अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व लोमड़ी की मजेदार कहानी

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ, apna ullu sidha karna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

‌‌‌आप भला उल्लू के बारे में कैसे नही जानते है । आपको पता है की उल्लू एक जानवर है जो की अक्षर रात को देखा जा सकता है । मगर उल्लू जो होता है उस पर एक मुहावरा है और वह ‌‌‌अपना उल्लू सीधा करना होता है । आखिर इसका अर्थ क्या होता है और वाक्य में प्रयोग किस तरह से किया जाता है जैसे प्रशन आपके मन मे ‌‌‌जरूर होगे । तो आइए जानते है इस बारे में –

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
अपना उल्लू सीधा करना‌‌‌अपना मतलब निकालना ।

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

अगर आपने एक उल्लू को पकड़ लिया और उसे उल्टा लटका दिया । और फिर आपने कुछ समय के बाद में उल्लू को सीधा कर दिया तो हो गया उल्लू सीधा करना । हां, हां मजाक कर रहे है ऐसा नही होता है ।

दरसल उल्लू को एक मतलबी प्राणी माना जाता है जो की ‌‌‌अपने मतलब के लिए काम करता है । और इस तरह से अपना मतलब जो निकालता है उसके लिए यही कहा जाता है की इसने तो अपना उल्लू सीधा कर लिया । तो इस बात से जाहिर होगा की अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ अपना मतलब निकालना होता है ।

विद्वानो बात समझ में आई की नही कमेंट में बता देना ।

अपना उल्लू सीधा करना

अपना उल्लू ‌‌‌सीधा करना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग किसन बैंक में लोन दिलाने का काम करता है और आज उसने आपको लॉन दिरा दिया अरे वह तो अपना उल्लू सीधा कर रहा है ।

वाक्य में प्रयोग किसन ने कहा था तभी मैंने बैंक से लॉन लिया था मुझे क्या पता था की वह अपना उल्लू सीधा कर रहा है ।

वाक्य में प्रयोग राहुल नेताजी के साथ साथ होकर अपने बेटे को ‌‌‌अच्छी नोकरी पर लगा चुका है इसे कहते है अपना उल्लू सीधा करना ।

वाक्य में प्रयोग किशोर एक बार जिले का नेता क्या बन गया उसने तो अपने पूरे परिवार को नोकरी लगा दिया यह तो वही बात हुई अपना उल्लू सीधा करना ।

‌‌‌जानिए लोमड़ी ने कैसे किया अपना उल्लू सीधा, एक प्रसिद्ध कहानी

जंगलों में बड़े स्तनधारियों से लेकर छोटे कीड़ों तक कई जानवर रहते हैं। वन कई प्रकार के जानवरों का घर हैं क्योंकि वे बहुत अधिक भोजन और आश्रय प्रदान करते हैं। जंगलों में रहने वाले कुछ सबसे आम जानवर हिरण, रैकून, गिलहरी, भालू और पक्षी हैं।

जंगल एक बहुत ही खुशहाल जगह थी जब एक दिन एक लोमड़ी आई। वह बहुत चालाक था और जल्दी से जंगल के सभी रहस्यों को जान गया। दूसरे जानवर उससे डरते थे और अब उसके साथ खेलना नहीं चाहते थे। हालांकि लोमड़ी ने परवाह नहीं की; उन्हें जंगल में अकेले समय बिताना, नई चीजें सीखना अच्छा लगता था। ‌‌‌इसी तरह से कुछ ही दिनो में लोमड़ी जंगल को पूरी तरह से जान चुकी थी । और अब वह जंगल में जहां चाहती वहां पर जा सकती थी उसे कोई डर नही था ।

‌‌‌एक दिन लोमड़ी को एक खरगोश दिखा जो की अच्छा भोजन कर रहा था तो लोमड़ी ने चालाकी दिखा कर वह भोजन छिन लिया । खरगोश ने गुस्से में कहा, “मूर्ख लोमड़ी! तुमने मेरा खाना खा लिया!” जिस पर लोमड़ी ने जवाब दिया, “हाहाहा! तुम्हारा खाना ले लिया? मैंने ही तुमसे चुराया है!

इस पर खरागेश काफी नाराज हो गया और अपने ‌‌‌पिता के पास जाकर खरगोश ने सारी बात बताई और कहा की उस चालाक लोमड़ी से आपको बदला लेना होगा । बड़े खरगोश ने अपने बेटे की बात सुन कर लोमड़ी से बदला लेने के लिए चला गया । समय बित रहा था मगर बड़े खरगोश को लोमड़ी कही पर नजर नही आ रही थी ।

‌‌‌तभी खरगोश को एक बड़ा उंचा पेड़ दिखा जिस पर तरह तरह के सेव लगे थे । तो खरगोश ने उस पेड़ पर चढ कर सेव तोड़ने शुरू कर दिया ।खरगोश पड़ से सेव तोड़ रहा था तभी वहां पर लोमड़ी आ गई और सेव माने लगी । ‌‌‌मगर खरगोश ने लोमडी को सेव देने से मना कर दिया । जिसके कारण से लोमडी उदास हो गई । तभी फिर से जब लोमड़ी ने सेव मागे तो खरगोश ने कहा की तुमने मेरे बेटे से खाना छीना था । जिसके कारण से तुम्हे जरा सा सेव नही मिलेगा ।

‌‌‌तब यह सुन कर लोमड़ी ने कहा की मुझसे गलती हो गई । आज भुख बहुत लगी है जरा सा सेव दे दो  । यह सुन कर खरगोश दया आ गई और उसने लोमड़ी से कहा की अगर तुम सेव खाना चाहती हो तो हमरी मित्र बन कर हमेशा रहना होगा । दरसल खरगोश ने सोचा की चालाक लोमड़ी हमारे साथ होगी तो हमे काफी फायदा होगा ।

‌‌‌जानिए लोमड़ी ने कैसे किया अपना उल्लू सीधा, एक प्रसिद्ध कहानी

‌‌‌तब लोमड़ी ने कहा की ठिक है तुम पहले सेव को जमीन पर फैंक दो । तब खरगोशर ने एक एक कर कर सेव को जमीन पर फैक दिया और लोमड़ी उन्हे उठा कर भाग गई । यह सब एक हिरण ने देख लिया और उस हिरण को खुब हसी आ रही थी । ‌‌‌तब हिरण ने खरगोश से कहा की लोमड़ी चालाक थी जो की अपनी चालाकी दिखा रही थी और तुम्हे मुर्ख बना कर सारे सेव लेकर चली गई । अरे मुर्ख खरगोश वह तो अपना उल्लू सीधा कर रही थी और तुम्हे यह समझ में नही आया । इतना कह कर हिरण हंसने लगा हां, हां हां ।

‌‌‌हिरण की बात सुन कर खरगोश उदास हो गया और उदासी के कारण से खरगोश अपने घर की तरफ जाने लगा । हिरण ने पूरे जंगल में यह खबर फैला दी कि लोमड़ी ने सारे सेब लेकर खरगोश को बेवकूफ बनाया है। ‌‌‌इस तरह से खरगोश को काफी गुस्सा आ रहा था । मगर वह कुछ नही कर पाया था । अंत में खरगोश को जब इस बारे में पता चला तो वह स्वयं ही मन ही मन में सोचने लगा की लोमड़ी तो अपना उल्लू सीधा कर रही थी और मुझे इस बारे में पता तक नही चला । मगर अब क्या हो सकता था । तो इस तरह से लोमड़ी और खरगोश की कहानी थी ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो लोमड़ी अपना उल्लू सीधा किया था ।

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