नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ, nau do gyarah hona muhavare ka arth vakya mein prayog, 9 2 11 hona muhavare ka arth

‌‌‌विद्वानो आपको बता दे की यह एक ऐसा मुहावरा है जो की महत्वपूर्ण मुहावरो की टॉप लिस्ट में शामिल है । और आपको बता दे की एक से लेकर 12 वी कक्षा के लिए यह मुहावरा काफी महत्वपूर्ण है । क्योकी यह उनकी किताबो में भी देखने को मिलता है । अब रही बात यह की इसका अर्थ क्या होता है तो इस बारे में हम ‌‌‌इस लेख में जान लेगे –

नो दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ –

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
नो दो ग्यारह होनाभाग जाना ।

नो दो ग्यारह होना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

अगर आप गणिश के दो अंक 9 और 2 जोड़ करते हो 11 उत्तर आता है । और यह बात आपको पता है । मगर आपने स्कूल जीवन में देखा होगा की जब घंटी बजाई जाती है तो छुट्टी होने के लिए बहुत सारी घंटी बजती है और उनकी गिनती सेम नही होती है यानि वह 9 हो सकती है या फिर ‌‌‌अधिक हो सकती है । और यह बताता है की स्कूल की छुट्टी हो चुकी है । और जैसे ही स्कुल की छुट्टी होती है बच्चे भागने लग जाते है । तो इस बात का मतलब यह होता है की नो दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ भाग जाना होता है ।

वैसे इस मुहावरे का सही अर्थ भाग जाना ही होता है और आप इस बारे में किसी से भी पूछ ‌‌‌सकते हो ।

विद्वानो यह मुहावरा आपके लिए उपयोगी है तो अर्थ जानना ही काफी नही है । आपको वाक्य में प्रयोग भी जानना चाहिए जो कुछ इस तरह से होगे –

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ

9 2 11 होना या नो दो ग्यारह होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग उत्तर प्रदेश में जैसे ही योगी जी की सरकार आई गुंडे लोग नो दो ग्यारह होने लगे ।

वाक्य में प्रयोग जब योगी सरकार ने गुंडो को पकड़ने के लिए पुलिस को आदेश दिया तो सभी गुंडे नो दो ग्यारह हो गए ।

वाक्य में प्रयोग दिल्ली के अंदर जैसे ही स्कूल में छुट्टी की घंटी बजती है तो छोटे क्या और बडे क्या सभी बच्चे नो दो ग्यारह हो जाते है ।

‌‌‌वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी को सामने खड़ा देख कर आतंकवादी नो दो ग्यारह होने गले मगर आर्मी ने उन्हे पकड़ लिया ।

वाक्य में प्रयोग जब इंडियन आर्मी सामने खड़ी देख कर दुश्मन देश के सेनिक नो दो ग्यारह होने लगे ।

हिरण हुआ नो दो ग्यारह होना , एक प्रसिद्ध कहानी

‌‌‌एक जंगल हुआ करता था वहां पर कई तरह के हिरण रहते थे  । मगर उन सभी में से जॉनी नाम का एक ऐसा हिरण था जो की सभी से बहादुर और ताक्तवर था । जॉनी हमेशा समूंह में अपनी ताक्त और बहादुरी के कारण से अलग जाना जाता है । आपको बता दे की जॉनी हिरण ने अनेक बार बाकी हिरण की जान बचाई थी।

‌‌‌मगर अभी तक उसका पाला शेर से नही पड़ा था । और जंगल में शेर का सामना होना आम बात है । और शेर के सामने जो जीत हासिल कर लेता है वही असल में जंगल में सबसे शक्तिशाली माना जाता है । वैसे तो उस जंगल में अनेक तरह के जानवर थे जिन्होने कई बार शेर से विजय हासिल की थी । मगर अब बारी जॉनी हिरण की थी । ‌‌‌मगर एक बार ऐसा हुआ की जॉनी हिरण का भी समाना शेर से हो जाता है ।

