अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग किजिए और मजेदार कहानी

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ, angare barsana muhavare ka arth aur vakya mein prayog kijiye

आसमान से वर्षा होने के बारे में आपको पता है और इसे पानी बरसना कहा जाता है । मगर अंगारे बरसना क्या है इसके बारे में आज तक आपने नही सुना । तो आपको बता दे की यह पीछे वर्ष का प्रसिद्ध मुहावरा रह चुका है । और ‌‌‌इस वर्ष भी काफी बार इसे पूछ लिया गया है । अर्थ की बात करे तो लेख में जान लेगे आपको किसी तरह की फिकर करने की जरूरत नही है सब कुछ जानेगे ओके –

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
अंगारे बरसना‌‌‌बहुत अधिक गर्मी होना

अंगारे बरसना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

 आग के अंगारे रात में गर्मी और रोशनी देते हैं। आग के अंगारों का उपयोग खाना पकाने या चीजों को गर्म करने के लिए भी किया जा सकता है।  कुल मिलकार कहे तो अंगारो में काफी गर्मी होती है । और जब गर्मी काफी अधिक होती है तो ऐसा लगता है की मानो अंगारे आसमान से बरसने ‌‌‌लगे हो । तो इस तरह से अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ बहुत अधिक गर्मी होना होता है ।

अंगारे बरसना मुहावरे के बारे में इतना ज्ञान काफी नही है विद्वानो वाक्य में प्रयोग तो अभी बाकी है जरा इन्हे भी देखे-

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग किजिए और मजेदार कहानी

अंगारे बरसना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग –

वाक्य में प्रयोग – शर्मा जी शिमला में रह कर अपना सारा काम करते थे मगर एक दिन राजस्थान का चक्कर काटना पड़ जाता है तो उन्हे अहसास होता है की राजस्थान  ‌‌‌में तो अंगारे बरस रहे है ।

वाक्य में प्रयोग – विदेश से भारत आए पीएम साहब ने कहा की भारत में तो अंगारे बरस रहे है ।

वाक्य में प्रयोग – जब भारत में सफर कर कर मिखाइल मिशुस्टिन अपने देश रूस वापस जाते है तो वहां जाकर कहते है की भारत में तो हमेशा अंगारे बरसते रहते है ।

वाक्य में प्रयोग – रूस देश के नागरीक भारत में आ गए तो उन्हे ऐसा लगा मानो अंगारे बरसने  ‌‌‌लगे हो ।

वाक्य में प्रयोग – अक्षर राजस्थान में गर्मी के महिनो में अगारे बरसते रहते है ।

‌‌‌आखिर कैसे भालू को लगा की अंगारे बरसने लगे है, प्रसिद्ध कहानी

आपने भी तक काफी भालू की कहानी सुनी होगी । मगर आपने ऐसा कभी नही सुना है की एक भालू ने कहा की उसे अंगारे बरसते हुए नजर आ रहे है। तो ऐसी ही आज की कहानी है आंख कान खोल ले और मजे लेते हुए अध्ययन करे –

बहुत समय पहले की बात है शिमला का एक ‌‌‌हुआ करता था । वहां पर तरह तरह के जानवर रहते थे मगर उनमे से भालू भी एक था । जो की शिमला के जंगल में अपना जीवनयापन बड़ी अच्छी तरह से कर सकता था । शिमला के जंगल शांति और शांति का स्थान हुआ करते थे। भालू हमेशा जंगल में स्वतंत्र रूप से घूमते था ‌‌‌और अपने जीवन का आनन्द लेते थे ।

सबसे पहले, भालू पीने के लिए पास की नदी या नाले में जाता था। एक बार जब यह भर जाता, तो यह भोजन की तलाश में लग जाता। भालू घंटों-घंटों तक चलता रहता, जब तक कि उसे खाने के लिए कुछ नहीं मिल जाता।भले ही भालू हमेशा भूखा रहता था, उसने कभी शिकायत नहीं की। वह जानता था कि भोजन उसकी सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है, और उसे इसे जल्द से जल्द खोजना होगा।  ‌‌‌औरभालू भोजन खोजता और अपन पेट भर लेता था ।

जीवन भर शिमला में रहने वाले इस भालू को अब शहर में पर्याप्त भोजन मिलना मुश्किल हो रहा है। इसलिए, वह कुछ जीविका खोजने के लिए राजस्थान के जंगलों में चला गया। इन जंगलों में भोजन की तलाश में भालू अकेला नहीं है। यहां कई हिरण और अन्य जानवर भी रहते हैं।

‌‌‌एक दिन भालू अन्य जानवरो के साथ भोजन की तलाश मे जाता है । भालू गर्म और प्यासा था, इसलिए उसने भोजन की तलाश शुरू कर दी। दुर्भाग्य से, भालू जंगल में खो गया। कुछ घंटे चलने और पसीना बहाने के बाद भालू बीमार महसूस करने लगा। फिर, उसने पास में एक जलधारा देखी और पीने चली गई। अचानक भालू ने देखा कि उसका पसीना काफी मात्रा में निकल रहा है। ‌‌‌तब भालू ने कहा की आज तो अंगारे बरस रहे है । यह सुन कर बाकी जानवर हंसने लगे की हमे तो ऐसा कुछ नही लग रहा है ।

तभी हिरणो के सरदार ने कहा की तुम शिमला से यहां पर आए हो तब ऐसा लग रहा है । क्योकी राजस्थान में तो हमेशा ही इसी तरह से गर्मी रहत है । तो हम सभी को तो आदत सी हो चुकी है और गर्मी लगने का ‌‌‌नाम ही नही लेती है ।

10 साल के काले भालू भालू ने भीषण गर्मी के कारण राजस्थान के जंगलों में केवल दो दिन बिताए थे। भालू बहुत थका हुआ था और बुरी हालत में था। ‌‌‌यह देख कर सभी जानवरो ने भालू को आराम करने को कहा और एक कुटिया के अंदर लेजाकर सुला दिया ।

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग किजिए और मजेदार कहानी

‌‌‌इसके बाद मे तीन दिनो तक आराम करने के बाद में भालू सही तरह से रहना शुरू करता है ।

इसके बाद में भालू अधिकतर छाया में ही रहता था और जीस दिन धुप में चला जाता था तो उसे ऐसा लगता मानो अंगारे बरस रहे है । भालू को कुछ समझ में नही आ रहा था । तब इस बारे मे उसने हिरण के सरदास से पूछा तो उसने कहा की तुम ‌‌‌शिमला से यहां पर आए हो और यही कारण है की तुम्हे ऐसा लता है की मानो अंगारे बरसने लगे हो । मगर ऐसा कुछ नही है । और धिरे धिरे तुम भी इस जंगल का एक हिस्सा हो जाओगे । और सभी स्थितियो के अनुकुल बन जाओगे । समय बितता जा रहा था और अब भालू मो राजस्थान के जंगल में रहते हुए करीब एक महिना बित गया

‌‌‌इसके बाद में भालू धिरे धिरे जंगल में सही तरह से रहने लगा और एक महिने के बाद मे तो वह पूरी तरह से जंगल का ही एक हिस्सा बन गया था । अब वह धुप में भी जा सकता था और ठंड में भी जा सकता था । तो इस तरह से भालू जो था वह अपना जीवन बिताने लग जाता है।

इस तरह से दोस्तो भालू ने कहा की आज अंगारे बरसने ‌‌‌लगे है ।

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