अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग किजिए

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ , apne pair par kulhadi marna muhavare ka arth aur vakya mein prayog

अगर आप अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारेगे तो आपको चोट लगेगी । मगर इस मुहावरे का प्रयोग करते समय आपको ऐसा कुछ नही करना ‌‌‌होगा । वैसे आप हमारी बात पर यकिन कर सकते है । वैसे अगर बात करे इस मुहावरे के अर्थ की तो इसका एक अलग ही अर्थ होता है जो की आपको निचे देखने को मिल रहा है –

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ ‌‌‌क्या होता है

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारनाजान बूझकर मुसीबत में पड़ना ।

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

कुल्हाड़ी के बारे में आप नही जानते है ऐसा कभी हो ही नही सकता है । आपको पता है की कुल्हाड़ी एक तेज धार वाला हत्यार है जिसका उपयोग तरह तरह के पेड़ पौधो को काटने के लिए किया जाता है । मगर वही कुल्हाड़ी अपने पैर पर मारने से क्या होगा ‌‌‌। अगर आप स्वयं को विद्वान मानते हो तो आपको पता होगा की ऐसा करने से आपका पैर कट जाएगा । और अगर ऐसा कोई करता है तो यह साफ साफ बता रहा है वह व्यक्ति जान बुझ कर मुसीबत में पड़ रहा है ।

अगर उपर दी गई बातो पर ध्यान दे तो यह समझ में आ जाता है की अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ जान बूझकर मुसीबत में पड़ना ‌‌‌होता है ।

विद्वानो किसी भी चिज को समझने के लिए इतना ज्ञान काफी नही है । आपको अब इसके वाक्य में प्रयोग भी जानने की जरूरी है । तो वाक्य देखे –

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग किजिए

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

वाक्य में प्रयोग महेश को पुलिस ने वाहन के कागजाद चैक करवाने को कहा था मगर महेश पुलिस के साथ बदसलूकी करने लगा और अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली ।

वाक्य में प्रयोग भारत देश से युद्ध कर कर पाकिस्तान अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार चुका है ।

वाक्य में प्रयोग राजीव फिल्मी दुनिया में ‌‌‌सफल होने का ख्वाब देख रहा है और सलमान भाई जान से पंगा ले लिया है अरे यह तो अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना हुआ ।

वाक्य में प्रयोग शाहरूख खान को भला बुरा कह कर आपने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है ।

‌‌‌आखिर किस तरह से हिरण ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी, एक प्रसिद्ध कहानी

भारत के अंदर एक जंगल हुआ करता था जहां पर अनेक तरह के जानवर रहते थे । सभी के अंदर अपनी एक अलग ही खुबी थी मगर किसी को अपनी इस खुबी के बारे में न तो पता था और न ही कोई गर्व करता था । मगर एक बार ऐसा होता है की जंगल में रहने ‌‌‌वाले हिरण को अपनी इस खुबी के बारे में पता चल गया और फिर जो हुआ वह आपको मजेदार लग सकता है तो अभी अपने साथ कुछ चटपटा लेर बैठे और कहानी पढना शुरू करे क्योकी काफी मजा आने वाला है –

दरसल एक दिन की बात है हिरण नर्म हरी घास चर रहा था। हवा में पत्ते सरसराते थे और पेड़ों से ठंडी हवा चलती थी। सूरज ने हिरण पर अपनी चमक बिखेरी, उसे गर्म किया। एक खुशहाल वन वातावरण ने हवा भर दी। ‌‌‌यह सब हिरण को काफी आनन्दि कर देता है । हिरण घास खाने का आनंद ले रहा था। हवा में मीठी महक थी और धूप खिली हुई थी। नजारा बहुत खूबसूरत था। ‌‌‌और यह हिरण की घास में स्वाद में चार चांद लगा देता है ।

‌‌‌तभी ‌‌‌एक हिरण भोजन की तलश में जंगल में इधर उधर फिर रहा था । शेर भूखा था और अपने अगले भोजन की तलाश में था। हिरण यह नहीं जानता था, लेकिन वह संकट में था। शेर ने हिरण के मांस में अपने दांत गड़ाते हुए हिरण पर झपट्टा मारा। ‌‌‌मगर हिरण को छोटी सी खरोच आई थी और वह शेर से दूर भाग गया । शेर हिरण का पीछा करने लगा लेकिन हिरण नहीं मिला। शेर निराश हो गया और रुक गया। शेर फिर वापस अपनी शान में चला गया ।

‌‌‌इस घटना के बाद में हिरण को पता चला की वह शेर से काफी तेज भाग सकता है। मगर हिरण ने इस बात पर ध्यान नही दिया बल्की अपना घाव ठिक करने के लिए समय दिया ।10 दिनो के अंदर घाव ठिक हो गया । जिसके कारण से हिरण ने फिर सोचा की अगर वह शेर से तेज भाग सकता है तो वह शेर को चुनोती दे सकता है ।

शेर हमेशा जंगल में प्रमुख जानवर रहा है, लेकिन एक दिन एक हिरण ने उसे एक प्रतियोगिता के लिए चुनौती दी। यदि शेर हिरण को पकड़ लेता तो वह उसे खा भी सकता था। शेर शुरू में आशंकित था, लेकिन उसने चुनौती लेने का फैसला किया।

‌‌‌यह जब बाकी जानवरो को पता चला तो सभी ने हिरण को कहा की तुम यह सब कर कर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हो । मगर हिरण ने किसी की नही सुनी ।

‌‌‌आखिर किस तरह से हिरण ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी, एक प्रसिद्ध कहानी

‌‌‌कुछ ही समय के बाद में शेर ने पीछा शुरू हुआ और जल्द ही शेर हिरण के पीछे आ गया। लेकिन जैसे ही उसे लगा कि उसने उसे घेर लिया है, हिरण एक बड़े लट्ठे पर कूद गया और भाग गया। शेर हताश और निराश था, लेकिन वह जानता था कि वह अब भी अपना बदला ले सकता है। ‌‌‌शेर ने पीछा नही छोड़ा । हिरण का पीछा करते हुए शेर ने हिरण को पकड़ लिया और उसे मार डाला। ‌‌‌और फिर शेर हिरण को खाने लगा । और यह सब देख कर बाकी जानवर हैरान थे जो की छीप कर यह सब देख रहे थे  ।

‌‌‌इस घटना के बाद में सभी जानवरो ने कहा की हिरण ने अपने आपके सातीर समझा और शेर को चुनोति देकर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली । ‌‌‌मगर तभी खरगोश के सरदार ने कहा की हिरण मुर्ख था जो की उसने ऐसा किया था । अगर मैं होता तो ऐसा कभी नही करता । क्योकी यह तो साफ साफ नजर आ रहा था की शेर कभी भी अपना शिकार नही छोड़ता है । और चुनौति मिलने पर तो शरे काफी ताक्तवर होता है । इस तरह से फिर बाते होती रही ओर जंगल में जीवन इसी तरह से ‌‌‌बितता रहा ।

इस तरह से दोस्तो हिरण ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली थी ।

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