मगर अभी बता दे की आप कहानी में काफी आनन्द लेने वाले है तो जो कुछ खाने पीने का समान लेना है अभी ले ले क्योकी बिच में कहानी नही छोड़नी है ।

दरसल ‌‌‌होता यह है बहुत सारे हिरण मिल कर घास खाने के लिए जाते है और जॉनी भी उनमे से एक होता है । उस जंगल में इलाका बंटा हुआ था और सभी हिरण को पता था की कहा तक हमे जाना है और कहा तक की घास हमे खानी है ।

अब सभी हिरण घास खाने के लिए एक सीमा पर पहुंचे थे । मगर जिधर हिरण चर रहे थे वहां पर घास बहुत ही ‌‌‌बेकार दिखाई दे रही थी । और तभी जॉनी हिरण की नजर सिमा के दूसरी और जाती है जहां पर काफी अच्छी घास होती है । तो जॉनी हिरण कहता है कीचलो उस और की घास खाते है । यह सुन कर बाकी हिरण ने मना कर दिया और कहा की जॉनी नही उधर नही जाना क्योकी अगर उधर जाते है तो शेर को पता चल जाएगा । दरसल वह इलाका शेर ‌‌‌का है और उधर जो भी जाता है वह मारा जाता है ।

मगर जॉनी को खाने का काफी लालच था । जिसके कारण से जॉनी रूकने का नाम नही ले रहा था और फिर से सभी को कहता है की चलो उधर जाते है और शेर आता है तब की तब देखेगे ।

मगर जॉनी की बात किसी हिरण ने नही मानी क्योकी उन्हे पता था की अगर शेर को पता चला तो वह ‌‌‌उन्हे पक्का मार देगा । मगर जॉनी नही मानता है और वह सिमा के उधर जाकर चरने लग जाता है । तब जॉनी ने देखा की घास काफी हरी है ओर यह खाने में भी अलग स्वाद की है । यह देख कर जॉनी को मजा आने लगा और वह जल्दी जल्दी घास खाने लगा था । काफी समय के बाद में एक शेर की नजर जॉनी पर पड़ती है । तो शेर उसकी और ‌‌‌आने लग जाता है । मगर जॉनी को घास खाने का लालच था और उसे स्वाद भी काफी अधिक आ रहा था वह इधर उधर ध्यान नही देता है । मगर जब शेर उसके बिलकुल पास में आ जाता है तब जॉनी को यह पता चलता है की शेर उसे खाने वाला है ।

हिरण हुआ नो दो ग्यारह होना , एक प्रसिद्ध कहानी

यह देखते ही शेर तुरन्त नो दो ग्यारह हो जाता है । मगर पीछे पीछे शेर भी भागता रहता है ‌‌‌। अब एक ऐसी रेश सुरू हो चुकी थी जो की मजेदार थी क्योकी शेर हिरण को पकड़ने की कोशिश कर रहा था और हिरण अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था ।

तभी बाकी हिरण की नजर जॉनी हिरण पर पड़ी तो वे भी डर के मारे भागने गले और इधर उधर जाकर छीप गए । अब बचा जॉनी हिरण जो की शेर से अभी तक नही बच पाया था ।

मगर ‌‌‌तभी शेर एक गहरे गड्डे में गिर जाता है और जॉनी हिरण नो दो ग्यारह हो जाता है । इस तरह से जॉनी का जान बच गई थी । काफी समय बि त गया तब जाकर शेर गड्डे से बाहर निकलता है और देखता है की हिरण नही है । तो शेर निराश होकर अपने स्थान पर वापस चला जाता है ।

तो इस तरह से फिर जंगल ओर जंगल में रहने वाले ‌‌‌शेर और हिरण का जीवन चलता हरा ।

इस तरह से दोस्तो हिरण को नो दो ग्यारह होना पड़ा ।

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