशिश करती है, लेकिन असफल हो जाती है क्योंकि चूहा बहुत चालाक होता है।

‌‌‌अब बिल्ली चूहे को देख रही थी मगर चूहा कही पर मिल नही रहा था । चूहे को अब पता चल गया था की घर में बिल्ली आ चुकी है और इसी कारण से चूहे की आंखे खूल गई और वह फिर घर में शांत रहने लगा । उसे पता चल गया था की अगर बिल्ली को पता चल गया तो वह उसे मार देगी ।

इस कारण से चूहा जब सोता था तब सचेत रहता ‌‌‌था। ‌‌‌चूहा अब घर से जो भी खाना लेता था सोच समझ कर लेता था । ‌‌‌एक बार घर के लोगो ने बिल्ली को खाने के लिए भोजन दिया । चूहा बिल्ली से चुपके से खाना चुरा कर खाने लगा। बिल्ली को बहुत गुस्सा आया और उसने चूहे को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन यह बिल्ली के लिए बहुत तेज था। चूहा बिल्ली से खाना चुराता रहा और आखिरकार बिल्ली के पास खाना नहीं बचा। फिर बिल्ली भूख से मर गई। ‌‌‌और घर के लोगो ने बिल्ली को और खाना नही दिया ।

बिल्ली के साथ एक घर में रहने वाले एक चूहे ने कुछ ऐसा खोजा जिसे वह पहले कभी नहीं जानती थी- पूर्ण भय। बिल्ली के पास आने पर चूहा अपनी पटरियों पर जम जाता था, और अगर बिल्ली उसके सामने रुक जाती तो भी कांप उठता। इस डर ने अंततः माउस को अपने बारे में और दूसरों के साथ बातचीत करने के तरीके के बारे में कुछ मूल्यवान सबक सीखने के लिए प्रेरित किया।

‌‌‌मगर अंत में चूहे की आंख खूल गई और उसे समझ में आ गया की वह बिल्ली से जीत नही सकती है । कभी न कभी बिल्ली उसे मार देगी । और यह सोच कर चूहे ने बिल्ली से दोस्ती करने की सोची और मोका पाते ही बिल्ली से दोस्ती करने की बात की ।

‌‌‌जानिए किस तरह से चुहे की आंखे खूली

उनकी शुरुआती दुश्मनी के बावजूद, एक चूहा और बिल्ली अंततः दोस्त बन जाते हैं। प्रारंभ में, बिल्ली चूहे से सावधान रहती है, लेकिन वे धीरे-धीरे एक-दूसरे पर भरोसा करने लगते हैं और एक मजबूत बंधन विकसित करते हैं। यह मित्रता अद्वितीय है क्योंकि यह पहली बार है कि एक चूहे ने एक बिल्ली से मित्रता की है और यह दर्शाता है कि जानवर शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में सक्षम हो सकते हैं, भले ही वे शुरू में एक दूसरे के प्रति शत्रुतापूर्ण हों।

‌‌‌इस बारे में घर के लोगो को पता नही था क्योकी अगर पता होता है तो बिल्ली को घर से बाहर जाना पड़ सकता है । और घर के लोगो के समाने बिल्ली चूहा दुश्मन होने का नाटक करते रहते है । इस तरह से दोनो का जीवन चलता रहा ।

इस तरह से दोस्तो चूहे की आंखे खूल जाने पर उसने सही फैसला लिया । वरना चूहा ‌‌‌कभी न कभी मारा जाता था ।

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